पंजाब में 4 सीटों पर उप-चुनावों का बिगुल बज चुका है। लंबे समय से पार्टियां इसकी तैयारियों में जुटी हैं। दिवाली के बाद इन इलाकों में सरगर्मी भी बढ़ जाएगी। विधानसभा की इन चार सीटों डेरा बाबा नानक, बरनाला, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल में अगर वोटर लोकसभा चुनावों के आधार पर वोटिंग करते हैं तो परिणाम काफी हद तक बदल सकते हैं। मौजूदा स्थिति की बात करें तो इन चार सीटों में से 3 पर कांग्रेस के विधायक थे, जबकि एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम देखें तो इन सीटों पर 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी मजबूत रही, जबकि एक सीट पर कांग्रेस के साथ कांटे की टक्कर रही। वहीं, एक सीट पर आजाद ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में अब अकाली दल भी चुनाव नहीं लड़ रही, उनके वोटर किस और झुकेंगे, ये परिणामों पर काफी अंतर डालने वाला है। वहीं भाजपा के उम्मीदवारों में तीन पूर्व अकाली हैं, जिसका फायदा भी भाजपा को मिल रहा है और दौड़ में कांटे की टक्कर दे रहे हैं। डेरा बाबा नानक: 3940 से कांग्रेस थी आगे लोकसभा हल्के में डेरा बाबा नानक सीट गुरदासपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जीत दर्ज की। ये हलका सुखजिंदर सिंह रंधावा का गढ़ माना जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान हरजिंदर सिंह रंधावा को यहां 48198, AAP के अमरशेर सिंह को 44258, अकाली दल के डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 17099 और भाजपा के दिनेश बब्बू को 5981 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP ने कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी और जीत का अंतर मात्र 3940 ही रहा। ये सीट चाहे कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी कांटे की टक्कर देती दिख रही है। चब्बेवाल : 26771 वोटों से थी AAP आगे लोकसभा हल्के में चब्बेवाल सीट होशियारपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में AAP के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल (इसी सीट पर कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे) ने जीत दर्ज की। इन लोकसभा चुनावों में इस सीट पर डॉ. राज कुमार को 44933, कांग्रेस की यामीनी गौतम को 18162, अकाली दल के सोहन सिंह ठंडल को 11935 और भाजपा की अनीता सोम प्रकाश को 9472 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP काफी बढ़त के साथ मजबूत बनी हुई है और जीत का अंतर 26771 था। वहीं, इस सीट पर डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे ही डॉ. इशांक कुमार मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा: जीत में था मात्र 12,113 वोटों का अंतर लोकसभा हल्के में गिद्दड़बाहा सीट फरीदकोट के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में यहां से आजाद उम्मीदवार व खालिस्तानी समर्थक सर्बजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर उन्हें 32423 वोट पड़े थे। जबकि दूसरे नंबर पर AAP के कर्मजीत अनमोल थे। जिन्हें 20310 वोट पड़े थे। कांग्रेस की अमरजीत कौर साहोके को यहां से 20273, अकाली दल के राजविंदर सिंह धर्मकोट को 19791 और भाजपा के हंस राज हंस को 14850 वोट पड़े थे। इस सीट पर परिणाम इस बार रोचक रहने वाला है। गर्मख्याली सर्बजीत सिंह खालसा ने इस सीट पर पहले दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन उन्होंने नॉमिनेशन फाइल ही नहीं किए। ये सीट एक समय में अकाली दल का गढ़ रही है, लेकिन इस बार वे भी मैदान में नहीं हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा में यहां कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। बरनाला: AAP 15513 वोटों से रही थी आगे बरनाला सीट की बात करें तो ये लोकसभा हलका संगरूर के अंतर्गत आती है। यहां से बरनाला सीट के ही पूर्व विधायक और मंत्री रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर सांसद चुने गए। उन्हें इस सीट पर 37674 