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हिमाचल विधानसभा की सिक्योरिटी को लेकर बड़ा फैसला, स्थायी सुरक्षा बलों की होगी तैनाती
हिमाचल विधानसभा की सिक्योरिटी को लेकर बड़ा फैसला, स्थायी सुरक्षा बलों की होगी तैनाती <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Assembly:</strong> हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब विधानसभा की तर्ज पर एक स्थाई सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह सुरक्षा बल हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के अधीन होगा, ताकि सुरक्षा में तैनात अधिकारी और कर्मचारी विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशों का सख्ती के साथ पालन कर सकें. इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा को लेकर मार्च महीने में अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में भी विधानसभा की सुरक्षा डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपने पर चर्चा हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा की सुरक्षा होगी चाक-चौबंद </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश विधानसभा में फरवरी महीने में राज्यसभा चुनाव के बाद सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. इसी के बाद राज्य विधानसभा की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया गया. शुक्रवार को इस संबंध में राज्य विधानसभा में अहम बैठक हुई. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से दिए गए आदेशों का सख्ती के साथ पालन करने के लिए कहा गया. विधानसभा की आंतरिक सुरक्षा के लिए स्थाई बल का गठन किया जाना है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे. इसमें विभिन्न स्तर के सुरक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थाई तौर पर तैनात करने का प्रस्ताव भी रखा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिमाचल में दो अलग-अलग स्थानों पर विधानसभा परिसर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में तय हुआ है कि यह सभी अधिकारी और कर्मचारी विधानसभा सचिवालय के स्थाई कर्मी होंगे. सत्र के दौरान कार्य के अलावा यह सुरक्षा बल दोनों विधानसभा परिसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे. गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में दो विधानसभा भवन हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में एक विधानसभा भवन शिमला, जबकि दूसरा विधानसभा भवन धर्मशाला में है. हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में ही होता है. शिमला में बजट और मानसून सत्र आयोजित किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारियों को सख्त निर्देश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार को हुई इस बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अधिकारियों से कहा कि दोनों विधानसभा परिसरों की सुरक्षा चाक-चौबंद होनी चाहिए. सत्र के दौरान अनुशासन और सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक नहीं होनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है. इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी, विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा और शिमला पुलिस अधीक्षक संजय गांधी शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/hamirpur-records-242-diarrhoea-cases-including-32-new-in-12-villages-2709727″>Himachal Pradesh: हमीरपुर के गांवों में डायरिया का फैला प्रकोप! अब तक 242 मामलों की हुई पुष्टि</a></strong></p>
गृह और नगर विकास के प्रमुख सचिवों ने की बैठक:सेफ सिटी परियोजना के तहत 17 नगर निगमों में लगे 4 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे
गृह और नगर विकास के प्रमुख सचिवों ने की बैठक:सेफ सिटी परियोजना के तहत 17 नगर निगमों में लगे 4 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों को सेफ सिटी बनाने को लेकर गुरुवार को प्रमुख सचिव, गृह विभाग और प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग द्वारा एक विस्तृत समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में पुलिस विभाग, विकास प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ प्रदेश के 17 नगर निगमों के नगर आयुक्त शामिल हुए। प्रदेश के 17 नगर निगमों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के 4 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत स्थापित आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) और आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से जोड़ा गया है। कानपुर और लखनऊ नगर निगमों ने सबसे अधिक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा है और इन कैमरों के माध्यम से नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। कैमरे लगने से दुर्घटनाओं में आई कमी इन कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ने का ही नतीजा है कि 24×7 घटित होने वाली घटनाओं जैसे अतिक्रमण, चोरी, मारपीट, अपराध और निराश्रित जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की निगरानी संभव हो पाई है। इसके कारण प्रदेश के नगर निगमों में इन घटनाओं में कमी आई है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत चिन्हित प्रत्येक डार्क स्पॉट पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वही मौजूदा समय में प्रदेश में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं है और महिलाओं की सुरक्षा व सुविधा हेतु प्रदेश के सभी नगर निगमों में 192 से अधिक पिंक टॉयलेट का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। नागरिकों की सुरक्षा में और सुधार का प्रयास समीक्षा के बाद, पुलिस विभाग और अन्य शासकीय विभागों के साथ समन्वय करते हुए, नगरों में पेट्रोल पम्पों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, शराब दुकानों, बैंकों और आवासीय परिसरों के बाहर स्थापित सीसीटीवी कैमरों को अधिक संख्या में वेब और लूप के अंतर्गत एकीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे नागरिकों की सुरक्षा में और अधिक सुधार होगा।