मेरा पहला बच्चा था, जिंदा जल गया। हम सिर्फ देखते रहे। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने मेरे सपनों को आग लगा दी। अब हमें समझ नहीं आ रहा कि किसके सामने रोएं। मैं उसे गोद में भी नहीं ले पाई।- संजना डिलीवरी के बाद बच्चा नहीं रोया, झांसी मेडिकल कॉलेज ले आए। शुक्रवार रात अचानक शोर हुआ। देखा तो आग लगी थी। सभी बच्चों को लेकर भाग रहे थे, लेकिन मेरा बेटा अब तक नहीं मिला। उसकी किलकारी भी नहीं सुन पाई।- संतोषी ये दर्द उन मांओं का है, जिन्होंने झांसी अग्निकांड में अपने बच्चों को खोया दिया। ये बच्चों को जिंदगी दिलाने के लिए अस्पताल लाई थीं। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि वह अपने बच्चों की किलकारी नहीं सुन सकेंगी। दैनिक भास्कर टीम ने ऐसी महिलाओं से बात की, जिनके बच्चे या तो हादसे में मर चुके हैं या नहीं मिल रहे। पढ़िए उनका दर्द… अस्पताल में मेरा बच्चा नहीं रोया, यहां सब चीखें सुनाई दे रहीं जालौन की रहने वाली संतोषी अस्पताल की फर्श पर शॉल ओढ़े बैठी हैं। उनके चेहरे पर उदासी है। आंखों के आंसू सूख चुके हैं। उनकी रुंधी हुई आवाज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके अंदर अथाह दर्द और पीड़ा है। हमने उनसे पूछा कि वो यहां कब आई थीं, तो वह कहती हैं- 5 नवंबर को डिलीवरी हुई थी। बच्चा रोया नहीं था, इसलिए उसे उरई जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जब हमने उनसे पूछा कि आग लगी, तब आप कहां थीं? जवाब में संतोषी ने कहा- रात को अंदर सो रही थी। आवाज सुनकर बाहर आई। देखा, तो आग लगी थी। चारों तरफ भगदड़ मची थी। लोग अपने बच्चों को लेकर भाग रहे थे। हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? अंदर गए तो देखा कि मेरा बच्चा ही नहीं था। अब आपको क्या चाहिए? इस सवाल पर संतोषी ने कहा- मुझे सिर्फ मेरा बच्चा चाहिए। क्या आपने बच्चे को देखा? संतोषी ने जवाब दिया- नहीं। कुछ बच्चे दिखाए गए, लेकिन उनमें मेरा बेटा नहीं था। रात से सुबह हो गई, अभी तक बेटे की कोई जानकारी नहीं मिली। इतना कहते हुए संतोषी रो पड़ीं। ‘हमारा बच्चा पूरा जल गया..वो जिंदा नहीं है’ ललितपुर के फुलवारा गांव के रहने वाले सोनू और उनकी पत्नी संजना मेडिकल कॉलेज में मौजूद हैं। संजना फर्श पर बैठकर बीच-बीच में रो पड़ती हैं। वो चीखती हैं, मेरा बच्चा कहां है, मेरा पहला बच्चा था। हाय मेरा बच्चा जल गया…पूरा जल गया। अरे कोई तो दिखा दो, मेरे बच्चे को। पास बैठे पति सोनू उन्हें दिलासा देते हैं, लेकिन उनकी आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे। सोनू ने बताया- 7 अक्टूबर को पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद बच्चे को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उसे सांस लेने में दिक्कत थी, क्योंकि 7 महीने में ही पैदा हुआ था। यहां इलाज चल रहा था। 1 महीने से हम लोग यहीं हैं। शुक्रवार को ही बच्चे का सीटी स्कैन हुआ था। डॉक्टर ने बताया- बेटे के माथे में पानी भरा है। डॉक्टर ने दूध पिलाने से मना किया था, इसलिए हम लोग निश्चिंत होकर सो रहे थे। इसी बीच अचानक आग लग गई। हम दौड़कर वार्ड के पास पहुंचे, लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया। बच्चा कहां है? सोनू ने जवाब दिया- पता नहीं। स्टाफ बोल रहा है कि इमरजेंसी में है, लेकिन मैंने देखा नहीं। कुछ बच्चे खो गए, मिल नहीं रहे हैं। उनकी पत्नी संजना से पूछा- आपका बच्चा कैसा है, तो वह धीमी आवाज में बोलीं- पता नहीं। हमारा बच्चा पूरा जल गया। अब वह जिंदा नहीं है। ये मेरा पहला बच्चा था। यह कहते हुए वह रो पड़ीं। मेरा पोता खत्म हो गया, वो पूरा जला हुआ था ललितपुर के सीरोनकला गांव के रहने वाले निरन बेचैन होकर मेडिकल कॉलेज में घूम रहे हैं। हमने उनसे पूछा कि आपका यहां कौन भर्ती था? उन्होंने बताया- मेरी बहू पूजा का बच्चा भर्ती था। ललितपुर में ऑपरेशन से बच्चा हुआ था। बच्चे का वजन कम था, इसलिए शुक्रवार को बच्चे को यहां लेकर आए। रात में यहां आग लग गई। बच्चे जलकर मर गए। मैंने देखा तो मेरा पोता ऊपर से लेकर नीचे तक जला हुआ था। कैसे पहचाना? जवाब में उन्होंने कहा- नाम की पट्टी लगी हुई थी, उसी से पहचाना। मेरा बच्चा खत्म हो गया। हम