पानीपत में पकड़ा पाकिस्तानी जासूस,पासपोर्ट बनवाते वक्त आतंकियों से जुड़ा:वीडियो बना उन्हें भेजता था; जीजा बोला- ड्यूटी जाता तो कई दिन गायब रहता

पानीपत में पकड़ा पाकिस्तानी जासूस,पासपोर्ट बनवाते वक्त आतंकियों से जुड़ा:वीडियो बना उन्हें भेजता था; जीजा बोला- ड्यूटी जाता तो कई दिन गायब रहता

पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लिए जासूसी करने वाला उत्तर प्रदेश का नौमान इलाही हरियाणा की पानीपत पुलिस की गिरफ्त में है। नौमान की उम्र अभी 24 साल ही है और वह केवल 8वीं तक पढ़ा है। उसके पिता अहसान इलाही लोगों का पासपोर्ट बनवाने का काम करते थे। पांच साल पहले जब उनकी मौत हुई तो नौमान ने इस धंधे को अपना लिया। वह कैराना में रहकर पाकिस्तान और दूसरे मुस्लिम देशों में जाने वाले लोगों के पासपोर्ट बनवाने का काम किया करता था। खुफिया एजेंसियों को शक है कि इसी दौरान वह आतंकी इकबाल काना के संपर्क में आया। पुलिस सोर्सेज की माने तो नौमान पासपोर्ट बनवाने के धंधे के बारे में किसी को ज्यादा नहीं बताता था। यहां तक कि उसके जीजा-बहन भी इस बारे में नहीं जानते थे। पानीपत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी इस काम को छिपाने के लिए ही की। पानीपत में रहकर नौमान ने क्या-क्या किया, लोगों से उसका बर्ताव कैसा था, जीजा-बहन के घर में कैसे रहता था, यहां कहां-कहां जाता था? जैसे कई सवालों के जवाब जाने के लिए दैनिक भास्कर हाली कॉलोनी उर्फ मनमोहन नगर में पहुंचा। यहां नौमान के जीजा इरफान और बहन जीनत और उसके ससुर रशील मिले। तीनों ने कई जानकारी शेयर कीं, पढ़ें रिपोर्ट… 6 भाई-बहनों में छोटा है नौमान
इरफान ने बताया कि उसकी शादी करीब 15 साल पहले यूपी के शामली जिले के कैराना के मोहल्ला बेगमपुरा निवासी जीनत से हुई थी। उसके ससुर अहसान इलाही के 6 बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। नौमान छह भाई-बहनों में सबसे छोटा है। अशरफ व जीशान उसके बड़े भाई हैं, जो अपने परिवार के साथ में दिल्ली में रहते हैं और कपड़े का काम करते हैं। नौमान की 3 बहनें जीनत, कुच्छो व जैनम हैं। नौमान के अलावा सभी की शादी हो चुकी है। किसी से ज्यादा बातें नहीं करता था
इरफान ने आगे कहा, “नौमान करीब 4 महीने पहले उनके यहां आया था। वह ज्यादा बातें नहीं करता था। जो भी बात करता था, वो केवल नपी तुली होती थी। मैं बाइक लेमिनेशन का काम करता हूं। मैंने ही नौमान को पानीपत के सेक्टर 25 की फैक्ट्री में एक एजेंसी के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलवाई थी। नौमान सुबह चला जाता था और देर रात को घर आता था। कई बार तो वह घर आता ही नहीं था।” फैक्ट्री में मिलते थे 12 हजार रुपए
इरफान ने बताया कि नौमान को फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने के केवल 12 हजार रुपए मिलते थे। इसके अलावा भी वह कोई काम करता था, हमें नहीं पता। मोबाइल था उसके पास, जिसमें वह अक्सर लगा रहता था। हालांकि मेरी उससे ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। मैं जब भी अपनी दुकान से आता तो नौमान सोता हुआ ही मिलता था। खुफिया विभाग की टीमों ने उनके बयान दर्ज किए
