हरियाणा के पानीपत में शेल्टर होम से देर रात 16 साल की नाबालिग लड़की स्टाफ को चकमा देकर फरार हो गई। नाबालिग ने भागते समय मोबाइल फोन, नकदी और जरूरी दस्तावेज लेकर गई है। लड़की मेन गेट से गली में कूदकर भाग निकली। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। महिला थाने की पुलिस ने लड़की को बरामद किया था सृष्टि कल्याण समिति ओपन शेल्टर होम की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रीना ने चांदनीबाग थाने में दी शिकायत में बताया कि 16 वर्षीय लड़की को 24 जुलाई को महिला थाने की एएसआई संतोष यहां लेकर आई थी। 26 जुलाई की रात करीब 11 बजे वह कमरे के दरवाजे की जाली तोड़कर कमरे से बाहर आ गई। कमरे से बाहर आकर वह नाइट ड्यूटी पर मौजूद नीतू के कमरे में गई और उसकी अलमारी से 7500 रुपये चुरा लिए। उसने उसका दुपट्टा भी ले लिया। इसके बाद लड़की ऑफिस चली गई। ऑफिस जाने के बाद लड़की ने अलमारी से कीपैड फोन और कुछ जरूरी ऑफिस के दस्तावेज चुरा लिए और मुख्य दरवाजा फांदकर बाहर आ गई। हरियाणा के पानीपत में शेल्टर होम से देर रात 16 साल की नाबालिग लड़की स्टाफ को चकमा देकर फरार हो गई। नाबालिग ने भागते समय मोबाइल फोन, नकदी और जरूरी दस्तावेज लेकर गई है। लड़की मेन गेट से गली में कूदकर भाग निकली। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। महिला थाने की पुलिस ने लड़की को बरामद किया था सृष्टि कल्याण समिति ओपन शेल्टर होम की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रीना ने चांदनीबाग थाने में दी शिकायत में बताया कि 16 वर्षीय लड़की को 24 जुलाई को महिला थाने की एएसआई संतोष यहां लेकर आई थी। 26 जुलाई की रात करीब 11 बजे वह कमरे के दरवाजे की जाली तोड़कर कमरे से बाहर आ गई। कमरे से बाहर आकर वह नाइट ड्यूटी पर मौजूद नीतू के कमरे में गई और उसकी अलमारी से 7500 रुपये चुरा लिए। उसने उसका दुपट्टा भी ले लिया। इसके बाद लड़की ऑफिस चली गई। ऑफिस जाने के बाद लड़की ने अलमारी से कीपैड फोन और कुछ जरूरी ऑफिस के दस्तावेज चुरा लिए और मुख्य दरवाजा फांदकर बाहर आ गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 सीटों पर साइलेंट बागियों का खतरा:BJP-कांग्रेस के 4 नेताओं ने नहीं छोड़ी पार्टी, उम्मीदवारों के समर्थन में भी नहीं
हरियाणा में 3 सीटों पर साइलेंट बागियों का खतरा:BJP-कांग्रेस के 4 नेताओं ने नहीं छोड़ी पार्टी, उम्मीदवारों के समर्थन में भी नहीं हरियाणा में रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को ‘साइलेंट’ बागियों से खतरा है। कोसली में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश यादव और बीजेपी प्रत्याशी अनिल डहीना के अलावा बावल में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. कृष्ण कुमार और रेवाड़ी सीट से कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह यादव के सामने बागियों से निपटना चुनौती है। कुछ बागी पार्टी छोड़ निर्दलीय मैदान में उतार चुके हैं, लेकिन 4 बड़े चेहरे राव यादवेंद्र, बिक्रम ठेकेदार, रणधीर सिंह कापड़ीवास और डॉ. बनवारी लाल ने ना पार्टी छोड़ी और ना ही प्रत्याशी के समर्थन में दिख रहे हैं। चारों के पास खुद का जनाधार भी है। ऐसे में तीनों सीटों पर भीतरघात की पूरी संभावनाएं दिख रही है। इन्हें मनाने की कोशिशें भी अभी तक नहीं हुई हैं। दरअसल, इस बार बीजेपी और कांग्रेस को इन तीनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बीजेपी ने तीनों ही सीटों पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस ने बावल और कोसली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के नेताओं को तरजीह दी और रेवाड़ी सीट पर कांग्रेस ने सिटिंग MLA चिरंजीव राव को फिर से प्रत्याशी बनाया है। बावल में 52 नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन यहां पार्टी ने डॉ. एमएल रंगा को टिकट दी। हुड्डा गुट से होने के कारण उनका अभी विरोध देखने को नहीं मिला है। इसी तरह चिरंजीव के खिलाफ भी अभी तक किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। हालांकि कोसली सीट पर कांग्रेस को बड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। जगदीश के सामने यादवेंद्र चुनौती
