पाकिस्तान से डेढ़ साल बाद भारत लौटे मां-बेटे:कनाडा का सपना दिखाकर एजेंट ने अफगानिस्तान में छोड़ा, असम के रहने वाले

पाकिस्तान से डेढ़ साल बाद भारत लौटे मां-बेटे:कनाडा का सपना दिखाकर एजेंट ने अफगानिस्तान में छोड़ा, असम के रहने वाले

असम की महिला वहीदा बेगम करीब डेढ़ साल तक पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद आज अपने 11 साल के बेटे फैज खान के साथ भारत लौट आई। अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत लौटी वहीदा भी भारत के चालाक एजेंटों का शिकार बन गई। उन्होंने उसे कनाडा के सपने दिखाए और उसे उसके बेटे के साथ अफगानिस्तान में छोड़ दिया। बेगम और उनके बेटे को वैध पासपोर्ट और वीजा की कमी के कारण नवंबर 2022 से क्वेटा जेल में रखा गया था। उनकी हिरासत के बारे में सबसे पहले असम के नागांव में वहीदा के परिवार को फोन कॉल के ज़रिए बताया गया। इसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत से कानूनी नोटिस भेजा गया। पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास क्वेटा में उसके पहुंचने की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। स्थानीय वकील संतोष कुमार सुमन के प्रयासों और पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की भागीदारी के बाद उसकी रिहाई में तेजी लाई गई। 7 दिन दुबई में भी रुकी थी वहीदा असम की वहीदा बेगम ने भारत आने के बाद अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने और उनके बेटे ने दुबई में 7 दिन और कंधार में 7 दिन बिताए। उन्हें चमन सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया। जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। गदानी जेल में स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने क्वेटा जेल में लगभग 6 महीने बिताए। लैंडी जेल में रहते हुए उन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास तक पहुंच प्राप्त हुई। एजेंटों के जाल में फंसी वहीदा असम की वहीदा बेगम और उनके बेटे को एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया था। जिसके बाद वे अफगानिस्तान पहुंच गए और फिर उन्हें अफगान सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तान की सीमा में धकेल दिया। जानकारी के मुताबिक वहीदा और उनके 11 साल के बेटे को जरूरी दस्तावेजों के अभाव में हिरासत में लिया गया था। भारत सरकार के प्रयासों और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की मदद से वहीदा करीब डेढ़ साल बाद वापस लौट रही हैं। तीन अन्य भारतीय भी हुए रिहा पाकिस्तान से छूटने वाली वहीदा व उनका बेटा अकेली नहीं है। वहीदा व उसके बेटे के साथ तीन अन्य भारतीय कैदियों को भी रिहा किया गया है। इनमें सूरज पाल, रमेश के अलावा कराची की मालिर जेल से छूटे शब्बीर अहमद डार्स का नाम भी शामिल है। असम की महिला वहीदा बेगम करीब डेढ़ साल तक पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद आज अपने 11 साल के बेटे फैज खान के साथ भारत लौट आई। अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत लौटी वहीदा भी भारत के चालाक एजेंटों का शिकार बन गई। उन्होंने उसे कनाडा के सपने दिखाए और उसे उसके बेटे के साथ अफगानिस्तान में छोड़ दिया। बेगम और उनके बेटे को वैध पासपोर्ट और वीजा की कमी के कारण नवंबर 2022 से क्वेटा जेल में रखा गया था। उनकी हिरासत के बारे में सबसे पहले असम के नागांव में वहीदा के परिवार को फोन कॉल के ज़रिए बताया गया। इसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत से कानूनी नोटिस भेजा गया। पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास क्वेटा में उसके पहुंचने की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। स्थानीय वकील संतोष कुमार सुमन के प्रयासों और पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की भागीदारी के बाद उसकी रिहाई में तेजी लाई गई। 7 दिन दुबई में भी रुकी थी वहीदा असम की वहीदा बेगम ने भारत आने के बाद अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने और उनके बेटे ने दुबई में 7 दिन और कंधार में 7 दिन बिताए। उन्हें चमन सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया। जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। गदानी जेल में स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने क्वेटा जेल में लगभग 6 महीने बिताए। लैंडी जेल में रहते हुए उन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास तक पहुंच प्राप्त हुई। एजेंटों के जाल में फंसी वहीदा असम की वहीदा बेगम और उनके बेटे को एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया था। जिसके बाद वे अफगानिस्तान पहुंच गए और फिर उन्हें अफगान सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तान की सीमा में धकेल दिया। जानकारी के मुताबिक वहीदा और उनके 11 साल के बेटे को जरूरी दस्तावेजों के अभाव में हिरासत में लिया गया था। भारत सरकार के प्रयासों और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की मदद से वहीदा करीब डेढ़ साल बाद वापस लौट रही हैं। तीन अन्य भारतीय भी हुए रिहा पाकिस्तान से छूटने वाली वहीदा व उनका बेटा अकेली नहीं है। वहीदा व उसके बेटे के साथ तीन अन्य भारतीय कैदियों को भी रिहा किया गया है। इनमें सूरज पाल, रमेश के अलावा कराची की मालिर जेल से छूटे शब्बीर अहमद डार्स का नाम भी शामिल है।   पंजाब | दैनिक भास्कर