इरफान के मुताबिक, शनिवार को नौमान घर पर ही था। वह दिल्ली जाने की बात कहकर घर से निकला था। कहा था कि शाम तक लौट आऊंगा। मगर, वह रात तक नहीं आया। वह पहले भी घर से कई कई दिन बाहर रहता था, इसलिए कोई परेशानी नहीं थी। रविवार को जब खुफिया विभाग के अधिकारी उनके घर पहुंचे तो उन्हें नौमान की करतूत का पता चला। खुफिया विभाग की टीम ने भी हम सबके बयान दर्ज किए। भाई ऐसा निकलेगा, कभी सोचा नहीं था
नौमान की गिरफ्तारी के बाद उसकी बहन जीनत सदमे में है। वह ज्यादा कुछ नहीं बोल रही है। उसने एक ही बात कही कि भाई नोमान ऐसा करेगा, वह कभी सोच भी नहीं सकती। उसने प्रशासन से गुजारिश की कि इस मामले की गहनता से जांच हो। यदि उसका भाई दोषी मिले तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए। नौमान पर क्या-क्या आरोप, 4 पॉइंट्स में पढ़ें ISI कमांडर इकबाल काना को भेजता था खुफिया जानकारी
नौमान इलाही आतंकी इकबाल काना के संपर्क में है और भारत में सेना समेत अन्य गोपनीय जानकारी वॉट्सऐप पर पाकिस्तान भेज रहा था। इकबाल काना मूल रूप से कैराना का ही निवासी है और अभी पाकिस्तान में रहता है। इसके बाद नौमान ने इकबाल को गोपनीय सूचना भेजना शुरू किया था। दिखावे के लिए वह पानीपत में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। जानकारी देकर जुटा रहा था मोटी रकम
पुलिस सोर्सेज के मुताबिक नौमान का काम देश की हर एक छोटी-बड़ी मूवमेंट के बारे में पाकिस्तान को सूचना देने का था। उसके मोबाइल से इसके सबूत भी मिले हैं, जिनमें अधिकांश सूचनाएं रेलवे स्टेशनों की हैं। जानकारी मिली है कि वह हर फोटो और वीडियो के 4-5 हजार रुपए ले रहा था। पाकिस्तान के कई ग्रुपों को वह यह जानकारी दे था और सबसे अलग-अलग रुपए ले रहा था। हर दूसरे दिन एक वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था। कैराना मकान में ताला, जनसेवा केंद्र खंगाला
पानीपत पुलिस नौमान को लेकर कैराना भी पहुंची थी। एक जनसेवा केंद्र संचालक के यहां दबिश दी। आरोप है कि जनसेवा केंद्र संचालक से पाकिस्तान समेत अन्य स्थानों पर रुपए भेजने एवं मंगाने का कार्य किया गया था। टीम ने जन सेवा केंद्र के संचालक को भी समस्त जानकारी के साथ पानीपत में बुलाया है। इसके अलावा नौमान ने अब तक जितने भी लोगों के पासपोर्ट तैयार कराए हैं, वह सभी खुफिया विभाग के निशाने पर हैं। पाकिस्तान में रहती है बुआ-मौसी
वहीं, जासूस नौमान इलाही का सीधे तौर पर पाकिस्तान से भी नाता है। वहां पर उसकी बुआ और मौसी रहती हैं। जिनका पूरा परिवार भी वहीं रहता है। वे भी भारत आते हैं। वहीं, नौमान भी पाकिस्तान जा चुका है। पुलिस जांच में उसकी पाकिस्तान ट्रैवल हिस्ट्री सामने आई है। बराना का रहने वाला है जीजा इरफान का परिवार
पानीपत में नौमान के जीजा इरफान और बहन जिन्नत परिवार के साथ रहते हैं। 70 साल के रशील घर के मुखिया हैं। परिवार में दो बेटे इरफान और इमरान हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। रशील ने 2010 में इरफान की शादी कैराना के मोहल्ला बेगमपुर की जीनत से की थी। इसके बाद वह अपने गांव बराना से मकान बेचकर पानीपत की हाली कॉलोनी में आ गया। यहीं पर उसने लगभग 60-70 गज का मकान खरीद लिया था। रशील की पत्नी करीमा भी घर पर टैक्सटाइल के पीस लाकर उत्पाद तैयार करती है। एक पीस को तैयार करने का एक रुपए मिलता है। इरफान बाइक लेमिनेशन व छोटा भाई इमरान कार वाशिंग का काम करता है। करीमा कहती है कि पूरी हाली कॉलोनी में उनके बारे में किसी से भी पूछ लो। वह बहुत इज्जतदार और शरीफ लोग हैं। उनको बार-बार परेशान न किया जाए, वह बमुश्किल अपना घर चला रहे हैं। पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लिए जासूसी करने वाला उत्तर प्रदेश का नौमान इलाही हरियाणा की पानीपत पुलिस की गिरफ्त में है। नौमान की उम्र अभी 24 साल ही है और वह केवल 8वीं तक पढ़ा है। उसके पिता अहसान इलाही लोगों का पासपोर्ट बनवाने का काम करते थे। पांच साल पहले जब उनकी मौत हुई तो नौमान ने इस धंधे को अपना लिया। वह कैराना में रहकर पाकिस्तान और दूसरे मुस्लिम देशों में जाने वाले लोगों के पासपोर्ट बनवाने का काम किया करता था। खुफिया एजेंसियों को शक है कि इसी दौरान वह आतंकी इकबाल काना के संपर्क में आया। पुलिस सोर्सेज की माने तो नौमान पासपोर्ट बनवाने के धंधे के बारे में किसी को ज्यादा नहीं बताता था। यहां तक कि उसके जीजा-बहन भी इस बारे में नहीं जानते थे। पानीपत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी इस काम को छिपाने के लिए ही की। पानीपत में रहकर नौमान ने क्या-क्या किया, लोगों से उसका बर्ताव कैसा था, जीजा-बहन के घर में कैसे रहता था, यहां कहां-कहां जाता था? जैसे कई सवालों के जवाब जाने के लिए दैनिक भास्कर हाली कॉलोनी उर्फ मनमोहन नगर में पहुंचा। यहां नौमान के जीजा इरफान और बहन जीनत और उसके ससुर रशील मिले। तीनों ने कई जानकारी शेयर कीं, पढ़ें रिपोर्ट… 6 भाई-बहनों में छोटा है नौमान
इरफान ने बताया कि उसकी शादी करीब 15 साल पहले यूपी के शामली जिले के कैराना के मोहल्ला बेगमपुरा निवासी जीनत से हुई थी। उसके ससुर अहसान इलाही के 6 बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। नौमान छह भाई-बहनों में सबसे छोटा है। अशरफ व जीशान उसके बड़े भाई हैं, जो अपने परिवार के साथ में दिल्ली में रहते हैं और कपड़े का काम करते हैं। नौमान की 3 बहनें जीनत, कुच्छो व जैनम हैं। नौमान के अलावा सभी की शादी हो चुकी है। किसी से ज्यादा बातें नहीं करता था
इरफान ने आगे कहा, “नौमान करीब 4 महीने पहले उनके यहां आया था। वह ज्यादा बातें नहीं करता था। जो भी बात करता था, वो केवल नपी तुली होती थी। मैं बाइक लेमिनेशन का काम करता हूं। मैंने ही नौमान को पानीपत के सेक्टर 25 की फैक्ट्री में एक एजेंसी के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलवाई थी। नौमान सुबह चला जाता था और देर रात को घर आता था। कई बार तो वह घर आता ही नहीं था।” फैक्ट्री में मिलते थे 12 हजार रुपए
इरफान ने बताया कि नौमान को फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने के केवल 12 हजार रुपए मिलते थे। इसके अलावा भी वह कोई काम करता था, हमें नहीं पता। मोबाइल था उसके पास, जिसमें वह अक्सर लगा रहता था। हालांकि मेरी उससे ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। मैं जब भी अपनी दुकान से आता तो नौमान सोता हुआ ही मिलता था। खुफिया विभाग की टीमों ने उनके बयान दर्ज किए
इरफान के मुताबिक, शनिवार को नौमान घर पर ही था। वह दिल्ली जाने की बात कहकर घर से निकला था। कहा था कि शाम तक लौट आऊंगा। मगर, वह रात तक नहीं आया। वह पहले भी घर से कई कई दिन बाहर रहता था, इसलिए कोई परेशानी नहीं थी। रविवार को जब खुफिया विभाग के अधिकारी उनके घर पहुंचे तो उन्हें नौमान की करतूत का पता चला। खुफिया विभाग की टीम ने भी हम सबके बयान दर्ज किए। भाई ऐसा निकलेगा, कभी सोचा नहीं था
नौमान की गिरफ्तारी के बाद उसकी बहन जीनत सदमे में है। वह ज्यादा कुछ नहीं बोल रही है। उसने एक ही बात कही कि भाई नोमान ऐसा करेगा, वह कभी सोच भी नहीं सकती। उसने प्रशासन से गुजारिश की कि इस मामले की गहनता से जांच हो। यदि उसका भाई दोषी मिले तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए। नौमान पर क्या-क्या आरोप, 4 पॉइंट्स में पढ़ें ISI कमांडर इकबाल काना को भेजता था खुफिया जानकारी
नौमान इलाही आतंकी इकबाल काना के संपर्क में है और भारत में सेना समेत अन्य गोपनीय जानकारी वॉट्सऐप पर पाकिस्तान भेज रहा था। इकबाल काना मूल रूप से कैराना का ही निवासी है और अभी पाकिस्तान में रहता है। इसके बाद नौमान ने इकबाल को गोपनीय सूचना भेजना शुरू किया था। दिखावे के लिए वह पानीपत में एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। जानकारी देकर जुटा रहा था मोटी रकम
पुलिस सोर्सेज के मुताबिक नौमान का काम देश की हर एक छोटी-बड़ी मूवमेंट के बारे में पाकिस्तान को सूचना देने का था। उसके मोबाइल से इसके सबूत भी मिले हैं, जिनमें अधिकांश सूचनाएं रेलवे स्टेशनों की हैं। जानकारी मिली है कि वह हर फोटो और वीडियो के 4-5 हजार रुपए ले रहा था। पाकिस्तान के कई ग्रुपों को वह यह जानकारी दे था और सबसे अलग-अलग रुपए ले रहा था। हर दूसरे दिन एक वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था। कैराना मकान में ताला, जनसेवा केंद्र खंगाला
पानीपत पुलिस नौमान को लेकर कैराना भी पहुंची थी। एक जनसेवा केंद्र संचालक के यहां दबिश दी। आरोप है कि जनसेवा केंद्र संचालक से पाकिस्तान समेत अन्य स्थानों पर रुपए भेजने एवं मंगाने का कार्य किया गया था। टीम ने जन सेवा केंद्र के संचालक को भी समस्त जानकारी के साथ पानीपत में बुलाया है। इसके अलावा नौमान ने अब तक जितने भी लोगों के पासपोर्ट तैयार कराए हैं, वह सभी खुफिया विभाग के निशाने पर हैं। पाकिस्तान में रहती है बुआ-मौसी
वहीं, जासूस नौमान इलाही का सीधे तौर पर पाकिस्तान से भी नाता है। वहां पर उसकी बुआ और मौसी रहती हैं। जिनका पूरा परिवार भी वहीं रहता है। वे भी भारत आते हैं। वहीं, नौमान भी पाकिस्तान जा चुका है। पुलिस जांच में उसकी पाकिस्तान ट्रैवल हिस्ट्री सामने आई है। बराना का रहने वाला है जीजा इरफान का परिवार
पानीपत में नौमान के जीजा इरफान और बहन जिन्नत परिवार के साथ रहते हैं। 70 साल के रशील घर के मुखिया हैं। परिवार में दो बेटे इरफान और इमरान हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। रशील ने 2010 में इरफान की शादी कैराना के मोहल्ला बेगमपुर की जीनत से की थी। इसके बाद वह अपने गांव बराना से मकान बेचकर पानीपत की हाली कॉलोनी में आ गया। यहीं पर उसने लगभग 60-70 गज का मकान खरीद लिया था। रशील की पत्नी करीमा भी घर पर टैक्सटाइल के पीस लाकर उत्पाद तैयार करती है। एक पीस को तैयार करने का एक रुपए मिलता है। इरफान बाइक लेमिनेशन व छोटा भाई इमरान कार वाशिंग का काम करता है। करीमा कहती है कि पूरी हाली कॉलोनी में उनके बारे में किसी से भी पूछ लो। वह बहुत इज्जतदार और शरीफ लोग हैं। उनको बार-बार परेशान न किया जाए, वह बमुश्किल अपना घर चला रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर