हरियाणा के पानीपत में गरीबों का लाखों रुपए का राशन हड़पने वाले डिपो होल्डर्स को शह देने वाले 4 इंस्पेक्टर पर बड़ी गाज गिरी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय ने चार इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रवीन, अमित दहिया और बिजेंद्र शामिल है। इनमें से तीन वर्तमान में पानीपत में ही तैनात हैं, जबकि बिजेंद्र सिंह करनाल में तैनात है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद स्थानीय विभागीय कर्मचारी और अधिकारियों में हड़कंप मचा है। गौरतलब है कि, DFSC ने दो माह पहले 12 अप्रैल को डिपो होल्डर्स और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रोग्रामर सृजन भारती और तीन डिपो होल्डर अनिल, ललिता और उमेश पर करीब 20 लाख से ज्यादा का राशन गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
उन्होंने उनकी पिछले चार सालों के रिकॉर्ड की जांच कराने की मुख्यालय से अपील की थी। इसी जांच में ये खुलासा हुआ कि इन्हीं डिपो होल्डर के साथ ये चारों इंस्पेक्टर संलिप्त हैं। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक का कहना है कि मुख्यालय की ओर से चारों इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। इतने बड़े घोटाले की हुई थी शिकायत
गांधी कालोनी अग्रवाल मंडी के अंकित ने अप्रैल में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय में शिकायत देकर विभाग के इंस्पेक्टर, प्रोग्रामर द्वारा तीन डिपोधारकों के साथ मिलकर राशन में गबन के आरोप लगाए थे।
उसने आरोप लगाया था कि तीन डिपोधारकों ने 5 अन्य डिपो की सप्लाई अटैच कराकर इसी वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च में जारी राशन स्टाक को गलती से पुराने स्टाक में दर्ज बताकर पीओएस मशीन से अपने फिंगर प्रिंट से इंस्पेक्शन कर स्टाक में से 3 लाख 26 हजार 665 किलो 700 ग्राम गेहूं, 43,884 किलोग्राम बाजरा, 2002 लीटर सरसों का तेल व 1003 किलोग्राम चीनी को शून्य कर दिया गया। इसके अलावा उसने वर्ष 2021- 22, 23 में भी उक्त डिपो धारकों द्वारा कान्फेड से जारी बिल, स्टाक को पीओएस मशीन में रिसीव न करके 1,47,505 किलोग्राम गेहूं, 9,631 किलो 800 ग्राम बाजरा, 11, 961 लीटर सरसों का तेल, 4,020 किलोग्राम चीनी व 1132 किलोग्राम नमक के गबन करने के आरोप लगाए थे। इसमें अभी तक डिपोधारकों से कोई रिकवरी या स्टाक के बारे में नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
निदेशालय ने तलब की रिपोर्ट
अंकित मित्तल की ओर से की गई शिकायत में राशन वितरण में गबन करने के आरोपों के बाद निदेशालय ने मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई संतोष की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 17,315 किलोग्राम बाजरा, 1,786 लीटर सरसों तेल, 1009 किलोग्राम चीनी, 37,628 किलोग्राम गेहूं राशन स्टाक का गबन सामने आया। ये एनएफएसए व पीएमजीकेएवाई स्कीम के तहत था।
ललिता डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई में सुरेंद्र व पुनीत की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 13034.7 किलोग्राम बाजरा, 200 किलोग्राम चीनी, 13,344 किलोग्राम गेहूं, सरसों तेल 280 लीटर का गबन किया गया। जबकि 6,339 किलोग्राम बाजरा एक मशीन आइडी में इंद्राज किया मिला।
