मोहाली में पंजाब की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष की ओर से की गई अभद्र टिप्पणी के मामले को लेकर SGPC की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर बुधवार को महिला आयोग में पेश हुई। बीबी जागीर कौर को महिला आयोग ने नोटिस भेजा था। वहीं SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी इस मामल में दो दिन पहले माफी मांग चुके हैं। शनिवार को शुरू हुए विवाद में SGPC अध्यक्ष धामी ने पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। मामला मीडिया में आने के बाद महिला आयोग ने इस पर स्वंय संज्ञान लिया और धामी को 17 दिसंबर तक जवाब देने के आदेश जारी किए। धामी ने इस दौरान महिला आयोग को अपना जवाब सौंपा और बताया कि उनसे गलती हुई है और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। लेकिन महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने साफ किया कि सिर्फ माफी मांगने से यह मामला खत्म नहीं होगा। इस मामले को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष लाली गिल ने एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को नोटिस जारी किया था। जिसके अनुसार उन्हें 17 दिसंबर तक आकर अपना पक्ष रखना था। जिसके बाद SGPC अध्यक्ष धामी ने महिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। ये है पूरा मामला दरअसल SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने एक इंटरव्यू में तीन बार SGPC की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। धामी एक वेब चैनल से फोन पर बात कर रहे थे। शनिवार को श्री अकाल तख्त सचिवालय को माफीनामा सौंपते हुए धामी ने कहा था कि फोन पर बात करते समय अनजाने में मुझसे कुछ आपत्तिजनक शब्द निकल गए। इस पद की गरिमा के विपरीत भाषा के लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं बीबी जागीर कौर और सभी महिलाओं से माफी मांगता हूं। अकाल तख्त साहिब सभी सिखों के लिए सर्वोच्च है। मैं अकाल तख्त द्वारा दिए गए किसी भी आदेश का पालन करूंगा। मोहाली में पंजाब की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष की ओर से की गई अभद्र टिप्पणी के मामले को लेकर SGPC की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर बुधवार को महिला आयोग में पेश हुई। बीबी जागीर कौर को महिला आयोग ने नोटिस भेजा था। वहीं SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी इस मामल में दो दिन पहले माफी मांग चुके हैं। शनिवार को शुरू हुए विवाद में SGPC अध्यक्ष धामी ने पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। मामला मीडिया में आने के बाद महिला आयोग ने इस पर स्वंय संज्ञान लिया और धामी को 17 दिसंबर तक जवाब देने के आदेश जारी किए। धामी ने इस दौरान महिला आयोग को अपना जवाब सौंपा और बताया कि उनसे गलती हुई है और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। लेकिन महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने साफ किया कि सिर्फ माफी मांगने से यह मामला खत्म नहीं होगा। इस मामले को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष लाली गिल ने एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को नोटिस जारी किया था। जिसके अनुसार उन्हें 17 दिसंबर तक आकर अपना पक्ष रखना था। जिसके बाद SGPC अध्यक्ष धामी ने महिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। ये है पूरा मामला दरअसल SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने एक इंटरव्यू में तीन बार SGPC की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। धामी एक वेब चैनल से फोन पर बात कर रहे थे। शनिवार को श्री अकाल तख्त सचिवालय को माफीनामा सौंपते हुए धामी ने कहा था कि फोन पर बात करते समय अनजाने में मुझसे कुछ आपत्तिजनक शब्द निकल गए। इस पद की गरिमा के विपरीत भाषा के लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं बीबी जागीर कौर और सभी महिलाओं से माफी मांगता हूं। अकाल तख्त साहिब सभी सिखों के लिए सर्वोच्च है। मैं अकाल तख्त द्वारा दिए गए किसी भी आदेश का पालन करूंगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब की 13 सीटों पर कौन-कहां मजबूत?:AAP-कांग्रेस टफ फाइट में; दोनों में से कोई भी जीते फायदा I.N.D.I.A. का; हरसिमरत टक्कर में फंसी
