पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर बुधवार (20 नवंबर) को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। इन सीटों में गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और बरनाला शामिल हैं। चुनाव आयोग के अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक चारों सीटों पर 63% वोटिंग हुई है। अभी आंकड़ों में बदलाव हो सकता है। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। राज्य में पिछले 10 सालों में 6 उपचुनाव हुए हैं। उपचुनाव में 10 में से 8 विधानसभा सीटों पर वही पार्टी जीती, जो सत्ता में थी। यानी पिछले उपचुनावों का ट्रेंड देखें तो इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता में होने का फायदा मिल सकता है। 2 सीट विपक्षी पार्टियां जीतने में कामयाब रहीं। इन दो सीटों के वोटर टर्नआउट पर नजर दौड़ाएं तो अगर वोट प्रतिशत 60 से 80 फीसदी के बीच रहता है तो इसका फायदा विपक्षीय दल को पहुंच सकता है। इस चुनाव में AAP को 3-2 सीट और कांग्रेस को एक-दो सीट मिल सकती है। जबकि भाजपा फाइट में नहीं दिख रही। पिछले 10 साल में कब और कहां उपचुनाव हुए जुलाई 2014 में 2 सीटों पर उपचुनाव हुए, तब अकाली दल की सरकार थी मार्च 2015 – धुरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अकाली दल के गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कांग्रेस के प्रताप सिंह को 37,501 वोटों से हराया। तब अकाली दल सत्ता में थी। तब 73.53 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जनवरी 2016 : खडूर साहिब विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अकाली दल के रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने निर्दलीय उम्मीदवार भूपिंदर सिंह को 65,664 वोटों से हराया। तक अकाली दल की सरकार थी। तब 57.78 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।। अप्रैल 2018 : शाहकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी ने अकाली दल के उम्मीदवार नायब सिंह खोखर को 38,801 वोटों से हराया। तब कांग्रेस सत्ता में थी। उस दौरान 76.75 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। सितंबर 2019 में 4 सीटों पर उपचुनाव हुए, तब कांग्रेस सत्ता में थी जुलाई 2024 : जालंधर वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में AAP के मोहिंदर भगत ने जीत दर्ज की। उन्होंने BJP उम्मीदवार शीतल अंगुराल को 37,325 वोटों से हराया। तब 55.88 फीसदी वोटिंग हुई। AAP सरकार बनने के बाद पहली बार उपचुनाव हुआ था। 4 पॉइंट्स में समझें चारों सीटों के समीकरण ******************************************* पंजाब में उपचुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- पंजाब में 4 सीटों पर वोटिंग:पूर्व मंत्री ने अकाली दल छोड़ा; कांग्रेस-AAP वर्करों में झड़प, फेरे लेने से पहले दूल्हे ने डाला वोट डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर चब्बेवाल में दलबदलुओं में मुकाबला:AAP उम्मीदवार को सांसद पिता के कामों से एज, कांग्रेस के वकील क्लोज फाइट में बरनाला में तिकोना मुकाबला:AAP को बागी का नुकसान, BJP शहरी वोटर्स के भरोसे; कांग्रेस को सत्ता के विरोध से आस कांग्रेस MP की पत्नी तिकोने मुकाबले में फंसी:2 बार के वित्तमंत्री और बागी अकाली से टक्कर; SAD-डेरे के वोट बैंक ने टेंशन बढ़ाई पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर बुधवार (20 नवंबर) को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। इन सीटों में गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और बरनाला शामिल हैं। चुनाव आयोग के अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक चारों सीटों पर 63% वोटिंग हुई है। अभी आंकड़ों में बदलाव हो सकता है। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। राज्य में पिछले 10 सालों में 6 उपचुनाव हुए हैं। उपचुनाव में 10 में से 8 विधानसभा सीटों पर वही पार्टी जीती, जो सत्ता में थी। यानी पिछले उपचुनावों का ट्रेंड देखें तो इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता में होने का फायदा मिल सकता है। 