हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नजर आ सकती है। इसी वजह से दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। 10 साल से सत्ता में बैठी BJP हैट्रिक बनाने के लिए सर्वे करवा रही है वहीं कांग्रेस में भी अलग-अलग लेवल पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। सत्ता विरोधी लहर और एंटी इन्कंमबेंसी से निपटने के लिए BJP में इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। अगर गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां के लोगों ने कभी भी मौजूदा विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं जिताया। यानि इस सीट से हर चुनाव में नया चेहरा ही एमएलए बनता है। 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता पटौदी से विधायक चुने गए थे। अगर इतिहास को देखें तो इस बार उनकी जीत मुश्किल है। यही वजह है कि भाजपा यहां सत्यप्रकाश जरावता का टिकट काटकर किसी दूसरे चेहरे को मौका दे सकती है। सर्वे में खुलासा-तीनों विधायकों से लोग नाराज गुरुग्राम लोकसभा हलके में आने वाली गुरुग्राम, सोहना और पटौदी विधानसभा सीटों की बात करें तो BJP की ओर से कराए गए सर्वे में हालात बहुत अच्छे नहीं मिले। तीनों इलाकों के लोग अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं हैं और बदलाव के मूड में नजर आते हैं। सर्वे के नतीजे आने के बाद BJP इन तीनों सीटों पर नए चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो गई है। 2014 में भी BJP ने काटा था सीटिंग MLA का टिकट पटौदी सीट का तो इतिहास रहा है कि यहां के वोटर हर चुनाव में अपना विधायक बदलते हैं। यानि मौजूदा विधायक को अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस लिहाज से 2019 में चुनाव जीतने वाले सत्यप्रकाश जरावता के लिए संकेत बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। भाजपा नेतृत्व भी शायद पटौदी के लोगों का मिजाज समझता है इसलिए उसने 2014 के चुनाव में यहां से विधायक चुनी गई अपनी नेता विमला चौधरी को 2019 में दूसरी बार मौका नहीं दिया। पार्टी ने 2019 में विमला चौधरी का टिकट काटते हुए उनकी जगह सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा। BJP की यह रणनीति सफल रही और जरावता यहां से बाजी मार ले गए। इंद्रजीत से मधु की दूरियां बढ़ीं, सुमेर तंवर करीब आए शुरू से BJP से जुड़े सुमेर सिंह तंवर और पूर्व मेयर मधु आजाद पटौदी में टिकट के दावेदार हैं। सुमेर तंवर तो यहां डेरा डालकर बैठे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी सुमेर तंवर ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह से भी निकटता बना ली है। दरअसल गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने ही श्रीमती मधु आजाद को गुरुग्राम का मेयर बनवाया। हाल के लोकसभा चुनाव में मधु आजाद के बूथ से राव इंद्रजीत को महज 3 वोट की लीड मिली जबकि सुमेर तंवर ने अपने बूथ से राव इंद्रजीत को 350 वोट की बढ़त दिलाई। इसके बाद ही राव इंद्रजीत ने मधु आजाद से दूरी बना ली। इसका फायदा सुमेर तंवर को मिल सकता है। जरावता को टिकट दिलाने वाले खट्टर हरियाणा से बाहर 2019 में पटौदी सीट से भाजपा के विधायक चुने गए सत्यप्रकाश जरावता किसी समय राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होते थे। जरावत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन काम नहीं बना। 2014 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर सीएम बने तो जरावता राव इंद्रजीत का गुट छोड़कर खट्टर के पाले में चले गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत पटौदी सीट से नरेंद्र सिंह पहाड़िया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे लेकिन खट्टर ने उस पर वीटो लगाते हुए जरावता को टिकट दिला दी। चुनाव में जरावत विजयी रहे वहीं राव इंद्रजीत के आशीर्वाद से नरेंद्र पहाड़िया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर रहे। अब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा से बाहर जा चुके हैं इसलिए वह जरावता की मजबूत पैरवी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए। ऐसे में पूरी संभावना है कि राव इंद्रजीत के विरोध और पटौदी के इतिहास को देखते हुए BJP यहां जरावता का टिकट काट दे। पटौदी में कांग्रेस के पास भी बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के अलावा कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के सर्वे में पटौदी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेताओं की स्थिति भी ठीक नहीं निकली। कांग्रेस की ओर से सुधीर चौधरी यहां लगातार दो (2014 व 2019) चुनाव हार चुके हैं। वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन कांग्रेस में लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को तीसरा मौका देने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी में यहां कुमारी सैलजा के खेमे से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप जटोली भी एक्टिव हैं। 