‘पाकिस्तान में मेरे बेटे के साथ न जाने क्या सलूक हो रहा होगा। उसे खाने-पीने को देते हैं या नहीं। कहीं उसके साथ मारपीट तो नहीं करते होंगे। मैं हाथ जोड़ती हूं। मोदीजी के पैर पकड़ने को तैयार हूं। अगर बेटे को न ला पाएं, तो मुझे भेज दें।’ LOC क्रॉस कर पाकिस्तान पहुंचे बादल बाबू (30) की मां गायत्री देवी यह कहते हुए फफक कर रोने लगती हैं। पास में खड़े पिता कृपाल सिंह को गांव के लोग दिलासा देते दिख रहे हैं। मगर उन्हें पता है कि उनका बेटा बादल बड़ी मुसीबत में है। भास्कर एप टीम ने पिता से पूछा- बेटा पाकिस्तान में है, क्या भारतीय या पाकिस्तान दूतावास से कोई आधिकारिक जानकारी आई है? उन्होंने कहा- नहीं…हमारे पास किसी का फोन नहीं आया। मगर कुछ वीडियो हैं, जिसमें बताया जा रहा है बादल को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया है। वह कैद में है। हमने पूछा- आखिरी बार बादल से बात कब हुई थी? पिता बोले- दिवाली पर वह दिल्ली के लिए कहकर निकला था। कहता था जॉब करने दुबई जाऊंगा। नहीं पता कि ये पाकिस्तान कैसे पहुंचा। 30 अक्टूबर को आखिरी बार उसकी वॉट्सऐप कॉल आई थी। नंबर +92 से शुरू हो रहा था। हम जान गए कि ये पाकिस्तान का है। जब हमारी बात हुई…उसने कहा- मुझे जहां पहुंचना था, मैं पहुंच गया हूं। मेरी चिंता मत करना। फिर कुछ पता नहीं चल सका। अब हम लोग परेशान हैं, किससे कहें, ये भी नहीं समझ आ रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बादल बाबू के घर पहुंचने के लिए भास्कर टीम अलीगढ़ सिटी से करीब 30 किमी दूर छर्रा ब्लॉक के गांव नगला खटकारी में पहुंची। सिंगल लेन रोड के सहारे बादल बाबू के घर की तरफ बढ़ते हुए अजीब से सन्नाटे का एहसास हुआ। मगर 1 घर के आगे लोगों की भीड़ लगी थी। बताया गया कि यही बादल का घर है। लोगों के बीच पहुंचने के बाद सामने आया कि घर के अंदर मां गायत्री और पिता कृपाल मौजूद थे। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। कुछ लोग ऐसे भी थे, जो आस-पास के गांव के रहने वाले थे, जो सिर्फ देखने आए थे कि बादल आखिर कौन है? गांव के लोगों ने बताया कि बादल मिलनसार था। लोगों से मिलना, उनके सुख-दुख में शामिल होना उसे अच्छा लगता था। यही वजह है कि बादल के बारे में पता करने के लिए लोग घर तक पहुंच रहे थे। हाईस्कूल फेल बादल दुबई में जॉब करना चाहता था
30 साल का बादल का शुरू से ही पढ़ने-लिखने में अच्छा नहीं था। उसने हाई स्कूल की परीक्षा तो दी, लेकिन फेल हो गया था। इसके बाद वह काम-धंधे में जुट गया। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, इसलिए दिल्ली जाकर एक कपड़ा फैक्ट्री में जॉब करने लगा। वह सिलाई का काम जानता था। पिता कृपाल सिंह ने बताया- बादल 7 साल से दिल्ली में रहकर पैसे जोड़ रहा था, क्योंकि वह दुबई जाना चाहता था। मुझे ऐसा लगता है कि वह अपने किसी दोस्त के साथ पाकिस्तान गया है। वह कौन है? ये मुझे नहीं पता। आखिरी बार बादल ने कहा- मैं जिस काम से आया, वो पूरी हुआ
पिता कृपाल सिंह ने कहा- पाकिस्तान के नंबर से बादल से बात हो जाती थी। आखिरी बार जब उसने फोन किया तो वह भी पाकिस्तान का ही नंबर था। ये कॉल 30 अक्टूबर को आई थी। तब उसने कहा था कि वह जिस काम से आया है, वह हो गया है। मगर इसके बाद बादल का दोबारा फोन नहीं आया। जब कई दिन तक घर वालों से बादल की बात नहीं हुई तो परिवार ने उसी नंबर पर कॉल करनी चाही। लेकिन वह नंबर भी बंद मिला। पिता बोले- सारे दस्तावेज, उसे कोई बहकाकर ले गया
पिता कृपाल गांव के लोगों को बता रहे थे कि बादल ने दुबई जाने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट सब कुछ बनवाया था। वह दुबई जाने के लिए वीजा अप्लाई करने की बातें कहता था। मगर अभी अप्लाई किया नहीं था। वह दिवाली पर अलीगढ़ आया था, मगर जाते वक्त सारे दस्तावेज यहीं अपने कमरे की अलमारी में छोड़कर चला गया। पिता कहते हैं- अगर उसे जाना ही था तो वह वैध तरीके से वीजा लेकर भी जा सकता था। उसे क्या जरूरत थी कि बिना अनुमति चोरी-छिपे जाए। मुझे ऐसा लगता है कि जरूर उसे किसी ने बहकाया है, जिसके साथ वह इस तरीके से बॉर्डर पार करके गया है। इसलिए भारत सरकार हमारी मदद करे। बादल को वापस भारत लाने की व्यवस्था की जाए। पाकिस्तान की युवती के लिए पार किया बॉर्डर
