सांसद अमृतपाल की सदस्यता संकट में:46 दिनों से लोकसभा से गैरहाजिर, 10 महीने से डिब्रूगढ़ जेल में बंद; हाईकोर्ट में आज सुनवाई

सांसद अमृतपाल की सदस्यता संकट में:46 दिनों से लोकसभा से गैरहाजिर, 10 महीने से डिब्रूगढ़ जेल में बंद; हाईकोर्ट में आज सुनवाई

डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की लोकसभा से गैरहाजिर रहने के कारण संसदीय सदस्यता खतरे में है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अमृतपाल द्वारा दायर याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई होने जा रही है। खालिस्तान समर्थक इस सांसद ने हाईकोर्ट से मांग की है कि उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की इजाजत दी जाए। याचिका में हवाला दिया गया है कि नियमों के मुताबिक अगर वह 60 दिनों तक लोकसभा की कार्यवाही से गैरहाजिर रहते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। दलील दी गई है कि वह 46 दिनों से लोकसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाए हैं। याचिका दायर होने के बाद आज कोर्ट इस पर सुनवाई करने जा रहा है। याचिका में रखी हैं यह दलीलें अमृतपाल के वकील की तरफ से दायर याचिका में बताया गया उसे इस बारे में लोकसभा की तरफ से पत्र मिला है। जिससे यह सारी चीजें सामने आई है। अमृतपाल सिंह खडूर साहिब के सांसद हैं। ऐसे में उसकी तरफ से लोकसभा स्पीकर से सेशन में शामिल होने की मांग रखी गई है। इससे पहले उनकी तरफ से अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट को भी अपनी रिप्रेजेंटेशन दी गई थी। जिसे रद्द किया जा चुका है। अमृतपाल ने बताया कि पहले 24 जून से दो जुलाई, 25 नवंबर तक 19 दिन, 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक संसद में चले सत्रों के दौरान वह गैर-हाजिर रहा है। 14 जनवरी 2025 को बनाई नई पार्टी अमृतपाल सिंह की नई पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे का ऐलान 14 जनवरी 2025 को मुक्तसर के माघी मेले में किया गया था। अमृतपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई थी। पार्टी के नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा था कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए 3 नाम भेजे गए थे, जिसमें इस नाम पर मुहर लगी। ये दो विचारधाराओं की जंग है। एक विचारधारा दिल्ली की है, जो किसानों की जान ले रही है। दिल्ली की सोच सिख समुदाय को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिखों को बंदी बनाए रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ और पंजाब को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे का चीफ बना सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संभाल रहा था। यह संगठन पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू तब सुर्खियों में आए थे, जब पिछले किसान आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर उन्होंने अधिकारी से अंग्रेजी में बात की। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में भी दीप सिद्धू प्रमुख आरोपी था। दीप सिद्धू ने संगठन बनाने के बाद कहा था कि इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटा और वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की लोकसभा से गैरहाजिर रहने के कारण संसदीय सदस्यता खतरे में है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अमृतपाल द्वारा दायर याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई होने जा रही है। खालिस्तान समर्थक इस सांसद ने हाईकोर्ट से मांग की है कि उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की इजाजत दी जाए। याचिका में हवाला दिया गया है कि नियमों के मुताबिक अगर वह 60 दिनों तक लोकसभा की कार्यवाही से गैरहाजिर रहते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। दलील दी गई है कि वह 46 दिनों से लोकसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाए हैं। याचिका दायर होने के बाद आज कोर्ट इस पर सुनवाई करने जा रहा है। याचिका में रखी हैं यह दलीलें अमृतपाल के वकील की तरफ से दायर याचिका में बताया गया उसे इस बारे में लोकसभा की तरफ से पत्र मिला है। जिससे यह सारी चीजें सामने आई है। अमृतपाल सिंह खडूर साहिब के सांसद हैं। ऐसे में उसकी तरफ से लोकसभा स्पीकर से सेशन में शामिल होने की मांग रखी गई है। इससे पहले उनकी तरफ से अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट को भी अपनी रिप्रेजेंटेशन दी गई थी। जिसे रद्द किया जा चुका है। अमृतपाल ने बताया कि पहले 24 जून से दो जुलाई, 25 नवंबर तक 19 दिन, 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक संसद में चले सत्रों के दौरान वह गैर-हाजिर रहा है। 14 जनवरी 2025 को बनाई नई पार्टी अमृतपाल सिंह की नई पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे का ऐलान 14 जनवरी 2025 को मुक्तसर के माघी मेले में किया गया था। अमृतपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी को चलाने के लिए कमेटी बनाई गई थी। पार्टी के नेता जसकरन सिंह काहन सिंह वाला ने कहा था कि चुनाव आयोग को पार्टी के लिए 3 नाम भेजे गए थे, जिसमें इस नाम पर मुहर लगी। ये दो विचारधाराओं की जंग है। एक विचारधारा दिल्ली की है, जो किसानों की जान ले रही है। दिल्ली की सोच सिख समुदाय को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच बंदी सिखों को बंदी बनाए रखना चाहती है। दिल्ली की सोच पंथ और पंजाब को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली की सोच पंजाब के पानी को लूटना चाहती है। दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे का चीफ बना सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संभाल रहा था। यह संगठन पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में बनाया था। दीप सिद्धू तब सुर्खियों में आए थे, जब पिछले किसान आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर उन्होंने अधिकारी से अंग्रेजी में बात की। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में भी दीप सिद्धू प्रमुख आरोपी था। दीप सिद्धू ने संगठन बनाने के बाद कहा था कि इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना है। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से लौटते वक्त दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत लौटा और वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया।   पंजाब | दैनिक भास्कर