एक युवक का जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव से अपहरण कर उसके हाथों की उंगली काटकर होडल में फेंकने के मामले में सीआईए हथीन की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि सीआईए टीम अन्य की तलाश में टीम जुटी हुई है। सीआईए टीम ने की कार्रवाई हथीन सीआईए प्रभारी दीपक गुलिया ने बताया कि एसपी चंद्र मोहन के निर्देशन में उनकी टीम ने होडल थाने में दर्ज युवक के अपहरण कर उंगली काटने के मामले में फरार चल रहे आरोपी पलवल के गन्नीकी गांव निवासी साहिल को गिरफ्तार किया है। आरोपी को आगामी कार्रवाई के लिए होडल थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। होडल थाना पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया। आरोपी का लिया रिमांड अदालत से आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गाय है। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी के आपराधिक रिकार्ड को खंगालने के साथ ही उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ करने में जुटी हुई है। वहीं, घायल रुपेश के खिलाफ पहले ही आपराधिक केस दर्ज होने के चलते उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्योंकि पुलिस को रुपेश की भी तलाश थी। फिलहाल रुपेश अस्पताल में उपचाराधीन है। घायल को फेंककर फरार हुए थे आरोपी होडल थाना प्रभारी तेजपाल सिंह ने बताया कि होडल निवासी रुपेश ने दी शिकायत में बताया था कि 6 जुलाई को वह भूपेंद्र, रोहित व मनीष के साथ जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव में अपने दोस्त नितिन के घर पर बैठे हुए थे। उसी दौरान 12 से अधिक युवक 4-5 गाड़ियों में सवार होकर वहां पहुंचे। सभी आरोपियों के हाथों में अवैध हथियार, लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी थे। वहां पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद उसका अपहरण कर उसके हाथ के पंजे व उंगली काटकर उसे जान से मारने की धमकी देकर होडल के हसनपुर चौक पर फेंक कर फरार हो गए। इस संबंध में घायल रूपेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। एक युवक का जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव से अपहरण कर उसके हाथों की उंगली काटकर होडल में फेंकने के मामले में सीआईए हथीन की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि सीआईए टीम अन्य की तलाश में टीम जुटी हुई है। सीआईए टीम ने की कार्रवाई हथीन सीआईए प्रभारी दीपक गुलिया ने बताया कि एसपी चंद्र मोहन के निर्देशन में उनकी टीम ने होडल थाने में दर्ज युवक के अपहरण कर उंगली काटने के मामले में फरार चल रहे आरोपी पलवल के गन्नीकी गांव निवासी साहिल को गिरफ्तार किया है। आरोपी को आगामी कार्रवाई के लिए होडल थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। होडल थाना पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया। आरोपी का लिया रिमांड अदालत से आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गाय है। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी के आपराधिक रिकार्ड को खंगालने के साथ ही उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ करने में जुटी हुई है। वहीं, घायल रुपेश के खिलाफ पहले ही आपराधिक केस दर्ज होने के चलते उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्योंकि पुलिस को रुपेश की भी तलाश थी। फिलहाल रुपेश अस्पताल में उपचाराधीन है। घायल को फेंककर फरार हुए थे आरोपी होडल थाना प्रभारी तेजपाल सिंह ने बताया कि होडल निवासी रुपेश ने दी शिकायत में बताया था कि 6 जुलाई को वह भूपेंद्र, रोहित व मनीष के साथ जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव में अपने दोस्त नितिन के घर पर बैठे हुए थे। उसी दौरान 12 से अधिक युवक 4-5 गाड़ियों में सवार होकर वहां पहुंचे। सभी आरोपियों के हाथों में अवैध हथियार, लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी थे। वहां पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद उसका अपहरण कर उसके हाथ के पंजे व उंगली काटकर उसे जान से मारने की धमकी देकर होडल के हसनपुर चौक पर फेंक कर फरार हो गए। इस संबंध में घायल रूपेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की ऐसी सीट जहां कभी नहीं जीती BJP:यहां निर्दलीय भी जीते; इस बार बाहरी पर दांव लगाया, पूर्व सांसद का बेटा कैंडिडेट
