हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे में एक लड़की घर से संदिग्ध परिस्थतियों में लापता हो गई। तलाशने के दौरान परिजनों को उसके प्रेमी का नाम और नंबर पता लगा। परिजनों ने लड़के से वॉट्सएप पर संपर्क किया। जिस दौरान दोनों से बात हुई। परिजनों ने उन्हें घर आने की बात कही। साथ ही कहा कि वे उनकी शादी करवा देंगे। उनके साथ मारपीट भी नहीं करेंगे। लेकिन वह नहीं लौटे। परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर ली है। नंबर मिला बंद, नेट था ऑन, तब हुई वॉट्सऐप पर बातचीत मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में एक पिता ने बताया कि वह गांव वैसर का रहने वाला है। उसकी 19 वर्षीय बेटी 13 सितंबर की दोपहर करीब 2 बजे वह घर से संदिग्ध परिस्थितियों में निकल गई। जिसको परिजनों ने 4-5 बजे के करीब पड़ोस में ढूंढना शुरू किया। गांव में उसे तलाशते रहे, लेकिन उसका कही कोई भेद नहीं लगा। इसके बाद रिश्तेदारियों में उसका पता किया, लेकिन वहां भी उसका कुछ नहीं पता लगा। बेटी को ढूंढते वक्त शक हुआ कि वह सुरेंद्र नाम के लड़के के साथ जा सकती है। जिसके नंबर पर कॉल की, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ मिला। इसके बाद उसके वॉट्सएप पर कॉल की। जिस वक्त उनसे बात हुई। बातचीत के दौरान परिजनों ने दोनों को कहा कि वे उनकी शादी करवा देंगे, लेकिन वे घर लौट आएं। परिजनों ने यहां तक भी कहा कि वे उनके साथ मारपीट भी नहीं करेंगे। लेकिन दोनों ने परिजनों की नहीं मानी। वे घर लौट कर नहीं आए। हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे में एक लड़की घर से संदिग्ध परिस्थतियों में लापता हो गई। तलाशने के दौरान परिजनों को उसके प्रेमी का नाम और नंबर पता लगा। परिजनों ने लड़के से वॉट्सएप पर संपर्क किया। जिस दौरान दोनों से बात हुई। परिजनों ने उन्हें घर आने की बात कही। साथ ही कहा कि वे उनकी शादी करवा देंगे। उनके साथ मारपीट भी नहीं करेंगे। लेकिन वह नहीं लौटे। परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर ली है। नंबर मिला बंद, नेट था ऑन, तब हुई वॉट्सऐप पर बातचीत मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में एक पिता ने बताया कि वह गांव वैसर का रहने वाला है। उसकी 19 वर्षीय बेटी 13 सितंबर की दोपहर करीब 2 बजे वह घर से संदिग्ध परिस्थितियों में निकल गई। जिसको परिजनों ने 4-5 बजे के करीब पड़ोस में ढूंढना शुरू किया। गांव में उसे तलाशते रहे, लेकिन उसका कही कोई भेद नहीं लगा। इसके बाद रिश्तेदारियों में उसका पता किया, लेकिन वहां भी उसका कुछ नहीं पता लगा। बेटी को ढूंढते वक्त शक हुआ कि वह सुरेंद्र नाम के लड़के के साथ जा सकती है। जिसके नंबर पर कॉल की, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ मिला। इसके बाद उसके वॉट्सएप पर कॉल की। जिस वक्त उनसे बात हुई। बातचीत के दौरान परिजनों ने दोनों को कहा कि वे उनकी शादी करवा देंगे, लेकिन वे घर लौट आएं। परिजनों ने यहां तक भी कहा कि वे उनके साथ मारपीट भी नहीं करेंगे। लेकिन दोनों ने परिजनों की नहीं मानी। वे घर लौट कर नहीं आए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में टूटेगा I.N.D.I.A. गठबंधन:कुरुक्षेत्र में हार और INLD-JJP से ज्यादा वोट प्रतिशत मिलना बना अकेले लड़ने की वजह
हरियाणा में टूटेगा I.N.D.I.A. गठबंधन:कुरुक्षेत्र में हार और INLD-JJP से ज्यादा वोट प्रतिशत मिलना बना अकेले लड़ने की वजह हरियाणा में I.N.D.I.A.