पंजाब में SGPC कार्यकारिणी की बैठक आज:प्रधान धामी के इस्तीफे पर होगी चर्चा, ज्ञानी रघबीर सिंह के पद से नाराज होकर दिया था इस्तीफा

पंजाब में SGPC कार्यकारिणी की बैठक आज:प्रधान धामी के इस्तीफे पर होगी चर्चा, ज्ञानी रघबीर सिंह के पद से नाराज होकर दिया था इस्तीफा

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे के बाद आज कार्यकारिणी सदस्यों की पहली बैठक होने जा रही है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा प्रधान धामी के इस्तीफे पर चर्चा करना है। आज यह साफ हो जाएगा कि उनका इस्तीफा मंजूर होता है या नहीं। गौरतलब है कि तीन दिन पहले उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब ऑफिस में अपना इस्तीफा सौंपा था। धामी ने इस्तीफे के पीछे की वजह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का पद बताया है। रघबीर सिंह ने 13 फरवरी को हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के बाद पोस्ट शेयर की थी। वहीं पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा था कि ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट से साफ है कि वह उन्हें (हरप्रीत सिंह) पद से हटाए जाने की वजह बता रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को करीब 10 दिन पहले एसजीपीसी ने हटाया था। धामी बोले- हरप्रीत को हटाने के लिए डेढ़ घंटा तक चर्चा हुई थी धामी ने इस्तीफे के समय कहा था कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटा सभी को बोलने का समय दिया गया था। ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। अब पढ़िए जत्थेदार​​​​​​​ रघबीर की पोस्ट की 3 अहम बातें.. 1. हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण उचित नहीं पिछले दिनों जिस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं, मैं उन्हें हर पहलू से गंभीरता से देख रहा हूं। इन हालातों से मेरा मन अत्यंत दुखी है। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण और तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं है। 2. योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया 2 दिसंबर 2024 को श्री अकाल तख्त साहिब से पंथक भावनाओं और परंपराओं के अनुरूप लिए गए फैसलों के बाद ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सिंह साहिबान के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया जा रहा है। सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ 18 साल पुराने पारिवारिक मामले को गलत रूप देकर मीडिया ट्रायल चलाया गया। इस संबंध में बतौर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, मैंने शिरोमणि कमेटी द्वारा जांच समिति गठित करने के समय भी कहा था कि यह सही नहीं है। यदि किसी भी तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के खिलाफ किसी प्रकार के आरोपों की जांच की आवश्यकता हो, तो यह केवल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ही कराई जा सकती है। 3. तख्त साहिबानों के अस्तित्व को नुकसान पहुंचाने वाला कदम सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को फिर भी पद से सेवामुक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह जत्थेदार साहिबान को अपमानित कर सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय कृत्य है। एक बार फिर मैं अपने अंतःकरण से कहना चाहता हूं कि सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है, जो कि तख्त साहिबानों की स्वतंत्रता और अस्तित्व को भी नुकसान पहुंचाने वाला कदम है। गुरु राखा.. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे के बाद आज कार्यकारिणी सदस्यों की पहली बैठक होने जा रही है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा प्रधान धामी के इस्तीफे पर चर्चा करना है। आज यह साफ हो जाएगा कि उनका इस्तीफा मंजूर होता है या नहीं। गौरतलब है कि तीन दिन पहले उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब ऑफिस में अपना इस्तीफा सौंपा था। धामी ने इस्तीफे के पीछे की वजह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का पद बताया है। रघबीर सिंह ने 13 फरवरी को हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के बाद पोस्ट शेयर की थी। वहीं पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा था कि ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट से साफ है कि वह उन्हें (हरप्रीत सिंह) पद से हटाए जाने की वजह बता रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को करीब 10 दिन पहले एसजीपीसी ने हटाया था। धामी बोले- हरप्रीत को हटाने के लिए डेढ़ घंटा तक चर्चा हुई थी धामी ने इस्तीफे के समय कहा था कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटा सभी को बोलने का समय दिया गया था। ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। अब पढ़िए जत्थेदार​​​​​​​ रघबीर की पोस्ट की 3 अहम बातें.. 1. हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण उचित नहीं पिछले दिनों जिस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं, मैं उन्हें हर पहलू से गंभीरता से देख रहा हूं। इन हालातों से मेरा मन अत्यंत दुखी है। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण और तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं है। 2. योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया 2 दिसंबर 2024 को श्री अकाल तख्त साहिब से पंथक भावनाओं और परंपराओं के अनुरूप लिए गए फैसलों के बाद ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सिंह साहिबान के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया जा रहा है। सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ 18 साल पुराने पारिवारिक मामले को गलत रूप देकर मीडिया ट्रायल चलाया गया। इस संबंध में बतौर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, मैंने शिरोमणि कमेटी द्वारा जांच समिति गठित करने के समय भी कहा था कि यह सही नहीं है। यदि किसी भी तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के खिलाफ किसी प्रकार के आरोपों की जांच की आवश्यकता हो, तो यह केवल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ही कराई जा सकती है। 3. तख्त साहिबानों के अस्तित्व को नुकसान पहुंचाने वाला कदम सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को फिर भी पद से सेवामुक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह जत्थेदार साहिबान को अपमानित कर सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय कृत्य है। एक बार फिर मैं अपने अंतःकरण से कहना चाहता हूं कि सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है, जो कि तख्त साहिबानों की स्वतंत्रता और अस्तित्व को भी नुकसान पहुंचाने वाला कदम है। गुरु राखा..   पंजाब | दैनिक भास्कर