पलवल जिले में एक विवाहिता के साथ उसका देवर जबरन अवैध संबंध बनाना चाहता था। पीड़िता के विरोध करने पर उसके पति सहित ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की। मारपीट के बाद उसके भाई, मां व बहन उसके पास आए तो ससुराल वालों ने उनके साथ भी मारपीट की। इतना ही नहीं आरोपी उसकी बहन को घसीटकर अंदर ले गए और छेड़छाड़ की। पुलिस ने विवाहिता की शिकायत पर उसके पति, देवर सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। देवर ने किया रेप का प्रयास चांदहट थाना प्रभारी जगबीर सिंह के अनुसार, एक विवाहिता ने दी शिकायत में कहा है कि उसकी शादी 2015 में हुई थी। शादी के बाद उसके दो बेटों को भी जन्म दिया। लेकिन उसका पति, सास, देवर, ननद और भांजा उसके साथ आए दिन मारपीट करते रहते है। जिसको लेकर कई बार पंच-पंचायत हुई, परंतु वे अपनी आदतों से बाज नहीं आए। 15 अगस्त को उसके साथ सभी ने मारपीट की और उसके देवर ने छेड़छाड़ कर जबरन उसके साथ रेप करने का प्रयास किया। आरोप है कि देवर पहले भी कई बार वारदात कर चुका है। लेकिन वह शर्म के कार चुप रही। बहन के साथ भी की छेड़छाड़ झगड़े की बात सुनकर उसकी मां, भाई, बहन और भांजा उसकी ससुराल आए तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की और उसकी बहन को उसका देवर व उसके साथी घसीटते हुए अंदर कमरे में ले गए और छेड़छाड़ की। झगड़े में उसे, उसकी बहन, भाई, और मां को चोट आई है। उन्होंने डायल 112 पर फोन किया तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उन्हें उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस ने विवाहिता की शिकायत पर उसके पति, देवर, सास, ननद और भांजे के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पलवल जिले में एक विवाहिता के साथ उसका देवर जबरन अवैध संबंध बनाना चाहता था। पीड़िता के विरोध करने पर उसके पति सहित ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की। मारपीट के बाद उसके भाई, मां व बहन उसके पास आए तो ससुराल वालों ने उनके साथ भी मारपीट की। इतना ही नहीं आरोपी उसकी बहन को घसीटकर अंदर ले गए और छेड़छाड़ की। पुलिस ने विवाहिता की शिकायत पर उसके पति, देवर सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। देवर ने किया रेप का प्रयास चांदहट थाना प्रभारी जगबीर सिंह के अनुसार, एक विवाहिता ने दी शिकायत में कहा है कि उसकी शादी 2015 में हुई थी। शादी के बाद उसके दो बेटों को भी जन्म दिया। लेकिन उसका पति, सास, देवर, ननद और भांजा उसके साथ आए दिन मारपीट करते रहते है। जिसको लेकर कई बार पंच-पंचायत हुई, परंतु वे अपनी आदतों से बाज नहीं आए। 15 अगस्त को उसके साथ सभी ने मारपीट की और उसके देवर ने छेड़छाड़ कर जबरन उसके साथ रेप करने का प्रयास किया। आरोप है कि देवर पहले भी कई बार वारदात कर चुका है। लेकिन वह शर्म के कार चुप रही। बहन के साथ भी की छेड़छाड़ झगड़े की बात सुनकर उसकी मां, भाई, बहन और भांजा उसकी ससुराल आए तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की और उसकी बहन को उसका देवर व उसके साथी घसीटते हुए अंदर कमरे में ले गए और छेड़छाड़ की। झगड़े में उसे, उसकी बहन, भाई, और मां को चोट आई है। उन्होंने डायल 112 पर फोन किया तो पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उन्हें उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस ने विवाहिता की शिकायत पर उसके पति, देवर, सास, ननद और भांजे के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में मिला राजस्थान पुलिस के जवान का शव:निजी कंपनी के सामने नाले में पड़ा था, अलवर का रहने वाला रेवाड़ी जिले के औद्योगिक क्षेत्र बावल के दिल्ली जयपुर हाईवे स्थित एक निजी कंपनी के समीप बने नाले में आज सुबह एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला। सूचना पाकर मौके पर पहुंची कसोला थाना पुलिस ने मृतक की जेब से एक आईडी कार्ड बरामद किया है। जिससे यह जानकारी मिली कि मृतक राजस्थान पुलिस में कार्यरत है। मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष के करीब बताई जा रही है। नाले में पड़ा मिला शव जानकारी के अनुसार मृतक का नाम उपेंद्र पुत्र उदय सिंह गांव माणका, थाना मुंडावर जिला अलवर राजस्थान का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार उन्हें आज सूचना मिली कि दिल्ली जयपुर हाईवे स्थित नाले में एक व्यक्ति का शव मिला है। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक की तलाशी ली तो उसकी जेब से एक आईडी कार्ड मिला। जिससे उसकी पहचान हो पाई। वह राजस्थान पुलिस में कर्मचारी है। मृतक ने पुलिस की वर्दी वाली खाकी पेंट तथा काले जूते पहने हुए हैं और सफेद रंग की शर्ट पहनी हुई है। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस के अनुसार उसके पैर और सर पर चोट की निशान है। सिर पर लगी चोट मृतक की मौत की वजह हो सकती है। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
हरियाणा में 3 दिन ठंडी हवाओं का अलर्ट:दिन के साथ रात का पारा भी गिरेगा; प्रदूषण में सुधार होगा, 300 से नीचे आया AQI
हरियाणा में 3 दिन ठंडी हवाओं का अलर्ट:दिन के साथ रात का पारा भी गिरेगा; प्रदूषण में सुधार होगा, 300 से नीचे आया AQI हरियाणा में 3 दिन ठंडी हवाओं को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। पहाड़ों से चलने वाली हवाओं से सूबे के अधिकांश जिलों में ठिठुरन बढ़ेगी। हवाओं की तेज गति के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार के भी आसार हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के स्तर में सुधार है। सभी जिलों का AQI स्तर 300 से नीचे ही रिकॉर्ड किया गया है। वहीं 24 घंटे में दिन के पारे में 0.8 डिग्री बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रात के तापमान में 0.8 डिग्री की गिरावट आई है। वहीं सोनीपत की रात सबसे ठंडी रहीं। यहां का न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री रहा। रोहतक के दिन सबसे ठंडे रिकॉर्ड किए गए। यहां का अधिकतम तापमान 24.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों में एक्टिव हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण सूबे के कई जिलों में बादल छाने के आसार हैं। पहाड़ों की ओर से चलने वाली हवाओं से दिन और रात के पारे में गिरावट देखने को मिल सकती है। 300 से नीचे आया AQI प्रदेश में एक्यूआई 300 से नीचे आ गया है। हवा चलने से प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार आया है। गुरुग्राम का AQI 201 रिकॉर्ड किया गया। वहीं बहादुरगढ़ का 177, घरौंदा का 177, फरीदाबाद का 175, सिरसा का 169, भिवानी का 164, यमुनानगर का 164, हिसार का 163, और मुरथल का 162 रहा। वहीं दो ऐसे भी शहर रहे, जिनकी हवा सबसे साफ दर्ज की गई। इनमे मंडीखेड़ा और पंचकूला के नाम शामिल हैं। आगे कैसा रहेगा मौसम कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि अभी सूबे में मौसम खुश्क रहने की संभावना है। पहाड़ों में रात से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवा की दिशा में बदलाव होने से बादल छाने के आसार लगातार बने हुए हैं, इससे रात और दिन के तापमान में कमी आने के आसार बन रहे हैं। हालांकि मौसम खुलने से और पहाड़ों की हवाओं से आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अपने स्वतंत्रता सेनानी पति की पेंशन का इंतजार करते-करते बुजुर्ग महिला का निधन हो गया। महिला ने पेंशन पाने के लिए कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी केवल तारीख ही मिली। अब अगली तारीख 13 दिसंबर है, जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। हालांकि, इस सुनवाई को देखने और फैसला सुनने के लिए अब वह बुजुर्ग महिला दुनिया में नहीं है। दिवंगत बुजुर्ग महिला के परिजन बताते हैं कि नाम और उपनाम में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें पति की पेंशन नहीं मिल पाई। इसके लिए उन्होंने करीब 12 साल तक इंतजार किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे सुल्तान राम
बुजुर्ग महिला का नाम बर्फी देवी था। वह महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी में सिलारपुर गांव की रहने वाली थीं। उनके पति का नाम सुल्तान राम था, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बर्फी देवी की बेटियां सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी बताती हैं कि उनके पिता सुल्तान राम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे। उन्होंने बताया कि सन 1942 में पिता सुल्तान राम आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने। इसके बाद 1944 में उन्हें फ्रांस में बंदी बना लिया गया। इस दौरान उन्होंने करीब साढ़े 3 साल फ्रांस की जेल में ही काटे। वहां देश की आजादी के लिए यातनाएं सहीं। इसके बाद देश आजाद होने के साथ ही 1947 में वह जेल से बाहर आ गए। 1972 में मिला स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा
सुमित्रा और ज्ञान देवी ने बताया कि सुल्तान राम को 1972 में स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला। इसके बाद लगातार उन्हें राज्य सरकार से पेंशन मिलती रही। जब 2011 में उनकी मौत हुई तब भी राज्य सरकार की ओर से उन्हें पेंशन मिलती रही, लेकिन केंद्र से मिलने वाली पेंशन शुरू नहीं की गई। दरअसल, सुल्तान राम का जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हुआ था। जब उनकी पत्नी बर्फी देवी ने केंद्र में पेंशन के लिए अप्लाई किया तो वहां नाम और उपनाम की दिक्कत सामने आई। वहां बताया गया कि अलग-अलग प्रमाण पत्रों में बर्फी देवी का नाम बर्फी देवी और बरफी देवी है। पेंशन के लिए अदालत पहुंची बर्फी देवी
वहीं, सुल्तान राम का नाम भी पैन कार्ड और बैंक पासबुक में सुल्तान सिंह और सुल्तान राम है। इस कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरियाणा सरकार से बर्फी देवी के नाम और पहचान से जुड़ी जानकारियां मांगी गईं। तब महेंद्रगढ़ के तत्कालीन उपायुक्त (DC) ने ये जानकारियां गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराईं। हालांकि, इसके बाद भी बर्फी देवी को उनके स्वतंत्रता सेनानी पति सुल्तान राम की पेंशन नहीं दी। इसके लिए बर्फी देवी ने सालों इंतजार किया। अंत में बर्फी देवी अदालत की चौखट पर पहुंचीं। उन्होंने साल 2023 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की और पति की पेंशन बहाल करने की गुहार लगाई। कोर्ट ने केंद्र सरकार पर जुर्माना लगाया
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार करते हुए मामले की रिपोर्ट नहीं सौंपी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में केंद्र सरकार पर 15 हजार का जुर्माना लगाया। इसके बाद भी जब केंद्र से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो कोर्ट ने 24 जुलाई 2024 को अगली सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगने के बाद भी केंद्र सरकार ने बर्फी देवी की पेंशन शुरू नहीं की। अब 9 नवंबर 2024 को बर्फी देवी का निधन हो चुका है। बेटी बोली- मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी थी मां
सुल्तान सिंह की पेंशन लेने के लिए न तो खुद सुल्तान राम रहे और न ही अब उनकी पत्नी बर्फी देवी रहीं। अब उनके 2 बेटे और 2 बेटियां हैं। सुल्तान राम के बड़े बेटे रंजीत सिंह हैं जो आर्मी में हैं। वहीं, छोटे बेटे रामचंद्र सिंह हैं, जो नारनौल में ही रजिस्ट्री क्लर्क थे। वहीं, दोनों बेटियों सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी की भी शादी हो चुकी है और वे चंडीगढ़ में रहती हैं। अब इस पेंशन मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होनी है। सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी का कहना है कि उनकी मां इस मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं, क्योंकि उन्हें अपने उस पति की पेंशन नहीं मिल पा रही थी, जिसने इस देश की आजादी में अपना योगदान दिया। जबकि, उनके पास पूरे दस्तावेज थे। केंद्र सरकार की ओर से उनकी अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि गांव में जब दस्तावेज बनाए जाते हैं, तब इस तरह की वर्तनी की गलतियां अक्सर हो जाती हैं। यहां लोग इतने शिक्षित नहीं होते। वे समझ नहीं पाते कि क्या सही है और क्या गलत। इस पर ध्यान देना चाहिए। गृह मंत्रालय को भेजे संदेशों का रिकॉर्ड सुरक्षित
वहीं, इस मामले में बर्फी देवी के वकील रहे रविंद्र ढुल ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के सामने बर्फी देवी का मामला रखा। पिछले साल यह मामला दायर किया गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि परिवार ने पिछले कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय को भेजे गए संदेशों का एक बड़ा रिकॉर्ड भी संभाल कर रखा हुआ है।