अनिल डिपोधारक व उससे अटैच जोगिंदर व नंदकिशोर की पीओएस मशीन में राशन स्टाक से 15,907.4 किलोग्राम बाजरा, 6,429.3 किलोग्राम गेहूं, 258 किलोग्राम चीनी, 1986 लीटर सरसों तेल स्टाक का गबन किया गया। वहीं 1201 किलोग्राम गेहूं, 4831 किलोग्राम बाजरा, 257 किलोग्राम चीनी पाश मशीन में दर्ज किया मिला। हरियाणा के पानीपत में गरीबों का लाखों रुपए का राशन हड़पने वाले डिपो होल्डर्स को शह देने वाले 4 इंस्पेक्टर पर बड़ी गाज गिरी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय ने चार इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रवीन, अमित दहिया और बिजेंद्र शामिल है। इनमें से तीन वर्तमान में पानीपत में ही तैनात हैं, जबकि बिजेंद्र सिंह करनाल में तैनात है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद स्थानीय विभागीय कर्मचारी और अधिकारियों में हड़कंप मचा है। गौरतलब है कि, DFSC ने दो माह पहले 12 अप्रैल को डिपो होल्डर्स और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रोग्रामर सृजन भारती और तीन डिपो होल्डर अनिल, ललिता और उमेश पर करीब 20 लाख से ज्यादा का राशन गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
उन्होंने उनकी पिछले चार सालों के रिकॉर्ड की जांच कराने की मुख्यालय से अपील की थी। इसी जांच में ये खुलासा हुआ कि इन्हीं डिपो होल्डर के साथ ये चारों इंस्पेक्टर संलिप्त हैं। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक का कहना है कि मुख्यालय की ओर से चारों इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। इतने बड़े घोटाले की हुई थी शिकायत
गांधी कालोनी अग्रवाल मंडी के अंकित ने अप्रैल में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय में शिकायत देकर विभाग के इंस्पेक्टर, प्रोग्रामर द्वारा तीन डिपोधारकों के साथ मिलकर राशन में गबन के आरोप लगाए थे।
उसने आरोप लगाया था कि तीन डिपोधारकों ने 5 अन्य डिपो की सप्लाई अटैच कराकर इसी वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च में जारी राशन स्टाक को गलती से पुराने स्टाक में दर्ज बताकर पीओएस मशीन से अपने फिंगर प्रिंट से इंस्पेक्शन कर स्टाक में से 3 लाख 26 हजार 665 किलो 700 ग्राम गेहूं, 43,884 किलोग्राम बाजरा, 2002 लीटर सरसों का तेल व 1003 किलोग्राम चीनी को शून्य कर दिया गया। इसके अलावा उसने वर्ष 2021- 22, 23 में भी उक्त डिपो धारकों द्वारा कान्फेड से जारी बिल, स्टाक को पीओएस मशीन में रिसीव न करके 1,47,505 किलोग्राम गेहूं, 9,631 किलो 800 ग्राम बाजरा, 11, 961 लीटर सरसों का तेल, 4,020 किलोग्राम चीनी व 1132 किलोग्राम नमक के गबन करने के आरोप लगाए थे। इसमें अभी तक डिपोधारकों से कोई रिकवरी या स्टाक के बारे में नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
निदेशालय ने तलब की रिपोर्ट
अंकित मित्तल की ओर से की गई शिकायत में राशन वितरण में गबन करने के आरोपों के बाद निदेशालय ने मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई संतोष की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 17,315 किलोग्राम बाजरा, 1,786 लीटर सरसों तेल, 1009 किलोग्राम चीनी, 37,628 किलोग्राम गेहूं राशन स्टाक का गबन सामने आया। ये एनएफएसए व पीएमजीकेएवाई स्कीम के तहत था।
ललिता डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई में सुरेंद्र व पुनीत की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 13034.7 किलोग्राम बाजरा, 200 किलोग्राम चीनी, 13,344 किलोग्राम गेहूं, सरसों तेल 280 लीटर का गबन किया गया। जबकि 6,339 किलोग्राम बाजरा एक मशीन आइडी में इंद्राज किया मिला।
अनिल डिपोधारक व उससे अटैच जोगिंदर व नंदकिशोर की पीओएस मशीन में राशन स्टाक से 15,907.4 किलोग्राम बाजरा, 6,429.3 किलोग्राम गेहूं, 258 किलोग्राम चीनी, 1986 लीटर सरसों तेल स्टाक का गबन किया गया। वहीं 1201 किलोग्राम गेहूं, 4831 किलोग्राम बाजरा, 257 किलोग्राम चीनी पाश मशीन में दर्ज किया मिला। हरियाणा | दैनिक भास्कर