पानीपत शहर में टोल प्लाजा के पास फरीदपुर स्थित टीडीआई सिटी की जमीन पर अब प्रशासन का कब्जा होगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के लगाए गए भारी भरकम जुर्माना को न ही भरा गया और न ही उस समस्या का निवारण किया गया, जिस वजह से जुर्माना लगाया गया था। कई बार चेतावनी देने के बावजूद टीडीआई ने प्रशासन और एनजीटी को दरकिनार किया। जिसके चलते अब प्रशासन ने जमीन अधिकृत करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए पटवारी ने टीडीआई में जमीन की निशानदेही भी कर ली है। प्रशासन टीडीआई की खेवट नंबर 29 में 18 किले जमीन को अपने कब्जे में लेकर जुर्माने की भरपाई करेगा। बता दें कि टीडीआई पर 5 करोड़ 47 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना पेडिंग है। भू-राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी ने पकड़ी थी बड़ी खामियां पर्यावरण प्रेमी समाजसेवी वरुण गुलाटी की शिकायत पर की गई जांच और उनकी रिपोर्ट के आधार पर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बता दें कि जांच कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण (एचएसपीसीबी), जिले के एडीसी, आरओ और एचएसवीपी के AEO शामिल थे। जिन्होंने टीडीआई की कई बड़ी खामियों को पकड़ा था और भारी जुर्माना लगाया। संयुक्त टीम ने भूमि और जल प्रदूषण की जांच की थी। पानी की निकासी के लिए सीवरेज की पूरी सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं, अवैध तरीकों से पानी का निपटान किया जा रहा है। टीडीआई का 9 साल पहले CTEP हो चुका एक्सपायर
नेशनल हाईवे 44 पर जीटी रोड पर टोल प्लाजा के नजदीक बसी टीडीआई फरीदपुर का विवादों से शुरुआत से ही नाता रहा है। इस बार यहां टीम की जांच में सामने आया कि टीडीआई में पिछले काफी सालों से कई सोसाइटी एवं कॉलोनियां कटी है। यहां लगातार आवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन, यहां शुरुआती दौर में सीवरेज की जो क्षमता अप्लाई की थी, अथवा दर्शाई गई थी। आज भी संख्या बढ़ने के बाद भी उसी क्षमता से सीवरेज को चलाया जा रहा है। इसके अलावा यहां अवैध तरीकों से ट्रॉलियों और टैंकरों के जरिए भर कर कहीं खुले में सीवरेज का पानी एवं गंद भर कर खाली किया जाता है। जांच में यह भी सामने आया कि यहां CETP 25 सितंबर 2015 से एक्सपायर हो चुका है। यहां CTO भी नहीं है। 550 KLD का सीवरेज सिस्टम है, जोकि नाकाफी है। यहां STP डेटा भी नहीं मिला। जनरेटर सिस्टम की भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। पानीपत शहर में टोल प्लाजा के पास फरीदपुर स्थित टीडीआई सिटी की जमीन पर अब प्रशासन का कब्जा होगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के लगाए गए भारी भरकम जुर्माना को न ही भरा गया और न ही उस समस्या का निवारण किया गया, जिस वजह से जुर्माना लगाया गया था। कई बार चेतावनी देने के बावजूद टीडीआई ने प्रशासन और एनजीटी को दरकिनार किया। जिसके चलते अब प्रशासन ने जमीन अधिकृत करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए पटवारी ने टीडीआई में जमीन की निशानदेही भी कर ली है। प्रशासन टीडीआई की खेवट नंबर 29 में 18 किले जमीन को अपने कब्जे में लेकर जुर्माने की भरपाई करेगा। बता दें कि टीडीआई पर 5 करोड़ 47 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना पेडिंग है। भू-राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी ने पकड़ी थी बड़ी खामियां पर्यावरण प्रेमी समाजसेवी वरुण गुलाटी की शिकायत पर की गई जांच और उनकी रिपोर्ट के आधार पर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बता दें कि जांच कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण (एचएसपीसीबी), जिले के एडीसी, आरओ और एचएसवीपी के AEO शामिल थे। जिन्होंने टीडीआई की कई बड़ी खामियों को पकड़ा था और भारी जुर्माना लगाया। संयुक्त टीम ने भूमि और जल प्रदूषण की जांच की थी। पानी की निकासी के लिए सीवरेज की पूरी सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं, अवैध तरीकों से पानी का निपटान किया जा रहा है। टीडीआई का 9 साल पहले CTEP हो चुका एक्सपायर
नेशनल हाईवे 44 पर जीटी रोड पर टोल प्लाजा के नजदीक बसी टीडीआई फरीदपुर का विवादों से शुरुआत से ही नाता रहा है। इस बार यहां टीम की जांच में सामने आया कि टीडीआई में पिछले काफी सालों से कई सोसाइटी एवं कॉलोनियां कटी है। यहां लगातार आवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन, यहां शुरुआती दौर में सीवरेज की जो क्षमता अप्लाई की थी, अथवा दर्शाई गई थी। आज भी संख्या बढ़ने के बाद भी उसी क्षमता से सीवरेज को चलाया जा रहा है। इसके अलावा यहां अवैध तरीकों से ट्रॉलियों और टैंकरों के जरिए भर कर कहीं खुले में सीवरेज का पानी एवं गंद भर कर खाली किया जाता है। जांच में यह भी सामने आया कि यहां CETP 25 सितंबर 2015 से एक्सपायर हो चुका है। यहां CTO भी नहीं है। 550 KLD का सीवरेज सिस्टम है, जोकि नाकाफी है। यहां STP डेटा भी नहीं मिला। जनरेटर सिस्टम की भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
