हरियाणा के पानीपत के भारत नगर में एक युवक को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। एक आरोपी ने अपने साथियों संग पहले युवक को शराब पिलाई। इसके बाद उसे खूब पीटा गया। युवक के भाई ने बीच-बचाव कर उसे घर भेज दिया था। इसके बाद आरोपी घर गए और वहां उसे इतना पीटा कि वह अचेत हो गया। जिसे परिजन सिविल अस्पताल ले गए थे। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वारदात की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। शराब पिला कर मारा पुराना औद्योगिक थाना पुलिस को दी शिकायत में सागर पाल ने बताया कि वह भारत नगर का रहने वाला है। वे तीन भाई है। जिनमें छोटा भाई विवेकपाल (24) है। वह 26 जनवरी को अपनी ई-रिक्शा लेकर दोपहर करीब 2 बजे घर आया था। यहां वह AS फैक्ट्री के सामने उसका भाई विवेक पाल अपने साथी प्रमोद, मोहित, शिवम व जिशान निवासी भारत नगर के साथ शराब पी रहा था। आपस में कर रहे थे झगड़ा जिनका आपस में झगड़ा हो गया। इस झगड़े में सभी ने विवेक को पीटा। सागर ने बताया कि मौके पर वह पहुंचा, तो उसने अपने भाई का बीच-बचाव करवाया और उसे घर भेज दिया था। मारपीट करते हुए आरोपी प्रमोद कह रहा था कि मैं एक लड़की को सोनीपत से भगा कर लाया हूं और विवेक मेरी मुखबिरी करता है। इसलिए आज विवेक को जान से मारेंगे। बीच-बचाव कर सागर वहां से अपने काम पर चला गया था। इसके बाद सभी आरोपी फिर घर पहुंचे, जहां भी उन्होंने विवेक को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद वे वहां से फरार हो गए। परिजन विवेक को अचेत अवस्था में सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक में इलाज के दौरान 27 जनवरी को उसकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत के भारत नगर में एक युवक को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। एक आरोपी ने अपने साथियों संग पहले युवक को शराब पिलाई। इसके बाद उसे खूब पीटा गया। युवक के भाई ने बीच-बचाव कर उसे घर भेज दिया था। इसके बाद आरोपी घर गए और वहां उसे इतना पीटा कि वह अचेत हो गया। जिसे परिजन सिविल अस्पताल ले गए थे। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वारदात की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। शराब पिला कर मारा पुराना औद्योगिक थाना पुलिस को दी शिकायत में सागर पाल ने बताया कि वह भारत नगर का रहने वाला है। वे तीन भाई है। जिनमें छोटा भाई विवेकपाल (24) है। वह 26 जनवरी को अपनी ई-रिक्शा लेकर दोपहर करीब 2 बजे घर आया था। यहां वह AS फैक्ट्री के सामने उसका भाई विवेक पाल अपने साथी प्रमोद, मोहित, शिवम व जिशान निवासी भारत नगर के साथ शराब पी रहा था। आपस में कर रहे थे झगड़ा जिनका आपस में झगड़ा हो गया। इस झगड़े में सभी ने विवेक को पीटा। सागर ने बताया कि मौके पर वह पहुंचा, तो उसने अपने भाई का बीच-बचाव करवाया और उसे घर भेज दिया था। मारपीट करते हुए आरोपी प्रमोद कह रहा था कि मैं एक लड़की को सोनीपत से भगा कर लाया हूं और विवेक मेरी मुखबिरी करता है। इसलिए आज विवेक को जान से मारेंगे। बीच-बचाव कर सागर वहां से अपने काम पर चला गया था। इसके बाद सभी आरोपी फिर घर पहुंचे, जहां भी उन्होंने विवेक को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद वे वहां से फरार हो गए। परिजन विवेक को अचेत अवस्था में सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक में इलाज के दौरान 27 जनवरी को उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
रेवाड़ी की तीनों सीटें BJP ने जीती:ओवर कॉन्फिडेंस-भीतरघात कांग्रेस को ले डूबा; हार के बावजूद बढ़ा मत प्रतिशत
रेवाड़ी की तीनों सीटें BJP ने जीती:ओवर कॉन्फिडेंस-भीतरघात कांग्रेस को ले डूबा; हार के बावजूद बढ़ा मत प्रतिशत हरियाणा में अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले में भारतीय जनता पार्टी ने तीनों सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस तीनों ही सीटों पर बुरी तरह हार गई। भाजपा की जीत का अहम कारण संगठन के अलावा RSS का ग्राउंड पर वर्क रहा। जबकि कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण ओवर कॉन्फिडेंस और भीतरघात रहा। भीतरघात करने की कोशिशें तो भाजपा के भी कुछ नेताओं ने की लेकिन रिजल्ट देखकर साफ है कि उनकी तमाम कोशिशें नाकाम ही रही। कांग्रेस ने रेवाड़ी जैसी सीट को गवां दिया। इस सीट पर शुरू से ही जीत को लेकर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और उनके बेटे चिरंजीव राव आश्वास्त नजर आ रहे थे। पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस का तीनों ही सीटों पर मत प्रतिशत जरूर बढ़ा लेकिन ये जीत में तब्दील नहीं हो पाया। दरअसल, कांग्रेस ने रेवाड़ी सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को उतारा। उनके सामने बीजेपी ने अपने पुराने संगठन के नेता और कोसली से विधायक रहे लक्ष्मण यादव को टिकट दिया। इसी तरह बावल में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर बीजेपी ने हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे डॉ. कृष्ण लाल को कांग्रेस के पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा के सामने उतारा। वहीं कोसली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हेवीवेट प्रत्याशी पूर्व मंत्री जगदीश यादव के सामने बीजेपी ने एक सामान्य कार्यकर्ता अनिल डहीना को टिकट दिया। चुनाव से पहले तीनों की सीटों पर एंटी इनकंबेंसी दिख रही थी। लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने टिकट काटी उससे माहौल पूरी तरह बदल गया। हालांकि ये इलाका पिछले 2 चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में ही रहा है। लेकिन इस बार जमीनी हालात को भांपते हुए भाजपा ने चुनाव के वक्त बूथ लेवल पर साइलेंट तरीके से काम करते हुए तीनों ही सीटें जीत ली। सीधे मुकाबले में कांग्रेस पर बीजेपी भारी 2019 के चुनाव की बात करें तो रेवाड़ी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बना। यहां बीजेपी से बागी होकर रणधीर कापड़ीवास ने चुनाव लड़ते हुए 35 हजार से ज्यादा वोट लिए। जिसका फायदा कांग्रेस को मिला और चिरंजीव राव जीत गए। जबकि बावल और कोसली में सीधा मुकाबला होने के कारण भाजपा को जीत मिली थी। इस बार रेवाड़ी और कोसली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी। रेवाड़ी में सतीश यादव आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। पहले दो चुनाव लड़ चुके सतीश दोनों बार 35 हजार से ज्यादा वोट ले चुके थे। लेकिन इस बार 20 हजार वोट भी उन्हें नहीं मिले। चुनाव के अंतिम वक्त में मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच हो गया। आमने-सामने की टक्कर में बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ी। यही हाल कोसली विधानसभा सीट पर हुआ। यहां निर्दलीय प्रत्याशी मनोज कोसलिया के चुनाव में आने से त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे थे। लेकिन रिजल्ट पर नजर डाले तो फाइट कांग्रेस के जगदीश यादव और बीजेपी के अनिल डहीना के बीच हुई, जिसका फायदा बीजेपी को मिला और अनिल डहीना जीत गए। चिरंजीव एक बार आगे निकले, रंगा 4 और जगदीश ने 3 बार मंगलवार को हुई मतणना के शुरूआती दौर में ही भाजपा के तीनों प्रत्याशियों ने कांग्रेस पर बढ़त बनानी शुरू कर दी थी। पोस्टल बेलेट खुलने के बाद रूझान में आगे दिखने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ईवीएम खुलने के बाद लगातार पिछड़ते चले गए। रेवाड़ी सीट पर 19 राउंड की काउंटिंग में चिरंजीव राव ने पांचवें राउंड में एक बार बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव से ज्यादा वोट लिए। जबकि बावल सीट पर डा. एमएल रंगा ने 14, 17, 18 और 19 राउंड में डॉ. कृष्ण कुमार से ज्यादा वोट लिए। वहीं 20 राउंड की काउंटिंग में कोसली विधानसभा सीट पर जगदीश यादव ने 3, 13 और 16 राउंड में बीजेपी के अनिल डहीना से ज्यादा वोट लिए। हालांकि इन सभी राउंड में बीजेपी के तीनों प्रत्याशी पहले ही बढ़त बना चुके थे। ऐसे में उनके ज्यादा वोट लेने के बाद भी उन्हें कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। सीट वाइज मत प्रतिशत बढ़ा पर जीत नहीं मिली रेवाड़ी सीट: रेवाड़ी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर 2019 में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। चिरंजीव को 43 हजार 870 वोट मिले। यह कुल वोटों का 27.82% था। भाजपा प्रत्याशी सुनील मुसेपुर ने 42 हजार 553 यानी 26.99% वोट लिए। जिसकी वजह से 1317 वोट से हार गए। इस बार भाजपा के लक्ष्मण सिंह यादव ने 83 हजार 747 यानी 49.95% वोट लिए। जबकि कांग्रेस के चिरंजीव राव को 54 हजार 978 यानी 32.79% मत मिले और वह 28769 वोटों से हार गए। चिरंजीव की हार का सबसे बड़ा कारण ओवर कॉन्फिडेंस रहा। इसके अलावा ग्रामीण इलाके ही नहीं, बल्कि शहर में भी उनके खिलाफ साइलेंट तरीके से विरोध बना रहा, लेकिन वह इसे भांप नहीं पाए। जिसकी वजह से उन्हें किसी भी इलाके में बढ़ नहीं मिल पाई। कोसली विधानसभा सीट: कोसली विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस को यादवेंद्र सिंह 40 हजार 189 यानी 26.73% वोट मिले। जबकि लक्ष्मण सिंह यादव 78 हजार 813 यानी 52% वोट मिले थे। लक्ष्मण सिंह यादव ने उस समय 38 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस के जगदीश यादव ने 74 हजार 976 यानी 42.1% वोट लिए। जबकि भाजपा के अनिल डहीना ने 92 हजार 185 यानी 51.76% वोट लिए। इस तरह अनिल डहीना 17209 वोटों से जीत गए। अनिल की जीत का सबसे बड़ा कारण कोसली सीट रामपुरा हाउस की पैतृक सीट होना रहा। अनिल को टिकट भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही मिली थी। इसलिए इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह ने खूब प्रचार किया। साथ ही लक्ष्मण सिंह यादव के रेवाड़ी शिफ्ट होने से एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी कम हो गया। ये दोनों ही फैक्टर बीजेपी के काम आए। वहीं कांग्रेस के जगदीश यादव की हार के पीछे भीतरघात और ओवर कॉन्फिडेंस रहा। यहां टिकट कटने से नाराज यादवेंद्र सिंह पहले ही बगावत के संदेश दे चुके थे। बावल सीट: बावल विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने डॉ. एमएल रंगा को लगातार दूसरे चुनाव में टिकट दी। रंगा इस सीट पर वर्ष 2000 में विधायक रह चुके हैं। 2019 के चुनाव में डॉ. एमएल रंगा को 36 हजार 804 यानी 25.58% वोट मिले। भाजपा के डॉ. बनवारी लाल ने 69 हजार 49 वोट यानी 47.99% मत हासिल करते हुए रंगा को 32 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इस बार भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण कुमार को 86 हजार 858 यानी 55.28% वोट मिले। जबकि कांग्रेस के डॉ. एमएल रंगा को 66 हजार 228 यानी 42.54% वोट मिले और उन्हें डॉ. कृष्ण कुमार ने 20011 वोट से हरा दिया। इस सीट पर कांग्रेस की हार के पीछे का कारण यहां से एक-दो नहीं, बल्कि 50 से ज्यादा दावेदार होना रहा। कुछ चेहरे टिकट कटने के बाद डॉ. रंगा के साथ चुनाव प्रचार में जरूर दिखाई दिए लेकिन जमीनी स्तर पर वर्क की बजाए कार्यक्रम की स्टेज तक सीमित रहे। यहां भी कांग्रेसियों में जीत का ओवर कॉन्फिडेंस बना हुआ था और अंतिम समय में उन्हें ले डूबा। जबकि भाजपा की जीत का सबसे अहम कारण यहां से डॉ. बनवारी लाल की टिकट काट एंटी इनकंबेंसी को खत्म किया गया। इतना ही नहीं डॉ. कृष्ण कुमार अधिकारी के रूप में जिले में काफी लंबे समय तक काम कर चुके थे। ऐसे में उनकी साफ छवि ने भी इलाके में उनकी पकड़ बनाई। जीत का तीसरा अहम कारण केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा लगातार प्रचार करना भी रहा। क्योंकि बावल सीट पर भी रामपुरा हाउस का दबदबा हमेशा रहा है।
जींद में कील वाले डंडे से बुजुर्ग की हत्या:अकेला रहता था, नहीं हुई थी शादी; कमरे में मिला खून से सना शव
जींद में कील वाले डंडे से बुजुर्ग की हत्या:अकेला रहता था, नहीं हुई थी शादी; कमरे में मिला खून से सना शव हरियाणा के जींद के उचाना में रात को एक बुजुर्ग व्यक्ति की निर्ममता से हत्या कर दी गई। सूचना के बाद परिजन कमरे में पहुंचे तो वहां जगह-जगह खून बिखरा मिला है। पास में ही एक लकड़ी का डंडा भी बरामद हुआ है। डंडे में कीलें लगी हुई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। व्यक्ति की अभी शादी नहीं हुई थी। मृतक की पहचान गांव पालवां के ओमप्रकाश (60) के नाम से हुई है। उसके बड़े भाई के दामाद सुभाष चंद्र ने बताया कि रात को उनके चाचा ससुर के पड़ोसी का फोन आया कि ओमप्रकाश घर में मृत पड़ा है। इसके बाद वह रात को ही अपने चाचा ससुर के घर पहुंचा। उसने देखा कि उनके चाचा ससुर पर किसी नुकीले हथियार से हमला किया गया। उन्होंने उचाना थाना में फोन कर हत्या की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले में जांच की। कमरे में मिला खून लगा डंडा सुभाष चंद्र ने बताया कि उसके चाचा ससुर की अभी शादी नहीं हुई थी। वह उचाना के गांव पालवां में अपने घर में अकेले रहते थे। किसी ने मौका देखकर रात में उन पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। कमरे में ही कीलें जड़ा हुआ एक डंडा मिला है। उस पर खून लगा था। इसी से हत्या की गई है। मामले की जांच कर रही पुलिस उचाना थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि पालवां गांव में व्यक्ति की हत्या सूचना मिली थी। रात को वे टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस हत्या मामले की छानबीन कर रही हैं। फिलहाल अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शव का पोस्टमॉर्टम मंगलवार को कराया जाएगा।
हरियाणा में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:JJP नेता की हत्या में शामिल तीन शूटरों को गोलियां लगीं; अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार
हरियाणा में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़:JJP नेता की हत्या में शामिल तीन शूटरों को गोलियां लगीं; अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार हरियाणा के हांसी में मंगलवार-बुधवार देर रात पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई। उमरा रोड पर दोनों तरफ से हुई फायरिंग में 3 बदमाशों को पैर में गोलियां लगीं। तीनों को हांसी के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों बदमाश JJP नेता रविंद्र सैनी की हत्या में शामिल थे। बदमाशों की पहचान जींद के रहने वाले सचिन उर्फ मगतू, रोहतक के खरक जाटान निवासी योगेश उर्फ सुक्खा और भिवानी के पिजोखरा के रहने वाले विकास उर्फ काशी के रूप में हुई है। पुलिस के अधिकारी अस्पताल में पहुंचे हैं। अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। रविंद्र सैनी हत्याकांड में पुलिस इससे पहले मास्टरमाइंड विकास उर्फ विक्की नेहरा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में 10 से ज्यादा लोग शामिल है। रविंद्र सैनी की हत्या पुरानी रंजिश में की गई थी। 10 जुलाई को हुई थी हत्या हांसी में हीरो एजेंसी के मालिक और JJP नेता रविंद्र सैनी की 10 जुलाई की शाम 6 बजे शोरूम के बाहर 3 शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। शूटरों का एक साथी कुछ दूरी पर बाइक पर इंतजार कर रहा था। इनके भागने की CCTV फुटेज भी सामने आई थी। व्यापारियों ने हत्या के विरोध में हांसी बंद का आह्वान किया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान हांसी की वकील कॉलोनी निवासी प्रवीन (32), राजस्थान के खिवाड़ा पानी निवासी प्रवीन (40), हांसी के सिसाय कालीरावण निवासी रविंद्र (29) और नारनौंद निवासी रमेश उर्फ योगी शिवनाथ (40) के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस मास्टरमाइंड विकास नेहरा को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। जेल में विकास से मिले थे सभी आरोपी
SIT इंचार्ज DSP मुख्यालय हांसी धीरज कुमार ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गत दिनों पहले जेल में बंद विकास उर्फ विक्की नेहरा से मुलाकात के दौरान रविन्द्र सैनी की हत्या करने की साजिश रची थी। CM के आश्वासन पर हुआ अंतिम संस्कार रविंद्र सैनी की हत्या के विरोध में शुक्रवार 12 जुलाई को हांसी बंद रहा था। 12 जुलाई को ही सुबह से चंडीगढ़ में प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ बैठक हुई। मामले में मुख्यमंत्री द्वारा परिवार की 3 मांगों पर सहमति पर शव लेने पर सहमति बनी। 48 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार 12 जुलाई को शाम को कर दिया गया। रविंद्र सैनी की अंतिम शव यात्रा में शहर के सभी संगठनों के लोगों सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। रविंद्र के बेटे नवदीप ने अपने पिता रविंद्र सैनी की चिता को मुखाग्नि दी थी। सभी व्यापारी संगठन के लोग व परिवार के लोग रविंद्र के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, मुआवजा व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पूरी नहीं होने तक शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए थे।