कांग्रेस की तरफ से कोसली में प्रत्याशी बनाए गए जगदीश यादव के सामने दो चुनौतियां हैं। एक हैं यहां से टिकट के दावेदारों में शामिल पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह, जो की पहले ही अपने बागी तेवर अपना चुके हैं। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में नही उतरे हैं और ना ही उन्होंने अभी तक पार्टी छोड़ी है। वह इशारों-इशारों में कह चुके हैं कि वह जगदीश को नहीं जीतने देंगे। वहीं दूसरी चुनौती हैं टिकट के एक और दावेदार मनोज कोसलिया, जो कि निर्दलीय ही मैदान में उतार चुके हैं। अनिल के सामने खतरा बन सकते हैं बिक्रम ठेकेदार
राव इंद्रजीत सिंह की साफारिश पर बीजेपी ने कोसली सीट पर अनिल डहीना को चुनावी मैदान में उतारा है। अनिल डहीना एक बार जिला पार्षद रह चुके हैं। हालांकि 2 साल पहले हुए जिला पार्षद चुनाव में वो हार गए थे। उनका इस सीट पर खुद का कोई जनाधार नहीं है। उनकी नौका पूरी तरह राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे पर है, लेकिन चुनौती पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार से भी है। बिक्रम ठेकेदार भी टिकट के दावेदार थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने अपने बागी तेवर भी दिखाए। हालांकि वो ना तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं और ना ही उन्होंने पार्टी से किनारा किया है। ऐसे में अनिल के सामने भी भीतरघात से निपटना दोहरी चुनौती होगी। लक्ष्मण का खेल बिगाड़ सकते हैं कापड़ीवास
रेवाड़ी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के लिए सबसे बड़ा खतरा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास हैं, जिन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले। टिकट कटने से नाराज होकर दो बड़े चेहरे सतीश यादव आप की टिकट पर और सन्नी यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन कापड़ीवास पूरी तरह शांत बैठे हुए हैं। उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से मनाने के भी खूब प्रयास किए गए लेकिन वे अभी तक लक्ष्मण सिंह यादव से दूरी बनाए हुए हैं। 2019 के चुनाव में टिकट कटने पर रणधीर सिंह कापड़ीवास ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वो 35 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। बीजेपी की हार का कारण भी रणधीर सिंह कापड़ीवास के निर्दलीय चुनाव लड़ने को ही माना गया था। बावल में हैं डॉ. बनवारी साइलेंट
बीजेपी ने बावल सीट पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. कृष्ण कुमार को टिकट दी है। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के चलते डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटी गई। ऐसे में डॉ. कृष्ण कुमार की जीत की जिम्मेदारी भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कंधों पर है। डॉ. बनवारी लाल टिकट कटने से नाराज तो है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं की है। 8 साल से ज्यादा मंत्री रहने के दौरान डॉ. बनवारी लाल ने इलाके में अपनी खुद की पकड़ मजबूत की है। जबकि डॉ. कृष्ण कुमार अभी नए हैं। डॉ. बनवारी का साइलेंट रहना बगावती संकेत है। ऐसे में इस बगावत से निपटना कृष्ण कुमार के लिए एक चुनौती है। रूठों के मान जाने के चांस कम
तीनों ही सीटों पर अभी रूठों को मनाने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं हुई हैं। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को जरूर सीएम नायब सैनी ने मिलने के लिए बुलाया था। बाकी अन्य रूठे अभी शांत बैठे हुए हैं। उनके मान जाने के चांस भी बहुत कम है। यही वजह है कि बागी संकेत दे चुके नेता अब टिकट कटने का बदला लेने के लिए रूप रेखाएं तैयार कर रहे है। सबसे ज्यादा खतरा कोसली और रेवाड़ी सीट पर नजर आ रहा है। यहां कांग्रेस के लिए भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस की टिकट के दावेदार रहे नेताओं के भी भीतरघात करने की पूरी संभावनाएं हैं।
करनाल में किसान पर लाठी-डंडों से हमला:6 महीने में चौथा अटैक, पुरानी रंजिश के चलते हुई वारदात, अस्पताल में भर्ती
