येशु-येशु वाले बाबा के नाम से मशहूर पादरी बजिंदर सिंह को रेप के मामले में जेल भिजवाने वाली पंजाब के खरड़ की महिला और उसके पति अब खुद मुश्किलों में घिर गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि दंपती का आरोप है कि यह झूठा मामला है। उन्हें इस मामले की जानकारी तब हुई जब 7 जून को सुबह 9 बजे बल्ह थाने (मंडी) की पुलिस टीम उनके घर पहुंची। पुलिस ने बताया कि दुष्कर्म मामले में उनकी जमानत याचिका कोर्ट में खारिज हो चुकी है। दंपती का दावा है कि वे कभी मंडी नहीं गए और न ही उन्होंने कोई जमानत याचिका दायर की और न ही उन्हें कोई नोटिस मिला। उनका आरोप है कि जेल में बंद बजिंदर यह सब करवा रहा है। पहले भी इस तरह के मामले दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए हिमाचल प्रदेश की मंडी पुलिस जिम्मेदार होगी। उन्होंने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। साथ ही वे वकील के खिलाफ कार्रवाई के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश से भी मिलेंगे। पत्र में तीन मुख्य पॉइंट उठाए: 1. पहले एफआईआर और फिर लगाई जमानत कपल ने पत्र में कहा है कि उन पर हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी बल्ह थाने में 87, 70 (1) BNS की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। इस केस की जांच के लिए उन्हें कोई नोटिस नहीं आया। हैरानी की बात तो यह है कि हमारे आधार कार्ड की कॉपी लगा कर मंडी कोर्ट में हमारी बेल लगा दी गई जो कि हमें पता भी नहीं है। यह सब हमें तब पता चला जब सात जून सुबह 9 बजे बल्ह थाना SHO टीम हमारे घर पर पहुंची। उन्होंने कहा कि जिस वकील ने उनके नाम से खुद ही जमानत याचिका लगाई थी। उसके खिलाफ भी लड़ाई लडे़ंगे। 2. पुलिस ने पूछा तो दिए सारे सबूत महिला का कहना है कि जब मुझसे और मेरे पति के गनमैन से पूछा गया कि 22 और 23 मई को आप कहां थे? और फिर मुझे मेरे पति की जमानत खारिज होने की बात बताई गई तो हम चौंक गए। मेरे पति पंजाब में एक संगठन के प्रमुख और समाजसेवी हैं। फिर हमने पुलिस टीम को सारे सबूत दिए। हालांकि, उनका कहना है कि यह सब खेल है। 3 कोर्ट से मिली हुई है सिक्योरिटी दंपती ने बताया कि हमने पुलिस से कहा कि हम दोनों को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से गनमैन मिले हुए हैं। हमें अगर शहर से बाहर जाना है तो पुलिस को बताना पड़ता है। हम तो 24, घंटे नजर बंद हैं। यह सब मुझे और मेरे पति सरबजीत सिंह को फंसाने के लिए किया गया है क्योंकि मेरे द्वारा पास्टर बिजेंद्र सिंह के खिलाफ 2018 में केस दर्ज हुआ था। रेप की कहानी भी दिलचस्प है। महिला ने बताया कि जब बजिंदर सिंह को अप्रैल महीने में सजा हुई थी, उस दिन के बाद से लगातार हमारे ऊपर वह जेल में बैठा बैठा शिकायतें करवा रहा है। उसे जेल में सारी सुविधाएं मिल रही है। उन्होंने बताया कि अब तो हद हो गई है कि उनके खिलाफ मंडी में केस दर्ज हुआ है। एफआईआर की कहानी भी दिलचस्प है। महिला ने बताया कि पीड़िता का कहना है कि वह फेज-छह मोहाली में खड़ी थी। इस दौरान महिला ने उसे कोक में कोई चीज पिला दी। इसमें उसका नाम लिखा है। फिर महिला ने सरबजीत सिंह व प्रितपाल सिंह को बुलाया । फिर इनोवा गाड़ी में डालकर मुझे मंडी की तरफ ले गए। मेरी कनपटी पर पिस्तौल रखकर उसने मेरे साथ गलत काम करवाया। मंडी जिला अदालत में 03 जून 2025 को एक जमानत याचिका डाली गई। जिस पर 04 जून 2025 को सुनवाई के दौरान पुलिस को नोटिस भेजा गया। फिर 06 जून को इस मामले में अदालत में जमानत याचिका रद्द कर दी। पुलिस ने चार घंटे तक पूछताछ की महिला के वकील ने बताया कि करीब चार घंटे तक पुलिस उनके यहां पर रही। इसके बाद आस पड़ोस में कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी गई। वहीं, उन्होंने पंजाब हिमाचल के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मांग की है कि फर्जी जमानत देने वाले वकीलों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि वह हिमाचल पुलिस से संपर्क किया है। येशु-येशु वाले बाबा के