भास्कर न्यूज| लुधियाना उद्योगपति बिजली गुणवत्ता मीटर (पीक्यूएम) लगाने में संकोच कर रहे हैं। जिन उद्योगों का बिजली लोड 100 केवीए से अधिक है, उनके लिए यह मीटर अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब तक केवल 7.8% नामित उपभोक्ताओं ने ही इसे लगवाया है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार समय सीमा निर्धारित की, लेकिन उद्योगपतियों के विरोध के कारण हर बार इसे बढ़ाना पड़ा है। एक पीक्यूएम की कीमत 3.5 लाख रुपये से अधिक है, जो छोटे और मझोले उद्योगपतियों के लिए एक बड़ी वित्तीय चुनौती बन गई है। इस परेशानी को देखते हुए पीएसपीसीएल ने किराए पर मीटर लगाने की योजना शुरू की है, जिसके तहत निगम खुद मीटर लगाएगा और उद्योगपतियों से किराया वसूलेगा। हालांकि, उद्योगपतियों का कहना है कि उन्हें जीवनभर किराया देना होगा और यह राशि मीटर की कुल कीमत से कहीं अधिक हो जाएगी। पीएसपीसीएल के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लुधियाना में 637 नामित उपभोक्ताओं में से केवल 50 ने ही अब तक पीक्यूएम लगवाए हैं। पीक्यूएम एक ऐसा उपकरण है जो बिजली की गुणवत्ता की निगरानी करता है और हार्मोनिक्स, सैग, स्वेल, फ्लिकर जैसे बिजली गुणवत्ता मापदंडों की सटीक माप और रिकॉर्डिंग करता है। दूसरी ओर, छोटे कारोबारियों ने पीएसपीसीएल के अधिकारियों द्वारा उनके ऊपर दबाव डालने का आरोप लगाया है। स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान राजिंदर सिंह सरहाली का कहना है कि कई कारोबारियों ने मीटर लगाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक उनका मीटर नहीं लगाया गया। इसके बजाय, पीएसपीसीएल के अधिकारी नई फैक्ट्रियों में छापेमारी कर रहे हैं और भारी जुर्माने लगा रहे हैं, जिससे कारोबारी परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी एसोसिएशन इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री से मिलकर जल्द ही उचित कदम उठाने की मांग करेगी। पीएसपीसीएल के अधिकारियों द्वारा छोटे कारोबारियों पर लगाए गए भारी जुर्माने से कारोबारियों की हालत खराब हो गई है और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। लोहा कारोबारी परमजीत सिंह ने कहा कि इस समय सभी बिजनेस मंदी पर चल रहा है। दूसरी और पीएसपीसीएल के कर्मचारी छापेमारी कर लाखों रुपये का जुर्माना डाल कर कारोबारी को तंग करने में लगी है। उन्होंने कहा कि जब पीएसपीसीएल के पास मीटर है नहीं है लगाने को तो इंडस्ट्री को तंग करने में क्यों लगे है। बिजली तो पूरी दे नहीं सकते है ऊपर से जुर्माना लगाने में लगे हुए है। भास्कर न्यूज| लुधियाना उद्योगपति बिजली गुणवत्ता मीटर (पीक्यूएम) लगाने में संकोच कर रहे हैं। जिन उद्योगों का बिजली लोड 100 केवीए से अधिक है, उनके लिए यह मीटर अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब तक केवल 7.8% नामित उपभोक्ताओं ने ही इसे लगवाया है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार समय सीमा निर्धारित की, लेकिन उद्योगपतियों के विरोध के कारण हर बार इसे बढ़ाना पड़ा है। एक पीक्यूएम की कीमत 3.5 लाख रुपये से अधिक है, जो छोटे और मझोले उद्योगपतियों के लिए एक बड़ी वित्तीय चुनौती बन गई है। इस परेशानी को देखते हुए पीएसपीसीएल ने किराए पर मीटर लगाने की योजना शुरू की है, जिसके तहत निगम खुद मीटर लगाएगा और उद्योगपतियों से किराया वसूलेगा। हालांकि, उद्योगपतियों का कहना है कि उन्हें जीवनभर किराया देना होगा और यह राशि मीटर की कुल कीमत से कहीं अधिक हो जाएगी। पीएसपीसीएल के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लुधियाना में 637 नामित उपभोक्ताओं में से केवल 50 ने ही अब तक पीक्यूएम लगवाए हैं। पीक्यूएम एक ऐसा उपकरण है जो बिजली की गुणवत्ता की निगरानी करता है और हार्मोनिक्स, सैग, स्वेल, फ्लिकर जैसे बिजली गुणवत्ता मापदंडों की सटीक माप और रिकॉर्डिंग करता है। दूसरी ओर, छोटे कारोबारियों ने पीएसपीसीएल के अधिकारियों द्वारा उनके ऊपर दबाव डालने का आरोप लगाया है। स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान राजिंदर सिंह सरहाली का कहना है कि कई कारोबारियों ने मीटर लगाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक उनका मीटर नहीं लगाया गया। इसके बजाय, पीएसपीसीएल के अधिकारी नई फैक्ट्रियों में छापेमारी कर रहे हैं और भारी जुर्माने लगा रहे हैं, जिससे कारोबारी परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी एसोसिएशन इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री से मिलकर जल्द ही उचित कदम उठाने की मांग करेगी। पीएसपीसीएल के अधिकारियों द्वारा छोटे कारोबारियों पर लगाए गए भारी जुर्माने से कारोबारियों की हालत खराब हो गई है और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। लोहा कारोबारी परमजीत सिंह ने कहा कि इस समय सभी बिजनेस मंदी पर चल रहा है। दूसरी और पीएसपीसीएल के कर्मचारी छापेमारी कर लाखों रुपये का जुर्माना डाल कर कारोबारी को तंग करने में लगी है। उन्होंने कहा कि जब पीएसपीसीएल के पास मीटर है नहीं है लगाने को तो इंडस्ट्री को तंग करने में क्यों लगे है। बिजली तो पूरी दे नहीं सकते है ऊपर से जुर्माना लगाने में लगे हुए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सिमरजीत बैंस को जान से मारने की धमकी:फेसबुक पर आया मैसेज, लिखा- शांत रहो, नहीं तो पक्का शांत कर देंगे
लुधियाना में सिमरजीत बैंस को जान से मारने की धमकी:फेसबुक पर आया मैसेज, लिखा- शांत रहो, नहीं तो पक्का शांत कर देंगे पंजाब के लुधियाना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को जान से मारने की धमकी मिली है। किसी ने उनके फेसबुक पेज पर मैसेंजर के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। सिमरजीत बैंस का सोशल मीडिया हैंडल पेज चलाने वाले बंटी ने बताया कि उन्हें यह धमकी कल उस समय मिली जब बैंस और बाकी सभी साथी रोड शो में पैदल मार्च कर रहे थे। धमकी के बाद अब इस मामले को लेकर लुधियाना पुलिस कमिश्नर और चुनाव आयोग से शिकायत की जाएगी। बबर हैरी नाम से आई थ्रेट बंटी ने कहा कि बबर हैरी नाम की आई.डी से बैंस के पेज पर थ्रेट आई है। धमकी देने वाले ने लिखा- बड़ा नेता बनी जा रहे हो दिन-प्रतिदिन, ज्यादा सिर पर मत चढ़ो, थोड़ा शांति के साथ चलो नहीं तो पक्का शांत कर देंगे। समझ लो अभी भी समय है नहीं तो तेरी लाश की पहचान भी नहीं किसी से होगी। उधर, इस मामले में सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा कि वह सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले नेता हैं। आज कोई नई धमकी नहीं मिल रही। जब से वह लोगों के बीच काम कर रहे हैं तभी से शरारती लोग उन्हें धमकियां भेज रहे हैं। लेकिन वह सच से पीछे हटने वाले नेता नहीं है। इस मामले में पुलिस के सीनियर अधिकारियों को सूचित कर दिया जाएगा। पढ़े कौन हैं सिमरजीत सिंह बैंस -2017 में बनाई थी खुद की पार्टी संगरूर के मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल में शामिल हो गए थे। शिअद में उनके ऊपर कई आरोप लगते रहे। बैंस के खिलाफ तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का भी मामला दर्ज हुआ था। अकाली दल द्वारा चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद सिमरजीत ने आत्म नगर और बलविंदर ने लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। बैंस ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लोक इंसाफ पार्टी बनाई और AAP से गठजोड़ कर लिया। इस बार भी दोनों भाई चुनाव जीत गए। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन AAP की लहर के सामने टिक नहीं पाए और हार गए। 2 बार जेल जा चुके हैं बैंस सिमरजीत सिंह बैंस 2 बार जेल जा चुके हैं। वर्ष 2009 में उन पर तहसीलदार के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इस केस में वह जेल काट चुके हैं। इसके बाद 10 जुलाई 2021 में उन पर महिला ने रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।
पंजाब उपचुनाव में 60 उम्मीदवारों ने किया नामांकन दाखिल:गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक 20, बरनाला में 18 और चब्बेवाल में 8 उम्मीदवार मैदान में
