पटियाला में बुधवार की रात तेज आंधी तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान एक न्यूज चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार अविनाश कंबोज की तेज आंधी के दौरान बिजली का पोल गिरने मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बुधवार की रात को तेज आंधी चलने पर अविनाश कंबोज आर्य समाज इलाके में कवरेज कर रहे थे। इस दौरान बिजली का पोल अविनाश कंबोज के सिर पर गिर गया, जिस वजह से उनकी मौके पर मौत हो गई। परिवार को मुआवजा और नौकरी का आश्वासन इस हादसे के बाद सेहत मंत्री बलवीर सिंह मंत्री चेतन सिंह जोड़े माजरा के अलावा विधायक अभी पासिंग कोहली और डीसी पटियाला शौकत अहमद ने मृतक के परिवार के साथ मिलकर दुख सांझा किया। मौके पर इकट्ठी हुई विभिन्न पत्रकार यूनियन के साथ बात करते हुए आश्वासन दिया है कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 20 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। पटियाला में बुधवार की रात तेज आंधी तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान एक न्यूज चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार अविनाश कंबोज की तेज आंधी के दौरान बिजली का पोल गिरने मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बुधवार की रात को तेज आंधी चलने पर अविनाश कंबोज आर्य समाज इलाके में कवरेज कर रहे थे। इस दौरान बिजली का पोल अविनाश कंबोज के सिर पर गिर गया, जिस वजह से उनकी मौके पर मौत हो गई। परिवार को मुआवजा और नौकरी का आश्वासन इस हादसे के बाद सेहत मंत्री बलवीर सिंह मंत्री चेतन सिंह जोड़े माजरा के अलावा विधायक अभी पासिंग कोहली और डीसी पटियाला शौकत अहमद ने मृतक के परिवार के साथ मिलकर दुख सांझा किया। मौके पर इकट्ठी हुई विभिन्न पत्रकार यूनियन के साथ बात करते हुए आश्वासन दिया है कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 20 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस पर डेरा प्रमुख राम रहीम की और प्रतिक्रिया आई है। डेरा प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में डेरा अपना पक्ष रखेगा। पंजाब सरकार की याचिका पर सवाल उठाते हुए डेरा प्रवक्ता ने कहा कि इस याचिका में अधूरे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है। इसका हम कानूनी जवाब सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पूरे तथ्यों के साथ दायर करेंगे। हमने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष जब सभी तथ्यों को रखा था तो हाईकोर्ट ने इन केसों पर रोक लगा दी थीI सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इसलिए हाईकोर्ट गया था राम रहीम जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम के ट्रायल पर रोक को चुनौती दी गई थी।दरअसल, 2021 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने जून और अक्टूबर 2015 के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तीन अलग-अलग घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने राम रहीम को आरोपी बनाया था। डेरा प्रमुख ने की थी सीबीआई जांच जारी रखने की मांग हाईकोर्ट में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। जिसमें सरकार ने जांच को सीबीआई को सौंपने की अपनी सहमति वापस ले ली थी। अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने मांग की थी कि सीबीआई को बेअदबी के मामलों की जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए। इस साल मार्च में हाईकोर्ट ने इस याचिका को बड़ी बेंच को भेज दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति को बाद में वापस लिया जा सकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिस पर पंजाब सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कल की सुनवाई में दी गईं ये दलीलें वहीं कल यानी 18 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि 6 सितंबर की अधिसूचना कानून की नजर में सही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराया है। दूसरी ओर, प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने बस वही किया है जो पंजाब सरकार ने वैकल्पिक रूप से अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा दो तरह के मामलों से संबंधित है – पहला- पुलिस गोलीबारी की घटनाओं से संबंधित है, और दूसरा- बेअदबी से संबंधित है। इसके अलावा, इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार लिए गए हैं, इसलिए हाईकोर्ट द्वारा बड़ी बेंच को रेफर किया गया। सीनियर वकील ने यह भी कहा कि मामला आज डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है और अगर राज्य स्थगन नहीं ले रहा होता, तो अब तक इस पर फैसला हो चुका होता। माथुर की बात सुनते हुए जस्टिस गवई ने पूछा, “कैसे… समन्वय पीठ के आदेश की अनदेखी कर सकते हैं? “पंजाब के एजी ने भी माथुर की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सभी मामले अधिसूचना का हिस्सा थे। आखिरकार, पीठ ने नोटिस जारी किया और विवादित आदेश पर रोक लगा दी। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जून 2019 में, सीबीआई ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल दोनों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कुछ ही महीनों के भीतर, पंजाब सरकार ने सीबीआई को जांच करने की अनुमति देने वाली सहमति वापस ले ली और मामलों को राज्य पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया। तीनों मामलों में आरोप तय करने पर बहस के दौरान फरीदकोट अदालत में मुकदमा लंबित था। सीबीआई जांच के नतीजे से पूरी तरह अलग हटकर, एसआईटी ने कई डेरा अनुयायियों, तीन राष्ट्रीय समिति के सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी के मामलों में आरोपी बनाया। पंजाब पुलिस ने विवादास्पद, गुरमीत राम रहीम सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया। 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी के मामलों में राम रहीम और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजाब के फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए डीएवी कॉलेज को 3.5 लाख का अनुदान मिला
