हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से कई नेता अपनी-अपनी पार्टियों से बागी हो चुके है। इनमें से अनेक बागी नेता निर्दलीय मैदान में उतरे हुए है। पानीपत में भी बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों के नेता बागी होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे है। पानीपत में भी कई बागी है। जिनमें बड़ा चेहरा पानीपत शहरी से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी है। वहीं, ग्रामीण सीट से कांग्रेस से टिकट मांग रहे विजय जैन भी इन्हीं बागियों में शामिल है। अब दोनों ने एक-दूसरे का समर्थन किया है। शहरी सीट से रोहिता रेवड़ी के लिए विजय जैन और ग्रामीण सीट से विजय जैन के लिए रोहिता रेवड़ी के लिए साथ देने की हामी भरी है। दोनों नेता एक ही जगह मिले थे, उस दौरान दोनों के बीच हुई बातचीत भी सामने आई है। कांग्रेस ने उतारे डमी कैंडिडेट बातचीत के दौरान रोहिता के पति सुरेंद्र रेवड़ी ने कहा कि हम दोनों के साथ पार्टी ने अच्छा नहीं किया है। तमाम सर्वों में हमारा नाम सबसे ऊपर था। इसके बावजूद पार्टी ने इसकी अनदेखी की है। एक बड़ा नेता हमें बहका कर वहां ले गया था। वहीं, विजय जैन ने कहा कि टिकट देने में बड़ा खेला हुआ है। नामांकन से एक रात पहले 2 खेला हुए। पहला खेला रात 8 बजे से 11:27 बजे तक चला। दूसरा खेला रात 8 बजे से 3 बजे तक चलता रहा। हमारा नाम सबसे ऊपर था। इसके बाद टिकट दिए गए है। सारा खेल, गुटबाजी और सिफारिश का चला है। कांग्रेस ने डमी कैंडिडेट को टिकट दिया है। ये परिणाम भी बता देगा। लेकिन, अब हम दोनों एक-दूसरे के साथ है। हम आपस में समर्थन करते है। दोनों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेपार्टी कराई थी जॉइन बता दें कि रोहिता ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ी थी और कांग्रेस में शामिल हुई थी। कांग्रेस के टिकट सर्वे में वह सबसे ऊपर थी। लेकिन पार्टी ने वरिंदर बुल्ले शाह को टिकट दिया है। इधर, विधानसभा चुनावों के बीच बीजेपी से टिकट न मिलता देख पूर्व पार्षद विजय जैन भी कांग्रेस में शामिल हुए थे। दोनों नेताओं को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही पार्टी जॉइन करवाई थी। दोनों ही टिकट मांग रहे थे। ग्रामीण सीट से कांग्रेस ने सचिन कुंडू को टिकट दी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से कई नेता अपनी-अपनी पार्टियों से बागी हो चुके है। इनमें से अनेक बागी नेता निर्दलीय मैदान में उतरे हुए है। पानीपत में भी बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों के नेता बागी होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे है। पानीपत में भी कई बागी है। जिनमें बड़ा चेहरा पानीपत शहरी से पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी है। वहीं, ग्रामीण सीट से कांग्रेस से टिकट मांग रहे विजय जैन भी इन्हीं बागियों में शामिल है। अब दोनों ने एक-दूसरे का समर्थन किया है। शहरी सीट से रोहिता रेवड़ी के लिए विजय जैन और ग्रामीण सीट से विजय जैन के लिए रोहिता रेवड़ी के लिए साथ देने की हामी भरी है। दोनों नेता एक ही जगह मिले थे, उस दौरान दोनों के बीच हुई बातचीत भी सामने आई है। कांग्रेस ने उतारे डमी कैंडिडेट बातचीत के दौरान रोहिता के पति सुरेंद्र रेवड़ी ने कहा कि हम दोनों के साथ पार्टी ने अच्छा नहीं किया है। तमाम