करनाल विधानसभा सीट हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक बनी हुई है। भाजपा के लिए इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, जबकि कांग्रेस इसे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। कांग्रेस के 23 दावेदारों में से 4 प्रमुख चेहरे उभर कर सामने आए है। मनोज वाधवा, सुमिता सिंह, तरलोचन सिंह, और अशोक खुराना। इन चारों नेताओं के राजनीतिक करियर और उनकी संभावनाओं पर राजनीतिक विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। मनोज वाधवा: सबसे बड़ा पंजाबी चेहरा और राजनीतिक सक्रियता मनोज वाधवा का करनाल के पंजाबी समाज में गहरा प्रभाव है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत INLD से की थी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। पूर्व डिप्टी मेयर और मेयर चुनाव में उनकी पत्नी की उम्मीदवारी ने उन्हें करनाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया है। वाधवा का कांग्रेस में शामिल होना और उनकी सक्रियता उन्हें इस चुनाव में एक बड़ा उम्मीदवार बनाती है। राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर आरपी सैनी का कहना है कि मनोज वाधवा कांग्रेस के सबसे बड़े पंजाबी चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और पंजाबी समाज में पकड़ कांग्रेस के लिए बेहद लाभकारी हो सकती है। वाधवा का नाम कांग्रेस के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश करता है और यह भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सुमिता सिंह: अनुभवी नेतृत्व और करनाल की राजनीति में प्रभाव सुमिता सिंह करनाल की राजनीति में एक अनुभवी और जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने 10 वर्षों तक विधायक के रूप में सेवा की है और करनाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों पर गहरी पकड़ रखती हैं। सुमिता सिंह का नाम कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे है, क्योंकि उनका पंजाबी समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों में भी अच्छा खासा वोट बैंक है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट संजीव मंगलोरा का मानना है कि सुमिता सिंह का करनाल की राजनीति में एक अलग ही स्थान है। उनका अनुभव और स्थानीय जुड़ाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पंजाबी समाज और अन्य समुदायों में उनकी लोकप्रियता कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को मजबूत करती है। अशोक खुराना: लंबा अनुभव और सामाजिक जुड़ाव अशोक खुराना ने 1994 में पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और तब से करनाल की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अपनी पंजाबी बिरादरी में मजबूत पकड़ बनाई है और उनके पास स्थानीय राजनीति का लंबा अनुभव है। उनकी गिनती कांग्रेस के हुड्डा खेमे के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है। राजनीतिक विश्लेषक संजीव मंगलोरा ने कहा कि अशोक खुराना का करनाल की राजनीति में लंबा अनुभव और पंजाबी बिरादरी में उनकी पकड़ कांग्रेस के लिए एक मजबूत स्थिति तैयार कर सकती है। खुराना की गिनती हुड्डा के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत हो जाती है। तरलोचन सिंह: दो बार सीएम के सामने लड़ चुके हैं चुनाव तरलोचन सिंह करनाल से कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्होंने दो बार मुख्यमंत्रियों (मनोहरलाल खट्टर और नायब सिंह सैनी) के खिलाफ चुनाव लड़ा है और उनके पास करनाल की राजनीति का गहरा अनुभव है। कांग्रेस के पुराने सिपाही होने के नाते उन्होंने पार्टी के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। राजनीतिक विशेषज्ञ अनुज सैनी का मानना है कि तरलोचन सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। दो बार मुख्यमंत्रियों के सामने चुनाव लड़ चुके तरलोचन का अनुभव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। उनकी लोकल पहचान और पार्टी के प्रति निष्ठा उन्हें एक प्रमुख उम्मीदवार बनाते हैं। भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस के 4 प्रमुख दावेदार भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। खासकर, पंजाबी मतदाताओं पर इन नेताओं की पकड़ भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। करनाल में 63,000 से अधिक पंजाबी मतदाता इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, और कांग्रेस की सक्रिय रणनीति भाजपा के लिए मुकाबला कठिन बना सकती है। कुल मिलाकर, राजनीतिक विशेषज्ञों की नजर में करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। किसका चेहरा जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और कौन सी पार्टी करनाल में जीत हासिल करेगी, यह चुनाव के नतीजे ही बताएंगे। करनाल विधानसभा सीट हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक बनी हुई है। भाजपा के लिए इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, जबकि कांग्रेस इसे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। कांग्रेस के 23 दावेदारों में से 4 प्रमुख चेहरे उभर कर सामने आए है। मनोज वाधवा, सुमिता सिंह, तरलोचन सिंह, और अशोक खुराना। इन चारों नेताओं के राजनीतिक करियर और उनकी संभावनाओं पर राजनीतिक विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। मनोज वाधवा: सबसे बड़ा पंजाबी चेहरा और राजनीतिक सक्रियता मनोज वाधवा का करनाल के पंजाबी समाज में गहरा प्रभाव है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत INLD से की थी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। पूर्व डिप्टी मेयर और मेयर चुनाव में उनकी पत्नी की उम्मीदवारी ने उन्हें करनाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया है। वाधवा का कांग्रेस में शामिल होना और उनकी सक्रियता उन्हें इस चुनाव में एक बड़ा उम्मीदवार बनाती है। राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर आरपी सैनी का कहना है कि मनोज वाधवा कांग्रेस के सबसे बड़े पंजाबी चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और पंजाबी समाज में पकड़ कांग्रेस के लिए बेहद लाभकारी हो सकती है। वाधवा का नाम कांग्रेस के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश करता है और यह भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सुमिता सिंह: अनुभवी नेतृत्व और करनाल की राजनीति में प्रभाव सुमिता सिंह करनाल की राजनीति में एक अनुभवी और जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने 10 वर्षों तक विधायक के रूप में सेवा की है और करनाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों पर गहरी पकड़ रखती हैं। सुमिता सिंह का नाम कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे है, क्योंकि उनका पंजाबी समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों में भी अच्छा खासा वोट बैंक है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट संजीव मंगलोरा का मानना है कि सुमिता सिंह का करनाल की राजनीति में एक अलग ही स्थान है। उनका अनुभव और स्थानीय जुड़ाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पंजाबी समाज और अन्य समुदायों में उनकी लोकप्रियता कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को मजबूत करती है। अशोक खुराना: लंबा अनुभव और सामाजिक जुड़ाव अशोक खुराना ने 1994 में पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और तब से करनाल की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अपनी पंजाबी बिरादरी में मजबूत पकड़ बनाई है और उनके पास स्थानीय राजनीति का लंबा अनुभव है। उनकी गिनती कांग्रेस के हुड्डा खेमे के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है। राजनीतिक विश्लेषक संजीव मंगलोरा ने कहा कि अशोक खुराना का करनाल की राजनीति में लंबा अनुभव और पंजाबी बिरादरी में उनकी पकड़ कांग्रेस के लिए एक मजबूत स्थिति तैयार कर सकती है। खुराना की गिनती हुड्डा के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत हो जाती है। तरलोचन सिंह: दो बार सीएम के सामने लड़ चुके हैं चुनाव तरलोचन सिंह करनाल से कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्होंने दो बार मुख्यमंत्रियों (मनोहरलाल खट्टर और नायब सिंह सैनी) के खिलाफ चुनाव लड़ा है और उनके पास करनाल की राजनीति का गहरा अनुभव है। कांग्रेस के पुराने सिपाही होने के नाते उन्होंने पार्टी के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। राजनीतिक विशेषज्ञ अनुज सैनी का मानना है कि तरलोचन सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। दो बार मुख्यमंत्रियों के सामने चुनाव लड़ चुके तरलोचन का अनुभव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। उनकी लोकल पहचान और पार्टी के प्रति निष्ठा उन्हें एक प्रमुख उम्मीदवार बनाते हैं। भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस के 4 प्रमुख दावेदार भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। खासकर, पंजाबी मतदाताओं पर इन नेताओं की पकड़ भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। करनाल में 63,000 से अधिक पंजाबी मतदाता इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, और कांग्रेस की सक्रिय रणनीति भाजपा के लिए मुकाबला कठिन बना सकती है। कुल मिलाकर, राजनीतिक विशेषज्ञों की नजर में करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। किसका चेहरा जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और कौन सी पार्टी करनाल में जीत हासिल करेगी, यह चुनाव के नतीजे ही बताएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में यात्रियों से भरी रोडवेज बस खाई में गिरी:40 स्कूली बच्चों समेत 50 घायल; ड्राइवर-कंडक्टर सस्पेंड, पंचकूला पहुंचे परिवहन मंत्री