नाम से मशहूर पादरी बजिंदर सिंह को रेप के मामले में जेल भिजवाने वाली पंजाब के खरड़ की महिला और उसके पति अब खुद मुश्किलों में घिर गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि दंपती का आरोप है कि यह झूठा मामला है। उन्हें इस मामले की जानकारी तब हुई जब 7 जून को सुबह 9 बजे बल्ह थाने (मंडी) की पुलिस टीम उनके घर पहुंची। पुलिस ने बताया कि दुष्कर्म मामले में उनकी जमानत याचिका कोर्ट में खारिज हो चुकी है। दंपती का दावा है कि वे कभी मंडी नहीं गए और न ही उन्होंने कोई जमानत याचिका दायर की और न ही उन्हें कोई नोटिस मिला। उनका आरोप है कि जेल में बंद बजिंदर यह सब करवा रहा है। पहले भी इस तरह के मामले दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए हिमाचल प्रदेश की मंडी पुलिस जिम्मेदार होगी। उन्होंने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। साथ ही वे वकील के खिलाफ कार्रवाई के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश से भी मिलेंगे। पत्र में तीन मुख्य पॉइंट उठाए: 1. पहले एफआईआर और फिर लगाई जमानत कपल ने पत्र में कहा है कि उन पर हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी बल्ह थाने में 87, 70 (1) BNS की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। इस केस की जांच के लिए उन्हें कोई नोटिस नहीं आया। हैरानी की बात तो यह है कि हमारे आधार कार्ड की कॉपी लगा कर मंडी कोर्ट में हमारी बेल लगा दी गई जो कि हमें पता भी नहीं है। यह सब हमें तब पता चला जब सात जून सुबह 9 बजे बल्ह थाना SHO टीम हमारे घर पर पहुंची। उन्होंने कहा कि जिस वकील ने उनके नाम से खुद ही जमानत याचिका लगाई थी। उसके खिलाफ भी लड़ाई लडे़ंगे। 2. पुलिस ने पूछा तो दिए सारे सबूत महिला का कहना है कि जब मुझसे और मेरे पति के गनमैन से पूछा गया कि 22 और 23 मई को आप कहां थे? और फिर मुझे मेरे पति की जमानत खारिज होने की बात बताई गई तो हम चौंक गए। मेरे पति पंजाब में एक संगठन के प्रमुख और समाजसेवी हैं। फिर हमने पुलिस टीम को सारे सबूत दिए। हालांकि, उनका कहना है कि यह सब खेल है। 3 कोर्ट से मिली हुई है सिक्योरिटी दंपती ने बताया कि हमने पुलिस से कहा कि हम दोनों को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से गनमैन मिले हुए हैं। हमें अगर शहर से बाहर जाना है तो पुलिस को बताना पड़ता है। हम तो 24, घंटे नजर बंद हैं। यह सब मुझे और मेरे पति सरबजीत सिंह को फंसाने के लिए किया गया है क्योंकि मेरे द्वारा पास्टर बिजेंद्र सिंह के खिलाफ 2018 में केस दर्ज हुआ था। रेप की कहानी भी दिलचस्प है। महिला ने बताया कि जब बजिंदर सिंह को अप्रैल महीने में सजा हुई थी, उस दिन के बाद से लगातार हमारे ऊपर वह जेल में बैठा बैठा शिकायतें करवा रहा है। उसे जेल में सारी सुविधाएं मिल रही है। उन्होंने बताया कि अब तो हद हो गई है कि उनके खिलाफ मंडी में केस दर्ज हुआ है। एफआईआर की कहानी भी दिलचस्प है। महिला ने बताया कि पीड़िता का कहना है कि वह फेज-छह मोहाली में खड़ी थी। इस दौरान महिला ने उसे कोक में कोई चीज पिला दी। इसमें उसका नाम लिखा है। फिर महिला ने सरबजीत सिंह व प्रितपाल सिंह को बुलाया । फिर इनोवा गाड़ी में डालकर मुझे मंडी की तरफ ले गए। मेरी कनपटी पर पिस्तौल रखकर उसने मेरे साथ गलत काम करवाया। मंडी जिला अदालत में 03 जून 2025 को एक जमानत याचिका डाली गई। जिस पर 04 जून 2025 को सुनवाई के दौरान पुलिस को नोटिस भेजा गया। फिर 06 जून को इस मामले में अदालत में जमानत याचिका रद्द कर दी। पुलिस ने चार घंटे तक पूछताछ की महिला के वकील ने बताया कि करीब चार घंटे तक पुलिस उनके यहां पर रही। इसके बाद आस पड़ोस में कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी गई। वहीं, उन्होंने पंजाब हिमाचल के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मांग की है कि फर्जी जमानत देने वाले वकीलों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि वह हिमाचल पुलिस से संपर्क किया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