3 चुनाव में कभी लगातार दो बार कोई नहीं जीता 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में यहां कभी कोई विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया। यहां के वोटर हर बार अपना विधायक बदल लेते हैं। पटौदी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के बी. सिंह जीते। 1968 में विशाल हरियाणा पार्टी के रामजीवन सिंह, 1972 में कांग्रेस के शीशराम, 1977 में विशाल हरियाणा पार्टी के नारायण सिंह और 1982 में कांग्रेस के हीरालाल यहां से विधायक बने। वर्ष 1987 के चुनाव में लोकदल के शिवलाल, 1991 में जनता दल के हीरालाल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के नारायण सिंह और 2000 में इनेलो के रामबीर सिंह यहां से MLA बने। 2005 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह, 2009 में इनेलो के गंगाराम, 2014 में BJP की विमला चौधरी और 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता जीतकर विधानसभा पहुंचे। हीरालाल 1982 और 1991 में तो नारायण सिंह 1977 और 1996 में यहां से दो बार विधायक बने लेकिन वह भी बैक टू बैक जीत दर्ज नहीं कर पाए। 20% एससी वोटर पटौदी विधानसभा सीट एससी के लिए रिजर्व हैं। यहां तकरीबन 20% वोट एससी बिरादरी के हैं। तकरीबन सवा दो लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 2019 में 71% तो 2014 में 61.67% वोटिंग हुई थी। हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नजर आ सकती है। इसी वजह से दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। 10 साल से सत्ता में बैठी BJP हैट्रिक बनाने के लिए सर्वे करवा रही है वहीं कांग्रेस में भी अलग-अलग लेवल पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। सत्ता विरोधी लहर और एंटी इन्कंमबेंसी से निपटने के लिए BJP में इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। अगर गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां के लोगों ने कभी भी मौजूदा विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं जिताया। यानि इस सीट से हर चुनाव में नया चेहरा ही एमएलए बनता है। 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता पटौदी से विधायक चुने गए थे। अगर इतिहास को देखें तो इस बार उनकी जीत मुश्किल है। यही वजह है कि भाजपा यहां सत्यप्रकाश जरावता का टिकट काटकर किसी दूसरे चेहरे को मौका दे सकती है। सर्वे में खुलासा-तीनों विधायकों से लोग नाराज गुरुग्राम लोकसभा हलके में आने वाली गुरुग्राम, सोहना और पटौदी विधानसभा सीटों की बात करें तो BJP की ओर से कराए गए सर्वे में हालात बहुत अच्छे नहीं मिले। तीनों इलाकों के लोग अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं हैं और बदलाव के मूड में नजर आते हैं। सर्वे के नतीजे आने के बाद BJP इन तीनों सीटों पर नए चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो गई है। 2014 में भी BJP ने काटा था सीटिंग MLA का टिकट पटौदी सीट का तो इतिहास रहा है कि यहां के वोटर हर चुनाव में अपना विधायक बदलते हैं। यानि मौजूदा विधायक को अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस लिहाज से 2019 में चुनाव जीतने वाले सत्यप्रकाश जरावता के लिए संकेत बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। भाजपा नेतृत्व भी शायद पटौदी के लोगों का मिजाज समझता है इसलिए उसने 2014 के चुनाव में यहां से विधायक चुनी गई अपनी नेता विमला चौधरी को 2019 में दूसरी बार मौका नहीं दिया। पार्टी ने 2019 में विमला चौधरी का टिकट काटते हुए उनकी जगह सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा। BJP की यह रणनीति सफल रही और जरावता यहां से बाजी मार ले गए। इंद्रजीत से मधु की दूरियां बढ़ीं, सुमेर तंवर करीब आए शुरू से BJP से जुड़े सुमेर सिंह तंवर और पूर्व मेयर मधु आजाद पटौदी में टिकट के दावेदार हैं। सुमेर तंवर तो यहां डेरा डालकर बैठे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी सुमेर तंवर ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह से भी निकटता बना ली है। दरअसल गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने ही श्रीमती मधु आजाद को गुरुग्राम का मेयर बनवाया। हाल के लोकसभा चुनाव में मधु आजाद के बूथ से राव इंद्रजीत को महज 3 वोट की लीड मिली जबकि सुमेर तंवर ने अपने बूथ से राव इंद्रजीत को 350 वोट की बढ़त दिलाई। इसके बाद ही राव इंद्रजीत ने मधु आजाद से दूरी बना ली। इसका फायदा सुमेर तंवर को मिल सकता है। जरावता को टिकट दिलाने वाले खट्टर हरियाणा से बाहर 2019 में पटौदी सीट से भाजपा के विधायक चुने गए सत्यप्रकाश जरावता किसी समय राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होते थे। जरावत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन काम नहीं बना। 