पद्म पुरस्कारों की घोषणा, मध्य प्रदेश से इन 5 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान

पद्म पुरस्कारों की घोषणा, मध्य प्रदेश से इन 5 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Padma Awards 2025:</strong> गणतंत्र दिवस से पहले सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. इस बार मध्य प्रदेश से पद्म पुरस्कार के लिए पांच नाम घोषित किए गए हैं. इसमें भैरू सिंह चौहान का नाम शामिल है. इनकी पहचान एक निर्गुण कबीर गायक के रूप में है. वहीं, पुरस्कार पाने वाले जगदीश जोशीला एक निमाड़ी उपन्यासकार हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा उद्यमी शैली होल्कर को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही बुधेंद्र कुमार जैन को मेडिसिन के क्षेत्र में और हरचंदन सिंह भाटी को आर्ट के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए नामित किया गया है. चलिए मध्य प्रदेश की उन हस्तियों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भैरू सिंह चौहान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भैरू सिंह चौहान निर्गुण कबीर गायक हैं, जो इंदौर जिले की महू तहसील में बजरंगपुरा नाम के छोटे से गांव में रहते हैं. भैरू के पिता मादू चौहान भी कबीर गायन करते थे. भैरू ने कबीर वाणी, गोरखनाथ, ब्रह्मानंद, मीरा बाई आदि संतों के भजन गाए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शैली होल्कर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>82 साल की शैली होल्कर को पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिन्होंने महेश्वरी सिल्क और बुनाई को पुनर्जीवित करने के लिए काम किया. होल्कर एक अनुभवी सामाजिक उद्यमी हैं, जिन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित होकर 300 साल पुरानी महेश्वरी हथकरघा उद्योग को फिर से जीवित करने का सराहनीय कार्य किया. उन्होंने मध्य प्रदेश के महेश्वर में एक हैंडलूम स्कूल की स्थापना की, जहां पारंपरिक बुनाई तकनीकों की शिक्षा दी जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जगदीश जोशीला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जगदीश जोशीला निमाड़ी उपन्यासकार हैं. जगदीश जोशीला ने जननायक टंट्या मामा, स्वाधीनता संग्राम में मध्यप्रदेश, निमाड़ी मुहावरा, निमाड़ी में हिंदी की खास, नानी वार्ता, मेरे हिंदुस्तान में, भलई की जड़ पतालम, अमर शहीन महाराव बख्तावरसिंह राठौड़, भारत व्यथा पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के कुल 139 हस्तियों के नाम पद्म पुरस्कारों के लिए घोषित किए हैं, जिनमें से 7 पद्म विभूषण, 19 पदम भूषण और 113 पद्मश्री हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”इंदौर में 7 साल तक मां ने बेटे को लोहे की जंजीरों से बांधे रखा, NGO ने रेस्क्यू कर पहुंचाया अस्पताल” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indore-son-was-tied-in-chains-for-7-years-ngo-admitted-in-mental-hospital-ann-2870503″ target=”_self”>इंदौर में 7 साल तक मां ने बेटे को लोहे की जंजीरों से बांधे रखा, NGO ने रेस्क्यू कर पहुंचाया अस्पताल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Padma Awards 2025:</strong> गणतंत्र दिवस से पहले सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. इस बार मध्य प्रदेश से पद्म पुरस्कार के लिए पांच नाम घोषित किए गए हैं. इसमें भैरू सिंह चौहान का नाम शामिल है. इनकी पहचान एक निर्गुण कबीर गायक के रूप में है. वहीं, पुरस्कार पाने वाले जगदीश जोशीला एक निमाड़ी उपन्यासकार हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा उद्यमी शैली होल्कर को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही बुधेंद्र कुमार जैन को मेडिसिन के क्षेत्र में और हरचंदन सिंह भाटी को आर्ट के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए नामित किया गया है. चलिए मध्य प्रदेश की उन हस्तियों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भैरू सिंह चौहान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भैरू सिंह चौहान निर्गुण कबीर गायक हैं, जो इंदौर जिले की महू तहसील में बजरंगपुरा नाम के छोटे से गांव में रहते हैं. भैरू के पिता मादू चौहान भी कबीर गायन करते थे. भैरू ने कबीर वाणी, गोरखनाथ, ब्रह्मानंद, मीरा बाई आदि संतों के भजन गाए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शैली होल्कर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>82 साल की शैली होल्कर को पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिन्होंने महेश्वरी सिल्क और बुनाई को पुनर्जीवित करने के लिए काम किया. होल्कर एक अनुभवी सामाजिक उद्यमी हैं, जिन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित होकर 300 साल पुरानी महेश्वरी हथकरघा उद्योग को फिर से जीवित करने का सराहनीय कार्य किया. उन्होंने मध्य प्रदेश के महेश्वर में एक हैंडलूम स्कूल की स्थापना की, जहां पारंपरिक बुनाई तकनीकों की शिक्षा दी जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जगदीश जोशीला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जगदीश जोशीला निमाड़ी उपन्यासकार हैं. जगदीश जोशीला ने जननायक टंट्या मामा, स्वाधीनता संग्राम में मध्यप्रदेश, निमाड़ी मुहावरा, निमाड़ी में हिंदी की खास, नानी वार्ता, मेरे हिंदुस्तान में, भलई की जड़ पतालम, अमर शहीन महाराव बख्तावरसिंह राठौड़, भारत व्यथा पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के कुल 139 हस्तियों के नाम पद्म पुरस्कारों के लिए घोषित किए हैं, जिनमें से 7 पद्म विभूषण, 19 पदम भूषण और 113 पद्मश्री हैं.</p>
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