पंजाब की 13 सीटों पर कौन-कहां मजबूत?:AAP-कांग्रेस टफ फाइट में; दोनों में से कोई भी जीते फायदा I.N.D.I.A. का; हरसिमरत टक्कर में फंसी पंजाब में चुनावी शोर थम चुका है। बीते कल यानी 1 जून को 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। अब सभी की नजरें 4 जून पर टिक गई हैं, क्योंकि इस दिन रिजल्ट आने हैं। इलेक्शन कमीशन के ऐप वोटर टर्नआउट के मुताबिक 62.06% वोटिंग हुई, जोकि पिछले चुनाव की तुलना में 3.9% कम है। पिछले चुनाव में 65.96% वोटिंग हुई थी। लंबे समय के बाद पंजाब का ये पहला चुनाव है, जब कोई भी बड़ी पार्टी गठजोड़ में नहीं हैं। ऐसे में इस बार 6 से 8 सीटों पर कांग्रेस, 4 से 6 पर आम आदमी पार्टी (AAP), 2 पर भाजपा और 1 पर अकाली दल फाइट में दिख रहे हैं। हालांकि पंजाब में कांग्रेस और AAP दोनों INDIA गठबंधन के तहत नहीं उतरे, लेकिन अंत में दोनों की सीटें INDIA गठबंधन में जुड़ने वाली हैं। यानी INDA गठबंधन आसानी से 8 से 10 सीटों पर काबिज हो सकता है। पटियाला में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर का पटियाला में कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी और AAP के कैंडिडेट बलबीर सिंह से मुकाबला है। दूसरी हॉट सीट लुधियाना है। यहां कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग मैदान में हैं, लेकिन AAP के अशोक पराशर पप्पी भी स्ट्रॉन्ग हैं। वहीं, पिछले 3 चुनाव में अकाली दल के कब्जे में बठिंडा सीट पर इस बार AAP व कांग्रेस के कैंडिडेट के कारण मुकाबला टफ है। इसके अलावा खडूर साहिब सीट नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के कारण चर्चा में हैं। जेल से चुनाव लड़ने के बावजूद वह कांग्रेस और AAP कैंडिडेट के साथ क्लोज फाइट में है। किसान आंदोलन से बिगड़ा भाजपा का समीकरण
पंजाब में भाजपा इस बार चर्चा में हैं। हिंदू व शहरी वोटर भाजपा की तरफ झुका है, लेकिन किसानों ने भाजपा का समीकरण बिगाड़ दिया। पंजाब की 65% आबादी गांवों में हैं। पंजाब में 58% आबादी सिख है, जबकि 35% आबादी हिंदू है। मालवा व माझा के ग्रामीण इलाकों में किसान आंदोलन का असर है। वहीं अधिकतर सिख वोटों का रुझान भी भाजपा की तरफ नहीं है। तीन सीटों पर खालिस्तान समर्थक मैदान में, 2 पर टफ फाइट
पंजाब में 3 सीटों पर खालिस्तान समर्थक मैदान में हैं। इनमें सबसे पहला नाम सिमरनजीत सिंह मान का है, जो संगरूर से मौजूदा सांसद हैं। इस बार वोटर उनकी तरफ नहीं झुकता नहीं दिख रहा। दूसरा नाम देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह का हैं। वे इस समय फरीदकोट से चुनाव लड़ रहे हैं और क्लोज फाइट में हैं। तीसरी सीट खडूर साहिब है, जहां से वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह मैदान में है। तीन सीटों में से 2 पर अमृतपाल सिंह व सरबजीत सिंह क्लोज फाइट में हैं। अब पढ़िए 13 सीटों पर क्या समीकरण बन रहे हैं… गुरदासपुर: कम वोटिंग से AAP को नुकसान
गुरदासपुर सीट पर अलग चुनाव लड़ने से अकाली दल व भाजपा को नुकसान होता दिख रहा है। यहां कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा तो AAP ने शैरी कलसी को मैदान में उतार रखा है, जिनमें क्लोज फाइट चल रही है। यहां इस बार 65.77% वोट मतदान हुआ। जबकि 2019 के चुनाव में कुल वोटिंग 69.26% थी। इसका सीधा नुकसान मौजूदा राज्य सरकार को दिख रहा है और फायदा कांग्रेस को। अमृतसर: भाजपा-कांग्रेस क्लोज फाइट में
