हरियाणा के पानीपत जिले की सभी चारों सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। लिस्ट सामने आते ही समालखा, इसके बाद इसराना फिर पानीपत शहरी और अब ग्रामीण सीट के दावेदार के खिलाफ भी बगावत शुरू हो गई है। ग्रामीण सीट पर दावेदार मौजूदा सरकार के मंत्री एवं दो बार के विधायक महिपाल ढांडा का विरोध शुरू हो गया है। यहां महिपाल ढांडा पर कई तरह के आरोप लगाकर पार्टी में 34 सालों से कार्यरत एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश मलिक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में रमेश मलिक ने अनेकों आरोप लगाए है। रमेश मलिक अंसल RWA के प्रधान भी है। ग्रामीण विधायक का अहंकार चरम पर: रमेश
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखे त्याग पत्र में रमेश मलिक ने कहा कि मैं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा लगातार 32 वर्षों से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा हूं। पर दुर्भाग्य की बात है कि साल 2014 से पार्टी ने लगातार मेरी अनदेखी की है। पानीपत ग्रामीण में पार्टी एक व्यक्ति की जेब की पार्टी बनकर रह गई है। जिसका सीधा परिणाम है कि आज ग्रामीण के विधायक का अहंकार चरम पर है। जिस कारण से लगातार पार्टी ग्रामीण क्षेत्र में कमजोर हो रही है। विधायक पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को दबाने व उनका शोषण करने का काम कर रहा है। विधायक के चमचों के साइन बोर्ड के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार: मलिक पिछले 10 वर्षों में विधायक का निजी विकास तो खूब हुआ, लेकिन पानीपत ग्रामीण हलका पिछड़ता चला गया। कॉलोनियों में गलियां बनाने और उखाड़ने तथा विधायक के चमचों के साइन बोर्ड लगाने के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीण हलके की सभी मुख्य सड़कें जैसे बरसत रोड, काबड़ी रोड, बबैल रोड, कुटानी रोड, भैंसवाल रोड, हुड्डा के सभी सेक्टरों के रोड, सेक्टर 29 बाइपास रोड चलने लायक बिल्कुल भी नहीं हैं। विधायक के पास सार्वजनिक उपलब्धि के नाम पर एक भी काम करवाने के लायक नहीं है। विधायक ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है व पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाखुश होकर अपने पद से व सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। हरियाणा के पानीपत जिले की सभी चारों सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। लिस्ट सामने आते ही समालखा, इसके बाद इसराना फिर पानीपत शहरी और अब ग्रामीण सीट के दावेदार के खिलाफ भी बगावत शुरू हो गई है। ग्रामीण सीट पर दावेदार मौजूदा सरकार के मंत्री एवं दो बार के विधायक महिपाल ढांडा का विरोध शुरू हो गया है। यहां महिपाल ढांडा पर कई तरह के आरोप लगाकर पार्टी में 34 सालों से कार्यरत एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश मलिक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में रमेश मलिक ने अनेकों आरोप लगाए है। रमेश मलिक अंसल RWA के प्रधान भी है। ग्रामीण विधायक का अहंकार चरम पर: रमेश
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखे त्याग पत्र में रमेश मलिक ने कहा कि मैं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा लगातार 32 वर्षों से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा हूं। पर दुर्भाग्य की बात है कि साल 2014 से पार्टी ने लगातार मेरी अनदेखी की है। पानीपत ग्रामीण में पार्टी एक व्यक्ति की जेब की पार्टी बनकर रह गई है। जिसका सीधा परिणाम है कि आज ग्रामीण के विधायक का अहंकार चरम पर है। जिस कारण से लगातार पार्टी ग्रामीण क्षेत्र में कमजोर हो रही है। विधायक पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को दबाने व उनका शोषण करने का काम कर रहा है। विधायक के चमचों के साइन बोर्ड के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार: मलिक पिछले 10 वर्षों में विधायक का निजी विकास तो खूब हुआ, लेकिन पानीपत ग्रामीण हलका पिछड़ता चला गया। कॉलोनियों में गलियां बनाने और उखाड़ने तथा विधायक के चमचों के साइन बोर्ड लगाने के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीण हलके की सभी मुख्य सड़कें जैसे बरसत रोड, काबड़ी रोड, बबैल रोड, कुटानी रोड, भैंसवाल रोड, हुड्डा के सभी सेक्टरों के रोड, सेक्टर 29 बाइपास रोड चलने लायक बिल्कुल भी नहीं हैं। विधायक के पास सार्वजनिक उपलब्धि के नाम पर एक भी काम करवाने के लायक नहीं है। विधायक ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है व पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाखुश होकर अपने पद से व सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। हरियाणा | दैनिक भास्कर