‘…पहले बंदूक छोड़ें,’ नक्सलियों की शांतिवार्ता के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा का जवाब

‘…पहले बंदूक छोड़ें,’ नक्सलियों की शांतिवार्ता के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा का जवाब

<p style=”text-align: justify;”><strong>Vijay Sharma News:</strong> छत्तीसगढ़ में माओवादियों की ओर से दूसरी बार शांति वार्ता की पेशकश की गई है. माओवादियों ने पर्चा जारी कर सरकार से शांतिवार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की शर्त रखी है. वहीं नक्सलियों की मांग पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने दो टूक जवाब दे दिया है. गृहमंत्री ने कहा कि अगर नक्सल नेताओं को चर्चा करना है तो पहले बंदूक छोड़ कर मुख्यधारा में आना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल एक हफ्ते में दूसरी बार नक्सलियों की तरफ से सीजफायर की पेशकश की गई है. नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा कि संपूर्ण युद्ध विराम कर देंगे लेकिन इसके लिए सरकार भी हमारा साथ दें. नक्सल लीडर रूपेश ने पर्चे में लिखा कि सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्ध विराम किया जा सकता है. रूपेश ने लिखा है कि हमें अपने शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करनी होगी. &nbsp;युद्धविराम को लेकर रणनीति तैयार करनी होगी. लेकिन बिना सरकार की मदद के संभव नहीं है. इसके लिए सरकार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे ऑपरेशन्स को रोकना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&nbsp;सीजफायर और शांतिवार्ता का प्रस्ताव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले भी नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने पर्चा जारी कर ये माना था कि पिछले 15 महीनों में करीब 400 से ज्यादा नक्सली सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. अगर सरकार नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन रोकती है तो हम सरकार से शांति वार्ता के लिये तैयार हैं. नक्सलियों की मांग पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि सरकार हर वक्त नक्सलियों से चर्चा करने को तैयार है, लेकिन बिना किसी शर्त के.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब ज़ोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा कि हमें शांतिवार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपने नेतृत्व करने वाले साथियों के साथ मिलकर निर्णय लेना होगा, लेकिन सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के चलते ये संभव नहीं हो पा रहा है. हम अपने साथियों से मिलना चाहते हैं. पर्चे में लिखा है कि अनुकूल माहौल के लिए ऑपरेशन रोकना जरूरी है. क्योंकि वार्ता की प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अनुकूल माहौल होना बेहद जरूरी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>माओवादियों के शांतिवार्ता और सीजफायर के प्रस्ताव का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार हमेशा नक्सल नेताओं से शांतिवार्ता के लिए तैयार है. लेकिन इसके लिए नक्सलियों को बंदूक छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना होगा. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ठ है बंदूक का जवाब बंदूक से दिया जाएगा. अगर माओवादियों को चर्चा करना है तो हथियार छोड़ें. सरकार नक्सलियों से चर्चा के लिए कोई कमेटी नहीं बनाने जा रही है. जिसे चर्चा करना है सीधे सरकार से चर्चा करें वो भी बिना किसी शर्त के.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का दिया है टारगेट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने की डेडलाइन सुरक्षा बलों को दी है. जिसके चलते छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में तेज़ी आई है. पिछले तीन महीनों में करीब 142 नक्सली मारे गए हैं. वहीं बड़ी तादात में नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने का सिलसिला भी लगातार जारी है. जिसके चलते माओवादी अब सीजफायर की बात कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(विनीत पाठक की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: </strong><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/chhattisgarh-naxalite-surrender-victim-relief-rehabilitation-policy-2025-vishnu-deo-sai-2922583″>छत्तीसगढ़ में लागू हुई नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025, जानें क्या है मकसद?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Vijay Sharma News:</strong> छत्तीसगढ़ में माओवादियों की ओर से दूसरी बार शांति वार्ता की पेशकश की गई है. माओवादियों ने पर्चा जारी कर सरकार से शांतिवार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की शर्त रखी है. वहीं नक्सलियों की मांग पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने दो टूक जवाब दे दिया है. गृहमंत्री ने कहा कि अगर नक्सल नेताओं को चर्चा करना है तो पहले बंदूक छोड़ कर मुख्यधारा में आना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल एक हफ्ते में दूसरी बार नक्सलियों की तरफ से सीजफायर की पेशकश की गई है. नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा कि संपूर्ण युद्ध विराम कर देंगे लेकिन इसके लिए सरकार भी हमारा साथ दें. नक्सल लीडर रूपेश ने पर्चे में लिखा कि सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्ध विराम किया जा सकता है. रूपेश ने लिखा है कि हमें अपने शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करनी होगी. &nbsp;युद्धविराम को लेकर रणनीति तैयार करनी होगी. लेकिन बिना सरकार की मदद के संभव नहीं है. इसके लिए सरकार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे ऑपरेशन्स को रोकना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&nbsp;सीजफायर और शांतिवार्ता का प्रस्ताव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले भी नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने पर्चा जारी कर ये माना था कि पिछले 15 महीनों में करीब 400 से ज्यादा नक्सली सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. अगर सरकार नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन रोकती है तो हम सरकार से शांति वार्ता के लिये तैयार हैं. नक्सलियों की मांग पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि सरकार हर वक्त नक्सलियों से चर्चा करने को तैयार है, लेकिन बिना किसी शर्त के.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब ज़ोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा कि हमें शांतिवार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपने नेतृत्व करने वाले साथियों के साथ मिलकर निर्णय लेना होगा, लेकिन सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के चलते ये संभव नहीं हो पा रहा है. हम अपने साथियों से मिलना चाहते हैं. पर्चे में लिखा है कि अनुकूल माहौल के लिए ऑपरेशन रोकना जरूरी है. क्योंकि वार्ता की प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अनुकूल माहौल होना बेहद जरूरी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>माओवादियों के शांतिवार्ता और सीजफायर के प्रस्ताव का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार हमेशा नक्सल नेताओं से शांतिवार्ता के लिए तैयार है. लेकिन इसके लिए नक्सलियों को बंदूक छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना होगा. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ठ है बंदूक का जवाब बंदूक से दिया जाएगा. अगर माओवादियों को चर्चा करना है तो हथियार छोड़ें. सरकार नक्सलियों से चर्चा के लिए कोई कमेटी नहीं बनाने जा रही है. जिसे चर्चा करना है सीधे सरकार से चर्चा करें वो भी बिना किसी शर्त के.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का दिया है टारगेट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने की डेडलाइन सुरक्षा बलों को दी है. जिसके चलते छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में तेज़ी आई है. पिछले तीन महीनों में करीब 142 नक्सली मारे गए हैं. वहीं बड़ी तादात में नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने का सिलसिला भी लगातार जारी है. जिसके चलते माओवादी अब सीजफायर की बात कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(विनीत पाठक की रिपोर्ट)</strong></p>
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