केंद्र सरकार द्वारा किसानों को 14 फसलों पर दी गई एमएसपी को लेकर किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। किसानों ने जहां केंद्र सरकार का धन्यवाद किया, वहीं स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करने और बाकी फसलों पर भी एमएसपी की मंजूरी देने की बात कही है। आपको बता दें कि, किसान पिछले लंबे समय से अपनी फसलों पर एमएसपी को लेकर संघर्ष कर रहे थे। जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से 14 फसलों पर एमएसपी दे दी गई है। इस संबंध मे जिला पठानकोट के किसान हरदेव सिंह, गुरनाम सिंह छीना, राम सिंह, परवीन कुमार एवं अन्य किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करें और 14 फसलों पर ही नहीं बल्कि सब्जियों व दूसरी फसलों पर भी एम.एस.पी. देने की जल्द मंजूरी दे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला एक शानदार फैसला है। जिसके कारण सभी किसानों में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार को बाकि फसलों पर भी विचार कर फैसला सुना देना चाहिए, ताकि किसान रिवायती फसलों के चक्कर से बाहर निकल सके। उन्होंने कहा कि उनकी फसलों का मंडीकरण करने के यत्न भी केंद्र सरकार करें, ताकि किसानों को उनकी फसलों का पूरा मुआवजा मिल सके। केंद्र सरकार द्वारा किसानों को 14 फसलों पर दी गई एमएसपी को लेकर किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। किसानों ने जहां केंद्र सरकार का धन्यवाद किया, वहीं स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करने और बाकी फसलों पर भी एमएसपी की मंजूरी देने की बात कही है। आपको बता दें कि, किसान पिछले लंबे समय से अपनी फसलों पर एमएसपी को लेकर संघर्ष कर रहे थे। जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से 14 फसलों पर एमएसपी दे दी गई है। इस संबंध मे जिला पठानकोट के किसान हरदेव सिंह, गुरनाम सिंह छीना, राम सिंह, परवीन कुमार एवं अन्य किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट जल्द लागू करें और 14 फसलों पर ही नहीं बल्कि सब्जियों व दूसरी फसलों पर भी एम.एस.पी. देने की जल्द मंजूरी दे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला एक शानदार फैसला है। जिसके कारण सभी किसानों में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार को बाकि फसलों पर भी विचार कर फैसला सुना देना चाहिए, ताकि किसान रिवायती फसलों के चक्कर से बाहर निकल सके। उन्होंने कहा कि उनकी फसलों का मंडीकरण करने के यत्न भी केंद्र सरकार करें, ताकि किसानों को उनकी फसलों का पूरा मुआवजा मिल सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत का मामला लोकसभा में उठा:सांसद कंग बोले- केंद्र सरकार करे मदद, मनमोहन सिंह है पीयू के एलुमनी
पंजाब यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत का मामला लोकसभा में उठा:सांसद कंग बोले- केंद्र सरकार करे मदद, मनमोहन सिंह है पीयू के एलुमनी पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने आज लोकसभा में वित्तीय संकट का सामना कर रही पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को स्पेशल ग्रांट देने का मामला उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण स्कीम व प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया स्कीमों के पंजाब के रोके गए फंड जारी करने की मांग केंद्र सरकार से की है। आखिर में उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों के सिलेबस में गुरु साहिबानों, छोटे साहिबजादों और करतार सिंह सराभा जैसे शहीदों के बारे में पढ़ाया जाए। दोनों ओलंपिक मैडल भी पीयू ने दिए कंग ने कहा कि पंजाब यूनिवसिर्टी बहुत बड़ा संस्थान है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सुषमा स्वराज व पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुंमार गुजराल पंजाब विश्वविद्यालय के एलुमनी हैं। गत पिछले दो दिनों में ओलंपिक में जो दो मेडल देश ने जीते हैं। उन्हें जीतने वाली मनु भाकर हो या सर्बजोत सिंह, दोनों पंजाब यूनिवर्सिटी के एलुमनी हैं। दोनों मेडल पंजाब यूनिवर्सिटी ने दिए हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान जब वित्तीय संकट से गुजरते हैं तो इन संस्थानों को बचाने के लिए स्पेशल ग्रांट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा हमारे मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। भारत सरकार से अपील है पीएम पोषण और पीएम श्री दोनों स्कीमों का रोका हुआ पैसा पहल के आधार रिलीज किया जाए। इस बारे में चिंतन करे सरकार कंग ने कहा कि दुनिया के 58 हजार बड़े संस्थान हमारे देश में हैं। हम इस हिसाब से दूसरे नंबर पर आते हैं। जबकि एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग की बात करते हैं तो हमारी 33वीं रैंकिंग है। हायर एजुकेशन की एनरोलमेंट की बात करे अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों में 79 फीसदी स्टूडेंट जाते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट मामलों 12 फीसदी और पीएचडी 6 स्टूडेंट रह जाते हैं। इस बारे में केंद्र सरकार को सोचना चाहिए।
तरनतारन में साले ने किया जीजा का मर्डर:बहन का अपमान होने पर ईंट से किए वार; दंपती के बीच हो रहा था विवाद