हरियाणा की ऐसी सीट जहां कभी नहीं जीती BJP:यहां निर्दलीय भी जीते; इस बार बाहरी पर दांव लगाया, पूर्व सांसद का बेटा कैंडिडेट हरियाणा में पानीपत जिले की 4 विधानसभाओं में एक सीट ऐसी भी है, जिसने प्रदेश की राजनीति में सबसे पहले दलबदलू नेता दिए हैं। इस सीट पर इतिहास में अब तक एक भी बार भाजपा का उम्मीदवार नहीं जीता है। पार्टी हमेशा स्थानीय चेहरों पर दांव लगाती आ रही है, इसके बाद भी कोई भला नहीं हो सका। इस बार भाजपा ने इस सीट से बाहरी चेहरे को टिकट दिया है। समालखा सीट पर भाजपा ने इस बार फरीदाबाद के रहने वाले पूर्व सांसद करतार सिंह भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को टिकट दिया है। भाजपा को उम्मीद है कि जो कभी नहीं हुआ, वह इस बार होगा, क्योंकि करतार सिंह दूसरी पार्टियों के टिकट पर समालखा से 2 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसलिए, भाजपा को लगता है कि मनमोहन भड़ाना ही यह सीट दिला सकते हैं। करतार भड़ाना ने गिराई थी चौधरी बंसीलाल की सरकार
उत्तर भारत में कोल्हू के पार्ट और चारा काटने वाली मशीन के निर्माण के लिए प्रसिद्ध समालखा आया राम गया राम की राजनीति के लिए हरियाणा भर में चर्चाओं का केंद्र रहा है। समालखा विधानसभा में 1967 में राव बीरेंद्र सिंह और 1996 में चौधरी बंसीलाल की सरकार के पतन के दौरान तत्कालीन विधायक पर दलबदल की उंगली उठी थी। करतार सिंह भड़ाना को तो चौधरी बंसीलाल की सरकार गिराने का सबसे बड़ा सूत्रधार माना गया। वहीं, 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस में विधायक बने धर्म सिंह छौक्कर रातों-रात हुड्डा की सरकार में मंत्री बनने की लालसा के लिए कांग्रेसी बन गए थे, लेकिन उनके मंत्री बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया। 1990 से पहले करनाल का हिस्सा था समालखा
साल 1990 से पहले समालखा, करनाल जिले का हिस्सा हुआ करता था। देवीलाल सरकार ने साल 1991 में नया समालखा बनाया, जो पानीपत जिले में शामिल हुआ। समालखा हरियाणा की जनरल विधानसभा सीट है। इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी मुख्य दल हैं। 2019 के विधानसभा में कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्कर ने 14,942 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 52.16% वोट शेयर के साथ 81,898 वोट मिले थे। उन्होंने BJP के शशिकांत कौशिक को हराया था, जिन्हें 66,956 वोट (42.64%) मिले थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय रविंद्र मछरौली ने कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्कर को हराया था। समालखा में 5 बार जीत चुकी कांग्रेस
इस सीट पर सबसे ज्यादा 5 बार कांग्रेस जीती है। यहां निर्दलीय तक जीत चुके हैं, लेकिन BJP को पहली जीत के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ रही है। जनता पार्टी के मूलचंद जैन, इनेलो के सचदेव त्यागी एक-एक बार और हरियाणा विकास पार्टी व इनेलो से करतार सिंह भड़ाना 2 बार विधायक चुने जा चुके हैं। साल 2009 में धर्म सिंह छौक्कर हजकां से जीते थे। 2014 में राजनीतिक समीकरणों को किनारे रखते हुए जाट बिरादरी बाहुल समालखा हलके से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रविंदर मछरौली विधायक बने। वहीं, 2019 में कांग्रेस के टिकट पर धर्म सिंह छौक्कर विधायक बने।
हरियाणा में महिला ने प्रेमी से पति की हत्या कराई:शराब पिलाकर कार में जिंदा जलाया; 3 बच्चों की मां के अवैध संबंध थे