2 सीट विपक्षी पार्टियां जीतने में कामयाब रहीं। इन दो सीटों के वोटर टर्नआउट पर नजर दौड़ाएं तो अगर वोट प्रतिशत 60 से 80 फीसदी के बीच रहता है तो इसका फायदा विपक्षीय दल को पहुंच सकता है। इस चुनाव में AAP को 3-2 सीट और कांग्रेस को एक-दो सीट मिल सकती है। जबकि भाजपा फाइट में नहीं दिख रही। पिछले 10 साल में कब और कहां उपचुनाव हुए जुलाई 2014 में 2 सीटों पर उपचुनाव हुए, तब अकाली दल की सरकार थी मार्च 2015 – धुरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अकाली दल के गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कांग्रेस के प्रताप सिंह को 37,501 वोटों से हराया। तब अकाली दल सत्ता में थी। तब 73.53 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जनवरी 2016 : खडूर साहिब विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अकाली दल के रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने निर्दलीय उम्मीदवार भूपिंदर सिंह को 65,664 वोटों से हराया। तक अकाली दल की सरकार थी। तब 57.78 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।। अप्रैल 2018 : शाहकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी ने अकाली दल के उम्मीदवार नायब सिंह खोखर को 38,801 वोटों से हराया। तब कांग्रेस सत्ता में थी। उस दौरान 76.75 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। सितंबर 2019 में 4 सीटों पर उपचुनाव हुए, तब कांग्रेस सत्ता में थी जुलाई 2024 : जालंधर वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में AAP के मोहिंदर भगत ने जीत दर्ज की। उन्होंने BJP उम्मीदवार शीतल अंगुराल को 37,325 वोटों से हराया। तब 55.88 फीसदी वोटिंग हुई। AAP सरकार बनने के बाद पहली बार उपचुनाव हुआ था। 4 पॉइंट्स में समझें चारों सीटों के समीकरण ******************************************* पंजाब में उपचुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- पंजाब में 4 सीटों पर वोटिंग:पूर्व मंत्री ने अकाली दल छोड़ा; कांग्रेस-AAP वर्करों में झड़प, फेरे लेने से पहले दूल्हे ने डाला वोट डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर चब्बेवाल में दलबदलुओं में मुकाबला:AAP उम्मीदवार को सांसद पिता के कामों से एज, कांग्रेस के वकील क्लोज फाइट में बरनाला में तिकोना मुकाबला:AAP को बागी का नुकसान, BJP शहरी वोटर्स के भरोसे; कांग्रेस को सत्ता के विरोध से आस कांग्रेस MP की पत्नी तिकोने मुकाबले में फंसी:2 बार के वित्तमंत्री और बागी अकाली से टक्कर; SAD-डेरे के वोट बैंक ने टेंशन बढ़ाई पंजाब | दैनिक भास्कर
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पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे
पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे पंजाब के रहने वाले पर्ल ग्रुप के मालिक व 45 हजार करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड निर्मल सिंह भंगू का आज चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार रात दिल्ली में उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले परिवार ने पब्लिक नोटिस कर निवेषकों के पैसे लौटाने की बात कही है। ये पब्लिक नोट उनकी बेटी बरिंदर कौर भंगू की तरफ से जारी किया गया। जनवरी 2016 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने भंगू को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के DDU अस्पताल में लाया गया। शाम 7.50 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भंगू पर आरोप था कि उसने पोंजी स्कीम्स से करोड़ों का साम्राज्य इकट्ठा किया। भंगू ने 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऐसी स्कीम्स में फंसा कर हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उसे विदेश में इन्वेस्ट कर दिया। जांच शुरू हुई तो जनवरी 2016 को CBI ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी की। जानें क्या लिखा है पब्लिक नोटिस में अत्यंत दुःख के साथ निर्मल सिंह भंगू के 25 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में चिकित्सा उपचार के दौरान निधन के बारे में सूचित करते हैं। उनकी आत्मा सभी को दर्द और दुख की खाई में छोड़कर दुनिया से चली गई। मैं, बरिंदर कौर भंगू, स्वर्गीय सरदार निर्मल सिंह भंगू की बेटी, अत्यंत शोक संतप्त और शोकाकुल पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से संवाद करती हूं और अपने मूल्यवान निवेशकों के साथ इस अकल्पनीय नुकसान की खबर साझा करती हूं। निर्मल सिंह भंगू का जीवन पर्ल्स ग्रुप के प्रत्येक निवेशक को पैसे चुकाने के एक एकल, अटूट सपने के लिए समर्पित था। दिवंगत निर्मल सिंह भंगू पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी से संबंधित मुद्दों पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जा रहा है, जिन्होंने 02 समितियां (लोढ़ा समिति और स्पेशल कमेटी) भी बनाई हैं। पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी इन्हीं कमेटियों की निगरानी में की जाएगी। पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से और अपने पिता के सम्मान में, मैं आपको अपना अटूट समर्थन देने और प्रत्येक निवेशक को पैसे के पुनर्भुगतान के संबंध में न्यायिक या अर्ध-न्यायिक अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देती हूं। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगी जब तक कि मैं अपने पिता के सपने को, जिसके लिए वह जीए और मर गए, को सच होते नहीं देख लेती। पीएसीएल लिमिटेड के साथ-साथ पीजीएफ लिमिटेड के प्रत्येक निवेशक को यह मेरा आश्वासन है कि मैं आपके अधिकारों की रक्षा करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ूंगी और जब तक आप सभी को भुगतान नहीं मिल जाता, मैं हमेशा आपके हित को बरकरार रखूंगी। 1980 में खोली खुद की कंपनी 70 के दशक में भंगू नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। जहां उसने एक फेमस इन्वेस्टमेंट कंपनी पियरलेस में कुछ साल काम किया। उसके बाद इन्वेस्टर्स से करोड़ों की ठगी करने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करने लगा। इस कंपनी के बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गया। इसी कंपनी के काम करने के आइडिया के तहत उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी भी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर लोगों से सागौन जैसे पेड़ों के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट करा कुछ वक्त बाद अच्छा मुनाफा लौटाने का वादा करती थी। 1996 तक कंपनी ने करोड़ों रुपए जुटा लिए। इनकम टैक्स और दूसरी जांच के चलते कंपनी को बंद कर दिया गया। विदेश में बनाया अपना साम्राज्य इसके बाद उसने पंजाब के बरनाला से एक नई कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की शुरुआत की। ये एक चेन सिस्टम स्कीम्स थी। कंपनी के दिए बड़े मुनाफे के दावों और वादों के लालच में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगा दिया। इसके तहत लोगों से हर महीने मामूली रकम जमा करवाई जाती थी। लोगों से जुटाई गई छोटी-छोटी रकम से उसने देश ही नहीं विदेश में पर्ल्स ग्रुप का एम्पायर खड़ा कर लिया। करोड़ों रुपए को भंगू ने अलग-अलग तरह के कई कारोबार में इन्वेस्ट किया। जब वादे के मुताबिक इन्वेस्टर्स को उनका लगाया पैसा नहीं लौटाया गया तो कंपनी के खिलाफ लोगों शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी। इसके बाद मामला CBI के पास पहुंचा। CBI की जांच में क्या ? CBI की जांच के अनुसार लोगों से ठगी करने वाली कंपनियों की पहचान पर्ल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एआरएसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के रूप में की गई।
उच्च रिटर्न के झूठे वादे पर लोगों को निवेश करने के लिए मनाने के लिए निर्मल भंगू की कंपनियों द्वारा योजनाएं शुरू की गईं थी। विभिन्न राज्यों के 5.50 करोड़ निवेशकों से जुटाई गई धनराशि का दुरुपयोग किया गया। निवेशकों को झूठे भूमि आवंटन पत्र दिए गए। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में और उसके आसपास के अधिकांश लैंड या तो अस्तित्व में नहीं थी, वह सरकारी प्रॉपर्टी थी या उनके असल मालिकों की तरफ से बेची ही नहीं गई थी। 23 लाख से अधिक कमीशन एजेंटों को शामिल किया था और उनमें से 1700 से अधिक सीनियर लैवल के फील्ड ऑफिसर थे। इन्हें निवेशकों को लाने के लिए लाखों रुपए का मासिक कमीशन का भुगतान किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर आरोपियों ने बाद में एक योजना बंद कर दी, लेकिन पिछले निवेशकों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि इकट्ठा करने के लिए एक अलग कंपनी के नाम पर एक और योजना शुरू की। सेल संस्थाओं का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी डायवर्ट किया गया और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में लगभग 132.99 मिलियन आस्ट्रेलियन डॉलर का निवेश किया गया। सीएम मान ने प्रॉपर्टी सीज करवानी शुरू की मई 2023 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल ग्रुप की प्रॉपर्टी को सीज कर इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने का वादा किया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी को सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। पिछले साल पत्नी हुई थी गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सितंबर 2023 में निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर को भी गिरफ्तार किया था। प्रेम कौर को इस मामले में पर्ल ग्रुप की संपत्तियों को अलग करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन का आरोप था। प्रेम कौर ने संपत्तियों को बेचने के लिए एक करीबी रिश्तेदार को ट्रांसफर करने के लिए नामांकित किया गया था।
