<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News: </strong>आईएएस अधिकारी दीप्ति उमाशंकर को बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. वह राष्ट्रपति <a title=”द्रौपदी मुर्मू” href=”https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu” data-type=”interlinkingkeywords”>द्रौपदी मुर्मू</a> की सचिव होंगी. राष्ट्रपति की ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूडी यानी OSD होने के नाते उनका रैंक और वेतन दोनों ही भारत सरकार के सचिव का होगा. वह राजेश वर्मा का स्थान लेंगी. वह फिलहाल कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में इस्टैबलिशमेंट एंड अडिशनल सेक्रेटरी हैं. दीप्ति हरियाणा की रहने वाली हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News: </strong>आईएएस अधिकारी दीप्ति उमाशंकर को बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. वह राष्ट्रपति <a title=”द्रौपदी मुर्मू” href=”https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu” data-type=”interlinkingkeywords”>द्रौपदी मुर्मू</a> की सचिव होंगी. राष्ट्रपति की ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूडी यानी OSD होने के नाते उनका रैंक और वेतन दोनों ही भारत सरकार के सचिव का होगा. वह राजेश वर्मा का स्थान लेंगी. वह फिलहाल कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में इस्टैबलिशमेंट एंड अडिशनल सेक्रेटरी हैं. दीप्ति हरियाणा की रहने वाली हैं.</p> पंजाब लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति पर भड़के चंद्रशेखर आजाद, कहा- ‘बिना कोई परीक्षा पास किए…’
Related Posts
UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में सबसे धनी उम्मीदवार कौन? कितने हैं अरबपति, जानें यहां
UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में सबसे धनी उम्मीदवार कौन? कितने हैं अरबपति, जानें यहां <p style=”text-align: justify;”><strong>Lok Sabha Election 2024: </strong><a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> 2024 का चुनावी प्रक्रिया जारी है. यूपी की कुल 80 सीटों में पांच अरबपति प्रत्याशी भी है. 40 प्रतिशत से ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार भी है. भाजपा के सबसे ज्यादा 74, बहुजन समाज पार्टी के 60, समाजवादी पार्टी के 58 व कांग्रेस के 14 उम्मीदवार करोड़पति है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>छोटे राजनीतिक दलों व निर्दलीय को मिला लें तो 163 करोड़पति उम्मीदवार भी मैदान में है. सबसे अमीर प्रत्याशी मथुरा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हेमा मालिनी है. इनकी संपत्ति 278 करोड़ रुपये की है. दूसरे नंबर झांसी से भाजपा के उम्मीदवार अनुराग शर्मा है. उनकी संपत्ति 212 करोड़ रुपये की है. बरेली से सपा के उम्मीदवार प्रवीण सिंह एरन की संपत्ति 182 करोड़ रुपये की है. सहारनपुर से बसपा के उम्मीदवार माजिद अली की संपत्ति 159 करोड़ है. फिरोजाबाद से सपा उम्मीदवार अक्षय यादव की संपत्ति 136 करोड़ रुपये की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितने उम्मीदवार है करोड़पति</strong><br />सुल्तानपुर से भाजपा की मेनका गांधी की संपत्ति 97 करोड़, उन्नाव से सपा की अन्नु टंडन की संपत्ति 79 करोड़ और सहारनपुर से चुनाव लड़ रही तस्सीम बानो की संपत्ति 78 करोड़ है. फूलपुर से भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल की संपत्ति 64 करोड़, कैसरगंज से भाजपा के करण भूषण सिंह की संपत्ति 49 करोड़ और घोसी से सपा के राजीव राय की संपत्ति 49 करोड़ संपत्ति है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं प्रतापगढ़ से सपा के शिवपाल सिंह पटेल की संपत्ति 46 करोड़ और गोरखपुर से भाजपा के रवि किशन की संपत्ति 43 करोड़ है. मैनपुरी से सपा की डिम्पल यादव और कन्नौज यादव की संपत्ति 42-42 करोड़ है. महाराजगंज से भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी की संपत्ति 41 करोड़ है. गोंडा से भाजपा के कीर्तिवर्धन सिंह की संपत्ति 37 करोड़ और कानपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी आलोक मिश्रा की संपत्ति 35 करोड़ रुपये की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई निर्धन उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में </strong><br />चुनावी रण में खीरी से उत्तर प्रदेश रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार कुमारी पंचशिला आनंद की संपत्ति शून्य है. प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय राम कुमार यादव की कुल संपत्ति 1,686 रुपये है. मछलीशहर से निर्दलीय सुबास की संपत्ति 10 हजार, आगरा से निर्दलीय हसनुराम अम्बेडकरी की संपत्ति 12,000 रुपये हैं. एटा से निर्दलीय कैलाश कुमार की संपत्ति 19,000 रुपये व र रवि कुमार की कुल संपत्ति 21,000 रुपये है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर से अल हिन्द पार्टी के श्री राम प्रसाद की संपत्ति 25,000 रुपये, मछलीशहर से समाज परिवर्तन पार्टी से चुनाव लड़ रहीं उर्मिला की संपत्ति 34,000 रुपये, चंदौली से निर्दलीय संतोष कुमार की संपत्ति 38,000 रुपये और महाराजगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामप्रीत की संपत्ति 50,000 रुपये है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lok-sabha-election-2024-dimple-yadav-priyanka-gandhi-yogi-adityanath-road-show-rally-in-varanasi-ann-2698287″>वाराणसी में एक हफ्ते रहेगा राजनीति के धुरंधरों का डेरा, ये दिग्गज करेंगे चुनाव प्रचार</a></strong></p>
किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला हरियाणा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी का दावा है कि भाजपा जाने और कांग्रेस आने को लेकर भूपेंद्र हुड्डा-दीपेंद्र हुड्डा ने हौव्वा बनाया है। असल में वह भी अंदरखाते सेटिंग करके चल रहे हैं ताकि जेल न जाना पड़े। कांग्रेस में तो CM बनने को लेकर बाप-बेटे ही आपस में लड़ रहे हैं। किरण चौधरी का ये भी कहना है कि जीवित रहते चौधरी बंसीलाल के खिलाफ खड़े होने वाले अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम में उनकी बेटी श्रुति चौधरी के मुकाबले कोई फायदा नहीं मिलेगा। बंसीलाल की विरासत हमारी है। किरण ने कहा कि कुमारी सैलजा के कांग्रेस में अपमान से उन्हें दुख होता है। जिसने सैलजा के खिलाफ अपशब्द कहे, उसे कुछ कहा तक नहीं। हरियाणा चुनाव के बीच भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने दैनिक भास्कर से की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: तोशाम सीट से आपकी बेटी चुनाव लड़ रही हैं, प्रचार कैसा चल रहा है, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
किरण चौधरी: श्रुति तोशाम की बेटी और बहन है। सब इस बात को जानते हैं। श्रुति छोटी-सी थी, जब चौधरी बंसीलाल इसको उंगली पकड़कर सारे प्रोग्राम में लाते थे। उसके बाद पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह के साथ पूरे चुनाव प्रचार में आती थी। 20 साल से मेरा (किरण चौधरी) तो किया ही है, इसके अलावा खुद भी वह सांसद रही हैं। सांसद होने के नाते उसने इलाके के लिए बहुत काम किया है। सवाल: श्रुति के खिलाफ कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व CM बंसीलाल की विरासत का फायदा किसे मिलेगा और क्यों?किरण चौधरी: जब चौधरी बंसीलाल जी जिंदा थे, तब तक चौधरी बंसीलाल का नाम नहीं लिया और खिलाफत की। दोनों बापू और बेटा, सामने खड़े होते थे। सुरेंद्र सिंह जी के सामने खड़े होते थे। इन्होंने तो हमारे सामने इलेक्शन लड़े हुए हैं। इनकी उपलब्धि यह है कि जमानत जब्त कराई हुई है। इनके पिता ने रिकॉर्ड बनाया था, जमानत जब्त करने का। तोशाम हल्के के लोग बावले (नासमझ) नहीं हैं। काम तो कभी किया नहीं। कभी किसी के सुख-दुख में आए नहीं। अब चौधरी बंसीलाल व चौधरी सुरेद्र सिंह के फोटो लगाकर कहना कि मैं विरासत का मालिक हूं, यह तो बेकार की बात है। मैं हमेशा कहती आई हूं कि विरासत होती है काम की। ये किस मुंह से आ रहे हैं, जिन्होंने एक टोंटी (नल) तक नहीं लगाई। इनके पास जबरदस्त पैसा था, रणबीर महेंद्रा क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन था और अनिरुद्ध चौधरी कोषाध्यक्ष था। कहीं एक जगह पर भी एक स्टेडियम बनाया हो, इतना पैसा आता है क्रिकेट बोर्ड में। एक बच्चा खिलाया हो या क्रिकेटर बनाया हो। सवाल: इस चुनाव में भाजपा को लेकर आपको क्या उम्मीदें हैं। क्या वाकई एंटी इनकंबेंसी का नुकसान होगा? पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानती हैं?