करनाल में किसान पर लाठी-डंडों से हमला:6 महीने में चौथा अटैक, पुरानी रंजिश के चलते हुई वारदात, अस्पताल में भर्ती हरियाणा के करनाल के घरौंडा थाने के गांव गढ़ी भरल के एक किसान पर जानलेवा हमला होने का मामला सामने आया है। किसान बाइक पर खेत में जा रहा था। खेत में जाते समय लाठी-डंडों और चाकुओं से लैस कुछ हमलावरों ने उस पर हमला कर दिया। किसान ने किसी तरह अपनी जान बचाई और पास के एक घर में घुस गया, लेकिन हमलावरों ने उसे वहां भी नहीं छोड़ा और घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की। हमला होते देख आसपास के ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और हमलावरों से किसान को बचाया। घायल किसान को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल कराने के बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। खेत पर जा रहा था किसान, हमलावरों ने हथियारों के साथ दौड़ाया गांव गढ़ी भरल निवासी शोएब किसानी का काम करता है। पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार 15 अक्टूबर को सुबह करीब 10 बजे वह अपनी मोटरसाइकिल से खेत पर जा रहा था। तभी दिलदार, सद्दाम और राकिब लाठी-डंडों और चाकूओं से लैस होकर उसकी मोटरसाइकिल का पीछा करने लगे। दिलदार ने अपनी मोटरसाइकिल शोएब के सामने लाकर उसे रोक लिया और उसे मोटरसाइकिल से नीचे उतारकर पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने शोएब पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। छह महीने में चौथी बार हमला पुलिस के मुताबिक, हमले से जान बचाने के लिए शोएब पास के अकबर के घर भागा, लेकिन आरोपी उसके पीछे दौड़े। हमलावरों ने अकबर के घर में घुसकर वहां भी शोएब पर हमला किया। मौके पर पहुंचे गांव के लोगों की भीड़ ने शोएब को किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया। शोएब ने पुलिस को बताया कि यह हमला पुरानी रंजिश के चलते हुआ है। पिछले छह महीनों में यह चौथी बार है जब आरोपियों ने शोएब और उसके परिवार पर हमला किया। पहले भी मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं और इस बारे में शिकायत पुलिस में पहले से दर्ज है, जिसकी कार्यवाही जारी है। आरोपियों ने शोएब और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी है। पुलिस में शिकायत देने से रोका, दी धमकी पीड़ित का आरोप है कि जब वह और उसके परिवार के लोग पुलिस थाने शिकायत दर्ज कराने के लिए निकल रहे थे तो आरोपियों ने रास्ते में उन्हें रोककर धमकी दी। आरोपियों ने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ कोई शिकायत दी, तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। जांच अधिकारी प्रवीण ने बताया कि शोएब की शिकायत के आधार पर हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में 2 ट्रेनों के संचालन में विस्तार:हिसार-तिरूपति और बाड़मेर-मुनाबाव ट्रेनें शामिल; जोधपुर-साबरमती री-शेड्यूल रहेगी
हरियाणा में 2 ट्रेनों के संचालन में विस्तार:हिसार-तिरूपति और बाड़मेर-मुनाबाव ट्रेनें शामिल; जोधपुर-साबरमती री-शेड्यूल रहेगी रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हिसार-तिरूपति और बाड़मेर-मुनाबाव के बीच चलने वाली प्रतिदिन स्पेशल ट्रेनों के संचालन अवधि में विस्तार किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, रेलवे द्वारा अनुरक्षण कार्य के कारण गाड़ी संख्या 14821, जोधपुर-साबरमती रेल सेवा को 27 मई और 3 जून को रि-शेड्यूल किया गया था। यह ट्रेन 27 मई और 3 जून (2 दिन) जोधपुर से अपने निर्धारित समय अनुसार संचालित होगी। गाड़ी संख्या 09715/09716, हिसार-तिरूपति-हिसार सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन के संचालन अवधि में हिसार से 1 जून से 26 जून तक (5 ट्रिप) एवं तिरूपति से 4 जून से 2 जुलाई तक (5 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है। गाड़ी संख्या 04879/04880, बाड़मेर-मुनाबाव-बाडमेर प्रतिदिन स्पेशल ट्रेन के संचालन अवधि में बाड़मेर से 1 जून से 30 जून तक (30 ट्रिप) एवं मुनाबाव से 2 जून से 1 जुलाई तक (30 ट्रिप) विस्तार किया जा रहा है।