18वीं लोकसभा के लिए आज पंजाब के 13 में से 12 सांसदों ने शपथ ली। खडूर साहिब से जीते अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में होने के कारण आज शपथ नहीं ले पाएंगे। पंजाब के सभी 13 सांसदों को सांसद कार्यालय की ओर से आज दोपहर का समय दिया गया था। शुरुआत में सबसे पहले गुरदासपुर से जीते सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शपथ ली। जिसके बाद अमृतसर के गुरजीत सिंह औजला ने शपथ ली। गुरजीत औजला ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली। अंत में उन्होंने जय जवान, जय किसान और जय संविधान का नारा भी लगाया। अमृतपाल सिंह का नाम लिया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं थे। उसके बाद जालंधर से चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, होशियारपुर से सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, श्री आनंदपुर साहिब से मलविंदर सिंह कंग, पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, डॉ. अमर सिंह, फरीदकोट से सर्बजीत सिंह खालसा, शेर सिंह घुबाया, हरसिमरत कौर बादल, गुरमीत सिंह मीत हेयर और डॉ. धर्मवीर सिंह गांधी ने शपथ ली। सदन में लिया गया अमृपाल का नाम गुरजीत औजला के शपथ लेने के बाद अमृपाल सिंह का नाम लिया गया। लेकिन जेल में होने के कारण वे सांसद में उपस्थित नहीं थे। जिसके चलते उन्हें आज शपथ नहीं दिलाई गई। इसके बाद जालंधर के सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को शपथ दिलाई गई। जाने पंजाब के सांसदों को, जिन्होंने ली आज शपथ 18वीं लोकसभा के लिए आज पंजाब के 13 में से 12 सांसदों ने शपथ ली। खडूर साहिब से जीते अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में होने के कारण आज शपथ नहीं ले पाएंगे। पंजाब के सभी 13 सांसदों को सांसद कार्यालय की ओर से आज दोपहर का समय दिया गया था। शुरुआत में सबसे पहले गुरदासपुर से जीते सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शपथ ली। जिसके बाद अमृतसर के गुरजीत सिंह औजला ने शपथ ली। गुरजीत औजला ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली। अंत में उन्होंने जय जवान, जय किसान और जय संविधान का नारा भी लगाया। अमृतपाल सिंह का नाम लिया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं थे। उसके बाद जालंधर से चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, होशियारपुर से सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, श्री आनंदपुर साहिब से मलविंदर सिंह कंग, पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, डॉ. अमर सिंह, फरीदकोट से सर्बजीत सिंह खालसा, शेर सिंह घुबाया, हरसिमरत कौर बादल, गुरमीत सिंह मीत हेयर और डॉ. धर्मवीर सिंह गांधी ने शपथ ली। सदन में लिया गया अमृपाल का नाम गुरजीत औजला के शपथ लेने के बाद अमृपाल सिंह का नाम लिया गया। लेकिन जेल में होने के कारण वे सांसद में उपस्थित नहीं थे। जिसके चलते उन्हें आज शपथ नहीं दिलाई गई। इसके बाद जालंधर के सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को शपथ दिलाई गई। जाने पंजाब के सांसदों को, जिन्होंने ली आज शपथ पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर का कुल्हड़ पिज्जा कपल फिर चर्चा में:दंपति ने सोशल मीडिया पर एक दूसरे को अनफॉलो किया, दोनों के तलाक की चर्चा
जालंधर का कुल्हड़ पिज्जा कपल फिर चर्चा में:दंपति ने सोशल मीडिया पर एक दूसरे को अनफॉलो किया, दोनों के तलाक की चर्चा पंजाब के जालंधर का चर्चित कुल्हड़ पिज्जा एक बार फिर चर्चा में हैं। मशहूर कुल्हड़ पिज्जा कपल ने एक दूसरे को सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अनफॉलो कर दिया है। शहर में दोनों के बीच तलाक की चर्चा छिड़ी हुई है। दोनों की आईडी से एक दूसरे को अनफॉलो किया गया है। सहज अरोड़ा के अकाउंट पर उनकी पत्नी गुरप्रीत का नाम लिखा हुआ है। मगर गुरप्रीत के अकाउंट से उनका नाम भी हटा दिया गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर दोनों के तलाक लेने की अफवाह फैली हुई