<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP MP Statement On Pahalgam Terror Attack:</strong> पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर पर्यटक आतंकवादियों के आगे हाथ न जोड़ते तो मारे नहीं जाते. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों की वहां हत्या कर दी गई, उस समय उनकी पत्नियों में वीरांगनाओं का भाव और जोश नहीं था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रामचंद्र जांगड़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “जो ट्रेनिंग पीएम मोदी इस देश के लोगों को देना चाहते हैं अगर ये ट्रेनिंग उन पर्यटकों के पास होती तो तीन उग्रवादी 26 लोगों को नहीं मार सकते थे. उनके हाथ में जो भी आता लाठी या डंडा, अगर उनपर चारों तरफ से हमला कर दिए होते तो ज्यादा से ज्यादा पांच या छह ही लोग मारे जाते और आतंकवादी भी मारे जाते. हमारे पर्यटक हाथ जोड़कर मारे गए, हाथ जोड़ने से कोई नहीं छोड़ता. जो लोग मारने के लिए आए थे, जिनके अंदर दया का भाव ही नहीं था वे हाथ जोड़ने से कैसे छोड़ देते.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’नहीं था वीरांगनाओं वाला भाव'</strong><br /><a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, अगर उन्होंने अहिल्याबाई का इतिहास पढ़ लिया होता तो उनके सामने उनके पति को इस तरह कोई गोली नहीं मार सकता था चाहे वो भी शहीद हो जातीं, लेकिन उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं थी, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था. इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’2014 के बाद पढ़ाया गया संग्राम का इतिहास'</strong><br />उन्होंने ये भी कहा, “इसलिए यह संग्राम का इतिहास पढ़ाने की परंपरा हमारे देश में 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद हुआ है ,ताकि हमारे देश की हर नारी के अंदर रानी अहिल्या बाई का जज्बा हो.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>BJP MP Statement On Pahalgam Terror Attack:</strong> पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर पर्यटक आतंकवादियों के आगे हाथ न जोड़ते तो मारे नहीं जाते. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों की वहां हत्या कर दी गई, उस समय उनकी पत्नियों में वीरांगनाओं का भाव और जोश नहीं था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रामचंद्र जांगड़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “जो ट्रेनिंग पीएम मोदी इस देश के लोगों को देना चाहते हैं अगर ये ट्रेनिंग उन पर्यटकों के पास होती तो तीन उग्रवादी 26 लोगों को नहीं मार सकते थे. उनके हाथ में जो भी आता लाठी या डंडा, अगर उनपर चारों तरफ से हमला कर दिए होते तो ज्यादा से ज्यादा पांच या छह ही लोग मारे जाते और आतंकवादी भी मारे जाते. हमारे पर्यटक हाथ जोड़कर मारे गए, हाथ जोड़ने से कोई नहीं छोड़ता. जो लोग मारने के लिए आए थे, जिनके अंदर दया का भाव ही नहीं था वे हाथ जोड़ने से कैसे छोड़ देते.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’नहीं था वीरांगनाओं वाला भाव'</strong><br /><a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, अगर उन्होंने अहिल्याबाई का इतिहास पढ़ लिया होता तो उनके सामने उनके पति को इस तरह कोई गोली नहीं मार सकता था चाहे वो भी शहीद हो जातीं, लेकिन उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं थी, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था. इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’2014 के बाद पढ़ाया गया संग्राम का इतिहास'</strong><br />उन्होंने ये भी कहा, “इसलिए यह संग्राम का इतिहास पढ़ाने की परंपरा हमारे देश में 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद हुआ है ,ताकि हमारे देश की हर नारी के अंदर रानी अहिल्या बाई का जज्बा हो.”</p> हरियाणा बिहार में सियासी गहमागहमी के बीच दिल्ली पहुंचे CM नीतीश कुमार, 2 दिनों तक होगा प्रवास
पहलगाम के पीड़ितों पर बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विवादित बयान, ‘जिनका सिंदूर उजड़ा उनमें वीरांगनाओं का…’