तो गरीब हैं, मेरे पास कुछ नहीं है। हादसा कैसे हुआ, जवाब दिया कि कर्मचारियों की लापरवाही से हुआ। हमने बच्चों को बचाया, अब धमकी मिल रही महोबा के रहने वाले कुलदीप ने बताया कि आग लगी तो मैं दौड़कर वहां पहुंचा। पीछे वाला गेट तोड़ा गया। देखा तो डॉक्टर भाग रहे थे। मैं अंदर गया। वहां बहुत धुआं था। कुछ बच्चे मरे हुए थे। लेकिन, मेरा बच्चा नहीं था। इसके बाद मैंने 4-5 बच्चों को बाहर निकाला। मीडिया में बयान देने पर अब अस्पताल प्रशासन से धमकी मिल रही है। मुझसे कहा जा रहा है कि तुम ऐसे कैसे बयान दे रहे हो। मैंने जो देखा, वही तो बोलूंगा। मैं अपने बच्चे के बारे में क्या कहूं, कोई उम्मीद नहीं है। मर ही गया, समझिए। बेटा महोबा सरकारी अस्पताल से रेफर किया गया था। 9 नवंबर को बेटे को यहां एडमिट कराया। हादसे के पीछे डॉक्टर की लापरवाही है। 8 परिजनों को नहीं मिले बच्चे ———————- झांसी अग्निकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक 8 बच्चों की सूचना नहीं मिल पाई है। शनिवार सुबह उनके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए और हंगामा कर दिया। पढ़ें पूरी खबर डॉक्टर 3-3 अधजले नवजात को उठाकर भागे:शरीर झुलसकर काला पड़ा, बच्चों का चेहरा देखते ही मां बेहोश हुई हाय मेरा बच्चा, एक बार चेहरा तो दिखा दो। एक बार आंचल से लगा लेने दो…यह कहते हुए प्रसूता नीलू बेहोश हो गई। पति ने उसे संभाला। नजारा झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का है। यहां शुक्रवार रात 10.30 बजे शिशु वार्ड के SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर मेरा पहला बच्चा था, जिंदा जल गया। हम सिर्फ देखते रहे। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने मेरे सपनों को आग लगा दी। अब हमें समझ नहीं आ रहा कि किसके सामने रोएं। मैं उसे गोद में भी नहीं ले पाई।- संजना डिलीवरी के बाद बच्चा नहीं रोया, झांसी मेडिकल कॉलेज ले आए। शुक्रवार रात अचानक शोर हुआ। देखा तो आग लगी थी। सभी बच्चों को लेकर भाग रहे थे, लेकिन मेरा बेटा अब तक नहीं मिला। उसकी किलकारी भी नहीं सुन पाई।- संतोषी ये दर्द उन मांओं का है, जिन्होंने झांसी अग्निकांड में अपने बच्चों को खोया दिया। ये बच्चों को जिंदगी दिलाने के लिए अस्पताल लाई थीं। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि वह अपने बच्चों की किलकारी नहीं सुन सकेंगी। दैनिक भास्कर टीम ने ऐसी महिलाओं से बात की, जिनके बच्चे या तो हादसे में मर चुके हैं या नहीं मिल रहे। पढ़िए उनका दर्द… अस्पताल में मेरा बच्चा नहीं रोया, यहां सब चीखें सुनाई दे रहीं जालौन की रहने वाली संतोषी अस्पताल की फर्श पर शॉल ओढ़े बैठी हैं। उनके चेहरे पर उदासी है। आंखों के आंसू सूख चुके हैं। उनकी रुंधी हुई आवाज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके अंदर अथाह दर्द और पीड़ा है। हमने उनसे पूछा कि वो यहां कब आई थीं, तो वह कहती हैं- 5 नवंबर को डिलीवरी हुई थी। बच्चा रोया नहीं था, इसलिए उसे उरई जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जब हमने उनसे पूछा कि आग लगी, तब आप कहां थीं? जवाब में संतोषी ने कहा- रात को अंदर सो रही थी। आवाज सुनकर बाहर आई। देखा, तो आग लगी थी। चारों तरफ भगदड़ मची थी। लोग अपने बच्चों को लेकर भाग रहे थे। हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? अंदर गए तो देखा कि मेरा बच्चा ही नहीं था। अब आपको क्या चाहिए? इस सवाल पर संतोषी ने कहा- मुझे सिर्फ मेरा बच्चा चाहिए। क्या आपने बच्चे को देखा? संतोषी ने जवाब दिया- नहीं। कुछ बच्चे दिखाए गए, लेकिन उनमें मेरा बेटा नहीं था। रात से सुबह हो गई, अभी तक बेटे की कोई जानकारी नहीं मिली। इतना कहते हुए संतोषी रो पड़ीं। ‘हमारा बच्चा पूरा जल गया..वो जिंदा नहीं है’ ललितपुर के फुलवारा गांव के रहने वाले सोनू और उनकी पत्नी संजना मेडिकल कॉलेज में मौजूद हैं। संजना फर्श पर बैठकर बीच-बीच में रो पड़ती हैं। वो चीखती हैं, मेरा बच्चा कहां है, मेरा पहला बच्चा था। हाय मेरा बच्चा जल गया…पूरा जल गया। अरे कोई तो दिखा दो, मेरे बच्चे को। पास बैठे पति सोनू उन्हें दिलासा देते हैं, लेकिन उनकी आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे। सोनू ने बताया- 7 अक्टूबर को पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद बच्चे को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उसे सांस लेने में दिक्कत थी, क्योंकि 7 महीने में ही पैदा हुआ था। यहां इलाज चल रहा था। 1 महीने से हम लोग यहीं हैं। शुक्रवार को ही बच्चे का सीटी स्कैन हुआ था। डॉक्टर ने बताया- बेटे के माथे में पानी भरा है। डॉक्टर ने दूध पिलाने से मना किया था, इसलिए हम लोग निश्चिंत होकर सो रहे थे। इसी बीच अचानक आग लग गई। हम दौड़कर वार्ड के पास पहुंचे, लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया। बच्चा कहां है? सोनू ने जवाब दिया- पता नहीं। स्टाफ बोल रहा है कि इमरजेंसी में है, लेकिन मैंने देखा नहीं। कुछ बच्चे खो गए, मिल नहीं रहे हैं। उनकी पत्नी संजना से पूछा- आपका बच्चा कैसा है, तो वह धीमी आवाज में बोलीं- पता नहीं। हमारा बच्चा पूरा जल गया। अब वह जिंदा नहीं है। ये मेरा पहला बच्चा था। यह कहते हुए वह रो पड़ीं। मेरा पोता खत्म हो गया, वो पूरा जला हुआ था ललितपुर के सीरोनकला गांव के रहने वाले निरन बेचैन होकर मेडिकल कॉलेज में घूम रहे हैं। हमने उनसे पूछा कि आपका यहां कौन भर्ती था? उन्होंने बताया- मेरी बहू पूजा का बच्चा भर्ती था। ललितपुर में ऑपरेशन से बच्चा हुआ था। बच्चे का वजन कम था, इसलिए शुक्रवार को बच्चे को यहां लेकर आए। रात में यहां आग लग गई। बच्चे जलकर मर गए। मैंने देखा तो मेरा पोता ऊपर से लेकर नीचे तक जला हुआ था। कैसे पहचाना? जवाब में उन्होंने कहा- नाम की पट्टी लगी हुई थी, उसी से पहचाना। मेरा बच्चा खत्म हो गया। हम तो गरीब हैं, मेरे पास कुछ नहीं है। हादसा कैसे हुआ, जवाब दिया कि कर्मचारियों की लापरवाही से हुआ। हमने बच्चों को बचाया, अब धमकी मिल रही महोबा के रहने वाले कुलदीप ने बताया कि आग लगी तो मैं दौड़कर वहां पहुंचा। पीछे वाला गेट तोड़ा गया। देखा तो डॉक्टर भाग रहे थे। मैं अंदर गया। वहां बहुत धुआं था। कुछ बच्चे मरे हुए थे। लेकिन, मेरा बच्चा नहीं था। इसके बाद मैंने 4-5 बच्चों को बाहर निकाला। मीडिया में बयान देने पर अब अस्पताल प्रशासन से धमकी मिल रही है। मुझसे कहा जा रहा है कि तुम ऐसे कैसे बयान दे रहे हो। मैंने जो देखा, वही तो बोलूंगा। मैं अपने बच्चे के बारे में क्या कहूं, कोई उम्मीद नहीं है। मर ही गया, समझिए। बेटा महोबा सरकारी अस्पताल से रेफर किया गया था। 9 नवंबर को बेटे को यहां एडमिट कराया। हादसे के पीछे डॉक्टर की लापरवाही है। 8 परिजनों को नहीं मिले बच्चे ———————- झांसी अग्निकांड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक 8 बच्चों की सूचना नहीं मिल पाई है। शनिवार सुबह उनके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए और हंगामा कर दिया। पढ़ें पूरी खबर डॉक्टर 3-3 अधजले नवजात को उठाकर भागे:शरीर झुलसकर काला पड़ा, बच्चों का चेहरा देखते ही मां बेहोश हुई हाय मेरा बच्चा, एक बार चेहरा तो दिखा दो। एक बार आंचल से लगा लेने दो…यह कहते हुए प्रसूता नीलू बेहोश हो गई। पति ने उसे संभाला। नजारा झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का है। यहां शुक्रवार रात 10.30 बजे शिशु वार्ड के SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव के ऐलान के बाद BJP पर भड़के सुरजेवाला, ‘शकुनी के चौसर की तरह…’
Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव के ऐलान के बाद BJP पर भड़के सुरजेवाला, ‘शकुनी के चौसर की तरह…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी हलचल बढ़ गई है. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा करते हुए कहा कि इस चुनाव में बीजेपी की विदाई होने जा रही है. उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि जिनका DNA ही किसान विरोधी है, उन्होंने किसानों की शहादत के बाद भी MSP पर धोखा ही दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ”विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही हरियाणा का इंतजार पूरा होने जा रहा है. पहली अक्टूबर को, पहले पहर में ही भाजपा की विदाई पर जनता की मुहर लग जाएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बीजेपी ने हरियाणा को चौतरफ़ा चौपट करने का पाप