तरनतारन में साले ने किया जीजा का मर्डर:बहन का अपमान होने पर ईंट से किए वार; दंपती के बीच हो रहा था विवाद पंजाब में तरन तारन के गोइंदवाल साहिब में साले ने अपने जीजा की हत्या कर दी। आरोपी ने अपने जीजा के साथ मामूली विवाद के बाद ईंट से कई वार किए, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान सादिक दीन निवासी मियानी गांव, गोइंदवाल साहिब के रूप में हुई है। बीती रात गुज्जर समुदाय से संबंध रखने वाले दोनों पक्षों में बहस के बाद लड़ाई हो गई थी। मृतक गुज्जर के परिजनों ने बताया कि सादिक दीन की उम्र करीब 45 वर्ष थी। जिसका पत्नी से मामूली विवाद हुआ था। मृतक ने आरोपी की बहन का अपमान किया था। इसी पर गुस्साए व्यक्ति ने अपने जीजा की हत्या कर दी। बहन जीजा की लड़ाई होती देख गुस्से में आया आरोपी पारिवारिक सदस्यों ने कहा- देर रात पति पत्नी दोनों में लड़ाई हो रही थी। इस दौरान सादिक का साला आ गया। उसने आते ही अपने जीजा पर ईंट से कई वार किए। जिसके बाद रात में वो सो गया था। जिसके बाद वह उठा ही नहीं। परिवार सदस्यों ने पुलिस ने इंसाफ की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार आरोपी साले ने जीजा के सिर सहित अन्य हिस्सों पर ईंट से वार किए। गोइंदवाल साहिब थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सादिक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। वहीं, आरोपी के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
सुखबीर बादल पर हमला करने वाला अमृतसर कोर्ट में पेश:पुलिस को मिला दो दिन का रिमांड; चौड़ा के वकील बोले- पुलिस सीसीटीवी नहीं दी जा रही
सुखबीर बादल पर हमला करने वाला अमृतसर कोर्ट में पेश:पुलिस को मिला दो दिन का रिमांड; चौड़ा के वकील बोले- पुलिस सीसीटीवी नहीं दी जा रही शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर सजा पूरी करते समय गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा का दो दिन का रिमांड बड़ा दिया गया है। अमृतसर पुलिस ने नरायण सिंह चौड़ा को तीन दिन का रिमांड खत्म होने के बाद आज फिर से अमृतसर की अदालत में पेश किया। पुलिस ने पांच दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दो दिन का रिमांड ही मंजूर किया। नारायण चौड़ा के वकील ने बताया कि 2 और 4 दिसंबर की सीसीटीवी फुटेज अब तक उन्हें नहीं दी गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) से फुटेज मुहैया कराने की अपील की गई है। वकील का कहना है कि यह मामला एसजीपीसी की जांच टीम से संबंधित है और नरायण सिंह चौड़ा का इसमें कोई सीधा संबंध नहीं है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी एसीपी जसपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नरायण सिंह चौड़ा के पास से बरामद पिस्तौल पहले ही जब्त कर ली गई है। इस मामले में एक अन्य आरोपी धर्म सिंह की गिरफ्तारी बाकी है। पुलिस ने अदालत से पांच दिन के रिमांड की मांग की थी ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके। अदालत ने दो दिन का रिमांड दिया है। पुलिस अब चौड़ा को 16 दिसंबर को फिर से अदालत में पेश करेगी। एसीपी ने बताया कि जांच अभी जारी है और विस्तृत तथ्य जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएंगे। अकाली दल पंजाब पुलिस की जांच पर उठा रहा सवाल घटना के बाद से ही बिक्रम मजीठिया लगातार पुलिस की इन्क्वायरी पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि सुखबीर बादल पर हमला पंजाब पुलिस की विफलता के कारण हुआ है। अमृतसर पुलिस न केवल सुखबीर सिंह बादल की जान की सुरक्षा में लापरवाही बरती, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पाकिस्तान के ज्ञात आईएसआई एजेंट हमलावर नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन सांठगांठ और मिलीभगत कर रहे थे। अमृतसर पुलिस ने सच्चाई को सामने आने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कवर-अप अभियान शुरू किया गया है। लंबे समय से चौड़ा की हिटलिस्ट में थे सुखबीर बादल डोजियर में नाम होने के बावजूद नारायण सिंह चौड़ा को 3 और 4 दिसंबर को गोल्डन टेंपल में कई बार जाने की अनुमति दी गई, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब में सेवा करेंगे। नारायण सिंह चौड़ा को साफ रास्ता दिए जाने और सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें संकेत दिए जाने के आश्चर्यजनक वीडियो-ग्राफिक सबूत हैं। उन्हें कई मौकों पर निर्देश मिलते और पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह रंधावा से बातचीत करते देखा गया है। पंजाब पुलिस ने अधिकारियों ने हत्या की साजिश में मिलाया हाथ उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अमृतसर में पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने सुखबीर सिंह बादल की हत्या की साजिश में हाथ मिला लिया था। नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन मिलीभगत थी। जिसे अपने प्रतिबंधित, अवैध, अत्याधुनिक अर्ध-स्वचालित हथियार के साथ कई बार गोल्डन टेंपल में जाने की अनुमति दी गई थी। उसे पूरे परिसर की टोह लेने के निर्देश दिए गए थे। खासकर उस क्षेत्र की जहां सुखबीर सिंह बादल सेवा कर रहे थे।