हरियाणा के पानीपत जिले के अहर गांव में स्थित एक निजी अस्पताल के मालिक को उसी अस्पताल में काम करने वाले दो कंपाउंडरों ने ठग लिया। उन्हें उन दोनों पर पूरा भरोसा था। जिसके चलते उन्होंने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर अलग-अलग समय में 10 लाख 74 हजार रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। लेकिन डॉक्टर को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। बैंक स्टेटमेंट से मामले का पता चलने पर डॉक्टर ने इसकी शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। बैंक कर्मचारी के बताने पर हुआ दोनों पर शक साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में डॉ. नफे सिंह ने बताया कि वह गांव अहर का रहने वाला है। उसका अहर चौक पर ममता अस्पताल है। उसके अस्पताल में बतौर कंपाउंडर गांव के रहने वाले सन्नी और विजय काम करते हैं। डॉ. ने बताया कि अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में लोन की किस्त जमा करवाने वह बैंक में गया था। इस दौरान उसने अपना बैंक बैलेंस चेक करवाया, तो वह काफी कम मिला। तब उसने बैंक स्टेटमेंट चेक करवाई। जिसमें पता लगा लगा कि उसके खाते से अलग-अलग ट्रांजैक्शन में करीब 10 लाख 74 हजार रुपए निकले हुए है। ये निकासी 27 दिसंबर 2023 से शुरू हुई थी। जोकि अज्ञात खातों में गई है। डॉ. का कहना है कि उसने कभी भी अपने खाते संबंधित कोई जानकारी किसी से शेयर नहीं की। बैंक कर्मचारी ने बताया कि किसी विश्वास पात्र व्यक्ति ने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके पेसे निकलवाए हैं। जिसके बाद उक्त दोनों कंपाउंडर पर शक हुआ। क्योंकि ये दोनों ही उसके भरोसेमंद व्यक्ति थे। हरियाणा के पानीपत जिले के अहर गांव में स्थित एक निजी अस्पताल के मालिक को उसी अस्पताल में काम करने वाले दो कंपाउंडरों ने ठग लिया। उन्हें उन दोनों पर पूरा भरोसा था। जिसके चलते उन्होंने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर अलग-अलग समय में 10 लाख 74 हजार रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। लेकिन डॉक्टर को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। बैंक स्टेटमेंट से मामले का पता चलने पर डॉक्टर ने इसकी शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। बैंक कर्मचारी के बताने पर हुआ दोनों पर शक साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में डॉ. नफे सिंह ने बताया कि वह गांव अहर का रहने वाला है। उसका अहर चौक पर ममता अस्पताल है। उसके अस्पताल में बतौर कंपाउंडर गांव के रहने वाले सन्नी और विजय काम करते हैं। डॉ. ने बताया कि अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में लोन की किस्त जमा करवाने वह बैंक में गया था। इस दौरान उसने अपना बैंक बैलेंस चेक करवाया, तो वह काफी कम मिला। तब उसने बैंक स्टेटमेंट चेक करवाई। जिसमें पता लगा लगा कि उसके खाते से अलग-अलग ट्रांजैक्शन में करीब 10 लाख 74 हजार रुपए निकले हुए है। ये निकासी 27 दिसंबर 2023 से शुरू हुई थी। जोकि अज्ञात खातों में गई है। डॉ. का कहना है कि उसने कभी भी अपने खाते संबंधित कोई जानकारी किसी से शेयर नहीं की। बैंक कर्मचारी ने बताया कि किसी विश्वास पात्र व्यक्ति ने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके पेसे निकलवाए हैं। जिसके बाद उक्त दोनों कंपाउंडर पर शक हुआ। क्योंकि ये दोनों ही उसके भरोसेमंद व्यक्ति थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में वायु गुणवत्ता हो रही बदतर:सड़कों पर खुलेआम जलाया जा रहा कूड़ा; AQI 250 तक पहुंचा, कोई ठोस प्लानिंग नहीं हरियाणा के रेवाड़ी शहर में सर्दी से पहले प्रदूषण के कारण हवा खराब होने लगी है। तमाम पाबंदियों के बावजूद सड़कों पर खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है। मंगलवार को रेवाड़ी के धारूहेड़ा में एक्यूआई 250 तक पहुंच गया। सुबह के समय स्मॉग की हल्की परत भी दिखाई देने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि हृदय और अस्थमा के रोगियों को सावधान रहने की जरूरत है। अगर वे समय रहते नहीं जागे तो हालात बद से बदतर होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। दरअसल रेवाड़ी के धारूहेड़ा और साथ लगते भिवाड़ी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खराब स्थिति में चल रहा है। हवा में नमी बढ़ने के साथ ही वाहनों से निकलने वाले धुएं और सड़कों पर उड़ती धूल के कारण हालात और खराब हो सकते हैं। इसके अलावा शहर में सबसे बड़ी समस्या सड़कों पर खुलेआम कूड़ा जलाना है, जो प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण भी है। मंगलवार सुबह झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों ने रेवाड़ी के कंटेनर डिपो के पास एचएसवीपी की खाली जमीन पर कूड़े में आग लगा दी। आग के कारण पूरा इलाका काफी देर तक धुएं से भरा रहा। इस कारण सुबह इस इलाके में टहलने आए लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस योजना नहीं है। खुले में पड़ी है निर्माण सामग्री बढ़ते प्रदूषण के कारण नगर निकायों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। निर्माण सामग्री बेचने वालों ने रोड़ी, बजरी आदि को खुले में डाला हुआ है। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री को ढकवाकर रखने लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा दुकानदारों को निर्देश नहीं दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी तादाद में निर्माण कार्य चल रहे हैं। वहां जाकर भी कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं इसलिए जमकर धूल उड़ रही है। खूब जल रहा है कचरा प्रदूषण का एक अहम कारण कचरा जलाना भी है। लोग कचरा जलाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इसका अहम कारण यह है कि नगर परिषद ने कचरा जलाने वालों के खिलाफ सिर्फ एक दिन ही कार्रवाई की थी। इसके बाद से नप अधिकारी अपने दफ्तर से बाहर ही नहीं निकले हैं। यहां तक कि सरकारी प्रतिष्ठानों के आसपास ही कचरे को आग के हवाले किया जा रहा है।