चंडीगढ़ | विजिलेंस ब्यूरो ने औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन के मामले में वांछित आरोपी एवं पीएसआईईसी के उप मंडल इंजीनियर (एसडीई) स्वतेज सिंह को पकड़ा है। मामले में पहले ही फ्लाइंग स्क्वायड 1 थाना मोहाली में केस दर्ज किया था। दोषी ने मैसर्स गुरतेज इंडस्ट्रीज नामक फर्जी फर्म बनाई थी। आरोपी ने अपने बेटे मनरूप सिंह और रिश्तेदारों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर फर्म के नाम पर एक प्लॉट इंडस्ट्रियल फोकल पॉइंट अमृतसर में अलॉट किया था। आरोपी ने खुद मोहाली कोर्ट में सरेंडर किया, जिसे 3 दिन के रिमांड पर भेजा है। चंडीगढ़ | विजिलेंस ब्यूरो ने औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन के मामले में वांछित आरोपी एवं पीएसआईईसी के उप मंडल इंजीनियर (एसडीई) स्वतेज सिंह को पकड़ा है। मामले में पहले ही फ्लाइंग स्क्वायड 1 थाना मोहाली में केस दर्ज किया था। दोषी ने मैसर्स गुरतेज इंडस्ट्रीज नामक फर्जी फर्म बनाई थी। आरोपी ने अपने बेटे मनरूप सिंह और रिश्तेदारों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर फर्म के नाम पर एक प्लॉट इंडस्ट्रियल फोकल पॉइंट अमृतसर में अलॉट किया था। आरोपी ने खुद मोहाली कोर्ट में सरेंडर किया, जिसे 3 दिन के रिमांड पर भेजा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गुरदासपुर पुलिस हिरासत में बदमाश की मौत:होशियारपुर से लाया जा रहा था, दर्ज हैं कई मामले, जम्मू-कश्मीर से भागकर आया था आरोपी
गुरदासपुर पुलिस हिरासत में बदमाश की मौत:होशियारपुर से लाया जा रहा था, दर्ज हैं कई मामले, जम्मू-कश्मीर से भागकर आया था आरोपी गुरदासपुर सीआईए स्टाफ की हिरासत में एक बदमाश की मौत हो गई है। मृतक बदमाश की पहचान बलकार सिंह के रूप में हुई है। आरोपी जम्मू कश्मीर से भागकर अपने यहां रिश्तेदार के घर पर छिपा था। पुलिस होशियारपुर से गुरदास लाया जा रहा था। रास्ते में तबीयत खराब होने के कारण उसने पुलिस हिरासत में ही दम तोड़ दिया। उसे गुरदासपुर के सिविल अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल उसकी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आरोपी पर दर्ज है कई मामले मामला कल धारीवाल थाने के अंतर्गत गांव सुजानपुर से जम्मू-कश्मीर के एक अपराधी व्यक्ति पिंटू कुमार उर्फ लुड्डन सांसी की गिरफ्तारी से जुड़ा है। गत दिवस पंजाब पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने धारीवाल के निकट गांव सुजानपुर से एक अपराधी व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो जम्मू-कश्मीर में कई आपराधिक वारदातों में संलिप्त है और उसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर में हत्या जैसे संगीन अपराधों के मामले भी चल रहे हैं। जम्मू कश्मीर की पुलिस के हवाले से पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली की वह सुजानपुर में रहते अपने एक रिश्तेदार के घर पिछले कुछ दिनों से छिपा हुआ है। जिसको काबू करने के लिए जम्मू कश्मीर की पुलिस ने जिला गुरदापुर पुलिस के अधिकारियों के साथ संपर्क किया तो अधिकारियों के दिशा-निर्देशों पर धारीवाल पुलिस और एजीटीएफ टीम ने उसे काबू करने के लिए गांव सुजानपुर में छापेमारी की थी। आधे घंटे की मशक्कत पकड़ा था आरोपी गांव सुजानपुर के लोगों के अनुसार लुड्डन सांसी की ओर से पुलिस को देखकर हवाई फायर भी किया गया। जिस घर में वह छिपा हुआ था, उस घर में से बाहर निकल कर भागने का प्रयास भी किया, मगर फिर भी पुलिस ने गांव के लोगों के सहयोग से उक्त अपराधी को घेरा डालकर गांव के ही एक बंद पड़े मकान में करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके खिलाफ अवैध असलहा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। होशियारपुर से लाया जा रहा था आरोपी पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार लुड्डन सांसी द्वारा पूछताछ के दौरान बलकार सिंह पुत्र रघुबीर सिंह निवासी जस्सोवाल का नाम लिया गया था और सीआईए स्टाफ गुरदासपुर की ओर से उसे पूछताछ के लिए होशियारपुर से लाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी संदिग्ध परिस्थितियां में मौत हो गई।
गुरदासपुर की छात्रा की कनाडा में मौत:कार में सवार होकर सहेलियों के साथ जा रही थी, 10 महीने पहले गई थी पढ़ाई करने
गुरदासपुर की छात्रा की कनाडा में मौत:कार में सवार होकर सहेलियों के साथ जा रही थी, 10 महीने पहले गई थी पढ़ाई करने कनाडा से आए दिन भारतीय छात्रों और युवाओं की मौत की खबरें सुनने को मिल रही हैं। वहीं, अब एक ऐसा ही मामला ब्रैंपटन से सामने आया है, जहां गुरदासपुर के गांव सुख्खा चिड़ा की रहने वाली 21 साल की लड़की लखविंदर कौर ऊर्फ कोमल की सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे के दौरान उसकी सहेलियां भी उसके साथ थीं। कोमल 10 महीने पहले स्टडी वीजा पर विदेश गई थी इस संबंध में मृतक लड़की के चाचा नरिंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी 21 वर्षीय भतीजी लखविंदर कौर उर्फ कोमल पुत्री बलविंदर सिंह 10 महीने पहले कनाडा में पढ़ाई करने गई थी। उन्होंने बताया कि वह अपने चार दोस्तों के साथ कार में सवार होकर किसी काम के लिए जा रही थी। इस दौरान कार असंतुलित होकर एक पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में कोमल सहित तीन अन्य लड़कियों की मौत हो गई, जबकि एक लड़का गंभीर घायल हो गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल इस हादसे की पुष्टि कनाडा पुलिस की तरफ से की गई है। इस दुर्घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक की लहर फैल गई। वहीं इस मौके समाज सेवी बलदेव सिंह बल्ला सुखा छिद्दा ने कहा कि मृतक लड़की के पिता ने कड़ी मेहनत करने और कुछ कर्ज लेने के बाद अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करने के लिए लगभग 10 महीने पहले उसे कनाडा में पढ़ने के लिए भेजा था। अभी पास किए थे दो ही सेमेस्टर कोमल ने अभी दो सेमेस्टर ही पास किए थे और उसे अभी कालज से 4 महीने की छुट्टियां पड़ी हुई थी, इस लिए वह अपना खर्चा निकालने के लिए काम कर रही थी और इस हादसे में उसकी मौत हो गई। वही परिवार ने मां की है कि उनकी बेटी के मृतक शव को जल्द भारत भेजा जाए
लॉरेंस इंटरव्यू मामले में HC की पंजाब सरकार को फटकार:पूछा-तत्कालीन SSP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, इंटरव्यू का कैसे पता लगा
लॉरेंस इंटरव्यू मामले में HC की पंजाब सरकार को फटकार:पूछा-तत्कालीन SSP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, इंटरव्यू का कैसे पता लगा पंजाब में पुलिस कस्टडी से गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू मामले की (03 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने सरकार ने पूछा कि तत्कालीन एसएसपी पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने कहा कि जब जेल में अपराध होता है तो जेल वार्डन को सस्पेंड किया जाता है। लेकिन जब जिले में घटना हुई है तो एसएसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। इसी तरह अदालत ने यह भी पूछा कि पंजाब पुलिस को गैंगस्टर के इंटरव्यू का कैसे पता चला। सुनवाई में ने गृह सचिव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। अदालत ने उन्हें भी फटकार लगाई । साथ ही कहा कि अगली बार कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च अधिकारी को तलब करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर तय की गई है। ऐसे चली थी अदालत में सुनवाई सुनवाई की शुरुआत में पंजाब पुलिस की तरफ से इंटरव्यू के समय हुई प्रेस कांफ्रेंस की ट्रांस्क्रिप्ट अदालत को दी गई, जिसमें डीजीपी की तरफ से बताया गया था कि इंटरव्यू पंजाब की जेल में नहीं हुआ है। अदालत ने पूछा कि आपको इंटरव्यू होने का पता कैसे लगा था। इसके बाद अदालत ने दूसरा प्वाइंट उठाया कि तत्कालीन एसएसपी पर क्या कार्रवाई की गई है। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। अदालत ने पूछा कि आरोपी को क्याें बचाया जा रहा है। फिर अदालत ने जेल वार्डन की दलील दी। फिर अदालत को बताया कि जो अधिकारी संस्पेंड किए है। उनके खिलाफ जांच रिटायर जज द्वारा की जा रही है। अदालत ने कहा कि यह हमें तय करना है कि जांच किससे करवानी है। हालांकि सरकार ने बताया कि रिटायर जज की अगुवाई में जांच चल रही है। वहीं, सरकार ने बताया कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं, उन्हें पब्लिक डीलिंग से हटा दिया गया है। छोटे अधिकारियों का बली का बकरा न बनाया जाए पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। हालांकि गत सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि छोटे अधिकारियों काे बली का बकरा न बनाया जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।