बादल दिल्ली में रहकर सिलाई का काम करता था। कुछ महीने पहले ही उसकी फेसबुक पर पाकिस्तान में रहने वाली एक युवती से बातचीत हुई थी और दोनों के बीच प्यार हो गया। फेसबुक पर ही दोनों के नंबर एक्सचेंज हुए। बताया जा रहा है कि 27 दिसंबर को बादल ने पाकिस्तानी बॉर्डर क्रॉस कर लिया। मगर उसे पाकिस्तान पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में उसने कहा- वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी महिला से जुड़ा था और उससे मिलने के लिए पाकिस्तान आया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की पुलिस बादल बाबू को जासूस के रूप में देख रही है। उससे पूछताछ भी की जा रही है। युवक के पास किसी तरह का वैध दस्तावेज नहीं था, जो बॉर्डर पार करने के लिए पर्याप्त हो। उसके खिलाफ पाकिस्तान विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 13 व 14 के तहत केस भी दर्ज किया गया है। कोर्ट ने बादल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसकी अगली पेशी 10 जनवरी, 2025 को होगी। पहले भी की थी पाकिस्तान जाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी युवती से बातचीत होने के बाद बादल बाबू पहले भी दो बार भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने की कोशिश कर चुका था। लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तीसरी बार, वह पाकिस्तान पहुंचने में कामयाब रहा। मंडी बहाउद्दीन शहर में उसकी उस महिला से मुलाकात भी हो गई। मगर बाबू को पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन इलाके से बिना वैध दस्तावेज व वीजा के पकड़ लिया गया। ………. ये भी पढ़ें : महाकुंभ में अघोरी बनकर घुस सकते हैं आतंकी:IB की रिपोर्ट- स्लीपर सेल एक्टिव; साधुओं के वेश में पुलिसकर्मी तैनात होंगे कुछ आतंकी संगठनों ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 को टारगेट करने की साजिश बनाई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) ने UP के होम डिपार्टमेंट को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। पढ़िए पूरी खबर… ‘पाकिस्तान में मेरे बेटे के साथ न जाने क्या सलूक हो रहा होगा। उसे खाने-पीने को देते हैं या नहीं। कहीं उसके साथ मारपीट तो नहीं करते होंगे। मैं हाथ जोड़ती हूं। मोदीजी के पैर पकड़ने को तैयार हूं। अगर बेटे को न ला पाएं, तो मुझे भेज दें।’ LOC क्रॉस कर पाकिस्तान पहुंचे बादल बाबू (30) की मां गायत्री देवी यह कहते हुए फफक कर रोने लगती हैं। पास में खड़े पिता कृपाल सिंह को गांव के लोग दिलासा देते दिख रहे हैं। मगर उन्हें पता है कि उनका बेटा बादल बड़ी मुसीबत में है। भास्कर एप टीम ने पिता से पूछा- बेटा पाकिस्तान में है, क्या भारतीय या पाकिस्तान दूतावास से कोई आधिकारिक जानकारी आई है? उन्होंने कहा- नहीं…हमारे पास किसी का फोन नहीं आया। मगर कुछ वीडियो हैं, जिसमें बताया जा रहा है बादल को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया है। वह कैद में है। हमने पूछा- आखिरी बार बादल से बात कब हुई थी? पिता बोले- दिवाली पर वह दिल्ली के लिए कहकर निकला था। कहता था जॉब करने दुबई जाऊंगा। नहीं पता कि ये पाकिस्तान कैसे पहुंचा। 30 अक्टूबर को आखिरी बार उसकी वॉट्सऐप कॉल आई थी। नंबर +92 से शुरू हो रहा था। हम जान गए कि ये पाकिस्तान का है। जब हमारी बात हुई…उसने कहा- मुझे जहां पहुंचना था, मैं पहुंच गया हूं। मेरी चिंता मत करना। फिर कुछ पता नहीं चल सका। अब हम लोग परेशान हैं, किससे कहें, ये भी नहीं समझ आ रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बादल बाबू के घर पहुंचने के लिए भास्कर टीम अलीगढ़ सिटी से करीब 30 किमी दूर छर्रा ब्लॉक के गांव नगला खटकारी में पहुंची। सिंगल लेन रोड के सहारे बादल बाबू के घर की तरफ बढ़ते हुए अजीब से सन्नाटे का एहसास हुआ। मगर 1 घर के आगे लोगों की भीड़ लगी थी। बताया गया कि यही बादल का घर है। लोगों के बीच पहुंचने के बाद सामने आया कि घर के अंदर मां गायत्री और पिता कृपाल मौजूद थे। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। कुछ लोग ऐसे भी थे, जो आस-पास के गांव के रहने वाले थे, जो सिर्फ देखने आए थे कि बादल आखिर कौन है? गांव के लोगों ने बताया कि बादल मिलनसार था। लोगों से मिलना, उनके सुख-दुख में शामिल होना उसे अच्छा लगता था। यही वजह है कि बादल के बारे में पता करने के लिए लोग घर तक पहुंच रहे थे। हाईस्कूल फेल बादल दुबई में जॉब करना चाहता था