2014 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर सीएम बने तो जरावता राव इंद्रजीत का गुट छोड़कर खट्टर के पाले में चले गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत पटौदी सीट से नरेंद्र सिंह पहाड़िया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे लेकिन खट्टर ने उस पर वीटो लगाते हुए जरावता को टिकट दिला दी। चुनाव में जरावत विजयी रहे वहीं राव इंद्रजीत के आशीर्वाद से नरेंद्र पहाड़िया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर रहे। अब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा से बाहर जा चुके हैं इसलिए वह जरावता की मजबूत पैरवी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए। ऐसे में पूरी संभावना है कि राव इंद्रजीत के विरोध और पटौदी के इतिहास को देखते हुए BJP यहां जरावता का टिकट काट दे। पटौदी में कांग्रेस के पास भी बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के अलावा कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के सर्वे में पटौदी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेताओं की स्थिति भी ठीक नहीं निकली। कांग्रेस की ओर से सुधीर चौधरी यहां लगातार दो (2014 व 2019) चुनाव हार चुके हैं। वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन कांग्रेस में लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को तीसरा मौका देने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी में यहां कुमारी सैलजा के खेमे से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप जटोली भी एक्टिव हैं। 3 चुनाव में कभी लगातार दो बार कोई नहीं जीता 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में यहां कभी कोई विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया। यहां के वोटर हर बार अपना विधायक बदल लेते हैं। पटौदी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के बी. सिंह जीते। 1968 में विशाल हरियाणा पार्टी के रामजीवन सिंह, 1972 में कांग्रेस के शीशराम, 1977 में विशाल हरियाणा पार्टी के नारायण सिंह और 1982 में कांग्रेस के हीरालाल यहां से विधायक बने। वर्ष 1987 के चुनाव में लोकदल के शिवलाल, 1991 में जनता दल के हीरालाल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के नारायण सिंह और 2000 में इनेलो के रामबीर सिंह यहां से MLA बने। 2005 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह, 2009 में इनेलो के गंगाराम, 2014 में BJP की विमला चौधरी और 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता जीतकर विधानसभा पहुंचे। हीरालाल 1982 और 1991 में तो नारायण सिंह 1977 और 1996 में यहां से दो बार विधायक बने लेकिन वह भी बैक टू बैक जीत दर्ज नहीं कर पाए। 20% एससी वोटर पटौदी विधानसभा सीट एससी के लिए रिजर्व हैं। यहां तकरीबन 20% वोट एससी बिरादरी के हैं। तकरीबन सवा दो लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 2019 में 71% तो 2014 में 61.67% वोटिंग हुई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
फरीदाबाद में 9वीं के स्टूडेंट को लगी गोली:पेट को चीर रीड की हड्डी में फंसी, दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था
फरीदाबाद में 9वीं के स्टूडेंट को लगी गोली:पेट को चीर रीड की हड्डी में फंसी, दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था फरीदाबाद जिले के इस्माइलपुर इलाके में बाइक पर जा रहे 9वीं कक्षा के स्टूडेंट को गोली लग गई। घटना के बाद स्टूडेंट का दोस्त राहगीरों की मदद से उसे उठाकर बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां स्टूडेंट की हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद उसे दिल्ली रेफर कर दिया। वहीं मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना पल्ला पुलिस जांच में जुटी हुई है। इलाके में मचा हड़कंप जानकारी के अनुसार फरीदाबाद के इस्माइलपुर इलाके में 9वीं कक्षा का स्टूडेंट 16 वर्षीय प्रियम पुत्र दया निधि ओझा अपने दोस्त के साथ बैठकर बाइक पर जा रहा था, तभी रास्ते में तीन चार लड़के आपस में झगड़ा कर रहे थे, उनमें से किसी ने गोली चला दी, अचानक गोली स्टूडेंट हाथ में लगी और हाथ को चीरते हुए पेट में जा लगी। वहीं स्टूडेंट प्रियम बसंत पुर इलाके का रहने वाला है। दोस्त लेकर पहुंचा अस्पताल घटना के बाद उसका दोस्त उसे फरीदाबाद की बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचा। जहां से डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है। डॉक्टरों ने दिल्ली किया रेफर सिविल अस्पताल डॉक्टर मनीष दयाल ने बताया कि घायल छात्र के सीधे हाथ में गोली लगी थी, जो हाथ के आर पार होकर पेट में घुस गई। जिसका एक्सरे करवाया गया है। गोली उसके पेट में रीड की हड्डी के पास फंसी हुई है। जिसके चलते उसकी गंभीर हालत को देखते हुए घायल को दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर किया गया है। मामले में जब थाना पल्ला प्रभारी से फोन पर बात की गई, तो उन्हें घटना की जांच में व्यस्त होने की बात कह कर फोन काट दिया।