गठबंधन अब अंतिम सांस ले रहा है। जल्द ही गठबंधन टूटने का औपचारिक ऐलान हो सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने बयान दिया है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था। लोकसभा चुनाव अब खत्म हो चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि अब हरियाणा में AAP अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि हरियाणा में AAP और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था। AAP के हिस्से में हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट आई। पंजाब से सटी इस सीट पर गठबंधन को जीतने की पूरी उम्मीद थी। मगर गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता 29021 वोट से हार गए थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में ठन गई थी। अभी हाल ही में कैथल में प्रेस कान्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। अनुराग ढांडा ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा पर जानबूझकर गठबंधन प्रत्याशी को हराने के आरोप लगाए थे। हालांकि गठबंधन प्रत्याशी ने ढांडा के आरोपों को निजी बताया था। हरियाणा में हर बूथ पर लड़ने में सक्षम आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप ने कहा कि “हमारी दो राज्यों में सरकार है। हम गुजरात में चुनाव लड़े हैं। हम हरियाणा में भी चुनाव लड़े। I.N.D.I.A. गठबंधन व्यक्तिगत फायदा के लिए नहीं बना था। अगर ऐसा होता तो संभवत हम गठबंधन में गए ही नहीं होते। मगर देश महत्वपूर्ण था। लोकसभा सभा के लिए गठबंधन बना था। लोकसभा खत्म हो गया है। आगे की सारी चीजें तब क्लियर होंगी जब केजरीवाल बाहर आएंगे। हम विधानसभा तो छोड़ एक-एक बूथ पर सक्षम हैं। पूरा हरियाणा बदलाव के लिए तैयार है और भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए तैयार है”। कुरुक्षेत्र में हार के बाद रिश्तों में खटास कुरुक्षेत्र में गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता की हार के बाद कांग्रेस और AAP के रिश्तों में खटास आई थी। हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर लड़ी आम आदमी पार्टी (AAP)ने हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर मढ़ दिया था। पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। ढांडा ने कहा था कि कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने भीतरघात किया जिसके कारण गठबंधन प्रत्याशी कैथल विधानसभा से 17000 वोटों से पीछे रह गया। खुद सुरजेवाला के बूथ से सुशील गुप्ता हार गए। इसके अलावा थानेसर में अशोक अरोड़ा पिछले विधानसभा चुनाव में 500 वोट से हारे थे। मगर अबकी बार थानेसर से सुशील गुप्ता 18000 वोट से हार गए। रादौर और लाडवा में कांग्रेस के विधायक हैं। इन दोनों जगह भी गठबंधन प्रत्याशी हार गया। यहां भी भीतरघात हुआ है। विधानसभा की तैयारी में जुटी है AAP लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद अब आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में तेज कर दी है। साथ ही हार से बौखलाई AAP कांग्रेस पर निशाना साध रही है। इससे पहले आम नेता गोपाल राय ने भी साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव के लिए हमारा गठबंधन था लेकिन विधानसभा चुनाव में हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। फिलहाल आम आदमी पार्टी के नेताओं की एक राय से साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में AAP किसी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं है। इनेलो-जजपा की जगह लेना चाहती है AAP दरअसल, हरियाणा के लोकसभा चुनाव में लोगों ने क्षेत्रीय दल इनेलो और जजपा को नकार दिया। सभी 10 की 10 सीटों पर जजपा और इनेलो की जमानत जब्त हुई। जजपा को लोकसभा चुनाव में 0.87 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वहीं इनेलो को 1.74 प्रतिशत वोट मिले। वहीं AAP की बात करें तो इस चुनाव में उसे 3.94 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पार्टी उत्साहित है। पार्टी को इनेलो और जजपा से दोगुना ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं। इसलिए पार्टी दोनों का विकल्प हरियाणा में बनना चाहती है। कुरुक्षेत्र के ही गुहला चीका, कलायत, पेहवा और शाहबाद की 4 विधानसभा में उसने जीत हासिल की है। आगामी विधानसभा में वह इस विधानसभा में जीत हासिल करने उतरेगी।
फतेहाबाद में ड्राइवर की दर्दनाक मौत:सड़क पर बिखरी पाइपें उठाते समय ट्रक ने मारी टक्कर; पैर अलग हुए, दो की हालत गंभीर
फतेहाबाद में ड्राइवर की दर्दनाक मौत:सड़क पर बिखरी पाइपें उठाते समय ट्रक ने मारी टक्कर; पैर अलग हुए, दो की हालत गंभीर हरियाणा के फतेहाबाद के दरियापुर गांव के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ है। ट्रक ने टाटा ऐस ड्राइवर को बुरी तरह कुचल दिया। हादसे में उसका बड़ा भाई व ट्रक ड्राइवर भी घायल हो गए। घायलों को नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से ट्रक ड्राइवर को हिसार रेफर कर दिया गया। हादसे में ऐस ड्राइवर की दोनों टांगे कट कर अलग हो गई थी। पुलिस दुर्घटना को लेकर छानबीन कर रही है। जानकारी के अनुसार सिरसा निवासी प्रदीप अपनी टाटा ऐस गाड़ी में पाइप लोड कर सिरसा की तरफ जा रहा था। उसके साथ भाई राजेंद्र भी सवार था। जब वे दरियापुर ओवरब्रिज के पास पहुंचे तो अचानक ब्रेक लगने पर गाड़ी से पाइपें नीचे गिर गई। दोनों भाई गाड़ी से उतरकर पाइपें उठाने के लिए गए तो उसी दौरान वहां से गुजर रहे ट्रक की चपेट में आ गए। हादसे में प्रदीप की टांगें बुरी तरह कुचली गई और अलग हो गई। जिस कारण उसकी मौत हो गई। जबकि ट्रक चालक व मृतक के भाई को भी चोटें लगीं। दोनों को नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां ट्रक चालक को गंभीर हालत में हिसार रेफर कर दिया गया। उसकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। दूसरी न्यूज..नहर में डूबे व्यक्ति का शव मिला उधर टोहाना में नहर में डूबे व्यक्ति का शव चंद्रावल के पास बरामद हो गया है। जानकारी के अनुसार अमृतसर निवासी 60 वर्षीय केवल कुमार टोहाना में विवाहित अपनी बेटी के पास तीन चार दिन पहले मिलने आया हुआ था। बताया जा रहा है कि वह भाखड़ा नहर में नहाने उतरा और बह गया। उसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी। शाम को उसका शव चंद्रावल के पास नहर से बरामद हुआ है।
हुड्डा के सामने जिप चेयरपर्सन की दावेदारी:2 साल पहले राजनीति में आई, पहली बार में पार्षद व चेयरपर्सन बनी, भाजपा नहीं कर पाई सेंधमारी
हुड्डा के सामने जिप चेयरपर्सन की दावेदारी:2 साल पहले राजनीति में आई, पहली बार में पार्षद व चेयरपर्सन बनी, भाजपा नहीं कर पाई सेंधमारी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने भाजपा से गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा की टिकट के लिए दावेदारी ठोकी है। मंजू हुड्डा ने 2 साल पहले राजनीति में कदम रखा था। पहला चुनाव जिला पार्षद का वार्ड नंबर 5 से लड़ा। मंजू हुड्डा ने चुनाव में जीत हासिल की और इसके बाद सर्वसम्मति से चेयरपर्सन भी चुनी गई। वहीं इसके बाद उन्होंने भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली। गढ़ी सांपला किलोई पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हलका हैं। जहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा 5 बार विधायक बन चुके हैं। वहीं इस बार भी कांग्रेस ने उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। गढ़ी सांपला किलोई हलके से अकेले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही आवेदन किया है। इसलिए इस बार भी उन्हें ही उम्मीदवार माना जा रहा है। लगातार जीत हासिल करने के चलते गढ़ी सांपला किलोई हलके को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहा जाता है। वहीं इस गढ़ में भाजपा सेंधमारी नहीं कर पाई है। जातिय समीकरण को भी साधती नजर आ रही मंजू हुड्डा
जिला चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने 2022 में जिला पार्षद का चुनवा लड़ा। जिसमें उन्हें 9333 वोट मिले और नजदीकी प्रतिद्वंद्वी अंजली को 6052 वोट मिले। इसलिए वे 3281 वोट से जीत गई। गढ़ी सांपला किलोई हलका जाट बहुल्य क्षेत्र है। वहीं जाट समाज के मतदाता ही विजेता निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मंजू हुड्डा जातिय समीकरण को भी साधती नजर आती हैं। मंजू हुड्डा ने डबल एमए व बीएड तक पढ़ाई की है। वहीं पीएचडी की पढ़ाई फिलहाल जारी है। रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा से बातचीत