किरण चौधरी: जो लोकसभा चुनाव था, उससे ज्यादा तो एंटी इनकंबेंसी नहीं हो सकती। उस समय देश में 240 सीटों पर भाजपा जीती और केंद्र में सरकार बनाई। हरियाणा में भी भाजपा एंटी इनकंबेंसी में 44 सीटों पर जीती। 42 पर कांग्रेस आई। अब तक इन्होंने जो टिकटें दी हैं, एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने के लिए सारे तैयार हो रहे हैं। सवाल: भूपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है, उनके दावे पर आप क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: ये चाहे कुछ भी कह लें, लेकिन सच्चाई यह है कि ये सेटिंग की राजनीति करते हैं। नीचे-नीचे ये भी हाथ मिलाकर चल रहे हैं, हम तो राजी हैं। सवाल: क्या भाजपा से हाथ मिलाया हुआ है?
किरण चौधरी: इनके सिर पर तलवार लटक रही है, इन्हें पता है। खाली हौव्वा बनाया हुआ है, ताकि वह बाहर रहें और जेल न जाए। सवाल: कुमारी सैलजा को लेकर अपशब्द कहे गए, उन्हें हुड्डा समर्थक बताया जा रहा है। आपकी पुरानी साथी रही हैं, उनकी कांग्रेस में स्थिति को लेकर क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: यह सुनकर बहुत दुख हुआ मुझे और बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह जातिसूचक शब्द उनके लिए अगर इस्तेमाल किए जा सकते हैं तो आम आदमी का क्या करेंगे। हरियाणा में इन्होंने किया क्या है। सारा पंचकूला से लेकर पूरा फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक-झज्जर-सोनीपत की सारी जमीन नाप ली। इनका कच्चा चिट्ठा अखबारों में आता है। इनके समय में रोहतक के अंदर जबरदस्त आगजनी हुई थी। 8 महीने तक इन बाप-बेटे को अंदर जाने नहीं दिया था। औरतों ने इनके घर के बाहर चूड़ियां तोड़ी थी, ये हालात इनके थे। इन्होंने हरियाणा में क्षेत्रवाद किया है। हमारे हक की जो नौकरियां थी और मैं लड़ाई लड़ती थी कि हमारे बच्चों को दे दे, लेकिन सारा कुछ रोहतक… रोहतक… रोहतक…। यह रोहतक से बाहर निकलकर तो राजी ही नहीं था। सवाल: आपकी भी काफी लंबी लड़ाई चली उनके साथ?
किरण चौधरी: मेरी कोई निजी लड़ाई नहीं थी। यह पौधा चौधरी बंसीलाल का लगाया हुआ है। चौधरी बंसीलाल जी के कारण ये आगे राजनीति में बढ़े, चौधरी सुरेंद्र सिंह के कारण बढ़े। अब उन्होंने सोचा की चौधरी बंसीलाल को पूरा खत्म ही कर दें। लेकिन मैं तो लड़ाई लड़ने वालों में से हूं। मैंने कभी घुटने टेके नहीं। ना मैने कभी सीएलयू करवाया और ना कुछ और करवाया। मैं क्यूं डरूं। मैने अपने हित की आवाज उठानी है, वह विधानसभा में भी उठाई और बाहर भी उठाई और उठाती रहूंगी। सवाल: कुमारी सैलजा के अनुसूचित जाति सीएम के दावे को भी नहीं माना, टिकट बंटवारे में भी नहीं चली? उनको कोई सलाह देना चाहेंगी?
किरण चौधरी: यह तो बाबू-बेटा पार्टी है। बाप बनेगा या बेटा बनेगा, आपस में भी लड़ाई हो रखी है। बनेगा कोई भी नहीं इन दोनों में से, पर आपस में 2 लड़ रहे हैं। सवाल: आप लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं, अब भाजपा में आ गई हैं। दोनों पार्टियों में आपको क्या अंतर दिखता है?
किरण चौधरी: मेरे को बड़ा सकून आया है। अच्छी व संगठित पार्टी है। मान-सम्मान दिया है। मेरे को सीधा राज्यसभा में भेज दिया। श्रुति यहां से चुनाव लड़ रही है, इससे ज्यादा क्या चाहिए। आने वाले समय में मैं और श्रुति दबाकर लोगों की बात उठाएंगे। सवाल: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तो कहा कि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता?
किरण चौधरी: फर्क पड़े या ना पड़े उसको, मैं एक बात जरूर बता दूं कि हमें भी कोई फर्क नहीं पड़ता इन बाबू-बेटे का। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें.. 1. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 2. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का 46वें दिन भी अनशन जारी, BJP से कर दी ये बड़ी अपील
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का 46वें दिन भी अनशन जारी, BJP से कर दी ये बड़ी अपील <p style=”text-align: justify;”><strong>Jagjit Singh Dallewal News:</strong> पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी है. शुक्रवार (10 जनवरी) को अनशन के 46 दिन हो गए. इस दौरान उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस बीच डल्लेवाल ने अनशन समाप्त कराने के लिए अकाल तख्त से हस्तक्षेप करने की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मांग को लेकर निशाना साधा और कहा कि उसे ऐसा करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहिए और किसानों की मांगों को मनवाने के लिए दबाव डालना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वीडियो संदेश में 70 वर्षीय किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि वह अपना अनशन तभी खत्म करेंगे जब केंद्र किसानों की मांगों को मान लेगा. बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से किसान नेता के अनिश्चितकालीन अनशन को समाप्त कराने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मैं अकाल तख्त का सम्मान करता हूं- डल्लेवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी के इस प्रतिनिधिमंडल में सुखमिंदर पाल सिंह ग्रेवाल और सरचंद सिंह वाले शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की. अपने वीडियो संदेश में डल्लेवाल ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि बीजेपी की पंजाब इकाई के नेताओं ने डल्लेवाल के आमरण अनशन को समाप्त कराने के लिए अकाल तख्त से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्हें निर्देश दिया जाए ताकि वह अपना अनशन खत्म कर दें. मैं अकाल तख्त का सम्मान करता हूं.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बीजेपी की पंजाब इकाई को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a>, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> से संपर्क करना चाहिए. उनसे मिलने के बजाय, वे अकाल तख्त जत्थेदार से संपर्क कर रहे हैं.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>26 नवंबर से अनशन पर हैं डल्लेवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगें शामिल हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>डल्लेवाल ने इतने लंबे समय से जारी अनशन के दौरान कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया है. डल्लेवाल का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने पहले बताया था कि लंबे समय तक अनशन करने के कारण उनकी हालत ‘‘बिगड़ती’’ जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली में चुनाव से पहले पंजाब से AAP के लिए आई खुशखबरी, इस पद पर काबिज हुए पार्टी के नेता” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/kundan-gogia-aap-elected-as-new-mayor-of-patiala-municipal-corporation-harinder-kohli-senior-deputy-mayor-in-punab-2860350″ target=”_self”>दिल्ली में चुनाव से पहले पंजाब से AAP के लिए आई खुशखबरी, इस पद पर काबिज हुए पार्टी के नेता</a></strong></p>