वोट पड़ी थी। वहीं, इस सीट के पूर्व सांसद रहे व गर्म ख्याली सिमरनजीत सिंह मान को 22161, भाजपा के अरविंद खन्ना को 19218, सुखपाल सिंह खैहरा को 15176 और अकाली दल को 5724 वोट डली थीं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी 15513 वोटों से आगे रही थी। ये सांसद और पूर्व मंत्री रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर की होम सीट है और AAP की यहां अच्छी पकड़ है। पंजाब में 4 सीटों पर उप-चुनावों का बिगुल बज चुका है। लंबे समय से पार्टियां इसकी तैयारियों में जुटी हैं। दिवाली के बाद इन इलाकों में सरगर्मी भी बढ़ जाएगी। विधानसभा की इन चार सीटों डेरा बाबा नानक, बरनाला, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल में अगर वोटर लोकसभा चुनावों के आधार पर वोटिंग करते हैं तो परिणाम काफी हद तक बदल सकते हैं। मौजूदा स्थिति की बात करें तो इन चार सीटों में से 3 पर कांग्रेस के विधायक थे, जबकि एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम देखें तो इन सीटों पर 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी मजबूत रही, जबकि एक सीट पर कांग्रेस के साथ कांटे की टक्कर रही। वहीं, एक सीट पर आजाद ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में अब अकाली दल भी चुनाव नहीं लड़ रही, उनके वोटर किस और झुकेंगे, ये परिणामों पर काफी अंतर डालने वाला है। वहीं भाजपा के उम्मीदवारों में तीन पूर्व अकाली हैं, जिसका फायदा भी भाजपा को मिल रहा है और दौड़ में कांटे की टक्कर दे रहे हैं। डेरा बाबा नानक: 3940 से कांग्रेस थी आगे लोकसभा हल्के में डेरा बाबा नानक सीट गुरदासपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जीत दर्ज की। ये हलका सुखजिंदर सिंह रंधावा का गढ़ माना जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान हरजिंदर सिंह रंधावा को यहां 48198, AAP के अमरशेर सिंह को 44258, अकाली दल के डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 17099 और भाजपा के दिनेश बब्बू को 5981 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP ने कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी और जीत का अंतर मात्र 3940 ही रहा। ये सीट चाहे कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी कांटे की टक्कर देती दिख रही है। चब्बेवाल : 26771 वोटों से थी AAP आगे लोकसभा हल्के में चब्बेवाल सीट होशियारपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में AAP के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल (इसी सीट पर कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे) ने जीत दर्ज की। इन लोकसभा चुनावों में इस सीट पर डॉ. राज कुमार को 44933, कांग्रेस की यामीनी गौतम को 18162, अकाली दल के सोहन सिंह ठंडल को 11935 और भाजपा की अनीता सोम प्रकाश को 9472 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP काफी बढ़त के साथ मजबूत बनी हुई है और जीत का अंतर 26771 था। वहीं, इस सीट पर डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे ही डॉ. इशांक कुमार मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा: जीत में था मात्र 12,113 वोटों का अंतर लोकसभा हल्के में गिद्दड़बाहा सीट फरीदकोट के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में यहां से आजाद उम्मीदवार व खालिस्तानी समर्थक सर्बजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर उन्हें 32423 वोट पड़े थे। जबकि दूसरे नंबर पर AAP के कर्मजीत अनमोल थे। जिन्हें 20310 वोट पड़े थे। कांग्रेस की अमरजीत कौर साहोके को यहां से 20273, अकाली दल के राजविंदर सिंह धर्मकोट को 19791 और भाजपा के हंस राज हंस को 14850 वोट पड़े थे। इस सीट पर परिणाम इस बार रोचक रहने वाला है। गर्मख्याली सर्बजीत सिंह खालसा ने इस सीट पर पहले दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन उन्होंने नॉमिनेशन फाइल ही नहीं किए। ये सीट एक 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