पलवल में अब हथियार की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई होगी। सोशल मीडिया पर युवा एक दूसरे के देखा-देखी हथियार लेकर उसे लहराते हुए अलग-अलग पोज में फोटो बनाकर अपलोड कर देते है। जिससे समाज में गलत संदेश जाता है। साथ ही समाज में आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। एसपी चंद्र मोहन ने कहा कि इस प्रकार का गैर कानूनी कार्य करने में जिस व्यक्ति का हथियार होता है और जो फोटो अपलोड करता है दोनों ही दोषी होंगे। अधिकतर मामले हर्ष फायरिंग से जुड़े होते है, जो कि गैर कानूनी है। उन्होंने आम जनता को जागरूक करते हुए निर्देश दिया कि कोई भी लाईसेंस शुदा हथियार धारक अपने हथियारों को किसी भी अन्य व्यक्ति को न सौंपे। किसी भी व्यक्ति के द्वारा इस प्रकार के हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और हथियार का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह एक बहुत ही गलत प्रवृत्ति है इससे युवा वर्ग के भ्रमित होकर पथभ्रष्ट होने की संभावना बनी रहती है। पलवल में अब हथियार की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई होगी। सोशल मीडिया पर युवा एक दूसरे के देखा-देखी हथियार लेकर उसे लहराते हुए अलग-अलग पोज में फोटो बनाकर अपलोड कर देते है। जिससे समाज में गलत संदेश जाता है। साथ ही समाज में आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। एसपी चंद्र मोहन ने कहा कि इस प्रकार का गैर कानूनी कार्य करने में जिस व्यक्ति का हथियार होता है और जो फोटो अपलोड करता है दोनों ही दोषी होंगे। अधिकतर मामले हर्ष फायरिंग से जुड़े होते है, जो कि गैर कानूनी है। उन्होंने आम जनता को जागरूक करते हुए निर्देश दिया कि कोई भी लाईसेंस शुदा हथियार धारक अपने हथियारों को किसी भी अन्य व्यक्ति को न सौंपे। किसी भी व्यक्ति के द्वारा इस प्रकार के हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और हथियार का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह एक बहुत ही गलत प्रवृत्ति है इससे युवा वर्ग के भ्रमित होकर पथभ्रष्ट होने की संभावना बनी रहती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी हरियाणा में कांग्रेस ने बहुत ही सधे अंदाज में गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर व बादशाहपुर से वर्धन यादव पर दांव लगाकर बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। कांग्रेस इनके जरिए यूथ वोटर्स में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश में है। इसके चलते गुरुग्राम-बादशाहपुर दोनों ही विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। हालांकि आप का कांग्रेस से गठबंधन हो गया तो फिर गुरुग्राम में बीजेपी के लिए कुछ राहत की खबर हो सकती है। फिलहाल गुरुग्राम सीट पर बीजेपी से बागी होकर चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी की परेशानी बढ़ा रखी है। पंजाबी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने एक माह पहले पार्टी में आए मोहित ग्रोवर पर दांव लगाया है। बादशाहपुर में राव नरबीर सिंह के कद के आगे वर्धन यादव उनको कड़ी चुनौती देने में शायद ही सफल होंगे। गुरुग्राम में कड़े मुकाबले की संभावनाएं बन रहीं हैं, तो बादशाहपुर में नरबीर सिंह के सामने भीतरघात से निपटना एक बड़ी चुनौती है। भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव सबसे पहले गुरुग्राम सीट की बात करें तो बीजेपी ने शायद पहली बार ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा पर दांव लगाया है। जबकि उसके मूल कैडर वोटर्स पंजाबी व वैश्य हैं। वहीं कांग्रेस ने करीब एक लाख वोटर्स वाले पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर पर दांव लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस की सोच है कि पंजाबी चेहरे के नाम पर पूरा समाज एकजुट होगा और पार्टी सिंबल होने से मोहित आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। 