हरियाणा में यात्रियों से भरी रोडवेज बस खाई में गिरी:40 स्कूली बच्चों समेत 50 घायल; ड्राइवर-कंडक्टर सस्पेंड, पंचकूला पहुंचे परिवहन मंत्री हरियाणा के पंचकूला के कालका में सोमवार को हरियाणा रोडवेज की बस 20 फीट गहरी खाई में गिर गई। बस गांव डखरोग से कालका आ रही थी। हादसे में 50 यात्रियों को चोटें लगी हैं। इनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। बस हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। घायलों को खाई से निकाल कर पंचकूला के सेक्टर 6 अस्पताल में लाया गया। यहां प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंचे। इस बीच परिवहन मंत्री असीम गोयल ने बस ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया है। हादसे की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित करने के आदेश भी दिए हैं। इसके साथ ही सुबह के समय वहां 2 नई बसें चलाने के निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, खाई में गिरी बस में 70-80 के करीब यात्री सवार थे। हादसे का कारण ओवरलोडिंग और खराब सड़क माना जा रहा है। वहीं हादसे के बाद दोपहर बाद राज्य के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने पंचकूला हॉस्पिटल पहुंचकर घायल बच्चों का हालचाल जाना। देखें हादसे से जुड़े PHOTOS बस में स्कूल और कॉलेज के छात्र आते हैं
जानकारी के अनुसार, पिंजौर से लगभग 15 किलोमीटर दूर ऊंचे पहाड़ों और जंगलों से घिरे हुए गांव डखरोग में रोडवेज की बस रात को रुकती है। सुबह स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र और अन्य व्यक्ति इस बस में सवार होकर पिंजौर व कालका आते हैं। सोमवार सुबह भी यह बस कालका के लिए निकली थी। सवारियों से फुल भरी थी बस
पहाड़ में बनी संकरी सड़क पर बीती रात बारिश होने के कारण पानी और कीचड़ था। इस बीच सवारियों से भरी ये बस असंतुलित होकर गहरी खाई में जा गिरी। लोगों का कहना है ड्राइवर बस को तेज गति से चला रहा था। ढलान पर हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शी ओम प्रकाश ने बताया कि यह हादसा होटल के सामने हुआ। बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। बस मोड़ पर तेज गति से आई और सीधे खाई में जा गिरी। ये लोग और स्टूडेंट हुए घायल
निशा, हिमांशी, चेतन, कोमल, हेमलता, रिधिमा, निशा, लता, दिव्या, पंकज, निधि, मोहित, सुमन, हिना, देविका, हर्षिता, तेजल, सोनिया, अंकिता, रितिका, पीयूष, गौरव, यशपाल, हेमराज, प्रेमलता, देवेंद्र, सतपाल, संदीप , लक्की, विनय, रीमा, शुभम, हिना, हेमराज, दीपिका और मुकेश शामिल है। DC-SP ने घायलों का हाल जाना
हादसे की सूचना मिलने के बाद पंचकूला के DC यश गर्ग और SP हिमाद्री कौशिक सेक्टर 6 अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों का हाल जाना। इस दौरान कालका की पूर्व विधायक ललिता शर्मा और अंबाला से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार रहीं बंतो कटारिया भी अस्पताल पहुंची। CMO ने कहा- यहां 20 बच्चे लाए गए
पंचकूला CMO डॉ. मुक्ता कुमार ने कहा कि सेक्टर 6 के नागरिक अस्पताल में 20 बच्चों को लाया गया है। जिस महिला के ऊपर बस पलटी है, उसे गंभीर हालत में PGI रेफर किया गया है। कुछ घायलों को पिंजौर के अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। दूसरी बस चलाने की कई बाई उठाई मांग
जानकारी के मुताबिक गांव डखरोग में 11 किलोमीटर की सड़क है। इस गांव में एक ही बस की सेवा है। लोगों ने कई बार एक और बस चलाने की अपील की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। घायल कंडक्टर से मिले मंत्री, बोले- सुरक्षा मानक और सख्त करेंगे
परिवहन मंत्री असीम गोयल सोमवार को पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित नागरिक अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां भर्ती घायल बच्चों का हालचाल जाना और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मंत्री गोयल ने हरियाणा रोडवेज की बस के कंडक्टर का भी हालचाल पूछा, जो हादसे के वक्त मौजूद था और घायल हो गया था। इस मौके पर हरियाणा रोडवेज के जनरल मैनेजर अशोक कौशिक भी उपस्थित थे। मंत्री गोयल ने कौशिक को उचित दिशा-निर्देश दिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से भी मुलाकात की और कहा कि घायलों के उपचार में कोई कमी न रहे। मंत्री गोयल ने कहा कि सरकार घायलों की हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। बसों के सुरक्षा मानकों को और अधिक सख्त किया जाएगा।
हरियाणा के युवाओं की विनेश के लिए पहल:पानीपत में 2 एकड़ जमीन फोगाट के नाम; 11 लाख कैश भी देंगे, बोले- हम सब पहलवान के साथ