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए डीएवी कॉलेज को 3.5 लाख का अनुदान मिला भास्कर न्यूज | जालंधर डीएवी कॉलेज को एआईसीटीई प्रशिक्षण और शिक्षण (अटल) अकादमी, भारत सरकार की तरफ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके अनुप्रयोगों पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम(एफडीपी) आयोजित करने के लिए चुना गया है। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव मई 2024 में एआईसीटीई प्रशिक्षण और शिक्षण(अटल) अकादमी, भारत सरकार को भेजा गया था। इन छह दिवसीय कार्यक्रम के संचालन के लिए 3.5 लाख रुपये के अनुदान को मंजूरी मिली है। इस अटल अकादमी का मुख्य उद्देश्य देश में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करने की योजना बनाना, विभिन्न उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में तकनीकी संस्थानों का सहयोग करना है। उल्लेखनीय है कि बेसिक एफडीपी के लिए प्राप्त 5000 आवेदनों में से केवल 425 आवेदनों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इसमें पंजाब राज्य से चयनित दो कॉलेजों में से एक डीएवी कॉलेज है। डॉ. पीके शर्मा (एफडीपी के समन्वयक) ने बताया कि यह कार्यक्रम 16 दिसंबर 2024 से 21 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिथि व्याख्यान देने के लिए आईआईटी, एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रख्यात वक्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा। प्रतिभागी विविध कम्प्यूटेशनल क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं को हल करने के तरीके विकसित करने की सीख देंगे। इसी प्रकार डॉ. राजीव पुरी (सह-समन्वयक) ने बताया की अनुमोदित संस्थानों के संकाय सदस्य, शोधकर्ता, उद्योग पेशेवर, संस्थानों के प्रमुख द्वारा नामित इस एफडीपी में शामिल हो सकते हैं। प्रतिभागियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इसमें अधिकतम 50 प्रतिभागियों को शामिल किया जाएगा। इस एफडीपी में भाग लेने के लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है। पंजीकरण 1 अगस्त 2024 से शुरू हुआ। पंजीकरण की अंतिम तिथि 1 दिसंबर 2024 होगी। एफडीपी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट – www.davjal andhar.com पर जा सकते हैं।
लुधियाना में सिंधी बेकर्स फायरिंग केस में खुलासा:हमलावर मीता कई बार गैंगस्टर लाहोरिया से ले चुका पैसे, अहसान चुकाने के लिए चलाई गोलियां
लुधियाना में सिंधी बेकर्स फायरिंग केस में खुलासा:हमलावर मीता कई बार गैंगस्टर लाहोरिया से ले चुका पैसे, अहसान चुकाने के लिए चलाई गोलियां लुधियाना में 28 अगस्त को राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर गोलियां चलाने की घटना हुई थी। इस मामले में मोगा पुलिस ने 2 बदमाशों का एनकाउंटर करके उन्हें गिरफ्तार किया था। दोनों हमलावरों को 10 सितंबर को लुधियाना पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि फायरिंग करने वाले शख्स गैंगस्टर जगमीत सिंह उर्फ मीता ने सिंधी बेकर्स पर फायरिंग करके विदेश में बैठे गैंगस्टर दविंदरपाल सिंह गोपी लाहोरिया का अहसान चुकाया है। गोपी लाहोरिया से कई बार ले चुका था मीता पैसे गोपी से मीता से कई बार पैसे ले चुका था। नशेड़ी होने के कारण मीता आसानी से लाहोरिया के टारगेट पर था। मीता को लाहोरिया से किसने मिलवाया है, पुलिस अब उस शख्स की तलाश में है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि पुलिस पूछताछ में गैंगस्टर मीता ने खुलासा किया है कि उसे सिर्फ बेकर्स में जाकर हवाई फायरिंग करने के लिए भेजा गया था। कई बार वह गोपी लाहोरिया उसे पैसे देता रहता था। इस कारण वह गोपी की बात मानकर गोली चलाने आया था। गोपी लाहोरिया अक्सर उसे वॉट्सएप कालउ ही करता था। गोपी ने किन लोगों के जरिए मीता को पैसे देते था इसे लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है। पढ़ें ये है पूरा मामला
राजगुरु नगर में 28 अगस्त को हुई थी फायरिंग
28 अगस्त को राजगुरु नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर एक्टिवा सवार दो बदमाशों ने गोलियां चलाई थी। बदमाश 1 घंटे में दो बार हमला करने आए। पहली बार असफल रहे तो 45 मिनट के बाद फिर से हमला करने के लिए आए। सिंधी बेकर्स के मालिक का बेटा नवीन गोलीबारी में घायल हुआ। भागते गैंगस्टरों की सीसीटीवी भी सामने आई थी। मोगा पुलिस ने नाकाबंदी दौरान दोनों गैंगस्टरों को रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। पुलिस के साथ मुठभेड़ में गैंगस्टर जगमीत सिंह उर्फ मीता के पैर पर गोली लगी थी, जबकि उसका साथी विकास कुमार उर्फ कासा एक्टिवा से बुरी तरह स्लिप होकर गिर गया था। गोपी लाहोरिया ने बदमाशों को मोगा से अवैध हथियार दिलवाए जो लुटेरों ने वारदात में इस्तेमाल किए है। पुलिस को मीता से एक 32 बोर का पिस्टल मैगजीन सहित मिला। पिस्टल के चैंबर में एक जिंदा कारतूस भी बरामद हुआ। दोनों बदमाशों के खिलाफ फरीदकोट और मोगा में 3-3 केस दर्ज है। दोनों बदमाशों ने 26 अगस्त को मोगा के शेख वाला चौक में नाविका ऑनलाइन सॉल्यूशन ग्राहक सेवा केंद्र कपड़ों की दुकान के मालिक पर गोलियां चलाई थी। दोनों की आरोपियों ने 32 बोर की पिस्तौल दिखा दुकानदार से रुपयों की डिमांड की थी।