पार्थिव शरीर को बालू की 4 बोरियों से बांधा:सरयू की जलधारा में सत्येंद्र दास को दी जल समाधि; गरुण पुराण में भी है जिक्र

पार्थिव शरीर को बालू की 4 बोरियों से बांधा:सरयू की जलधारा में सत्येंद्र दास को दी जल समाधि; गरुण पुराण में भी है जिक्र

अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को जल समाधि दी गई। उनके पार्थिव शरीर को 25-25 किलो बालू से भरी 4 बोरियों से बांधा गया। फिर सरयू की बीच धारा में प्रवाहित कर दिया गया। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर रथ पर रखा गया। फिर बैंड-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में प्राचीन काल से संतों को जल समाधि देने की परंपरा रही है। गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि संत-संन्यासी सांसारिक जीवन से मुक्त होते हैं। जल समाधि से प्रकृति में विलीन हो जाते हैं। उनके शरीर का कण-कण जीवों के काम आता है। जल समाधि पर हमारा खास VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक कीजिए… अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को जल समाधि दी गई। उनके पार्थिव शरीर को 25-25 किलो बालू से भरी 4 बोरियों से बांधा गया। फिर सरयू की बीच धारा में प्रवाहित कर दिया गया। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर रथ पर रखा गया। फिर बैंड-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में प्राचीन काल से संतों को जल समाधि देने की परंपरा रही है। गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि संत-संन्यासी सांसारिक जीवन से मुक्त होते हैं। जल समाधि से प्रकृति में विलीन हो जाते हैं। उनके शरीर का कण-कण जीवों के काम आता है। जल समाधि पर हमारा खास VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक कीजिए…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर