पंजाब के मोहाली जिले में स्थित गांव मुद्दू संगतियां में कुछ समय पहले प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने संबंधी एक प्रस्ताव पास किया गया था। अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में आज पंजाब सरकार की तरफ से अदालत में जवाब दाखिल किया जाएगा। एडवोकेट वैभव वत्स की ओर से कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई है। उनका कहना है कि संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद की जगह पर रहने का अधिकार देता है। इस तरह प्रवासी मजदूरों को गांव से निकालकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जो एक गंभीर मुद्दा है। गांव के सरपंच सहमत नहीं थे उन्होंने याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है। उनका कहना है कि यह मामला 1 अगस्त को उनके संज्ञान में आया। उन्हें पता चला कि गांव में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कहा गया है। हालांकि, गांव के सरपंच इस पर सहमत नहीं थे। इस वजह से गांव में रह रहे प्रवासी परिवार मुश्किल में है। उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य चीजें प्रभावित हो रही हैं। लोगों को रोजगार मिलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रस्ताव पास करने को दिया था यह तर्क गांव में जब यह प्रस्ताव पास गया तो यह तर्क दिया गया था कि प्रवासी लोगों के रहने के कारण इलाके में आपराधिक और असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। कुछ आपराधिक घटनाओं में प्रवासी लोगों को संलिप्तता पाई गई थी। ऐसे में गांव वालों ने मजबूरी प्रस्ताव पास किया गया है। इनकी वजह से आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। गांव में किसको रहना है और किसको नहीं, इसका फैसला करना पंचायत का अधिकार क्षेत्र है। इसी कारण ग्रामीणों ने मिलकर इस तरह का फैसला लिया है। ऐसे हुई लक्खा सिधाना की एंट्री मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया। पुलिस ने इस मामले में पंचायत से पड़ताल शुरू की थी तो किसान आंदोलन में भाग ले चुके लक्खा सिधाना ग्रामीणों के पक्ष में पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में यह लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पंजाब की सभी पंचायतों को इस तरह का फैसला लेना चाहिए। भंग हो चुकी पंचायत गांव मुद्दों संगतियां समेत पूरे पंजाब में पंचायतें भंग हो चुकी हैं। क्योंकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। अभी तक चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं हुई है। हालांकि इससे यह बात साफ है कि पंचायत की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव नहीं डाला गया है। पुलिस भी कर रही है मामले की जांच यह मामला सामने आया था उसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की थी। उस समय डीएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया था कि गांव के मौजूदा सरपंच से बात हुई है। उनका कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है। इस मामले में जांच की रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। पंजाब के मोहाली जिले में स्थित गांव मुद्दू संगतियां में कुछ समय पहले प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने संबंधी एक प्रस्ताव पास किया गया था। अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में आज पंजाब सरकार की तरफ से अदालत में जवाब दाखिल किया जाएगा। एडवोकेट वैभव वत्स की ओर से कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई है। उनका कहना है कि संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद की जगह पर रहने का अधिकार देता है। इस तरह प्रवासी मजदूरों को गांव से निकालकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जो एक गंभीर मुद्दा है। गांव के सरपंच सहमत नहीं थे उन्होंने याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है। उनका कहना है कि यह मामला 1 अगस्त को उनके संज्ञान में आया। उन्हें पता चला कि गांव में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कहा गया है। हालांकि, गांव के सरपंच इस पर सहमत नहीं थे। इस वजह से गांव में रह रहे प्रवासी परिवार मुश्किल में है। उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य चीजें प्रभावित हो रही हैं। लोगों को रोजगार मिलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रस्ताव पास करने को दिया था यह तर्क गांव में जब यह प्रस्ताव पास गया तो यह तर्क दिया गया था कि प्रवासी लोगों के रहने के कारण इलाके में आपराधिक और असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। कुछ आपराधिक घटनाओं में प्रवासी लोगों को संलिप्तता पाई गई थी। ऐसे में गांव वालों ने मजबूरी प्रस्ताव पास किया गया है। इनकी वजह से आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। गांव में किसको रहना है और किसको नहीं, इसका फैसला करना पंचायत का अधिकार क्षेत्र है। इसी कारण ग्रामीणों ने मिलकर इस तरह का फैसला लिया है। ऐसे हुई लक्खा सिधाना की एंट्री मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया। पुलिस ने इस मामले में पंचायत से पड़ताल शुरू की थी तो किसान आंदोलन में भाग ले चुके लक्खा सिधाना ग्रामीणों के पक्ष में पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में यह लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पंजाब की सभी पंचायतों को इस तरह का फैसला लेना चाहिए। भंग हो चुकी पंचायत गांव मुद्दों संगतियां समेत पूरे पंजाब में पंचायतें भंग हो चुकी हैं। क्योंकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। अभी तक चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं हुई है। हालांकि इससे यह बात साफ है कि पंचायत की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव नहीं डाला गया है। पुलिस भी कर रही है मामले की जांच यह मामला सामने आया था उसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की थी। उस समय डीएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया था कि गांव के मौजूदा सरपंच से बात हुई है। उनका कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है। इस मामले में जांच की रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अमृतपाल के भाई हरप्रीत का रिमांड खत्म:आज दोबारा कोर्ट में पेश करेगी जालंधर पुलिस, ड्रग्स सहित फिल्लौर से हुई थी गिरफ्तारी खालिस्तान समर्थक और श्री खडूर साहिब सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी का दो दिनों का रिमांड कल खत्म हो गया था। पुलिस आज दोबारा हैप्पी और लवप्रीत को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। क्योंकि पुलिस ने हैप्पी का दस दिन रिमांड मांगा था, मगर कोर्ट ने सिर्फ दो दिन ही ग्रांट किया था। वहीं, कल यानी शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका को लेकर बहस के लिए आगे की तारीख दे दी थी। पुलिस ने कोर्ट से दस दिन के रिमांड की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट पुलिस की दलीलों से खुश नहीं था, जिसके चलते सिर्फ दो दिन का रिमांड मंजूर किया गया। साथ ही हैप्पी और लवप्रीत की जमानत याचिका बहस के लिए 23 जुलाई दिन मंगलवार का समय दिया गया है। मंगलवार को हैप्पी की जमानत पर कोर्ट में बहस होगी। जिसके बाद कोर्ट आगे फैसला लेगी। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी हैप्पी को फिल्लौर पुलिस ने उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के चलते पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन अर्जी दाखिल की है। जिस पर आज सुनवाई होगी। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग्स खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपने क्रेटा गाड़ी में सवार होकर लुधियाना के हैबोवाल के रहने वाले संदीप से 10 हजार रुपए की आइस ड्रग लेकर आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ा लिया था। इस पर एसएसपी अंकुल गुप्ता ने कहा था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे वाली सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग्स लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि झूठा पर्चा दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदलाखोरी की राजनीति की जा रही है। आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। इस झूठे केस में उच्च अधिकारी कैसे शामिल हैं, एसएसपी की प्रेसवार्ता से पता चलता है। आगे तो कभी गाड़ियों की चेकिंग हाईवे पर नहीं हुई, मगर आज ही होनी थी। ऐसे में पहले भी अमृतपाल सिंह के परिवार को टारगेट किया गया था। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहते था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।
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लुधियाना में महिला ट्रैवल एजेंट-भाई काबू:1.07 करोड़ रुपए कैश बरामद; प्रशासन लाइसेंस कर चुका रद, पहले 3 मामले हैं दर्ज पंजाब के लुधियाना में CM भगवंत सिंह मान की सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद लुधियाना पुलिस हरकत में आई। विदेश भेजने के नाम पर कई लोगों को ठगने के आरोप में पुलिस ने एक महिला ट्रैवल एजेंट और उसके भाई को गिरफ्तार किया है। महिला पुलिसकर्मी के अनुसार आरोपी ने उसके भाई और मां के लिए Uk वीजा की व्यवस्था करने के नाम पर 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने उनके कब्जे से कुल 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। आरोप है कि ये रुपए उन्होंने लोगों को धोखा देकर कमाए थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुगरी फेज 1 की 38 वर्षीय वीनू मल्होत्रा और उनके 39 वर्षीय भाई अमित मल्होत्रा के रूप में हुई