अमृतसर जिले के 11 में से 9 विधानसभा हलके अमृतसर लोकसभा में आते हैं, जबकि दो बाबा बकाला व जंडियाला खडूर साहिब में आते हैं। 2019 में यहां 57.07% वोटिंग हुई थी, लेकिन इस साल 56.07% ही वोट पड़े हैं। आम आदमी पार्टी के मंत्री कुलदीप धालीवाल यहां से उम्मीदवार हैं, इसके बावजूद वे यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में असमर्थ रहे। यहां भाजपा शहर में मजबूत स्थिति में दिखी, लेकिन गांवों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मजूबत रही। जिसके चलते सांसद गुरजीत औजला को इस बार भाजपा के साथ क्लोज फाइट लड़नी पड़ रही है। खडूर साहिब: अमृतपाल के कारण सबसे चर्चित सीट
पंजाब में कई वीवीआईपी सीटों को पछाड़ खडूर साहिब राज्य की सबसे चर्चित सीट है। क्योंकि यहां से वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ रहा है। यहां भी आम आदमी पार्टी के मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर मैदान में हैं, लेकिन इस बार यहां वोटिंग में 3 प्रतिशत गिरावट आई। कुल 61.60% वोटिंग हुई है, जो मौजूदा सरकार के लिए सही नहीं है। वहीं, कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा और भाजपा के मनजीत सिंह मियांविंड मैदान में हैं। यहां क्लोज फाइट अमृतपाल सिंह की लालजीत सिंह भुल्लर व कुलबीर सिंह जीरा के साथ है। जालंधर: दलबदलुओं से नाराज हुए वोटर
जालंधर की सीट शुरू से कांग्रेस की झोली में रही है, लेकिन 2022 के उपचुनाव में यहां AAP ने जीत हासिल की। इस बार कांग्रेस ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को उतारा। जबकि AAP ने पहले यहां टिकट मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू को दी थी, लेकिन वे भाजपा में पलटी मार गए। इसके बाद AAP ने पवन कुमार टीनू को टिकट दी। इस बार यहां 59.67% वोटिंग हुई है, जो 2019 क चुनाव से करीब 4 प्रतिशत कम है। इसका नुकसान मौजूदा सरकार को होना संभावित है, वहीं कांग्रेस यहां बढ़त में दिख रही है। होशियारपुर: AAP को बढ़त, भाजपा की साख दांव पर
होशियारपुर को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन टिकट बंटवारे की नाराजगी ने भाजपा को यहां कमजोर भी किया। इसका फायदा आम आदमी पार्टी को दिख रहा है। यहां आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को छोड़कर आए डॉ. राज कुमार चब्बेवाल को मैदान में उतारा। भाजपा ने इस बार केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश को दिया। वहीं, कांग्रेस ने यामिनी गोमर को मैदान में उतारा। होशियारपुर में इस साल तकरीबन 4% गिरावट के साथ 58.86% वोट डले हैं। आनंदपुर साहिब: कांग्रेस स्ट्रॉन्ग, AAP क्लोज फाइट में
आनंदपुर साहिब में हिंदू वोटर अधिक हैं। यहां इस बार 60.02% वोटिंग हुई, जो 2019 के चुनाव से तकरीबन 3% कम है। पिछले 3 चुनाव में ये सीट दो बार कांग्रेस के पास रही। इस बार कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट बदल विजय इंदर सिंगला को टिकट दी। वहीं आम आदमी पार्टी ने मालविंदर सिंह कंग को मैदान में उतारा। इसके अलावा अकाली दल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा व बसपा ने जसवीर गढ़ी को उतार समीकरण ही बदल दिए। जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को दिख रहा है। इस बार वह टफ फाइट में हैं। ऐसे में मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है। लुधियाना: पप्पी पराशर ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया
लुधियाना सीट हॉट सीटों में शामिल है। यहां से मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले तक कांग्रेस में थे। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से ही कैंडिडेट बनाया। उन्हें हराने के लिए कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को मैदान में उतारा। इस बीच AAP भी पीछे ना रही और लुधियाना सेंट्रल के विधायक अशोक पराशर पप्पी को मुकाबले में उतार दिया। यहां इस बार 59% वोट पड़े, जो 2019 के चुनाव के मुकाबले तकरीबन 3% कम है। पप्पी पराशर के मैदान में आने के बाद ये मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। फतेहगढ़ साहिब: लोगों की नाराजगी कांग्रेस पर भारी
फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट के लिए लड़ाई दिलचस्प है। AAP ने कांग्रेस के पूर्व नेता गुरप्रीत सिंह जीपी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस के मौजूदा सांसद व उम्मीदवार अमर सिंह गैरमौजूदगी के कारण फंसते दिख रहे हैं। वहीं, पंजाब सफाई सेवक संघ का प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के गेजा राम वाल्मीकि व अकाली दल के बिक्रमजीत सिंह ने चुनाव को रोचक बना दिया है। इस बार यहां चौकाना मुकाबला है। इस बार यहां 2019 के मुकाबले 4% कम वोटिंग हुई। इलेक्शन कमीशन के ऐप वोटर टर्नआउट के मुताबिक 61.18% वोटिंग हुई। फरीदकोट: AAP-आजाद उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला
यहां इस बार 63.17% वोटिंग हुई, जबकि 2019 के चुनाव में 63.25% मतदान हुआ था। इस सीट पर मौजूदा सांसद कांग्रेस के हैं, लेकिन इस बार समीकरण बदल चुके हैं। इस बार AAP उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल और आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा के बीच टफ फाइट मानी जा रही है। भाजपा ने यहां फेमस सूफी सिंगर हंसराज हंस को उतारा, लेकिन किसानों के विरोध के कारण नुकसान होता दिख रहा है। फिरोजपुर: अकाली दल की होम सीट पर कांग्रेस स्ट्रॉन्ग
बठिंडा की तरह फिरोजपुर को भी हमेशा अकाली दल की सीट माना जाता रहा है, लेकिन 2019 में अकाली दल छोड़ कांग्रेस में आए शेर सिंह घुबाया यहां स्ट्रॉन्ग दिख रहे हैं। यहां 2019 में वोट प्रतिशत 72.47% रहा था, लेकिन इस साल ये 65.95% रहा। यहां मौजूदा सांसद सुखबीर बादल हैं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने की घोषणा की और नरदेव सिंह बॉबी मान को टिकट दी। यहां कंबोज बिरादरी काफी मजबूत है। रिपोर्ट्स के अनुसार उनका समर्थन घुबाया को मिल चुका है, जो उन्हें यहां स्ट्रॉन्ग कर रहा है। बठिंडा: अकाली दल अस्तित्व बचाने की कोशिश में
बठिंडा को अकाली दल का गढ़ माना जाता है। यहां मौजूदा सांसद और कैंडिडेट हरसिमरत कौर बादल हैं। 2019 के चुनाव के मुकाबले इस साल यहां करीब 8 प्रतिशत कम यानी 67.97% वोट डले। कांग्रेस के जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू तो भाजपा के परमपाल कौर सिद्धू मैदान में हैं। हरसिमरत कौर के सामने AAP ने यहां पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल को हराने वाले गुरमीत सिंह खुडियां को मैदान में उतार रखा है। ऐसे में यहां मुकाबला टफ हो गया है। हरसिमरत 2014 के चुनाव में 1 लाख से अधिक वोटों से जीतीं थी और 2019 में ये जीत का मार्जिन तकरीबन 21 हजार रह गया था। यहां गुरमीत खुडि्डयां व हरसिमरत कौर बादल के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। जीत-हार बताना मुश्किल है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि जीत का मार्जिन काफी कम रहने वाला है। संगरूर; सीएम मान की साख दांव पर
संगरूर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है। यहीं से वह 2 बार जीतकर संसद में गए, लेकिन आज ये सीट फंस चुकी है। कांग्रेस ने यहां मौजूदा विधायक सुखपाल खैहरा को टिकट दी। करीब 1 महीने वह यहां जुट रहे। कैंपेन इतना जबरदस्त रहा कि भगवंत मान को खुद आना पड़ा और वोटरों को AAP के समर्थन में वोट डालने को कहना पड़ा। इस बार यहां 64.63% वोटिंग हुई। 2019 के चुनाव में यहां 72.40% वोट पड़े। इस सीट पर AAP के मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और कांग्रेस के सुखपाल खैहरा के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां सीएम भगवंत मान की साख दांव पर है। पटियाला: मोती महल का असर कम हुआ, दो डॉक्टरों के बीच मुकाबला
मोती महल के कारण शाही सीट कही जाने वाली पटियाला में अधिकतर समय कैप्टन अमरिंदर सिंह व परनीत कौर के कारण कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार शाही घराने ने कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का दामन थाम लिया। जिसका फायदा AAP और कांग्रेस के मौजूदा उम्मीदवारों को दिख रहा है। भाजपा की टिकट पर महारानी परनीत कौर के होने के बावजूद मुकाबला कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी व AAP के मौजूदा मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के बीच है। इस बार यहां 63.63% वोटिंग हुई, जो 2019 के चुनाव से 4% कम है।
NSA मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई आज:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल और साथी ने दायर की है याचिका, केंद्र-पंजाब सरकार देगी जवाब
NSA मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई आज:खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल और साथी ने दायर की है याचिका, केंद्र-पंजाब सरकार देगी जवाब पंजाब के खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह व उनके साथी फिल्म अभिनेता दलजीत कलसी पर दोबारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) मामले की आज (बुधवार) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान केंद्र, पंजाब सरकार और डिब्रूगढ़ जेल सुपिरटेंडेंट की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। गत सुनवाई पर अदालत की तरफ से इस बारे में आदेश जारी किए थे। याचिका में दी है यह दलील इस समय समय अमृतपाल सिंह और दलजीत सिंह कलसी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। दोनों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया है कि उन पर नए सिरे से NSA लगाना गलत है। उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। वे डेढ़ साल से ज़्यादा समय से अपने राज्य, रिश्तेदारों और लोगों से दूर हैं। उनकी जिंदगी और आजादी को असामान्य और क्रूर तरीक़े से छीना गया है। जेल से चुनाव लड़कर जीते थे अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार के रूप में खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने एक दिन भी प्रचार नहीं किया था। वह जेल में थे। लेकिन उन्होंने खुद बिना प्रचार किए बना चुनाव जीता। दूसरी तरफ दलजीत सिंह कलसी अब डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वह भी चुनाव लड़ने का इच्छुक है। कुछ समय पहले इसे लेकर भी चर्चा हुई थी। कलसी ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट डेरा बाबा नानक से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
पंजाब में पराली जलानों पर पुलिस का एक्शन:874 केस दर्ज, 10.55 लाख का लगाया जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री
पंजाब में पराली जलानों पर पुलिस का एक्शन:874 केस दर्ज, 10.55 लाख का लगाया जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री पंजाब में किसानों को पराली से जलाने रोकने के लिए पुलिस एक्शन मोड़ में हैं। पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी की गई है। यह जानकारी डीजीपी गौरव यादव की अगुआई में हुई मीटिंग में पंजाब पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने दी। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्कि लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकें। DC और SSP ने की जॉइंट चेकिंग अर्पित शुक्ला ने बताया कि राज्य में पिछले कुछ दिनों में DC और SSP द्वारा 522 जॉइंट दौरे किए गए । SDM और DSP द्वारा 981 संयुक्त दौरे किए गए। इस दौरान उन्होंने 2504 जन जागरूकता बैठकें की। जबकि किसान और किसान यूनियनों के साथ 2457 बैठकें आयोजित की गईं। विशेष डीजीपी ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। सैटेलाइट से 1393 मामलों का पता लगा राज्य में अब तक सैटेलाइट द्वारा 1393 खेतों में आग लगने की घटनाओं का पता लगा है । पुलिस टीमों ने 874 मामलों में FIR दर्ज की हैं, जबकि 471 स्थानों पर पराली जलाने का कोई मामला नहीं पाया गया। हालांकि, संबंधित पुलिस थानों में 471 मामलों की DDR दर्ज की गई। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी की गई है।