एक तरफ जहां स्वास्थय विभाग बड़े बड़े दावे करते नहीं थकता, वहीं दूसरी ओर इन खोखले दावों की लगातार हवा निकालते हुए जिला पठानकोट में एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें एक मरीज पठानकोट के सिविल अस्पताल के इमरजेंसी रूम में पड़ा डॉक्टर का इंतजार तड़पता दिखाई दे रहा है। जिसके साथ आए कुछ लोगों ने सिविल अस्पताल पठानकोट के खोखले दावों की हवा निकल दी। हालांकि इस पूरे मामले को सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ सुनिल चंद नकारते हुए नजर आए। डॉक्टर नहीं नहीं होने पर तड़प रहा मरीज बताते चले कि सिविल अस्पताल पठानकोट पिछले कुछ सालों से हमेशा अखबारों की सुर्खियां बटोरता नजर आया है। चाहे हॉस्पिटल में पानी भरना, फर्श पर मां का बच्चे को जन्म देना आदि खबरों ने खूब चर्चा करवाई है। आज अगर फिर से सिविल अस्पताल पठानकोट की बात करे तो फिर से एक वीडियो अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलती नज़र आ रही है। जिसमें एक व्यक्ति की वीडियो में साफ शब्दों में कहा गया है कि यह मरीज पूरे एक घंटे से इलाज के लिए तड़प रहा है। लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर न होने की वजह से इसे इलाज नहीं मिल रहा। एसएमओ ने आरोपों के नकरा जब इस सम्बन्ध में सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. सुनील चंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह मरीज बीती रात हमारे अस्पताल में आया था। लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा न होने के कारण इसे अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रात के समय पर बाकायदा एक डॉक्टर की ड्यूटी रहती है। लेकिन सिविल में कोई न्यूरो सर्जन नहीं है। जबकि इस मरीज को हैड इंजरी थी। एक तरफ जहां स्वास्थय विभाग बड़े बड़े दावे करते नहीं थकता, वहीं दूसरी ओर इन खोखले दावों की लगातार हवा निकालते हुए जिला पठानकोट में एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें एक मरीज पठानकोट के सिविल अस्पताल के इमरजेंसी रूम में पड़ा डॉक्टर का इंतजार तड़पता दिखाई दे रहा है। जिसके साथ आए कुछ लोगों ने सिविल अस्पताल पठानकोट के खोखले दावों की हवा निकल दी। हालांकि इस पूरे मामले को सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ सुनिल चंद नकारते हुए नजर आए। डॉक्टर नहीं नहीं होने पर तड़प रहा मरीज बताते चले कि सिविल अस्पताल पठानकोट पिछले कुछ सालों से हमेशा अखबारों की सुर्खियां बटोरता नजर आया है। चाहे हॉस्पिटल में पानी भरना, फर्श पर मां का बच्चे को जन्म देना आदि खबरों ने खूब चर्चा करवाई है। आज अगर फिर से सिविल अस्पताल पठानकोट की बात करे तो फिर से एक वीडियो अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलती नज़र आ रही है। जिसमें एक व्यक्ति की वीडियो में साफ शब्दों में कहा गया है कि यह मरीज पूरे एक घंटे से इलाज के लिए तड़प रहा है। लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर न होने की वजह से इसे इलाज नहीं मिल रहा। एसएमओ ने आरोपों के नकरा जब इस सम्बन्ध में सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. सुनील चंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह मरीज बीती रात हमारे अस्पताल में आया था। लेकिन वेंटिलेटर की सुविधा न होने के कारण इसे अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि रात के समय पर बाकायदा एक डॉक्टर की ड्यूटी रहती है। लेकिन सिविल में कोई न्यूरो सर्जन नहीं है। जबकि इस मरीज को हैड इंजरी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब का सबसे महंगा टोल 3 दिन से फ्री:लाडोवाल के किसानों का विरोध जारी, NHAI को 3 करोड़ रुपए का नुकसान पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा लाडोवाल पिछले 72 घंटों से बंद है। 1 लाख से ज्यादा वाहन बिना टोल टैक्स दिए गुजर चुके हैं। एनएचएआई को करीब 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एनएचएआई प्रदर्शनकारी किसानों से तालमेल बिठाने में असहाय साबित हो रहा है। किसान अपनी मांग पर अड़े हैं कि टोल 150 रुपए प्रति वाहन होना चाहिए, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसके चलते लाडोवाल टोल प्लाजा पर धीरे-धीरे किसानों के जत्थे बढ़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। किसानों को आसपास के गांवों से खाने-पीने की मदद भी मिल रही है। कुछ किसान शिफ्ट में खेतों में काम करने जाते हैं। काम खत्म करने के बाद वे प्रदर्शन में शामिल हो जाते हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने की जरूरत भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने कहा कि आज लोगों को घरों से बाहर निकलने की जरूरत है। एनएचएआई द्वारा की जा रही लूट को बंद किया जाना चाहिए। लुधियाना से फिलोर जाने वाले वाहन चालक को 425 रुपए देने पड़ रहे हैं जो लोगों की जेब पर डाका है। किसान पीछे हटने वाले नहीं दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले अधिकारियों से बात की थी और मांग पत्र सौंपा था लेकिन किसी ने फिर समाधान निकालने की कोशिश नहीं की। चाहे केंद्र सरकार लाठीचार्ज आदि क्यों न कर दे, किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। लाडोवाल टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे लोगों का काफिला लगातार बढ़ता जा रहा है।
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