है। फिलहाल कपल द्वारा इसे लेकर कोई बयान नहीं जारी किया गया है। बता दें कि हाल ही में सहज अरोड़ा की पत्नी गुरप्रीत कौर का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक होने की जानकारी कपल द्वारा साझा की गई थी। मगर बात में अकाउंट को रिकवर कर लिया गया था। कुल्हड़-पिज्जा कपल के बारे में सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… देश में पहली बार कुल्हड़ में पिज्जा बनाया पंजाब के जालंधर में भगवान वाल्मीकि चौक (ज्योति चौक) से बीआर अंबेडकर चौक (नकोदर चौक) की ओर जाते रास्ते पर स्थित कुल्हड़ पिज्जा कपल द्वारा देश में पहली बार कुल्हड़ पिज्जा नाम से पिज्जा बनाया था। जिसके बाद नई चीज देखकर फूड ब्लॉगर्स आने लगे तो पूरे पंजाब के साथ-साथ कपल देश में काफी मशहूर हो गया। दुकान के बाहर काउंटर लगाकर सहज ने काम शुरू किया था। जब उनकी शादी गुरप्रीत के साथ हुई तो उनकी किस्मत बदल गई और काम ऊंचाइयां छूने लगा। कपल काफी मशहूर हो गया था, तो सोशल मीडिया पर दोनों के फॉलोअर्स भी बढ़ने लगे। दोनों पंजाब में काफी चर्चित हो गए थे। कपल विवाद में पहली बार तब आया, जब कपल द्वारा एक एयर राइफल के साथ फोटो शेयर की गई थी। इस मामले में जालंधर सिटी पुलिस ने गन कल्चर प्रमोट करने के आरोपों में केस दर्ज कर लिया था। हालांकि दोनों को थाने में ही जमानत दे दी गई थी। कपल के अश्लील वीडियो हुए थे वायरल
इसके बाद कपल दोबारा तब चर्चा में आया जब उन्हीं के रेस्टोरेंट में काम करनी वाली एक कर्मचारी ने दोनों के कुछ निजी और अश्लील वीडियो वायरल कर दिए। वीडियो वायरल हुआ तो पहले कपल ने कहा कि उक्त वीडियो फेक है। मगर, जब कपल का ये बयान सामने आया तो एक और वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जिसके बाद कपल द्वारा मामले की शिकायत कमिश्नरेट पुलिस को दी गई थी। जालंधर में थाना-4 की पुलिस ने सहज के बयान पर आरोपी पाई गई पूर्व कर्मचारी तनिशा वर्मा और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि आरोपी लड़की के परिवार ने आरोप लगाया था कि जॉब के दौरान लड़की का मोबाइल जमा कर लेते थे। बीच में एक दिन सहज अरोड़ा ने लड़की का फोन यूज किया था। पुलिस ने उक्त लड़की को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस बीच जब वह एक पॉडकास्ट में पहुंचा तो उन्होंने माना कि उक्त वीडियो उन्होंने बनाया था। मगर ये नहीं सोचा था कि वो वायरल हो जाएगा। निहंगों ने कपल से पगड़ी वापस मांगी थी करीब एक माह पहले बाबा बुड्ढा दल के निहंग बाबा मान सिंह अकाली द्वारा कपल के रेस्टोरेंट के बाहर पहुंचकर विरोध किया गया था और कहा गया था कि सहज अपनी पगड़ी उतार कर हमें दे दें या फिर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पत्नी के साथ वीडियो डालने बंद कर दे। निहंगों ने मांग की थी कि कुल्हड़ पिज्जा कपल द्वारा वायरल हुई अश्लील वीडियो को लेकर बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है। निहंगों ने धमकी दी कि अगर कुल्हड़ पिज्जा कपल सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म से जितनी भी वीडियो हैं, उन्हें डिलीट कर देता है तो ठीक, नहीं तो फिर वह चाहे पुलिस को बुला लें और उनके सामने वह उनकी पगड़ी को वापस कर दें। उसके बाद वह जो वीडियो बनाए, उससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। निहंगों ने कहा था कि अगर वह वीडियो डिलीट नहीं करता तो उसके खिलाफ वह सख्त एक्शन लेंगे। निहंगों ने कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरते, वह इस मामले को लेकर रोष जाहिर रखेंगे। थाना डिवीजन नंबर 4 के प्रभारी ने मौके पर पहुंच कर किसी तरह मामला शांत करवाया था। जाते जाते निहंगों ने धमकी दी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह खुद इसपर एक्शन लेंगे। जिसके बाद कपल हाईकोर्ट चला गया।
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पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन पर होंगे नगर निगम चुनाव:हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 15 दिन के अंदर प्रक्रिया शुरू करने को कहा
पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन पर होंगे नगर निगम चुनाव:हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 15 दिन के अंदर प्रक्रिया शुरू करने को कहा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन सभी नगर पालिकाओं और नगर निगमों में चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित कर चुनाव करवाने की प्रक्रिया शुरू करे, जहां लंबे समय से चुनाव होने बाकी हैं। हाईकोर्ट ने शनिवार को जारी अपने आदेश में राज्य में बिना परिसीमन के चुनाव करवाने के लिए 15 दिन की समय सीमा तय की है। इसके साथ ही राज्य के नगर निगमों फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना और 42 नगर परिषदों-नगर पंचायतों के भी चुनाव होने हैं, जहां पांच साल की अवधि समाप्त होने के बाद चुनाव होने थे। हाईकोर्ट बोला- नए सिरे से नहीं होगा सीमांकन हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि इस न्यायालय को पंजाब राज्य चुनाव आयोग और पंजाब राज्य को संवैधानिक आदेश का पालन करने का आदेश देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है और इस आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर सभी नगर पालिकाओं और कस्बों द्वारा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करें। नए सिरे से परिसीमन प्रक्रिया शुरू किए बिना निगमों में चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित करें। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें मुद्दा उठाया गया था कि क्या नगर पालिकाओं/नगर परिषदों/नगर निगमों/नगर पंचायतों के लंबित चुनाव के कारण होने चाहिए। बिना परिसीमन के चुनाव कराने का आदेश पीठ के समक्ष बहस करते हुए पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) ने कहा कि विभाग को घर-घर सर्वेक्षण करने, कच्चा नक्शा तैयार करने और उसका परिसीमन करने के लिए प्रत्येक नगर पालिका के लिए एक परिसीमन बोर्ड का गठन करने की आवश्यकता है। बताया गया कि 47 में से 44 नगर पालिकाओं के लिए परिसीमन बोर्ड का गठन किया जा चुका है और तीन नगर पालिकाओं यानी नगर निगम जालंधर, नगर परिषद तलवाड़ा और नगर पंचायत भादसों के गठन की प्रक्रिया जल्द ही जारी की जाएगी। कार्यकाल समाप्त होने के कारण विकास कार्य ठप है एजी ने यह भी कहा कि वार्डों के परिसीमन की पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुल 16 सप्ताह की अवधि की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि 17 अक्टूबर 2023 को परिसीमन का पिछला निर्णय रद्द कर दिया गया था, इसलिए वार्डों का नए सिरे से परिसीमन करना आवश्यक है। हालांकि, दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य को बिना परिसीमन प्रक्रिया के चुनाव कराने का आदेश दिया। इस मामले में मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा कि पंजाब की 42 नगर परिषदों का कार्यकाल कई महीने पहले खत्म हो चुका है। इनमें से कई का कार्यकाल समाप्त हुए दो साल से अधिक हो गया है, जिसके कारण यहां के सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं। याचिका के अनुसार, राज्य में अधिकांश नगर परिषदों का कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो गया है। लेकिन अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं। 2023 में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की गई कोर्ट को बताया गया कि 1 अगस्त 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने नगर परिषद चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी, जो 1 नवंबर 2023 को होनी थी। लेकिन आज तक चुनाव नहीं हुए। याचिका के मुताबिक, उन्होंने चुनाव कराने के लिए 5 जुलाई को सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन अभी तक उन्हें सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है. इसलिए अब उन्हें हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार से चुनाव कराने के निर्देश मांगने को मजबूर होना पड़ा है।