2019 में मोहित दे चुके कड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में मोहित ने निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 25 प्रतिशत वोट हासिंल कर बीजेपी के सुधीर सिंगला के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर रहे थे। इसी के चलते सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक माह पहले ही मोहित ग्रोवर को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई और अब टिकट थमा बीजेपी की धड़कने बड़ा दी हैं। हालांकि बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में नवीन गोयल के कारण यहां पर इस समय त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है। वर्धन यादव के सामने कई चुनौती बादशाहपुर हलका में कांग्रेस ने भले ही यूथ चेहरे वर्धन यादव पर दांव लगाया है, लेकिन वह पूर्व मंत्री व प्रदेश के बड़े नेता राव नरबीर सिंह के कद के सामने कहीं टिकते नजर नहीं आते हैं। वैसे भी वर्धन का यह पहला चुनाव है और चुनाव लड़ने का भी उनको अनुभव नहीं है। साथ ही उनके पास सीमित टीम व वर्कर्स हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह टिकट के दावेदार थे, लेकिन राजबब्बर के कारण उनका नाम पीछे रह गया था। हालांकि वह अपनी बादशाहपुर विधानसभा से भी राजबब्बर को नहीं जीता पाए थे और इसी के चलते साफ है कि यहां पर उनको अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा। दीपेंद्र हुड्डा व राहुल गांधी के करीबी होने के साथ ही यूथ चेहरे के कारण उनको कांग्रेस ने टिकट तो दे दिया, लेकिन राव नरबीर को चुनौती देना उनके लिए बड़ा टॉस्क है। नरबीर बादशाहपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और इसके पहले वह अलग-अलग विधानसभाओं से चुनाव लड़ते आए हैं। 2019 में नरबीर की टिकट कटने के बाद भी वह बादशाहपुर में सक्रिय हैं और बीजेपी ही नहीं बल्कि उनकी अपनी खुद की मजबूत टीम क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं यहां पर 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी जाट चेहरे के रूप में निर्दलीय चुनावी रण में हैं। हालांकि राकेश दौलताबाद वाली बात तो नहीं है लेकिन सहानुभूति के सहारे वह यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटी हुईं हैं। गुरुग्राम कांग्रेस के जाट नेता नाराज
पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी थे और गुरुग्राम से वह प्रबल दावेदार थे। हालांकि 2014 में निर्दलीय व 2019 में कांग्रेस टिकट से हारने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। वहीं दीपेंद्र हुड्डा एक महीने पहले मोहित ग्रोवर को कांग्रेस में लाए और टिकट भी दिला दी। अब कांग्रेस के जाट नेता इसको हजम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुखबीर कटारिया खुलकर कुछ नहीं कह रहे और मोहित ग्रोवर की मदद की बात कर रहे हैं, लेकिन टिकट कटने से अंदरखाने तो सब ठीक नहीं चल रहा होगा। वहीं पूर्व चेयरमैन कुलदीप कटारिया जो कि गुरुग्राम गांव से आते हैं वह अपने राजस्थान के माध्यम से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। वह दीपेंद्र हुड्डा के भी करीबी हैं और अब टिकट कटने पर समर्थकों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। जाट भले ही बीजेपी से नाराज हो लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से वह भी व्यथित नजर आ रहा है। बीजेपी की पंजाबी नेताओं पर नजर
गुरुग्राम पंजाबी बाहुल्य सीट है और यहां पर कांग्रेस का एकाधिकार भी रहा है। इस बार कांग्रेस ने पंजाबी चेहरे पर दांव लगाया है लेकिन सभी की नजर बीजेपी पंजाबी नेताओं पर है। बीजेपी से पंजाबी चेहरे में पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, स्वामी धर्मदेव, बोधराज सिकरी, सीमा पाहूजा आदि टिकट की रेस में थे। अब यह समाज के साथ जाएंगे या फिर बीजेपी संग खड़े रहेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा को लेकर पंजाबी नेताओं में खासी नाराजगी है। ओबीसी यादव वोट बंटने पर कुमुदनी देख रहीं अपना फायदा
बादशाहपुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने ही ओबीसी यानि यादव वोट पर विश्वास जताया है। बीजेपी में यादव समाज की ओर से 2019 का चुनाव लड़ने वाले मनीष यादव, पूर्व सीएम के ओएसडी रहे जवाहर यादव भी टिकट रेस में थे। अब यह दोनों नरबीर का कितना साथ देंगे या फिर 2019 की कहानी दोहराई जाएगी इस पर सभी की नजर है। 2019 चुनाव निर्दलीय जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी को उम्मीद है कि कांग्रेस-बीजेपी के दोनों प्रत्याशी यादव हैं, तो यह वोट बंटेगा। वहीं जाट के साथ ही 2019 में राकेश दौलताबाद का साथ देने वाला वोटर सहानुभूति के साथ इस बार पहले से भी अधिक साथ देगा। निर्दलीय ही चुनावी रण में कूदेंगे बीर सिंह आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच बादशाहपुर सीट पर लगातार सक्रिय हैं। बड़े-बड़े प्रोग्राम के साथ बड़े स्तर पर जनसंपर्क अभियान कर वह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में लगे हैं। हालांकि आप-कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ है और कांग्रेस ने बादशाहपुर से प्रत्याशी उतार दिया है, तो साफ है कि बीर सिंह यहां से निर्दलीय चुनावी रण में उतरेंगे। बीर सिंह बताते हैं कि क्षेत्र में उनकी अपनी पहचान है और जनहित के मुद्दे उठाने के साथ ही लोगों की समस्याओं को लेकर उनकी संस्था लगातार सक्रिय है। खुद क्षेत्र के लोग उनको निर्दलीय चुनाव लड़ने का प्रेशर बना रहे हैं। इसके चलते वह जनता के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। गुरुग्राम में मोहित का मजबूत पक्ष… -कांग्रेस पार्टी का सिंबल और हुड्डा खेमे की मदद
-पंजाबी चेहरा होने से समाज के वोट एकजुट होने की उम्मीद
-यूवा होने के चलते यूथ वोटर्स में मजबूत पकड़
-पिता स्व. मदन लाल ग्रोवर की पंजाबी समाज में पकड़ मोहित के कमजोर पहलू… -कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी
-टिकट कटने से नाराज नेताओं की नाराजगी
-जाट समाज को साथ लाना
-2019 के चुनाव के बाद निष्क्रिय
-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर का साथ नहीं देने के आरोप वर्धन यादव का मजबूत पक्ष… -राहुल गांधी व दीपेंद्र हुड्डा से नजदीकी
-युवा होने के चलते यूथ वोटर्स में पकड़
-एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेशाध्यक्ष होने से यूथ टीम मजबूत वर्धन का कमजोर पहलू… -चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
-लोकसभा चुनाव में टिकट कटने पर प्रचार से दूर रहना
-कांग्रेस के साथ ही खुद की सीमित टीम
-बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ नहीं
डबवाली विधायक ने विधानसभा में उठाए जनहित मुद्दे:अदित्य चौटाला बोले-अनुसूचित वर्ग के लिए काटी कॉलोनियां, कमियों को किया उजागर
डबवाली विधायक ने विधानसभा में उठाए जनहित मुद्दे:अदित्य चौटाला बोले-अनुसूचित वर्ग के लिए काटी कॉलोनियां, कमियों को किया उजागर हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली विधानसभा क्षेत्र के इनेलो विधायक अदित्य चौटाला हर परिस्थिति में उचित ढंग से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता रखते है। इसलिए परिपक्वता के चलते डबवाली हल्के के मुदें को प्रमुखता से विधानसभा में उठा रहे हैं। विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विधायक अदित्य देवालाल ने अनुसूचित वर्ग के लिए काटी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमियों को उजागर किया। वर्षों बाद भी सुविधाओं से वंचित सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सहित अनेक सटीकता के साथ अन्य मुद्दों को उठाया। अदित्य देवीलाल ने सरकार से कहा कि ग्रामीण व शहरी इलाकों में अनुसूचित जाति के लिए काटी गई कॉलोनियों में 100-100 गज के प्लाट आबंटित किए थे, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी इन काॅलाेनियों के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। क्या सरकार में बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है उन्होंने मुख्यमंत्री व संबंधित विभाग के मंत्री से सवाल किया कि क्या मात्र 7 लाख रूपए राशि से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है? क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? क्या सभी पंचायतों में जल्द से जल्द कार्य करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है? इसके अतिरिक्त अदित्य ने अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। पंचायत की जमीन पर काटे प्लाट इनेलो विधायक अदित्य देवीलाल ने सदन में कहा कि वर्तमान बीजेपी और इससे पूर्व कांग्रेस की सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत गरीब एवं अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित कर गांवों और शहरों में काटी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी अब तक क्यों रही। ये प्लाट पंचायत की जमीन पर काटे गए, जो लगभग सभी जगह गांवों से काफी दूर है। उनको सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दूर तक जाना पड़ता है। अत: इन कॉलोनियों में सरकार द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। योजनाओं को पूरा करने में विलंब नहीं होना चाहिए विधायक अदित्य देवीलाल ने तीसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि जैसी उन्हें जानकारी मिली है कि अभी तक लगभग एक हजार ग्राम पंचायतों को इसके लिए चयनित किया गया है और अगर इस योजना की यही गति रही तो इस योजना के क्रियान्वयन में लंबा समय लग जाएगा। क्या इसे सभी पंचायतों में जल्द से जल्द करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है? अगर है तो उसका ब्योरा सदन में दिया जाए। डबवाली में बनाई जाए ऑटो मार्केट अदित्य देवीलाल ने सत्र के दौरान ओटू वियर चैनल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिरसा जिला में किसानों के लिए सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत ओटू वियर है। इसकी कैपेसिटी 6 हजार क्यूजिक है, लेकिन हर साल बरसातों में लगभग 45 हजार क्यूजिक पानी इसमें आता है। यह किसानों के लिए पानी उनके खेतों तक पहुंचने का जरिया है। उन्होंने कहा कि ओटू चैनल की कैपेसिटी बढ़ाई जाए, ताकि सिरसा जिला के हर गांव तक बरसाती पानी पहुंच सके। दूसरा डबवाली में कोई ऑटो मार्किट नहीं है। हुडा की जमीन वहां है, जिसमें ऑटो मार्केट बनाई जा सकती है। हर वर्ग की आवाज करूंगा बुलंद विधायक अदित्य देवीलाल ने आमजन को संदेश देते हुए कहा कि वे जननायक चौधरी देवी लाल के दिखाए रास्ते पर चलते हुए प्रदेश के हक के लिए गांव-गलियार से लेकर विधानसभा तक सदैव संघर्ष रत रहेंगे और प्रदेश के किसान-कमेरे, कर्मचारी व्यापारी, वर्ग की आवाज बुलंद करने का काम करूंगा। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्य को वे हमेशा सर्वोपरि मानकर आमजन के लिए कार्य करते रहेंगे।
हरियाणा का छोरा पेरिस ओलिंपिक में बना मेन डिफेंडर:ब्रिटेन के 19 पास रोके, 2 गोल विफल किए; रोहित दास की भी जिम्मेदारी उठाई
हरियाणा का छोरा पेरिस ओलिंपिक में बना मेन डिफेंडर:ब्रिटेन के 19 पास रोके, 2 गोल विफल किए; रोहित दास की भी जिम्मेदारी उठाई पेरिस ओलिंपिक में रविवार को ब्रिटेन के साथ हुए भारत के हॉकी मुकाबले में हरियाणा के छोरे संजय ने दमदार खेल दिखाया। मैच के दौरान अमित रोहित दास को रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिए जाने के बाद संजय ने मेन डिफेंडर की भूमिका निभाई। उन्होंने अमित की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर उठाते हुए पूरे मैच में विपक्षी टीम के 19 पास रोके। साथ ही गोल के 2 प्रयासों को विफल कर दिया। हिसार के गांव डाबड़ा के संजय ऐसी जगह से हैं जहां हॉकी के लिए कोई सुविधा नहीं है। संजय के कोच राजेंद्र सिहाग ने गांव में लड़कों को हॉकी सिखाने के लिए पंचायती जमीन पर खुद के पैसों से ग्राउंड तैयार किया और बिना सरकारी मदद के ओलिंपियन तैयार कर दिया। संजय की उपलब्धि पर पूरे गांव को गर्व है। संजय की इस मदद के साथ भारत ने ब्रिटेन को शूट आउट में मात दी। गांव में चाचा के घर देखा लाइव मैच
गांव डाबड़ा में ग्रामीणों और परिवार के लोगों ने संजय के चाचा के घर एकत्रित होकर एक साथ LED पर मैच देखा। बच्चे, बुजुर्ग व युवा सभी पूरे मैच को एकटक देखते रहे। सभी ने भारतीय टीम के गोल करने पर खूब तालियां बजाईं और हूटिंग की। संजय ने मैच में तीसरे व चौथे क्वार्टर में ब्रिटेन को कोई गोल नहीं करने दिया। ब्रिटेन ने शुरुआत से ही भारतीय टीम के गोल पोस्ट पर आक्रमण किए। इन सभी आक्रमण को भारतीय टीम ने विफल कर दिया। संजय ने मैच में प्रमुख भूमिका निभाते हुए गोल के नजदीक एक पास रोका, जो गोल में तब्दील होने वाला था। माता-पिता ने कहा- सेमीफाइनल से पहले पूजा करेंगे
भारत की जीत पर संजय के पिता नेकीराम व माता कौशल्या देवी व परिवार के अन्य लोगों ने खुशी मनाई। सभी ने कामना की है कि भारत सेमीफाइनल में तो पहुंच गया है, बस फाइनल और जीत जाए। कहा कि वे सेमीफाइनल मैच से पहले पूजा करेंगे, ताकि भारतीय टीम जीत सके। कोच राजेंद्र ने बताया कि संजय और अन्य खिलाड़ियों की बदौलत टीम ने गोल रोके तो मैच के पहले क्वार्टर में स्कोर 0-0 से बराबर रहा। दूसरे क्वार्टर में भारत के खिलाड़ी अमित को विपक्षी खिलाड़ी के चेहरे पर हॉकी लगने पर रेड कार्ड दिया गया। इसकी वजह से टीम को 10 ही खिलाड़ियों से खेलना पड़ा। एक खिलाड़ी को रेड कार्ड मिलते ही भारतीय टीम से 13वें मिनट में हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर से ब्रिटेन के खिलाफ गोल किया। यह पेनल्टी कॉर्नर अभिषेक ने बनाया था। यह मैच का टर्निंग प्वाइंट भी रहा। प्रैक्टिस के लिए चक्कर में खाना भूल जाता था
संजय के कोच राजेंद्र सिहाग ने बताया कि संजय इतनी मेहनत करता था कि वह रात को खाना भी नहीं खा पाता था। वह रोजाना 4 घंटे प्रैक्टिस करता था। घर में खूब दूध-दही खाता था। संजय के माता-पिता उसके खाने-पीने का ध्यान रखते थे और मैं उसके खेल पर ध्यान देता था। संजय ने 2012 में खेलना शुरू किया। जब शुरू में संजय आया तो वह दुबला पतला था, इसलिए मैंने उसे हॉकी खेलने का चांस दिया। 15 दिनों में उसका खेल निखर कर सामने आने लगा। मैं समझ गया था कि यह लड़का आगे चलकर नाम रोशन करेगा।