हरियाणा के युवाओं की विनेश के लिए पहल:पानीपत में 2 एकड़ जमीन फोगाट के नाम; 11 लाख कैश भी देंगे, बोले- हम सब पहलवान के साथ पेरिस ओलिंपिक में महज 100 ग्राम ज्यादा वजन से डिसक्वालीफाई किए जाने वाली हरियाणा की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट के समर्थन में देश के कई वर्ग सामने आ रहे हैं। देशवासी उनका समर्थन कर रहे हैं। इसी बीच हरियाणा के पानीपत जिले से विनेश के समर्थन की एक अलग पहल शुरू की गई है। जो काम सरकार करती, वो पानीपत के कुछ युवाओं ने मिलकर की पहल की है। यहां समालखा के गांव आट्टा में युवाओं ने विनेश के नाम कैश और जमीन देने का ऐलान किया है। युवाओं ने विनेश फोगाट के नाम 11 लाख रुपए कैश की घोषणा के साथ-साथ गांव में ही 2 एकड़ जमीन देने का ऐलान किया है। इस जमीन पर विनेश की अकादमी खोलने का प्रस्ताव रखा गया है। युवाओं की इस पहल की चारों ओर चर्चा हो रही है। सरकार ने सुशील पहलवान को जमीन दी, विनेश को हम देंगे: अजय जानकारी देते हुए, अजय ने बताया कि वह मूल रूप से गांव देहरा का रहने वाला है। हाल में वह समालखा की पंचवटी कॉलोनी में रहता है। जबसे उन्होंने विनेश फोगाट के डिसक्वालीफाई की खबर सुनी है, तब से वे बहुत दु:खी है। क्योंकि उन्होंने विनेश का साथ जंतर-मंतर पर भी दिया था। मेडल भगवान को बेशक मंजूर नहीं है, लेकिन देश विनेश को प्यार कर रहा है। विनेश का दिल टूट रहा है, लेकिन पूरा देश उनका मान-सम्मान कर इस दु:ख की घड़ी में उनका साथ दें। तभी मन में बात आई कि वे विनेश का अपने तौर पर किस तरह मान-सम्मान कर सकते हैं। इसलिए हम सभी युवा एक हुए और विनेश के नाम 11 लाख रुपए कैश इकट्ठा किया। साथ ही उनकी अकादमी के लिए 2 एकड़ जमीन देने के ऐलान किया है। सरकार ने सुशील पहलवान के नाम जमीन दी थी। इसी तर्ज पर हमने सरकार के इतर ये जमीन देने का प्रस्ताव रखा है। परिवार से सलाह कर दे रहे विनेश को जमीन: कुनाल विनेश के नाम दो एकड़ जमीन देने वाले युवा कुनाल ने बताया कि वह भी पंचवटी कॉलोनी का रहने वाला है। अभी मेरी भी बेटी पैदा हुई है। मैं चाहता हूं कि वो भी खेल में आगे जाए। लेकिन विनेश के सारे मुद्दे देखते हुए मन बहुत डरा हुआ है। क्योंकि विनेश के साथ पहले जंतर-मंतर पर शोषण हुआ। हालातों से लड़ती हुई वह पेरिस ओलिंपिक तक पहुंची, तो वहां भी उसके साथ शोषण हुआ है। अगर बेटियों के साथ ऐसा होता रहा, तो बेटियां आगे कैसे बढ़ेंगी। इसलिए परिवार से सलाह कर विनेश के नाम जमीन देने का ऐलान किया है। इस जमीन पर विनेश जब भी कहेगी, अकादमी खुलवा देंगे। उस वक्त जमीन की रजिस्ट्री भी विनेश के नाम कर देंगे। हम चाहते हैं कि विनेश अब आने वाली पीढ़ी को अपने तरीके से तैयार करे। इस अकादमी में विनेश बच्चों को शोषण मुक्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना सकती है।
हरियाणा में मानसून फिर एक्टिव:आज से 2 दिन तक भारी बारिश के आसार, धूप और उमस भी रहेगी
हरियाणा में मानसून फिर एक्टिव:आज से 2 दिन तक भारी बारिश के आसार, धूप और उमस भी रहेगी हरियाणा में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। हालांकि इसका असर सिर्फ 2 दिन तक ही रहेगा। आज हरियाणा के उत्तरी इलाकों में बारिश हो सकती है। वहीं, कुछ अन्य इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है। यमुनानगर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल में भी बारिश देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि एक दिन पहले बुधवार को प्रदेश के 15 जिलों में बारिश हुई थी। हल्की और मध्यम बारिश के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। अब 19 जुलाई तक प्रदेश के जिलों में बारिश की संभावना है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट हो सकती है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार हरियाणा में 2 दिन तक मानसूनी गतिविधियां रहेंगी, लेकिन उसके बाद मौसम सामान्य रहेगा। इस दौरान धूप निकलने से उमस का सामना करना पड़ सकता है। अंबाला-यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही मौसम में बदलाव की भविष्यवाणी की थी। इसके तहत 17 से 19 जुलाई की रात तक बारिश की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। सुबह से ही कई जिलों में बारिश हुई। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर में बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में फिर से बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर में भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में 36 फीसदी कम बारिश 1 जून से 17 जुलाई तक अब तक प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। प्रदेश में सामान्य बारिश 133.2 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 84.8 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। इसी तरह प्रदेश के 4 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।