सर्वों में हमारा नाम सबसे ऊपर था। इसके बावजूद पार्टी ने इसकी अनदेखी की है। एक बड़ा नेता हमें बहका कर वहां ले गया था। वहीं, विजय जैन ने कहा कि टिकट देने में बड़ा खेला हुआ है। नामांकन से एक रात पहले 2 खेला हुए। पहला खेला रात 8 बजे से 11:27 बजे तक चला। दूसरा खेला रात 8 बजे से 3 बजे तक चलता रहा। हमारा नाम सबसे ऊपर था। इसके बाद टिकट दिए गए है। सारा खेल, गुटबाजी और सिफारिश का चला है। कांग्रेस ने डमी कैंडिडेट को टिकट दिया है। ये परिणाम भी बता देगा। लेकिन, अब हम दोनों एक-दूसरे के साथ है। हम आपस में समर्थन करते है। दोनों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेपार्टी कराई थी जॉइन बता दें कि रोहिता ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ी थी और कांग्रेस में शामिल हुई थी। कांग्रेस के टिकट सर्वे में वह सबसे ऊपर थी। लेकिन पार्टी ने वरिंदर बुल्ले शाह को टिकट दिया है। इधर, विधानसभा चुनावों के बीच बीजेपी से टिकट न मिलता देख पूर्व पार्षद विजय जैन भी कांग्रेस में शामिल हुए थे। दोनों नेताओं को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही पार्टी जॉइन करवाई थी। दोनों ही टिकट मांग रहे थे। ग्रामीण सीट से कांग्रेस ने सचिन कुंडू को टिकट दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में जिला परिषद चेयरपर्सन के पति को धमकी:कॉल कर कहा-आराम से काम कर ले, वर्ना लालबत्ती चौक पर पूरे परिवार को गोली मारूंगा
हरियाणा में जिला परिषद चेयरपर्सन के पति को धमकी:कॉल कर कहा-आराम से काम कर ले, वर्ना लालबत्ती चौक पर पूरे परिवार को गोली मारूंगा हरियाणा में पानीपत से जिला परिषद की चेयपर्सन काजल देशवाल के पति संदीप देशवाल को वॉट्सऐप कॉल पर जाने से मारने की धमकी दी गई है। बदमाश ने कॉल कर कहा कि मैं तेरे परिवार के एक-एक सदस्य के बारे में अच्छे से जानता हूं। आराम से काम कर लो, नहीं तो पूरे परिवार को लालबत्ती चौक पर खत्म कर देंगे। इसके बाद गालियां देने के बाद बदमाश ने फोन काट दिया। इसके बाद चेयरपर्सन पति ने इसकी शिकायत सनौली थाना पुलिस को दी है। साथ ही रविवार को जिला परिषद के कई पार्षदों ने मीटिंग कर DC और SP से मुलाकात की। एसपी ने जल्द ही आरोपी को पकड़ने का आश्वासन देते हुए सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है। बोले- मेरी किसी से दुश्मनी नहीं कुराड़ गांव के रहने वाले संदीप ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कल (19 अक्टूबर) शाम 4 बजे विदेशी नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई थी। मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उस समय मैं गाड़ी चला रहा था। इसके बाद हमने दोबारा कॉल की। इसके बाद हमने उसकी बात को रिकॉर्ड कर ली। सबसे बड़ी बात यह है कि कॉल करने वाला व्यक्ति मेरी रेकी कर रहा था। उसे यह पता था कि अब मैं DSP ऑफिस गया हूं। अब मैं इस जगह हूं। उसने मुझे सोचने के लिए मजबूर कर दिया। वह नाम से मेरे परिवार के सदस्यों को जानता था। उसने पत्नी और बच्चों को भी धमकी दी। कैमरे के सामने मैं उसके शब्दों के बारे में नहीं बता सकता। उसे कहा कि बैठकर अपना टाइम काट लो, नहीं तो लालबत्ती पर गोली मार देंगे। हमने उसकी रिकॉर्डिंग पुलिस को दे दी है। प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिला है कि जल्द हम कॉल करने वालों को ट्रेस कर लेंगे। पुलिस की तरफ से उन्हें गनमैन मिल गया है। मुझे किसी पर शक नहीं है। मेरा हमेशा सरल स्वभाव रहा है। मैं शहर में भी मोटरसाइकिल पर घूमता रहता हूं। 