सवाल : विधानसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारियां हैं।
जवाब : विधानसभा चुनाव को लेकर तो तैयारियां नियमित हैं। जबसे मैं चेयरपर्सन बनी हूं, तभी से जनता के बीच में ही रही हूं। एक दिन भी ऐसा नहीं जाता कि किसी के सुख-दुख में ना शामिल हुई हो। लोगों का साथ व प्यार भी मिल रहा है।
सवाल : करीब 2 साल पहले राजनीति में आई। पहली बार में ही पार्षद बनी और फिर चेयरपर्सन। आगे का क्या लक्ष्य है।
जवाब : मेरा जिला पार्षद का पहला चुनाव था। करीब 20 दिन का यह चुनाव था। इससे पहले मेरी कोई इच्छा थी और ना ही मैंने कभी आगे के लिए चुनाव का सोचा था। लेकिन जैसे-जैसे गांव व भाईचारे ने इसके लिए तैयार किया और बताया। जनसेवा तो पहले भी करती थी, लेकिन राजनीति में नहीं थी। राजनीति एक ऐसी जगह है, जहां खुलकर जनता की सेवा कर सकते हैं। इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया और उस चुनाव में जीती भी। चेयरमैन के चुनाव में भी सर्वसम्मति से जीत हासिल की। आगे का तो यही है कि जनता व पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उस पर खरा उतरूंगी।
सवाल : किस विधानसभा से चुनाव की तैयारी है।
जवाब : मैं जब से चेयरपर्सन बनी हूं, तब से पूरे जिले में जा रही हूं और लोगों के काम कर रहीं हूं। बाकी तो यह पार्टी तय करेगी कि वे मुझे कहां से टिकट के लिए योग्य समझते हैं कि मैं वहां से चुनाव लडूं। पार्टी जहां से भी कहेगी, वहां से चुनाव लडूंगी। सवाल : गांव व वार्ड गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा में आता है। वहां से ही दावेदारी अधिक मानी जाती है। आप क्या मानते हैं।
जवाब : मेरी विधानसभा गढ़ी सांपला किलोई है। पार्टी कहेगी और जनता व बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद देंगे तो वहां से चुनाव लडूंगी और कोशिश करूंगी की वहां से जीत हासिल करूं।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई चुनाव जीत चुके हैं। क्या चुनौती मानते हैं।
जवाब : जनता जो है वह काम मांगती है। मुझे राजनीति में आए करीब डेढ़-दो साल हुआ है। जनता के काम करवा रही हूं। जनता के लिए अपने आप से ऊपर काम को चुनती हूं। अगर लोग मुझे चुनते हैं तो मैं उनके विश्वास पर खरी उतरूंगी। इसको चुनौती तो नहीं मान सकती। भाग्य भी होता है। समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता। समय परिवर्तनशील है। कभी कुछ भी हो सता है। यह नहीं कि कोई एक बार या लगातार जीता है तो वही रहेगा। क्या पता मेरा भाग्य काम कर जाए, मैं जरूर लड़ना चाहुंगी।
सवाल : गढ़ी सांपला किलोई सीट पर अब तक भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कैसे टक्कर दे पाएंगी।
जवाब : मेरे पास तो सिर्फ काम ही है। अब तक का जितना अनुभव है, उसमें लोगों ने साथ दिया और विश्वास किया है। कोशिश जरूर करना चाहूंगी कि इस चुनाव में पार्टी व लोगों का आशीर्वाद मिला तो।
सवाल : लोगों के बीच जा रही हैं तो कैसा रुझान मिल रहा है। लोग क्या कह रहे हैं।
जवाब : लोग तो डवलेपमेंट की ही कहते हैं। जनता जिसे चुनती है, उससे विकास की ही उम्मीद करती है। जनता के बीच में कोई भी प्रतिनिधि जाए, तो वह लोगों के विश्वास पर खरा उतरे। डेढ़-दो साल में जितना काम किया है, उसमें जनता खुश है।
सवाल : पहली बार में ही पार्षद व चेयरपर्सन बने। क्या-क्या चुनौती आई।
जवाब : चुनौती तो बहुत सारी थी, लेकिन अभी कोई चुनौती नहीं है। मैं पहली बार आई थी और राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। बहुत-सी ऐसी चीज थी, जो मेरे लिए नई थी, जिनका कुछ पता नहीं था। वो चाहे काम करने का या समन्वय का मान लें। कुछ समय के लिए चुनौतीपूर्ण था।