पेरिस ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाली भारतीय शूटर व पंजाब की बेटी सिफत कौर का कहना है कि खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड देना पंजाब सरकार का एक अच्छा प्रयास है। इससे खिलाड़ी अपने उपकरण बढ़ा सकते हैं, लेकिन जॉब भी प्रेफ्रेर करनी चाहिए। इसका लंबे समय खिलाड़ियों को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि हॉकी खिलाड़ियों के पास DSP व पीसीएस रैंक की जॉब हैं। जो कि आगे जाकर काफी फायदा देगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने उन्हें तैयारी के लिए भी राशि दी थी। इसके बाद अब कैश अवॉर्ड दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज की जेनरेशन को स्पोर्ट्स में आना चाहिए। उन्हें हम कह सकते है सरकार का कैश अवॉर्ड दे रही है। अगर सरकार नौकरी देगी तो हम कह सकते हैं कि उन्हें प्रोफेशलनी भी फायदा होगा। क्योंकि जॉब के लिए युवा मेहनत करते हैं। नौ साल में शुरू हुआ सफर सिफत कौर का शूटिंग का सफर नौ साल की उम्र में शुरू हो गया था। हालांकि वह पढ़ाई में भी बेहतर थी। लेकिन जब वह MBBS की पढ़ाई करने पहुंची तो उन्हें दिक्कत जरूर आई। क्योंकि पढ़ाई व शूटिंग को साथ लेकर चलने में दिक्कत आ ही थी। क्योंकि असाइनमेंट भी होते थे और नेशनल कैंप भी होते थे। MBBS में 80% अटेंडेंस मेंटेन करनी होती है, जो मैं नहीं कर पा रही थी। ऐसे में कॉलेज ने कहा कि आपको 80% अटेंडेंस मेंटेन करनी होगी। उन्हें फर्स्ट ईयर के एग्जाम में नहीं बैठने दिया। इसीलिए MBBS छोड़ दिया और खेलों पर फोकस किया। हालांकि उस समय उन्हें कॉलेज वालों ने काफी रोका। 2023 में नेशनल शूटिंग में ब्रिटिश शूटर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसी साल उसने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता। इसके बाद घरवालों काे लगा था कि अब नौकरी पक्की हो गई। अगर वह पढ़ाई नहीं छोड़ती तो आज डॉक्टर होती । फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन कर रही है सिफत के परिजन बताते है कि वो शूटिंग में ही करियर बनाना चाहती थी। अब वो कभी-कभी कहती है कि MBBS करना ज्यादा आसान होता। जितना स्ट्रेस खेल में आगे बढ़ने में होता है, डॉक्टरी उससे कहीं आसान थी। अब जब सिफत खेलती है तो हमारे दिमाग में भी कैल्कुलेशस चला करते हैं।’ ‘सिफत के प्रिंसिपल भी नहीं चाहते थे कि वो पढ़ाई छोड़े। वे चाहते थे कि सिफत कंटिन्यू करें। MBBS की पढ़ाई खेल के साथ नहीं चल सकती थी, इसलिए उसे छोड़ दिया। अब सिफत फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन कर रही हैं।’ सिफत कौर के नाम है यह रिकॉर्ड सिफत कौर समरा 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन फाइनल में मौजूदा विश्व रिकॉर्ड है, जो उन्होंने 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था । वह 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थीं। पेरिस ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाली भारतीय शूटर व पंजाब की बेटी सिफत कौर का कहना है कि खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड देना पंजाब सरकार का एक अच्छा प्रयास है। इससे खिलाड़ी अपने उपकरण बढ़ा सकते हैं, लेकिन जॉब भी प्रेफ्रेर करनी चाहिए। इसका लंबे समय खिलाड़ियों को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि हॉकी खिलाड़ियों के पास DSP व पीसीएस रैंक की जॉब हैं। जो कि आगे जाकर काफी फायदा देगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने उन्हें तैयारी के लिए भी राशि दी थी। इसके बाद अब कैश अवॉर्ड दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज की जेनरेशन को स्पोर्ट्स में आना चाहिए। उन्हें हम कह सकते है सरकार का कैश अवॉर्ड दे रही है। अगर सरकार नौकरी देगी तो हम कह सकते हैं कि उन्हें प्रोफेशलनी भी फायदा होगा। क्योंकि जॉब के लिए युवा मेहनत करते हैं। नौ साल में शुरू हुआ सफर सिफत कौर का शूटिंग का सफर नौ साल की उम्र में शुरू हो गया था। हालांकि वह पढ़ाई में भी बेहतर थी। लेकिन जब वह MBBS की पढ़ाई करने पहुंची तो उन्हें दिक्कत जरूर आई। क्योंकि पढ़ाई व शूटिंग को साथ लेकर चलने में दिक्कत आ ही थी। क्योंकि असाइनमेंट भी होते थे और नेशनल कैंप भी होते थे। MBBS में 80% अटेंडेंस मेंटेन करनी होती है, जो मैं नहीं कर पा रही थी। ऐसे में कॉलेज ने कहा कि आपको 80% अटेंडेंस मेंटेन करनी होगी। उन्हें फर्स्ट ईयर के एग्जाम में नहीं बैठने दिया। इसीलिए MBBS छोड़ दिया और खेलों पर फोकस किया। हालांकि उस समय उन्हें कॉलेज वालों ने काफी रोका। 2023 में नेशनल शूटिंग में ब्रिटिश शूटर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसी साल उसने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता। इसके बाद घरवालों काे लगा था कि अब नौकरी पक्की हो गई। अगर वह पढ़ाई नहीं छोड़ती तो आज डॉक्टर होती । फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन कर रही है सिफत के परिजन बताते है कि वो शूटिंग में ही करियर बनाना चाहती थी। अब वो कभी-कभी कहती है कि MBBS करना ज्यादा आसान होता। जितना स्ट्रेस खेल में आगे बढ़ने में होता है, डॉक्टरी उससे कहीं आसान थी। अब जब सिफत खेलती है तो हमारे दिमाग में भी कैल्कुलेशस चला करते हैं।’ ‘सिफत के प्रिंसिपल भी नहीं चाहते थे कि वो पढ़ाई छोड़े। वे चाहते थे कि सिफत कंटिन्यू करें। MBBS की पढ़ाई खेल के साथ नहीं चल सकती थी, इसलिए उसे छोड़ दिया। अब सिफत फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन कर रही हैं।’ सिफत कौर के नाम है यह रिकॉर्ड सिफत कौर समरा 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन फाइनल में मौजूदा विश्व रिकॉर्ड है, जो उन्होंने 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था । वह 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थीं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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