14 जून को चेयरपर्सन बनी थी काजल 14 जून को संदीप देशवाल की पत्नी काजल देशवाल जिला परिषद की चेयरपर्सन चुनी गई थीं। 17 पार्षदों में 13 पार्षदों ने उन्हें समर्थन दिया। 6 मार्च को 17 में से 13 पार्षदों ने भाजपा की ज्योति शर्मा को चेयरपर्सन पद से हटा दिया था। लोकसभा चुनाव के बीच चेयरपर्सन का चुनाव नहीं करवाया गया। चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए पार्षदों को हाईकोर्ट भी जाना पड़ा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर 6 मार्च को बैठक बुलाई गई। इसके बाद जब प्रशासन ने चेयरपर्सन चुनाव की तिथि तय नहीं की तो पार्षद एक बार फिर हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जवाब मांगा तो 7 जून की तिथि तय हुई। 7 जून को चुनाव नहीं हुआ। इसके बाद 14 जून को चुनाव की डेट तय हुई।
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करनाल में किसानों पर बोले पूर्व सीएम मनोहर लाल:कहा किसानों का विषय पंजाब सरकार का, केंद्र सरकार ने बातचीत का रखा था प्रसताव हरियाणा में करनाल के कर्ण कमल कार्यालय पहुंचे केंद्रीय मंत्री एवं करनाल लोकसभा से सांसद मनोहर लाल ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों के मामले को पंजाब का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह विषय पंजाब का ज्यादा है, हरियाणा में ऐसी कोई बात नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी भी बनाई। केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत का प्रयास किया है और बातचीत के लिए दो-तीन बार ऑफर भी दिए है, लेकिन उस कमेटी से मिलने के लिए कोई किसान नहीं आया। इसके बाद फिर से किसानों को पंचकूला में मीटिंग करने के लिए ऑफर दी गई है। वहां भी वे लोग बात करने के लिए नहीं आए। अब अगर किसानों को कोई कंडिशनली बात करनी होगी तो वह ठीक नहीं है। दोनों तरफ से जब हाथ बढ़ता है तो उसे बढ़ाना चाहिए और आपस में बैठकर बातचीत करने के बाद ही कोई हल निकलेगा। मैं न तो कांग्रेस का पदाधिकारी हूं और न ही कार्यकर्ता कुलदीप शर्मा के द्वारा कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखे जाने और कांग्रेस की फूट के सवाल पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह कांग्रेस का इंटरनल मामला है, और यह सवाल कांग्रेस के नेताओं से पूछा जाना चाहिए। मैं कांग्रेस के अंदर तो घुसकर आया नहीं और न ही मैं कांग्रेस का कोई पदाधिकारी हूं और न ही कार्यकर्ता हूं। इसलिए मीडिया कांग्रेस वालों से मिले और उनसे यह सवाल करे। बगावत करने वाले पार्षदों के सवाल पर खट्टर बोले विधानसभा चुनाव में बगावत करने वाले पार्षदों द्वारा गलती माने जाने और डबल कोटे से पूर्ति करने के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि यह पार्टी का अपना अंदरूनी मामला है और पार्टी विचार करेगी और अपना फैसला लेगी।
हरियाणा के गांव में 35 युवाओं को एकसाथ सरकारी नौकरी:पटवारी, क्लर्क, कॉन्स्टेबल कहकर पुकार रहे लोग; युवक बोला-हारकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगा था