हिसार में घर में घुसकर महिला से धक्का मुक्की:नौकरी से निकलवाने की धमकी, फोन पर परिजनों को किया प्रताड़ित
हिसार में घर में घुसकर महिला से धक्का मुक्की:नौकरी से निकलवाने की धमकी, फोन पर परिजनों को किया प्रताड़ित हिसार जिले के गांव रामायण में एक महिला ने अपने पति व ससुर पर जबरदस्ती घर में घुसकर उसके व उसके परिवार के सदस्यों के साथ धक्का मुक्की करने और जान से मारने की धमकी देने की आरोप लगाए हैं। रास्ते में कहीं भी आते जाते समय उसको परेशान करने और नौकरी से निकलवाने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। हांसी सदर थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति व ससुर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मां और मेरे साथ की हाथापाई हांसी सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में नवीन कुमारी ने बताया कि वह गांव रामायण की रहने वाली और 17 नवंबर की सुबह करीब सवा 11 बजे परिवार के सभी सदस्य रामरती, नवीन, अमित अपने घर पर बैठे हुए थे, तभी कुछ लोग हमारे घर पर आकर जोर जोर से आवाजें लगाने लगे, जिसमें एक मेरे ससुर प्रह्लाद थे। जब हमने बाहर आकर देखना चाहा तो प्रह्लाद ने मेरी मां के साथ हाथापाई शुरू कर दी। उसके बाद मेरे ससुर ने मेरे साथ भी हाथापाई की। धक्का देकर रामरती को गेट की तरफ धकेल दिया। ससुर पहले भी कर चुका वारदात इसके बाद उसके चिल्लाने और शोर सुनकर आसपास के कुछ लोग गली में इकट्ठा हो गए। उनको देख कर वो सभी मौके से भाग गए और ऑटो में बैठकर वहां से चले गए। मेरा पति कृष्ण कुमार व मेरा ससुर प्रह्लाद लगातार कई दिनों से फोन करके मुझे और मेरे परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे। मेरे ससुर ऐसी कई वारदात पहले भी कर चुके हैं। कई बार डायल 112 का लिया सहारा कभी पावर हाऊस पर उसका रास्ता रोकना, कभी साथ में रिक्शा में बैठकर धमकी देना कि तुझे नौकरी से उतरा दूंगा, कभी मेरे भाई को जन से मारने की धमकी दी जा रही है। लगातार हो रही वारदातों से मैं और मेरा परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। जिससे मैं ना ही ठीक से नौकरी कर पा रही हूं और न ही अपनी बच्ची का पालन पोषण कर पा रही हूं। मैने कई बार डायल 112 का भी सहारा लिया। अनहोनी घटने का प्रशासन होगा जिम्मेदार मेरे भाई मेरे परिवार के साथ हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई अनहोनी घटित होती है। इसका प्रशासन जिम्मेदार होगा। हांसी सदर थाना पुलिस ने नवीन कुमारी की शिकायत पर पति कृष्ण कुमार व ससुर प्रहलाद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 333, 351(2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैथल में EVM लेकर लौट रही CRPF की बस दुर्घटनाग्रस्त:केंटर ने साइड से मारी थी टक्कर; महिला कॉन्स्टेबल घायल, PGI रेफर
कैथल में EVM लेकर लौट रही CRPF की बस दुर्घटनाग्रस्त:केंटर ने साइड से मारी थी टक्कर; महिला कॉन्स्टेबल घायल, PGI रेफर हरियाणा के कैथल में शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद देर रात को सीवन में सीआरपीएफ की बस को अज्ञात केंटर ने टक्कर मार दी। इसमें एक महिला कॉन्स्टेबल घायल हो गई। उसको काफी चोटें आई है। महिला के चोट लगने के बाद उसे पीजीआई में दाखिल करवाया गया है। मिली जानकारी अनुसार मतदान के बाद चीका से ईवीएम लेकर कैथल सीआरपीएफ की बस जा रही थी। बस को अज्ञात केंटर ने टक्कर मार दी। इस मामले में टीम के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रामनिवास की शिकायत पर सीवन थाना में अज्ञात केंटर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह चीका के स्कूल में बने बूथ नम्बर-48 से 52 पर डयूटी इन्चार्ज नियुक्त था, जो समय करीब 8 बजे चुनाव कार्य पूरा होने के बाद राजकीय स्कूल चीका की सारी डयूटियां व चुनाव करवाने वाली टीम जिसमें CRPF की कॉन्स्टेबल पिंकी व सुमन भी बस में मौजूद थी, जो सभी ईवीएम मशीनों को जमा करवाने के लिए चीका से कैथल जा रहे थे। करीब साढ़े आठ बजे जब बस सीवन पहुंची तो तभी एक तेज गति से आए केंटर ने साइड से बस को टक्कर मार दी। इसकी टक्कर से बस में सवार टीम में तैनात सीआरपीएफ की कॉन्स्टेबल पिंकी के दाएं हाथ में काफी चोटें लगी। फिलहाल आरोपी ड्राइवर की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।