पंजाब के पटियाला में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा उम्मीदवार डॉ. डॉ. धर्मवीर गांधी के समर्थन में रैली करने आई थीं, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेता, पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिंद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू से मुलाकात की और उनका हाल जाना। नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की तारीफ करते हुए एक पोस्ट भी शेयर किया। साथ में एक फोटो शेयर किया गया, जिसमें सिद्धू की बेटी और बेटा नजर आ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सिद्धू के परिवार से मुलाकात की और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के बारे में जानकारी ली। सिद्धू ने पोस्ट में लिखा “प्रियंका गांधी वाड्रा का दिल सोने का है, “फॉरएवर फैमिली”। नोनी के स्वास्थ्य के बारे में आपकी चिंता के लिए लाख-लाख धन्यवाद। आपका समर्थन मेरे लिए मायने रखता है। चुनाव प्रचार से सिद्धू ने बनाई दूरी बता दें कि चुनाव प्रचार से भी नवजोत सिंह सिद्धू ने दूरी बनाई हुई है। इस बार सिद्धू ने कांग्रेस के लिए एक भी सभा को संबोधित नहीं किया और पूर्व रूप से प्रचार बंद कर दिया है। इस वक्त सिद्धू आईपीएल में कॉमेंट्री कर रहे हैं। बता दें कि सिद्धू की पत्नी पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी। इसके चलते सिद्धू ने राजनीति से दूरी बना ली थी। हालांकि अब सिद्धू की पत्नी की सेहत में काफी सुधार है। पूर्व कांग्रेस पंजाब प्रधान नवजोत लौटे क्रिकेट की दुनिया में बीते 20 सालों में पंजाब की राजनीति में बड़ा नाम बनकर उभरे पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी इन चुनावों में दिख नहीं रहे। उनके सोशल मीडिया पोस्ट से स्पष्ट है कि उनकी पत्नी व पूर्व विधायक नवजोत कौर कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लड़ रही हैं। दूसरी तरफ नवजोत ने क्रिकेट की दुनिया का फिर से रुख कर लिया है। IPL में एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू की आवाज गूंजी, लेकिन पंजाब की सियासत से वें खामोश हो चुकी है। पंजाब के पटियाला में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा उम्मीदवार डॉ. डॉ. धर्मवीर गांधी के समर्थन में रैली करने आई थीं, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेता, पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिंद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू से मुलाकात की और उनका हाल जाना। नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की तारीफ करते हुए एक पोस्ट भी शेयर किया। साथ में एक फोटो शेयर किया गया, जिसमें सिद्धू की बेटी और बेटा नजर आ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सिद्धू के परिवार से मुलाकात की और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के बारे में जानकारी ली। सिद्धू ने पोस्ट में लिखा “प्रियंका गांधी वाड्रा का दिल सोने का है, “फॉरएवर फैमिली”। नोनी के स्वास्थ्य के बारे में आपकी चिंता के लिए लाख-लाख धन्यवाद। आपका समर्थन मेरे लिए मायने रखता है। चुनाव प्रचार से सिद्धू ने बनाई दूरी बता दें कि चुनाव प्रचार से भी नवजोत सिंह सिद्धू ने दूरी बनाई हुई है। इस बार सिद्धू ने कांग्रेस के लिए एक भी सभा को संबोधित नहीं किया और पूर्व रूप से प्रचार बंद कर दिया है। इस वक्त सिद्धू आईपीएल में कॉमेंट्री कर रहे हैं। बता दें कि सिद्धू की पत्नी पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी। इसके चलते सिद्धू ने राजनीति से दूरी बना ली थी। हालांकि अब सिद्धू की पत्नी की सेहत में काफी सुधार है। पूर्व कांग्रेस पंजाब प्रधान नवजोत लौटे क्रिकेट की दुनिया में बीते 20 सालों में पंजाब की राजनीति में बड़ा नाम बनकर उभरे पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी इन चुनावों में दिख नहीं रहे। उनके सोशल मीडिया पोस्ट से स्पष्ट है कि उनकी पत्नी व पूर्व विधायक नवजोत कौर कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लड़ रही हैं। दूसरी तरफ नवजोत ने क्रिकेट की दुनिया का फिर से रुख कर लिया है। IPL में एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू की आवाज गूंजी, लेकिन पंजाब की सियासत से वें खामोश हो चुकी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में कारोबारी ने ट्रेन के आगे लगाई छलांग:भाई बोला- मोबाइल कंपनियां करती थी परेशान, दुकान पर नहीं चल रहा था कारोबार पंजाब के लुधियाना में इलेक्ट्रानिक सामान की दुकान चलाने वाले एक कारोबारी ने ढंडारी रेलवे स्टेशन नजदीक ट्रेन के आगे कूद कर आत्म हत्या कर ली। ट्रेन के ड्राइवर ने स्टेशन मास्टर को घटना की सूचना दी। घटना स्थल पर जीआरपी पुलिस पहुंची जिन्होंने शव कब्जे में लिया। मृतक की पहचान अमित पठानिया निवासी न्यू शिवा जी नगर के रूप में हुई है। अमित का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। आज अमित का अंतिम संस्कार किया गया। मोबाइल कंपनियों के डिस्टीब्यूरों से था परेशान जानकारी देते हुए अमित के भाई संजय पठानिया ने कहा कि अमित उसका बड़ा भाई था। उनकी एक बहन है, जो शादीशुदा है। उसके भाई की भगवान चौक पर इलेक्ट्रानिक के सामान की दुकान है। मोबाइल कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ अमित के अच्छे संबंध थे। माल आता-जाता रहता था। कुछ समय से काम दुकान पर कम था। इस कारण वह थोड़ा मानसिक रूप से परेशान रहता था। मोबाइल कंपनियों से था पैसों का लेन-देन मोबाइल कंपनियों के साथ पैसों का लेन-देन था। कुछ दिन सेहत ठीक न रहने के कारण अमित ने दुकान बंद रखी थी। इस कारण की दुकानदारों ने मोबाइल कंपनियों के डिस्टीब्यूरों से कह दिया था कि अमित भाग गया। अमित ने जब फिर से दुकान खोली तो उसे कंपनियों को डिस्टीब्यूर ज्यादा तंग करने लगे। वह घर से कहकर गया कि मैं दुकान पर जा रहा हूं, लेकिन दुकान पर जाने की बजाए उसने ढंडारी रेलवे स्टेशन नजदीक ट्रेन के आगे कूद कर आत्म हत्या कर ली। उन्हें थाना जीआरपी की पुलिस ने सूचित कर जानकारी दी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।