है। दोनों मॉडल टाउन के इश्मीत चौक के पास ग्लोबल वे इमिग्रेशन के नाम से अपना इमिग्रेशन कारोबार चला रहे थे। कई शिकायतों के बाद जिला प्रशासन पहले ही फर्म का लाइसेंस रद्द कर चुका था। शिकायतकर्ता से ठगे थे 14.30 लाख रुपए ADCP शुभम अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात मोहाली फेज-8 की रवनीत कौर के बयान के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने यूके वीजा की व्यवस्था करने के नाम पर उसके भाई जगदीप सिंह और उसकी पत्नी सुखवीर कौर से 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी। ADCP अग्रवाल ने कहा कि मॉडल टाउन पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और धारा 24 के तहत शिकायत दर्ज की है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने कई लोगों से उनकी मेहनत की कमाई को ठगा है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन की SHO सब-इंस्पेक्टर अवनीत कौर ने कहा कि आरोपी यह दावा करके लोगों को फंसाते थे कि वे उनके वीजा आने के बाद शुल्क लेंगे, लेकिन बाद में यह दावा करके उनसे पैसे वसूलते थे कि उनकी फाइलों में दस्तावेज अधूरे हैं। वीनू मल्होत्रा पर हैं पहले 3 मामले दर्ज थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों से और भी बरामदगी की उम्मीद है। महिला वीनू मल्होत्रा पर पहले से तीन मामले दर्ज है। इससे पहले 12 अगस्त को संगरूर के धूरी के हरदीप सिंह और उनकी पत्नी अमनदीप कौर इसी कंपनी पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इश्मीत चौक के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। शिकायतकर्ता ने कहा कि आव्रजन फर्म ने उनके लिए इंग्लैंड का वीजा सुरक्षित करने के लिए 10 लाख रुपए के अग्रिम भुगतान के साथ 26 लाख रुपए की मांग की थी। उन्होंने इस साल फरवरी में आरटीजीएस के जरिए 10 लाख रुपए का भुगतान किया। हालांकि, जब वीज़ा पर अपडेट के लिए संपर्क किया गया तो कंपनी प्रक्रिया में देरी करती रही और बहाने बनाती रही। बाद में आरोपी ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें शांत कराया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। घटना के एक दिन बाद जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ कई शिकायतों के बाद 13 अगस्त को फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
अबोहर में लड़की के चाचा ने रुकवाया अंतिम संस्कार:नहर में कूदकर किया था सुसाइड, प्रेमी ने अपनाने से किया इनकार, बाहर निकाला
अबोहर में लड़की के चाचा ने रुकवाया अंतिम संस्कार:नहर में कूदकर किया था सुसाइड, प्रेमी ने अपनाने से किया इनकार, बाहर निकाला पंजाब के अबोहर में मृतक विवाहिता का अंतिम संस्कार को रुकवाने का मामला सामने आया है। लड़की के चाचा एवं शिवसेना पंजाब के महासचिव पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जाहिर करते हुए दाह संस्कार की प्रक्रिया को रुकवाया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तब तक मृतका का अंतिम संस्कार नहीं होगा। जानकारी के अनुसार, 30 वर्षीय मृतका विवाहिता हरप्रीत कौर उर्फ नूर के पिता दिलबाग और शिवसेना नेता ओम प्रकाश ने बताया कि खुईखेड़ा पुलिस ने मृतका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों पर केवल पर्चा दर्ज किया है, लेकिन उन्हें काबू नहीं किया। जब तक आरोपियों को काबू नही किया जाता, वे संस्कार नहीं करेंगें। संस्कार रोके जाने की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी हरदेव सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनो को समझाया। थाना प्रभारी के समझाने पर माने परिजन थाना प्रभारी ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि परिजनों के बयानों पर लड़की के पति निखिल, सास शालिनी, ससुर पवन और बुर्जमुहार निवासी उसके दोस्त गुरसाहब के खिलाफ आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और उन्हें पकडने के लिए उनके घरों मे छापेमारी की गई है, लेकिन आरोपी अपने घरों से गायब हैं। उन्होंनें परिजनों को समझाया कि आप लोग मृतका का संस्कार करें, उसके बाद परिजन जहां जहां उनके ठिकाने बताएंगें वहां पर छापेमारी कर आरोपियों को काबू किया जाएगा। जिसके बाद मृतका के परिजनों ने संस्कार किया। इधर, शिवसेना नेता ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने शीघ्र आरोपियों को काबू ना किया तो वे पूरे पंजाब के शिवसेना सदस्यों को लेकर खुईखेडा पुलिस थाने के बाहर धरना देंगे। आखिर क्या था मामला
हरप्रीत कौर की निखिल के साथ सात साल पहले शादी हुई थी और छह माह पहले गुरसाहब सिंह नामक युवक से दोस्ती हुई थी। जिसके बारे में नूर के ससुराल वालों को पता चल गया। नूर के पति और ससुराल वालों ने र से निकालते हुए तलाक की मांग रखी। वहीं, नूर के दोस्त गुरसाहब ने भी उसे अपनाने से मना कर दिया। मजबूरन नूर ने नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।