30 साल का बादल का शुरू से ही पढ़ने-लिखने में अच्छा नहीं था। उसने हाई स्कूल की परीक्षा तो दी, लेकिन फेल हो गया था। इसके बाद वह काम-धंधे में जुट गया। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, इसलिए दिल्ली जाकर एक कपड़ा फैक्ट्री में जॉब करने लगा। वह सिलाई का काम जानता था। पिता कृपाल सिंह ने बताया- बादल 7 साल से दिल्ली में रहकर पैसे जोड़ रहा था, क्योंकि वह दुबई जाना चाहता था। मुझे ऐसा लगता है कि वह अपने किसी दोस्त के साथ पाकिस्तान गया है। वह कौन है? ये मुझे नहीं पता। आखिरी बार बादल ने कहा- मैं जिस काम से आया, वो पूरी हुआ
पिता कृपाल सिंह ने कहा- पाकिस्तान के नंबर से बादल से बात हो जाती थी। आखिरी बार जब उसने फोन किया तो वह भी पाकिस्तान का ही नंबर था। ये कॉल 30 अक्टूबर को आई थी। तब उसने कहा था कि वह जिस काम से आया है, वह हो गया है। मगर इसके बाद बादल का दोबारा फोन नहीं आया। जब कई दिन तक घर वालों से बादल की बात नहीं हुई तो परिवार ने उसी नंबर पर कॉल करनी चाही। लेकिन वह नंबर भी बंद मिला। पिता बोले- सारे दस्तावेज, उसे कोई बहकाकर ले गया
पिता कृपाल गांव के लोगों को बता रहे थे कि बादल ने दुबई जाने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट सब कुछ बनवाया था। वह दुबई जाने के लिए वीजा अप्लाई करने की बातें कहता था। मगर अभी अप्लाई किया नहीं था। वह दिवाली पर अलीगढ़ आया था, मगर जाते वक्त सारे दस्तावेज यहीं अपने कमरे की अलमारी में छोड़कर चला गया। पिता कहते हैं- अगर उसे जाना ही था तो वह वैध तरीके से वीजा लेकर भी जा सकता था। उसे क्या जरूरत थी कि बिना अनुमति चोरी-छिपे जाए। मुझे ऐसा लगता है कि जरूर उसे किसी ने बहकाया है, जिसके साथ वह इस तरीके से बॉर्डर पार करके गया है। इसलिए भारत सरकार हमारी मदद करे। बादल को वापस भारत लाने की व्यवस्था की जाए। पाकिस्तान की युवती के लिए पार किया बॉर्डर
बादल दिल्ली में रहकर सिलाई का काम करता था। कुछ महीने पहले ही उसकी फेसबुक पर पाकिस्तान में रहने वाली एक युवती से बातचीत हुई थी और दोनों के बीच प्यार हो गया। फेसबुक पर ही दोनों के नंबर एक्सचेंज हुए। बताया जा रहा है कि 27 दिसंबर को बादल ने पाकिस्तानी बॉर्डर क्रॉस कर लिया। मगर उसे पाकिस्तान पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में उसने कहा- वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी महिला से जुड़ा था और उससे मिलने के लिए पाकिस्तान आया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की पुलिस बादल बाबू को जासूस के रूप में देख रही है। उससे पूछताछ भी की जा रही है। युवक के पास किसी तरह का वैध दस्तावेज नहीं था, जो बॉर्डर पार करने के लिए पर्याप्त हो। उसके खिलाफ पाकिस्तान विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 13 व 14 के तहत केस भी दर्ज किया गया है। कोर्ट ने बादल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसकी अगली पेशी 10 जनवरी, 2025 को होगी। पहले भी की थी पाकिस्तान जाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी युवती से बातचीत होने के बाद बादल बाबू पहले भी दो बार भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने की कोशिश कर चुका था। लेकिन वह सफल नहीं हुआ। तीसरी बार, वह पाकिस्तान पहुंचने में कामयाब रहा। मंडी बहाउद्दीन शहर में उसकी उस महिला से मुलाकात भी हो गई। मगर बाबू को पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन इलाके से बिना वैध दस्तावेज व वीजा के पकड़ लिया गया। ………. ये भी पढ़ें : महाकुंभ में अघोरी बनकर घुस सकते हैं आतंकी:IB की रिपोर्ट- स्लीपर सेल एक्टिव; साधुओं के वेश में पुलिसकर्मी तैनात होंगे कुछ आतंकी संगठनों ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 को टारगेट करने की साजिश बनाई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) ने UP के होम डिपार्टमेंट को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर