रूपनगर का लाल राजौरी में हुआ शहीद:सैनिकों के साथ थे गश्त पर, गहरी खाई में गिरा वाहन, एक साल पहले हुई थी शादी

रूपनगर का लाल राजौरी में हुआ शहीद:सैनिकों के साथ थे गश्त पर, गहरी खाई में गिरा वाहन, एक साल पहले हुई थी शादी

पंजाब के जिला रूपनगर के नूरपुर बेदी ब्लॉक के गांव झज्ज निवासी सेना का जवान बलजीत सिंह मंगलवार को राजौरी सेक्टर में शहीद हो गया। शहीद बलजीत सिंह तथा उसके साथ चार अन्य सैनिकों का स्पेशल सर्च ऑपरेशन के दौरान दुश्मनों की तलाश तहत गश्त पर थे। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार, शहीद बलजीत सिंह फोर्स में विशेष वाहन पर मशीनगन पर ड्यूटी निभा रहा था। गश्त के दौरान उनका दुश्मनों से सामना हुआ तथा घटना में उनकी गाड़ी 200 फुट गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें बलजीत सिंह की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनके चार अन्य साथी गंभीर रुप से घायल हो गए। सैन्य अधिकारियों ने दी सलामी आज सुबह आज उनके पार्थिव शरीर को लेकर फोर्स की स्पेशल टुकड़ी तथा चंडी मंदिर हेड क्वार्टर से जवान गांव पहुंचे तो पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद की अंतिम यात्रा नूरपुर बेदी से उनके गांव तक गई। नम आंखों से शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए। सेना के जवानों और अधिकारियों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। यहां देखिए फोटो मौसेरे भाई से हुई थी बात बता दें कि, शहीद बलजीत सिंह के पिता संतोख सिंह का करीब एक वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है। शहीद के मौसेरे भाई सरबजीत डूमेवाले ने बताया कि एक दिन पहले ही बलजीत सिंह से हमारी बात हुई थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा हेवी ड्यूटी कंप्लीट करने पर लाइट ड्यूटी के दिए ऑफर के बजाय इसी दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी करने पर डटा रहा। बलजीत सिंह की शादी को अभी एक वर्ष पूरा हुआ है। उसकी पत्नी अमनदीप कौर शादी के बाद भी पढ़ाई कर रही थी। पंजाब के जिला रूपनगर के नूरपुर बेदी ब्लॉक के गांव झज्ज निवासी सेना का जवान बलजीत सिंह मंगलवार को राजौरी सेक्टर में शहीद हो गया। शहीद बलजीत सिंह तथा उसके साथ चार अन्य सैनिकों का स्पेशल सर्च ऑपरेशन के दौरान दुश्मनों की तलाश तहत गश्त पर थे। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार, शहीद बलजीत सिंह फोर्स में विशेष वाहन पर मशीनगन पर ड्यूटी निभा रहा था। गश्त के दौरान उनका दुश्मनों से सामना हुआ तथा घटना में उनकी गाड़ी 200 फुट गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें बलजीत सिंह की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनके चार अन्य साथी गंभीर रुप से घायल हो गए। सैन्य अधिकारियों ने दी सलामी आज सुबह आज उनके पार्थिव शरीर को लेकर फोर्स की स्पेशल टुकड़ी तथा चंडी मंदिर हेड क्वार्टर से जवान गांव पहुंचे तो पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद की अंतिम यात्रा नूरपुर बेदी से उनके गांव तक गई। नम आंखों से शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए। सेना के जवानों और अधिकारियों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। यहां देखिए फोटो मौसेरे भाई से हुई थी बात बता दें कि, शहीद बलजीत सिंह के पिता संतोख सिंह का करीब एक वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है। शहीद के मौसेरे भाई सरबजीत डूमेवाले ने बताया कि एक दिन पहले ही बलजीत सिंह से हमारी बात हुई थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा हेवी ड्यूटी कंप्लीट करने पर लाइट ड्यूटी के दिए ऑफर के बजाय इसी दुर्गम क्षेत्र में ड्यूटी करने पर डटा रहा। बलजीत सिंह की शादी को अभी एक वर्ष पूरा हुआ है। उसकी पत्नी अमनदीप कौर शादी के बाद भी पढ़ाई कर रही थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर