पानीपत जिले में उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर डायल 112 पुलिसकर्मी ने गोरक्षक की चोटी पकड़ कर खींचने और उसके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया। यहां तक कि पशु तस्करों को छोड़ने और गौरक्षकों को ही रिश्वत देने की कोशिश करने के भी पुलिस पर आरोप लगे है। मामले की वीडियो भी सामने आई है। पीड़ित ने मामले की शिकायत एसपी को दी है। इस बारे में एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा शिकायत की जांच डीएसपी समालखा को सौंप कर जल्द ही रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने गोरक्षक को रिश्वत देने का किया प्रयास
एसपी को दी शिकायत में करन ने बताया कि वह सनौली रोड का रहने वाला है। 16 अप्रैल को अवैध पशु तस्करी की गुप्त सूचना पर वह टीम के साथ सनौली थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सनौली थाना पुलिस यमुना नाका पर खड़ी हो गई। इसके बाद डायल 112 को सूचित किया। पानीपत की ओर से एक बोलेरो गाड़ी आई। जिसको पुलिस की मदद से रूकवाया। उसमें 6 पशु थे। जिनमें चारे-पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। पशुओं को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। पुलिस द्वारा पशुओं की पावती मांगने पर कोई कागज पेश न कर पाए। ये कार्रवाई नाके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों की तरफ गई। करन का आरोप है कि कुछ देर बाद डायल 112 वापस आती है और उसे रिश्वत देने का प्रयास करती है। उसने रिश्वत लेने से मना कर दिया। गाड़ी छोड़ने का कारण पूछने पर तैश में आए पुलिसकर्मी कुछ देर बाद एक बड़ा ट्रक पानीपत की ओर से आया। जिसके अंदर भी करीब 25-30 भैंसें ठूंस-ठूंस कर भरी हई थी। जिसे यमुना नाके पर पुलिस की मदद से रोका गया। दोनों गाड़ियां यमुना पुल पर पुलिस नाके पर रोकी गई थी। इसी दौरान गाड़ियां बहुत तेज गति से उत्तर प्रदेश की तरफ चली जाती है। जिस बारे में डायल 112 पुलिसकर्मियों से पूछा गया कि आप यह गाड़ी थाने में ले गए थे, तो यह यूपी की ओर कैसे चली गई। इसी बात पर पुलिसकर्मी तैश में आ गए और उसके साथ गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। इसके बाद उससे मारपीट करते है और ट्रक जाने दिया। पुलिसकर्मी ने उसकी चोटी पकड़ कर उखाड़ने का प्रयास किया। जिससे धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाई। करन का कहना है कि सनौली रोड पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों के व्यवहार से एहसास होता है कि यह पुलिस कर्मचारी अवैद्य पशु तस्करों के साथ मिले हुए है, जो कि रात के समय पशु तस्करों से पैसों की वसूली करते है। पानीपत जिले में उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर डायल 112 पुलिसकर्मी ने गोरक्षक की चोटी पकड़ कर खींचने और उसके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया। यहां तक कि पशु तस्करों को छोड़ने और गौरक्षकों को ही रिश्वत देने की कोशिश करने के भी पुलिस पर आरोप लगे है। मामले की वीडियो भी सामने आई है। पीड़ित ने मामले की शिकायत एसपी को दी है। इस बारे में एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा शिकायत की जांच डीएसपी समालखा को सौंप कर जल्द ही रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने गोरक्षक को रिश्वत देने का किया प्रयास
एसपी को दी शिकायत में करन ने बताया कि वह सनौली रोड का रहने वाला है। 16 अप्रैल को अवैध पशु तस्करी की गुप्त सूचना पर वह टीम के साथ सनौली थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सनौली थाना पुलिस यमुना नाका पर खड़ी हो गई। इसके बाद डायल 112 को सूचित किया। पानीपत की ओर से एक बोलेरो गाड़ी आई। जिसको पुलिस की मदद से रूकवाया। उसमें 6 पशु थे। जिनमें चारे-पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। पशुओं को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। पुलिस द्वारा पशुओं की पावती मांगने पर कोई कागज पेश न कर पाए। ये कार्रवाई नाके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों की तरफ गई। करन का आरोप है कि कुछ देर बाद डायल 112 वापस आती है और उसे रिश्वत देने का प्रयास करती है। उसने रिश्वत लेने से मना कर दिया। गाड़ी छोड़ने का कारण पूछने पर तैश में आए पुलिसकर्मी कुछ देर बाद एक बड़ा ट्रक पानीपत की ओर से आया। जिसके अंदर भी करीब 25-30 भैंसें ठूंस-ठूंस कर भरी हई थी। जिसे यमुना नाके पर पुलिस की मदद से रोका गया। दोनों गाड़ियां यमुना पुल पर पुलिस नाके पर रोकी गई थी। इसी दौरान गाड़ियां बहुत तेज गति से उत्तर प्रदेश की तरफ चली जाती है। जिस बारे में डायल 112 पुलिसकर्मियों से पूछा गया कि आप यह गाड़ी थाने में ले गए थे, तो यह यूपी की ओर कैसे चली गई। इसी बात पर पुलिसकर्मी तैश में आ गए और उसके साथ गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। इसके बाद उससे मारपीट करते है और ट्रक जाने दिया। पुलिसकर्मी ने उसकी चोटी पकड़ कर उखाड़ने का प्रयास किया। जिससे धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाई। करन का कहना है कि सनौली रोड पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों के व्यवहार से एहसास होता है कि यह पुलिस कर्मचारी अवैद्य पशु तस्करों के साथ मिले हुए है, जो कि रात के समय पशु तस्करों से पैसों की वसूली करते है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
