हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब पुलिस उप मंडल के तहत पुरूवाला थाना क्षेत्र के आज भोज के व्यासली गांव की एक युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक युवती की पहचान 26 वर्षीय कुमारी पूजा देवी पुत्री राजेंद्र निवासी गांव व्यासली तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर के रुप में हुई है। पुलिस के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूजा देवी पैदल पांवटा साहिब- डाकपत्थर रोड़ पर मेहरुवाला के समीप सड़क पर जा रही थी। इस दौरान सिंघपुरा की तरफ से तेज रफ्तारी से आई गाड़ी ने उसे टक्कर मार कर दी। इस हादसे के दौरान गाडी भी सड़क से नीचे रैंप पर ही गिर गई। इस हादसे में लड़की को गंभीर चोटें आई। युवती को ग्रामीणों की सहायता से प्राइवेट गाड़ी में सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाया गया, लेकिन युवती की मृत्यु हो गई। पुरुवाला थाना प्रभारी राजेश पाल ने बताया कि सालवाला गांव के चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब पुलिस उप मंडल के तहत पुरूवाला थाना क्षेत्र के आज भोज के व्यासली गांव की एक युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक युवती की पहचान 26 वर्षीय कुमारी पूजा देवी पुत्री राजेंद्र निवासी गांव व्यासली तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर के रुप में हुई है। पुलिस के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूजा देवी पैदल पांवटा साहिब- डाकपत्थर रोड़ पर मेहरुवाला के समीप सड़क पर जा रही थी। इस दौरान सिंघपुरा की तरफ से तेज रफ्तारी से आई गाड़ी ने उसे टक्कर मार कर दी। इस हादसे के दौरान गाडी भी सड़क से नीचे रैंप पर ही गिर गई। इस हादसे में लड़की को गंभीर चोटें आई। युवती को ग्रामीणों की सहायता से प्राइवेट गाड़ी में सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाया गया, लेकिन युवती की मृत्यु हो गई। पुरुवाला थाना प्रभारी राजेश पाल ने बताया कि सालवाला गांव के चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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बिलासपुर में AIIMS के सामने गाड़ी में लगी आग:फूड वैन का सारा सामान जलकर राख, गैस सिलेंडर की वजह से हुआ हादसा
बिलासपुर में AIIMS के सामने गाड़ी में लगी आग:फूड वैन का सारा सामान जलकर राख, गैस सिलेंडर की वजह से हुआ हादसा बिलासपुर में AIIMS के गेट नंबर दो के पास सड़क किनारे खड़ी एक फूड वैन में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई व्यक्ति आग की चपेट में नहीं आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बताया जा रहा है कि फूड वैन में रखे सिलेंडर में अचानक आग लग गई। फूड वैन के संचालक ने सूझ बूझ से गीले बोरों की सहायता से आग पर काबू पाया, जिसके बाद आग बुझाई जा सकी। इस आगजनी की घटना में कोई बड़ा हादसा नही हुआ है लेकिन फूड वैन का काफी नुकसान हो गया है। यह आगजनी की घटना शाम 4 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जैसे ही आग लगी वहां से गुजर रहें लोगों ने अपने मोबाइल में वीडियो बनाना शुरू कर दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
शिमला में पहली बार पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद:राम मंदिर गए बिना ही वापस लौटे, साईं की मूर्ति होने से किया कार्यक्रम का बहिष्कार
शिमला में पहली बार पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद:राम मंदिर गए बिना ही वापस लौटे, साईं की मूर्ति होने से किया कार्यक्रम का बहिष्कार हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित राम मंदिर में साईं की मूर्ति को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। उत्तर दिशा के ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गुरुवार को पहली बार शिमला पहुंचे। शंकराचार्य देशभर में गो हत्या को रोकने और गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में राम मंदिर में भी शंकराचार्य गो ध्वज की स्थापना के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वो पत्रकारों से भी बातचीत करने वाले थे, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है और राम मंदिर गए बिना ही वापस लौट गए। मन्दिर में साईं मूर्ति होने की वजह से नही गए मन्दिर
मिली जानकारी के मुताबिक शंकराचार्य गुरुवार सुबह सबसे पहले शिमला के प्राचीन मंदिर जाखू पहुंचे। यहां उन्होंने गो ध्वज की स्थापना की और इसी दौरान उन्हें राम मंदिर में साईं की प्रतिमा न हटाने की जानकारी मिली। जिसके बाद उनके स्टाफ ने जाखू मंदिर से ही एक संदेश दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि मन्दिर में साईं की मूर्ति होने की वजह से शंकराचार्य राम मंदिर नहीं गए, उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। मूर्ति को हटाने के लिए पहले दिया था पत्र
शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगीराज सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही राम मंदिर से साईं की मूर्ति हटाने को कहा था, लेकिन नहीं हटाई गई। ऐसे में शंकराचार्य ने जाखू मंदिर से ही गो ध्वज फहराया और वहीं से वापस देहरादून लौट गए। उनके मीडिया प्रभारी ने कहा कि हिंदू धर्म में पहले ही 33 करोड़ देवी देवता हैं। ऐसे में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति की मूर्ति (प्रतिमा) का कोई मतलब नही है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य देशभर में जहां भी मन्दिर में साईं की मूर्ति है, वहां पूजा नही करते हैं। इसलिए उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि शंकराचार्य बुधवार रात को शिमला पहुंचे थे और शिमला के न्यू शिमला में अपने किसी अनुयायी के घर रुके थे। गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्र व्यापी आंदोलन
बता दें अयोध्या राम मंदिर में भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने शास्त्र और वेदों के माध्यम से अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने वाली भूमि को राम की जन्मभूमि होने का प्रमाण दिया था। फिलहाल उन्होंने गो माता को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्र व्यापी आंदोलन शुरू किया है। 22 सितंबर को अयोध्या में राम मंदिर में गो ध्वज स्थापना और जयघोष के साथ यह यात्रा शुरू हुई है। 27 अक्टूबर को समाप्त होगी यात्रा
इसमें उनके अनुसार 33 राज्यों की राजधानी में गो ध्वज फहराया जा रहा है। 25 हजार 600 किलोमीटर की यात्रा 27 अक्टूबर को वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में गो ध्वज फहराने के साथ समाप्त होगी। राजधानी शिमला 33वां स्थान है, जहां गो ध्वज फहराया गया। इसी कड़ी में धर्म, संस्कृति और गो माता के सम्मान के महायज्ञ में आज सनातन धर्म के ध्वज को राम मंदिर के शिखर पर फहराने का कार्यक्रम था, जिसका शंकराचार्य ने बहिष्कार किया।
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।