हरियाणा के गांव में 35 युवाओं को एकसाथ सरकारी नौकरी:पटवारी, क्लर्क, कॉन्स्टेबल कहकर पुकार रहे लोग; युवक बोला-हारकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगा था हरियाणा के हिसार मुख्यालय से 56 किलोमीटर दूर पाबड़ा गांव। यह गांव इसलिए चर्चा में है, क्योंकि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) की तरफ से जारी ग्रुप C-D रिजल्ट में यहां के 35 बच्चों की सरकारी नौकरी लगी है। भाजपा सरकार प्रचार कर रही है कि सभी बच्चे बिना (पर्ची-खर्ची) सिफारिश के नौकरी लगे हैं। पाबड़ा गांव करीब 400 साल पुराना है। सरपंच दर्शन सिंह का कहना है कि यहां कि आबादी करीब 12 हजार है। वोट 8,200 के करीब हैं। इस गांव के एक हजार लोग सरकारी नौकरी पर हैं। जिन भी युवाओं का सिलेक्शन हुआ है, गांव में लोग उनके पद का नाम लेकर ही पुकार रहे हैं। कोई इन्हें पटवारी कहता है, कोई क्लर्क या कॉन्स्टेबल। दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर उतरी और जानने का प्रयास किया कि क्या सही में एक ही गांव के 35 बच्चों का सिलेक्शन हुआ है। बरवाला होते हुए भास्कर की टीम पाबड़ा गांव पहुंची। गांव के बस अड्डे के सामने पंच ग्रामी (पाबड़ा, फरीदपुर, खैरी, किनाला, कंडूल) चौपाल की तरफ रास्ता जाता है। यहां बैठे बुजुर्ग गांव में बिना पर्ची खर्ची की नौकरी की बात करते मिले। बुजुर्गों ने बताया कि गांव के इतने बच्चे एक साथ कभी नौकरी नहीं लगे। सरकार अच्छा काम कर रही है। ऐसे ही काम किया तो चौथी बार सरकार आएगी। दुकानदार अशोक कुमार बताते हैं, ’35 बच्चों के सरकारी नौकरी लगने के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है। इन अधिकतर बच्चों के माता-पिता गरीब हैं। कोई रेहड़ी लगाता है तो कोई दिहाड़ी मजदूरी करता है।’ अब सरकारी नौकरी लगने वाले युवाओं की कहानी जानिए… पिता को पैरालिसिस, बेटा कॉन्स्टेबल लगा
गांव में ही बीचोंबीच राजेंद्र शर्मा का मकान है। राजेंद्र शर्मा के पास डेढ़ एकड़ जमीन है। इसी से परिवार का गुजारा चलता था। इनका बड़ा बेटा ललित कुमार कई सालों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। ललित का कहीं सिलेक्शन नहीं हुआ। आखिर में ललित प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लग गया। इसके बाद घरवालों ने उसकी शादी कर दी। ललित का एक छोटा भाई भी है। पिता को इसी बीच पैरालिसिस हो गया। सारी जिम्मेदारी ललित पर आ गई। ललित ने प्राइवेट जॉब के साथ-साथ सरकारी नौकरी की तैयारी की। उसने ग्रुप-C का एग्जाम दिया और 28 साल की उम्र में हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल के लिए सिलेक्ट हो गया। ललित के पिता राजेंद्र शर्मा ने बताया कि 2 साल पहले मुझे पैरालिसिस हुआ। इसका इलाज महंगा था। ललित ने संभाला और खुद की पढ़ाई भी जारी रखी। नौकरी के लिए एक पैसा नहीं लगा और न ही किसी की सिफारिश करवानी पड़ी। वह अपनी मेहनत पर नौकरी लगा है। मां राजपति का कहना है कि हम बहुत खुश हैं कि बेटा नौकरी लग गया। अब हमें और क्या चाहिए। कोई 5 साल से तैयारी कर रहा था तो कोई 3 साल से प्रदीप कुमार का सिलेक्शन ग्राम सचिव के लिए हुआ है। उसका कहना है कि घर में भाई-बहन और माता-पिता हैं। पिता गांव में ही मजदूरी करते हैं। मैं पिछले 6 साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। इससे पहले भी पेपर क्लियर किया, लेकिन फिजिकल में रह गया। दोबारा भर्ती निकली तो एग्जाम दिया। अब उसका बिना पर्ची और बिना खर्ची के सिलेक्शन हुआ है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री नायब सैनी का धन्यवाद करते हैं। अभिषेक बोले- हर बार फाइनल में रह जाता था