नवांशहर में पंजाबी सिंगर मानक ने रचाई दूसरी शादी:पत्नी ने लगाए मारपीट कर घर में बंद करने के आरोप, हसन के कहा-आरोप झूठे
नवांशहर में पंजाबी सिंगर मानक ने रचाई दूसरी शादी:पत्नी ने लगाए मारपीट कर घर में बंद करने के आरोप, हसन के कहा-आरोप झूठे पंजाब के मशहूर गायक हसन मानक उर्फ हसन खान द्वारा दूसरी शादी करने की बात सामने आई है। उनका अपनी पहली पत्नी के साथ अदालत में केस चल रहा है। जिस दिन शादी करनी थी उस दिन अपनी पत्नी के साथ मारपीट करके नवांशहर के कस्बा बंगा में आकर इंग्लैंड की रहने वाली लड़की के साथ गुरु घर में शादी रचाई है। जानकारी देते हुए मनदीप कौर पुत्री मक्खन, निवासी गांव बहिमन कौर सिंह, जिला बठिंडा ने जिला शहीद भगत सिंह नगर के थाना बंगा के सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि 23 नवंबर 2024 को मेरे पति हसन मानक उर्फ हसन खान पुत्र भोला खान निवासी गांव सैदो जिला मोगा ने मुझे पीटा और घर में बंद कर दिया। मुझे घर के अंदर बंद करके जिला शहीद भगत सिंह नगर के कस्बा बंगा एक मैरिज पैलेस में विदेश में रहने वाली एक लड़की के साथ माता साहिब कौर गुरु घर बंगा से शादी करने आया था और रीति-रिवाज के तहत फेरे भी हुए। हसन मानक की पत्नी ने कहा कि उनका पारिवारिक विवाद काफी समय से चल रहा है। जिस कारण अदालत में केस भी चल रहा है। उसने बताया कि गुरु घर के ग्रंथी साहब ने उसे बताया था कि उनकी शादी यहां सिख रीति-रिवाज से हुई थी। मनदीप कौर ने बताया कि उसकी हसन मानक के साथ शादी 11 जुलाई 2022 को हुई थी और अब वह मेरी मर्जी के खिलाफ और मेरे साथ मारपीट करके दूसरी शादी करने के लिए जिला शहीद भगत सिंह नगर के बंगा में आ गया और मैंने पुलिस को रिपोर्ट कर दी। क्या कहते हैं हसन मानक हसन मानक पंजाब के मशहूर गायक कुलदीप मानक का नाती बताया जा रहा है। इस शादी के बारे में हसन मानक का कहना है कि मेरी जिला शहीद भगत सिंह नगर के कस्बा बंगा में कोई भी शादी नहीं हुई है, मेरे ऊपर गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं। इस शादी को लेकर डीएसपी बंगा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
लुधियाना में सिंधी बैकर्स पर फायरिंग का मामला:गैंगस्टर बोला- बेकरी मालिक के बेटे से रंजिश थी, मौत का एहसास करवाना था
लुधियाना में सिंधी बैकर्स पर फायरिंग का मामला:गैंगस्टर बोला- बेकरी मालिक के बेटे से रंजिश थी, मौत का एहसास करवाना था लुधियाना के राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकरी पर 28 अगस्त को गैंगस्टर गोपी लाहौरिया ने गोलियां चलवाई। गोपी ने फायरिंग करवाने की जिम्मेदारी लेते हुए फेसबुक पर पोस्ट डाली। उसने खुलासा किया है कि उसका बेकरी मालिक के बेटे के साथ निजी विवाद चल रहा है। उसने उसे कई बार समझाया लेकिन वह नहीं माना, इस कारण उसे गोलीबारी करवानी पड़ी। गोपी ने लिखा कि बेकरी मालिक के बेटे को एहसास करवाया है कि मौत चीज क्या होती। फायरिंग में बेकरी मालिक का बेटा नवीन घायल हुआ है। बता दें गोपी ने 26 अगस्त को मोगा के शेख वाला चौक में नविका ऑनलाइन सॉल्यूशन कस्टमर सर्विस सेंटर के मालिक पर भी फायरिंग करवाई थी। जिसमें दुकानदार से 32 बोर की पिस्तौल दिखाकर पैसे मांगे थे। दुकानदार पर फायरिंग की, जिसमें वह बाल-बाल बच गया। 2022 में विदेश भागा, चेहरा छिपाकर करता है पोस्ट गोपी सोशल मीडिया पर भी किसी को अपना चेहरा नहीं दिखाता था। इंस्टाग्राम आदि पर भी वह अपना चेहरा छिपाकर पोस्ट शेयर करता है। 2022 में जगराओं पुलिस ने पहला मामला दर्ज किया। उसके घर से कारतूस और मैगजीन बरामद हुई। मामला दर्ज होने पर वह विदेश भाग गया था। गोपी का बंबीहा गैंग से नाता है। गोपी गिरोह के 2 बदमाशों को किया गिरफ्तार अप्रैल 2024 में मोगा पुलिस ने 2 बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जो गैंगस्टर बंबीहा और गैंगस्टर गोपी लाहौरिया से जुड़े थे। दोनों को पुलिस ने 3.20 लाख रुपए फिरौती और हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। 1 मार्च को अमृतसर रोड स्थित बोपाराय इमिग्रेशन में 2 अज्ञात हमलावरों ने ऑपरेटर को जान से मारने के लिए फायरिंग की थी।