‘पत्नी को खुदकुशी के लिए उकसाया था’, सिरोही की अदालत ने पति को सुनाई सात साल की सजा

‘पत्नी को खुदकुशी के लिए उकसाया था’, सिरोही की अदालत ने पति को सुनाई सात साल की सजा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Court Verdict: </strong>सिरोही की अदालत ने पति को सात साल की कठोर कैद और 20 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है. जिला एवं सेशन न्यायाधीश रुपा गुप्ता की अदालत ने भंवर सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत दोषी मानते हुए फैसला सुनाया. लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला ने बताया कि रतनकंवर ने फरवरी 2019 में भंवर सिंह के साथ प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद दंपति में झगड़ा होने लगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पति पत्नी के साथ मारपीट कर कर मर जाने को कहता था. पत्नी पति की प्रताड़ना से तंग आ गई थी. आखिरकार उसने मौत को गले लगाने का फैसला किया. रतनकंवर पति की प्रताड़ना से तंग आकर 25 अगस्त 2019 को घर में फांसी लगाकर जान दे दी. डाक निवासी सोहन सिंह ने थानाधिकारी अनादरा को दामाद के खिलाफ लिखित रिपोर्ट दी. रतनकंवर ने पिता और भाई देवेंद्र सिंह को जानलेवा कदम उठाने से पहले प्रताड़ना की बात बताई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पति को सात साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी भंवर सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया. पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट मजिस्ट्रेट रेवदर की अदालत में पेश किया. मुकदमे की सुनवाई सेशन कोर्ट ने की. न्यायाधीश रुपा गुप्ता की अदालत ने दोनों पक्षों को सुना. लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला के तर्कों से अदालत सहमत हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया गया दोषी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने पति को दोषी माना. लिहाजा, दोषी पति को सात साल की कठोर सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया. पीड़ित पक्ष ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की. पिता ने बताया कि बेटी को इंसाफ मिला है. मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला ने की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार पुरोहित की रिपोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पीएम मोदी करेंगे ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का उद्घाटन, सीएम भजनलाल शर्मा ने किया निरीक्षण” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/pm-modi-to-inaugurate-rising-rajasthan-global-investment-summit-says-cm-bhajan-lal-sharma-ann-2832596″ target=”_self”>पीएम मोदी करेंगे ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का उद्घाटन, सीएम भजनलाल शर्मा ने किया निरीक्षण</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Court Verdict: </strong>सिरोही की अदालत ने पति को सात साल की कठोर कैद और 20 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है. जिला एवं सेशन न्यायाधीश रुपा गुप्ता की अदालत ने भंवर सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत दोषी मानते हुए फैसला सुनाया. लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला ने बताया कि रतनकंवर ने फरवरी 2019 में भंवर सिंह के साथ प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद दंपति में झगड़ा होने लगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पति पत्नी के साथ मारपीट कर कर मर जाने को कहता था. पत्नी पति की प्रताड़ना से तंग आ गई थी. आखिरकार उसने मौत को गले लगाने का फैसला किया. रतनकंवर पति की प्रताड़ना से तंग आकर 25 अगस्त 2019 को घर में फांसी लगाकर जान दे दी. डाक निवासी सोहन सिंह ने थानाधिकारी अनादरा को दामाद के खिलाफ लिखित रिपोर्ट दी. रतनकंवर ने पिता और भाई देवेंद्र सिंह को जानलेवा कदम उठाने से पहले प्रताड़ना की बात बताई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पति को सात साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी भंवर सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया. पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट मजिस्ट्रेट रेवदर की अदालत में पेश किया. मुकदमे की सुनवाई सेशन कोर्ट ने की. न्यायाधीश रुपा गुप्ता की अदालत ने दोनों पक्षों को सुना. लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला के तर्कों से अदालत सहमत हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया गया दोषी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने पति को दोषी माना. लिहाजा, दोषी पति को सात साल की कठोर सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया. पीड़ित पक्ष ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की. पिता ने बताया कि बेटी को इंसाफ मिला है. मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी लोक अभियोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह बाला ने की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार पुरोहित की रिपोर्ट</strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>  राजस्थान पीएम मोदी करेंगे ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का उद्घाटन, सीएम भजनलाल शर्मा ने किया निरीक्षण