अभिषेक कहते हैं कि मेरा हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल के लिए सिलेक्शन हुआ है। मैं साल 2018 से सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था। मेरे पहले भी 2 से 3 टेस्ट क्लियर हो चुके हैं। हर बार मैं फाइनल में रह जाता था। घर में पिता रमेश और मां कविता हैं। पिता मजदूरी करते हैं। हम 3 भाई-बहन हैं। एक हरियाणा पुलिस में कमांडो और एक एयरफोर्स में है। मैं इनमें सबसे बड़ा था। बेरोजगार होने की वजह से मुझे बहुत शर्म आती थी, लेकिन अब मेरा चयन हो गया। कैबिनेट मंत्री गंगवा बोले- रेहड़ी वाले का बेटा लगा, उसने मुझे मिठाई खिलाई
बरवाला से भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि आज जब मैं चुनाव जीतने के बाद बरवाला आया तो एक आदमी मेरी तरफ मिठाई का डिब्बा लेकर आया और उसने मुझे कहा कि साहब मैं यहां रेहड़ी लगाता हूं। मुझे बहुत खुशी हुई कि गरीब का भला हुआ। मेरे बेटे की सरकारी नौकरी लगी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पदभार ग्रहण करने से पहले अपने वादे को पूरा करते हुए 25 हजार युवाओं को नौकरी दी है। युवाओं का सपना साकार हुआ है, बिना खर्ची-पर्ची के योग्य पात्रों को नौकरी मिली है। जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। पूर्व पार्षद प्रतिनिधि बोले- योग्यता के आधार पर चयन हुआ पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि कीर्तिरत्न शर्मा ने बताया कि भाजपा में बिना पर्ची खर्ची की शुरुआत मनोहर लाल खट्टर ने की और नायब सैनी ने उसको आगे बढ़ाया। मेरा लोगों के घर और लोगों का मेरे यहां आना जाना लगा रहता है। गांव में बड़ी खुशी की लहर है। मेरे पास 70 से 80 लोगों के फोन आए। यह सब योग्यता के आधार पर नौकरी लगे हैं। सरकार ने बड़ी ईमानदारी से युवाओं का चयन किया है। इसके लिए मैं सरकार का धन्यवाद करता हूं। राजली में मजदूर के 3 बच्चे नौकरी लगे हिसार जिले के ही राजली गांव की बात करें तो यहां 16 बच्चों की सरकारी नौकरी लगी है। रमेश के 3 बच्चों की सरकारी नौकरी लगी है। बेटे संजय और बेटी किरण का कॉन्स्टेबल और दूसरी बेटी पूनम का क्लर्क के लिए चयन हुआ है। रमेश के 5 बच्चे हैं। वह मजदूरी करके घर चला रहा था। रमेश कुमार ने कहा कि बच्चों को कामयाब करने के लिए दिन रात मेहनत की। कभी ऐसा भी समय आया कि घर में 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं था। बच्चों को जैसे-तैसे गांव में पढ़ाया। मेरी पत्नी ने साथ दिया और भगवान की दया से बच्चे भी लायक निकले। मैं नायब सैनी सरकार का धन्यवाद करता हूं मेरे पास शब्द नहीं हैं। नौकरी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा का गांव,जिसके 55 युवा एक साथ सरकारी नौकरी लगे:सैनी की शपथ के बाद आया रिजल्ट; सरपंच प्रतिनिधि बोले- 350 बच्चे गवर्नमेंट जॉब लग चुके हरियाणा में कैथल जिले के डीग गांव के एक साथ 55 युवाओं की सरकारी नौकरी लगी है। एक दिन पहले नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने ग्रुप C-D का रिजल्ट जारी किया था। एक साथ 55 युवाओं का सिलेक्शन होने पर HSSC के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने शुक्रवार को डीग गांव के सरपंच प्रतिनिधि रोहताश नैन से फोन पर बात की। पूरी खबर पढ़ें…