किया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे लिखा, ”जनता के जनमत से विश्वासघात करके बनी भाजपा सरकार ने, शकुनी के चौसर की तरह फांस कर हरियाणा को चौतरफ़ा चौपट करने का पाप किया है. बीजेपी के डबल इंजन ने एक तरफ हरियाणा के किसानों को अपने खेत खलिहान छोड़कर बार-बार न्याय की गुहार लिए, दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक देने को मजबूर किया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उनका DNA ही किसान विरोधी- सुरजेवाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता आगे कहा, ”तो दूसरी तरफ लाठी-डंडे, कील-कांटे से लैस अपने सारे क्रूर तंत्र को झोंककर, हर दिन धरती पुत्रों की आवाज़ दबाने, आंदोलन का दमन करने और साजिशें रचने पूरी ताकत लगा दी. मगर जिनका DNA ही किसान विरोधी है, उन्होंने किसानों की शहादत के बाद भी MSP पर धोखा ही दिया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अग्निपथ योजना और पहलवानों को लेकर बीजेपी पर हमला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने अग्निपथ योजना और पहलवान बेटियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ”हरियाणा के नौजवानों से सेना में जाने का सपना छीन कर, उन्हें बेरोजगारी के “अग्निपथ” पर धकेल दिया और मोदी जी के चहेते, बीजेपी के नेता बृजभूषण शरण सिंह के अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाती हरियाणा की पहलवान बेटियों को दिल्ली पूलिस से सड़कों पर घसीटवाया और पिटवाया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नकल माफिया और पेपर लीक को लेकर तंज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आगे लिखा, ”नकल माफियाओं और पेपर लीक के सरगनाओं का आतंक ऐसा कि हरियाणा में एक भी भर्ती परीक्षा ठीक से होना मुश्किल रहा. भाजपा-जजपा की “पर्ची और खर्ची” वाली सरकार ने भर्ती के नाम पर युवाओं को सिर्फ धोखा दिया और जमकर उगाही की. आए दिन अपराध की घटनाएं हरियाणा के हर इलाके से सुर्खियां बनती रहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस बार सारा हिसाब बराबर होगा- सुरजेवाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा, ”हरियाणा की जनता ने अब बीजेपी के पर्दे के पीछे का “छुपा खेल” भी समझ लिया. इस बार सारा हिसाब बराबर होगा. जनता अब बीजेपी के हर धोखे, भ्रष्टाचार, अन्याय और अत्याचार का जवाब देने जा रही है. अब “कांग्रेस का हाथ” और “हरियाणा का साथ” मिलकर, प्रदेश को फिर से उन्नति और खुशहाली के पथ पर लेकर जाने को तैयार है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने अंत में लिखा, ”1 अक्टूबर को मतदान और 4 अक्टूबर के नतीजों का इंतज़ार है. अबकी बार हरियाणा में आ रही, फिर से कांग्रेस की सरकार है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”Haryana Election 2024: इस बार हरियाणा में किसकी सरकार? जानें वो मुद्दे जो विधानसभा चुनाव में छाए रहेंगे” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/haryana-assembly-election-2024-schedule-issues-of-haryana-politics-msp-agnipath-scheme-2762626″ target=”_self”>Haryana Election 2024: इस बार हरियाणा में किसकी सरकार? जानें वो मुद्दे जो विधानसभा चुनाव में छाए रहेंगे</a></strong></p>
हरियाणा में BJP नेता कुलदीप बिश्नोई का जबरदस्त विरोध:धक्कामुक्की और तीखी नोकझोंक हुई, मोबाइल तोड़ा; बेटे का प्रचार करने गए थे
हरियाणा में BJP नेता कुलदीप बिश्नोई का जबरदस्त विरोध:धक्कामुक्की और तीखी नोकझोंक हुई, मोबाइल तोड़ा; बेटे का प्रचार करने गए थे हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होते ही भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं व उम्मीदवारों का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। लोग, विशेष रूप से किसान राजनेताओं से उनके किए का हिसाब मांग रहे हैं। आज भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई आदमपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करने गांव कुतियावाली पहुंचे। यहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई की लोगों के साथ तीखी नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का कहना है कि इस वारदात को फोन में रिकॉर्ड कर रहे एक ग्रामीण का कुलदीप के समर्थकों ने छीनकर मोबाइल तोड़ दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। सूचना यह भी है कि ग्रामीणों ने कुलदीप के साथ मारपीट की है। हालांकि, आदमपुर पुलिस का कहना है कि इस प्रकार का कोई मामला उनके पास नहीं आया। कोई काम उन्होंने नहीं करवाया
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुलदीप ने उनके गांव की अनदेखी की है। यहां कोई काम उन्होंने नहीं करवाया। आज जब कुलदीप अपने बेटे भव्य के लिए प्रचार करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और सवाल पूछने लगे। इस पर विधायक भव्य भड़क गए और लोगों पर चिल्लाने लगे। इसके बाद माहौल गर्म हो गया। अंत में कुलदीप को कार्यक्रम समाप्त कर लौटना पड़ा। नारायणगढ़ के गांव में पवन सैनी को प्रचार नहीं करने दिया
इसी प्रकार, CM नायब सैनी के गृह क्षेत्र अंबाला के विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ में भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी का विरोध किया गया है। पवन सैनी नारायणगढ़ कस्बे में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। लेकिन, उनके आने से पहले ही स्थानीय किसान संगठनों के लोगों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद किसान संगठन के सदस्य पहले ही गांव के रास्ते पर झंडे लेकर जमा हो गए। उन्होंने पवन सैनी की गाड़ी आते ही नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया। इसके बाद पवन सैनी को बिना प्रचार किए रास्ते से ही लौटना पड़ा। उनके सामने किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। इन नेताओं का भी विरोध हो चुका
इससे पहले प्रचार के दौरान हरियाणा भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भयाना, JJP नेता व पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला और बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को भी विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीण इन्हें घेरकर उनकी समस्याएं हल न करने पर जवाब मांग रहे हैं। वहीं, सरकार रहने के दौरान किसान-मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और JJP के उम्मीदवार घिर रहे हैं। अंबाला कैंट में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के प्रोग्राम में भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े ग्रामीणों ने हंगामा किया। उचाना में ग्रामीणों ने दुष्यंत चौटाला की गाड़ी घेर ली। बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। नेताओं के विरोध से जुड़े मामले सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.. अनिल विज के प्रोग्राम में हंगामा
अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को रविवार शाम जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों का विरोध झेलना पड़ा। विज के इन दोनों गांवों में चुनावी कार्यक्रम रखे गए थे। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियनों से जुड़े लोग वहां पहुंच गए और झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। शाहपुर गांव में विरोध जताने वाले लोग भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े थे। वह यूनियन के झंडे लेकर कार्यक्रम के अंदर पहुंच गए। हंगामे के दौरान विज समर्थकों ने भी ‘अनिल विज जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। दोनों पक्षों के आमने-सामने हो जाने और नारेबाजी से माहौल गर्मा गया। हंगामा बढ़ता देखकर अनिल विज प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर शाहपुर गांव से रवाना हो गए। दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाए
हरियाणा के उचाना में शनिवार शाम पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला का छातर गांव में विरोध हुआ। दुष्यंत का काफिला जैसे ही गांव में पहुंचा तो वहां युवाओं ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। युवकों ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला को पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई थी। लोगों ने भाजपा के खिलाफ होकर दुष्यंत के लिए वोटिंग की। दुष्यंत चुनाव जीत गए तो वह खुद भाजपा के साथ चले गए। इसे लेकर लोगों में बहुत नाराजगी है। युवकों का कहना है कि पिछले चुनाव के बाद छातर गांव ने दुष्यंत चौटाला का सामाजिक बहिष्कार किया था। जिस कारण लोग सामाजिक बहिष्कार किए हुए लोगों को गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं। जींद में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी से तीखी बहस..
जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP के प्रत्याशी पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और ग्रामीणों में तीखी बहस हो गई। वे भिखेवाला गांव में चुनाव प्रचार व वोट मांगने गए थे। इस दौरान उनको ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के व्यवहार से लोगों में रोष था। वे चुनाव प्रचार के लिए गांव भिखेवाला की चौपाल में पहुंचे थे। वहां एकत्रित लोगों ने कृष्ण बेदी को कहा कि उन्होंने मंत्री रहते हुए कभी उनके गांव की समस्याओं को निपटाने में दिलचस्पी नहीं ली। इसलिए अब विधानसभा चुनाव में गांव के लोग भी कृष्ण बेदी की कोई बात नहीं सुनेंगे। इस दौरान ग्रामीणों व कृष्ण बेदी के बीच खूब सवाल जवाब हुए। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि जिस प्रकार का अपमान भारतीय जनता पार्टी व उसके मंत्रियों ने किसानों- मजदूरों का किया, ठीक उसी प्रकार अब वे विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ करेंगे। इस दौरान कृष्ण बेदी लोगों को समझाते हुए नजर आए। लेकिन लोग उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए। उकलाना में अनूप धानक का विरोध, बोले- जब आप मंत्री थे हमारे से बदबू आती थी, अब कैसे याद आई हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनूप धानक को शनिवार को विरोध का सामना करना पड़ा। धानक प्रभुवाला और कंडूल गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने नारेबाजी की। प्रभुवाला में ग्रामीणों ने कहा कि आप पिछले 10 वर्षों से हलके के विधायक रहे। एक बार भी उनका हाल-चाल लेने नहीं आए। जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार पर रख देते थे। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव में ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में उनके गांव में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के यहां शोक जताने तक नहीं आए। किसान बोले- शुभकरण को गोली क्यो मारी, भयाना ने कहा- वोट मत देना वहीं हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाना के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। हांसी से भाजपा उम्मीदवार बोले- इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो। कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में पंचायत बुलाई; किसान बोले- CLU कांड के आरोपी को टिकट दी हरियाणा के बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को टिकट देने के विरोध में किसानों ने 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। किसान नेता जोगेंद्र मय्यड़ ने बताया कि कांग्रेस ने चेंज ऑफ लैंड यूज कांड के आरोपी को टिकट दी है। हमने मीटिंग करके सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है। ये कमेटियां स्वयं गांव-गांव जाएंगी और मीटिंग के लिए निमंत्रण देंगी। इससे पहले, किसानों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रामनिवास घोड़ेला को टिकट न देने के लिए कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की टिकट का विरोध किया था। 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भयाना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने CLU करवाने के लिए वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम NGO को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले में स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत SIT गठित करके जांच के आदेश दिए थे। 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं SIT के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सभी के खिलाफ केस दर्ज किया।
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