हरियाणा में महिला ने प्रेमी से पति की हत्या कराई:शराब पिलाकर कार में जिंदा जलाया; 3 बच्चों की मां के अवैध संबंध थे हरियाणा के सोनीपत में कार ड्राइवर नरेंद्र की हत्या प्रेम प्रसंग के चलते की गई थी। पुलिस ने सवा महीने बाद गांव के ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार व्यक्ति के ड्राइवर की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। 3 बच्चों की मां ने प्रेमी के साथ पति की हत्या की प्लानिंग की। प्रेमी ने पहले उसकी शराब में नींद की गोलियां मिलाईं, फिर बेहोश होने पर उसे कार में डालकर जिंदा जला दिया। ब्लाइंड मर्डर केस सुलझने के बाद महिला को जेल भेज दिया गया है। वहीं प्रेमी को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 5 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। 30 सितंबर को मिला था शव गोहाना क्षेत्र के बिचपड़ी गांव निवासी अनिरुद्ध ने 30 सितंबर को पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका चचेरा भाई नरेंद्र (38) करीब एक साल से कवल किशोर के पास ड्राइवर का काम कर रहा था। वह 29 सितंबर की रात को नहीं लौटा। उसका नंबर भी बंद था। बाद में उसे सूचना मिली कि बुटाना माइनर की पटरी पर नए जींद-गोहाना ग्रीन फील्ड हाईवे के पास एक कार खड़ी है। कार की पिछली सीट पर एक व्यक्ति का जला हुआ शव पड़ा है। सूचना मिलने पर वह अपने परिजनों के साथ मौके पर पहुंचा। उसने और उसके परिजनों ने देखा कि कार नंबर HR76E-8162 जलकर राख हो चुकी थी। कार के अंदर पिछली सीट के बाईं ओर एक शव अधजली हालत में पड़ा था। उसे शक है कि किसी ने उसके भाई नरेंद्र की हत्या कर शव को स्विफ्ट डिजायर कार में डालकर आग लगा दी। कार में जला हुआ मोबाइल भी मिला। कार की नंबर प्लेट से शव की पहचान हो सकी। प्रेम प्रसंग के चलते ली जान ब्लाइंड मर्डर की छानबीन में लगी पुलिस को मृतक नरेंद्र की पत्नी पर शक हुआ। पुलिस को उसको निशाने पर लेकर आगे छानबीन की तो पूरा मामला खुल गया। सामने आया कि बिचपड़ी गांव के ही रहने वाले सतपाल के कार ड्राइवर नरेंद्र की पत्नी से अवैध संबंध थे। नरेंद्र को इसका पता चल गया तो सतपाल ने अपनी प्रेमिका (नरेंद्र की पत्नी) के साथ मिल कर उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। नरेंद्र नशा करने का आदी था। 29 सितंबर को योजना बना कर सतपाल ने उसे शराब पीने के बहाने बुला लिया। उसे नशे में कोई दवा पिला कर बेहोश कर दिया गया। इसके बाद उसे कार में पीछे की सीट पर डालकर आग लगा दी। इसमें जलने से नरेंद्र की मौत हो गई। उसका चेहरा भी पूरी तरह से जल गया था। एक बेटा और 2 बेटियां की मां है महिला पति की हत्या में गिरफ्तार महिला 3 बच्चों की मां है। इनमें एक बेटा व 2 बेटियां है। उसने परिजनों को बताया था कि रात को करीब 11 बजे नरेंद्र का उसके पास फोन आया था। उसने कहा था कि खाना बना देना, वह गोहाना से निकल चुका है। उसके बाद संपर्क नहीं हो सका। सुबह कार में उसका शव जली हालत में मिला। शराब पिलाकर किया बेहोश, फिर जिंदा जलाया
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि वारदात के दिन सतपाल ने नरेंद्र को शराब पिलाई थी साथ ही उसने गिलास मे नींद की गोलियां भी डाल दी थीं। गोलियों के कारण नरेंद्र जब बेहोश हुआ तो सतपाल ने उसे कार में डालकर जिंदा जला दिया।
हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा
हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार की 7 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा 3-3 सीटें जीतने में कामयाब रही। हिसार से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव जीती हैं। वहीं बरवाला से भाजपा के रणबीर गंगवा, हांसी से विनोद भयाणा, नलवा से रणधीर पनिहार, आदमपुर से पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़ और उकलाना से नरेश सेलवाल चुनाव जीते। खास बात है कि 2019 में भाजपा ने हिसार, नलवा, हांसी सीट ही जीती थी इस बार भी भाजपा ने 3 सीटें जीती हैं, जिसमें नलवा, हांसी और बरवाला शामिल है। इसी तरह कांग्रेस ने 2019 में आदमपुर सीट जीती थी जो इस बार भी कांग्रेस के पास है साथ ही कांग्रेस ने उकलाना और नारनौंद सीट जजपा से छीनी है। इसी तरह भाजपा ने जजपा की बरवाला सीट पर कब्जा किया है। पिछले चुनाव में जजपा ने 3 सीटें हासिल की थी। मगर इस बार जजपा कहीं मुकाबले में भी नजर नहीं आई। अगर 2024 लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो कांग्रेस ने हिसार, हांसी और बरवाला सीट छोड़कर सभी 4 सीट जीती थी मगर इन सीटों में नलवा सीट पर भाजपा परचम लहराने में कामयाब रही। ऐसे बने नए रिकॉर्ड और ऐसे टूट गए
खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने बरसों पुराने रिकॉर्ड को हिसार में तोड़ दिया। कांग्रेस ने जहां 57 साल पुराने आदमपुर के दुर्ग को भेदा तो वहीं नारनौंद में 52 साल के सूखे को भी खत्म किया। आदमपुर में बिश्नोई परिवार 1967 से चुनाव जीतता आ रहा था मगर अबकी बार कांग्रेस के पूर्व आइएएस चंद्रप्रकाश ने उनको हरा दिया। वहीं नारनौंद में अंतिम बार कांग्रेस 1972 में जीती थी। जब जोगेंद्र जोग यहां से विधायक चुने गए थे। अब कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़ चुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने इन दोनों के अलावा उकलाना सीट भी जीती है। उकलाना में कांग्रेस 15 साल बाद कोई विधानसभा चुनाव जीती है। खास बात है कि तब भी कांग्रेस के नरेश सेलवाल ने ही चुनाव जीता था और अब भी नरेश सेलवाल ने ही कांग्रेस से चुनाव जीता है। हिसार सीट भाजपा 10 साल बाद हारी
भाजपा अपने गढ़ हिसार में 10 साल बाद हार गई। भाजपा लगातार 10 साल से चुनाव जीत रही थी। इस बार BJP प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी। जनता को उम्मीद थी कि भाजपा सावित्री जिंदल को टिकट देगी मगर कमल गुप्ता अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण टिकट लेने में कामयाब रहे। इस चुनाव में कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे वह कांग्रेस के रामनिवास राड़ा से भी पीछे रहे। इस चुनाव में सावित्री जिंदल विजयी रही। सावित्री जिंदल को हिसार से 49231 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 30290 वोट और कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले। भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर गौतम सरदाना महज 6831 वोट लेने में ही कामयाब हुए। भाजपा से बागी हुए तरूण जैन को सिर्फ 1135 वोट मिले। हांसी, बरवाला और हिसार में कांग्रेस का सूखा
कांग्रेस हांसी, हिसार और बरवाला में भी जीत को तरस रही है। यहां 2009 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। हांसी में 2009 में अंतिम बार कांग्रेस से विनोद भयाणा जीते थे। विनोद भयाणा अब भाजपा में हैं। 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती थी जो अब भाजपा में हैं। इसी तरह हिसार से 2009 में सावित्री जिंदल कांग्रेस की टिकट पर जीती थी मगर वह अबकी बार निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीत गई। बरवाला पहली बार खिला कमल
भाजपा की बात करें पार्टी ने बरवाला हलके में पहली बार कमल खिलाया है। 2019 में भाजपा के सुरेंद्र पूनिया महज कुछ मतों से बरवाला से हार गए थे और जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। इससे पहले कांग्रेस और इनेलो ही यहां से विधायक बनाती आई है। इस बार भाजपा ने नलवा से विधायक रहे रणबीर गंगवा का स्थान बदलकर बरवाला से टिकट दिया जिससे सबको हैरानी भी हुई मगर रणबीर गंगवा ने बरवाला में मेहनत कर चुनाव उठाया और जीता भी। बरवाला में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली थी। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत दोबारा रंग लाई और विधानसभा चुनाव में पहली बार कमल खिला। नारनौंद हलके से 3 विधायक चुने गए
नारनौंद हलके से अबकी बार भी 3 विधायक चुने गए हैं। पेटवाड़ गांव से कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़, नारनौंद के रामकुमार गौतम की भाजपा से सफीदों हल्के से चुने गए हैं। लोहारी राघो गांव के विनोद भ्याना हांसी से भाजपा के विधायक बने हैं। पिछली बार भी रामकुमार गौतम, विनोद भ्याना और जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। जैसे ही नारनौंद की मतगणना शुरू हुई पहले राउंड से ही कांग्रेस के प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। एक से 6 राउंड में लगातार बढ़त बनाई। सातवें, आठवें ओर बाहर वें राउंड में ही कैप्टन को बढ़त मिली। उसके बाद जस्सी लगातार बढ़त बनाते रहे। जस्सी को बाहरा खाप ओर रोघी खाप में अच्छी बढ़त मिली। नारनौंद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जस्सी पेटवाड़ को 84086 वोट मिले, जबकि भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु को 71836 वोट मिले। जस्सी पेटवाड़ 13086 मत से विजेता रहे।