पंजाब उपचुनाव में 60 उम्मीदवारों ने किया नामांकन दाखिल:गिद्दड़बाहा में सबसे अधिक 20, बरनाला में 18 और चब्बेवाल में 8 उम्मीदवार मैदान में पंजाब में विधानसभा उप चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया कल शुक्रवार समाप्त हो गई। राज्य की 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में 13 नवंबर को उप चुनाव होने जा रहे हैं। 7 दिन चली नामांकन प्रक्रिया में कुल 60 उम्मीदवारों ने 67 एफिडेविट दाखिल किए। 25 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख निकल जाने के बाद अब जांच 28 अक्टूबर को होगी। 28 को स्क्रूटनी कमेटी दाखिल दस्तावेजों की जांच करेगी। उम्मीदवार अपने नाम 30 अक्टूबर तक वापस ले सकते हैं। इन चार सीटों पर कुल मतदाता संख्या 6,96,316 है, और 831 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला, और डेरा बाबा नानक के लिए संबंधित जिलों में उपयुक्त अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। सबसे अधिक उम्मीदवार गिद्दड़बाहा में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वड़िंग, भाजपा उम्मीदवार मनप्रीत बादल, आम आदमी पार्टी के डिंपी ढिल्लों और पूर्व अकाली व कांग्रेसी रहे जगमीत बराड़ के आजाद खड़े होने के बाद गिद्दड़बाहा सीट वीआईपी बन चुकी है। इस सीट पर चारों में से सबसे अधिक उम्मीदवारों ने अपने एफिडेविट सौंपे हैं। यहां नामांकन भरने वालों की गिनती 20 है। वहीं, बरनाला में 18 और डेरा बाबा नानक में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे कम गिनती चब्बेवाला सीट पर है। यहां 8 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। 30 अक्टूबर को पेपर वापस लेने की प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद ये गिनती और कम हो जाएगी। जानें किसने कहां से भरे पेपर- डेरा बाबा नानक- डेरा बाबा नानक से कांग्रेस की प्रत्याशी जतिंदर कौर हैं। वहीं भाजपा से रवि करण सिंह काहलों और आम आदमी पार्टी से गुरपीप सिंह मैदान में हैं। उनके अलावा पाला सिंह संधू ने अकाली दल (अमृतसर) और सतनाम सिंह, रणजीत सिंह, सिमरनजीत कौर, अयूब मसीह, नवप्रीत सिंह, जतिंदर कौर, लवप्रीत सिंह और संत सेवक ने आजाद के तौर पर नामांकन भरा है। चब्बेवाल – चब्बेवाल रिजर्व सीट है। यहां से कांग्रेस की तरफ से रणजीत कुमार, बीजेपी की तरफ से सोहन सिंह और AAP की तरफ से इशांक कुमार ने नामांकन भरा है। उनके अलावा यहां से रोहित कुमार, दविंदर सिंह और दविंदर कुमार भी मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा- पंजाब की वीआइपी सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा से कांग्रेस की उम्मीदवार अमृता वड़िंग, भाजपा के मनप्रीत बादल और आम आदमी पार्टी के हरदीप सिंह हैं। उनके अलावा राजेश गर्ग, गुरप्रीत सिंह, ओम प्रकाश, राजेश गर्ग, इकबाल सिंह, सुखदेव सिंह, जगमीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हरदीप सिंह, मुनीष वर्मा, सुखराज करण सिंह, प्रवीण हेताशी, वीरपाल कौर, गुरमीत सिंह रंगरेटा भी मैदान में हैं। संगरूर- संगरूर से कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप सिंह काला ढिल्लों, भाजपा के केवल सिंह ढिल्लों और आम आदमी पार्टी की तफ से हरिंदर सिंह धालीवाल मैदान में हैं। इनके अलावा पप्पू कुमार, सरदूल सिंह, सुखचैन सिंह, अरुण प्रताप सिंह, राजू, रोहित कुमार, तरसेम सिंह, जगमोहन सिंह, बग्गा सिंह कहनेके, गुरदीप सिंह बाठ, गोविंद सिंह संधू, गुरप्रीत सिंह और यादविंदर सिंह ने नामांकन भरे हैं।
पुलिस ने उठाया कंप्यूटर अध्यापक जोनी:डीसी कार्यालय के बाहर 8 दिन से भूख हड़ताल पर थे; बिगढ़ रही थी हालत
पुलिस ने उठाया कंप्यूटर अध्यापक जोनी:डीसी कार्यालय के बाहर 8 दिन से भूख हड़ताल पर थे; बिगढ़ रही थी हालत संगरूर में डीसी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे कंप्यूटर अध्यापक जोनी सिंगला को पुलिस प्रशासन ने रात 11 बजे हिरासत में ले लिया। जोनी सिंगला अपनी मांगों के समर्थन में मरन व्रत पर बैठे थे। यह घटना उस समय हुई जब अध्यापक संघ के सदस्य अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आम आदमी पार्टी सरकार चुनाव के दौरान किए वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। कंप्यूटर अध्यापकों ने बताया कि रात 11 बजे सभी टैंटों में सोए हुए थे। इसी दौरान 150 के करीब पुलिसकर्मी पहुंचे और मरण व्रत पर बैठे जोनी सिंगला को साथ ले गए। अध्यापकों ने जब पुलिस को रोकने का प्रयास किया तो सभी के साथ धक्का-मुक्की की गई। जिस किसी ने वीडियो बनाने की कोशिश की, उनके मोबाइल भी पुलिस साथ ले गई। अध्यापकों ने साफ किया है कि ये प्रदर्शन अभी भी जारी रहेगा। 120 दिन से हड़ताल पर बैठे अध्यापक कंप्यूटर टीचर अपनी मांगों को लेकर 120 दिनों से डीसी ऑफिस के बाहर बैठे हुए हैं। कंप्यूटर टीचर जॉनी सिंगला पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर थी, उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। जोनी सिंगला और अन्य प्रदर्शनकारी अध्यापक पंजाब सरकार से कंप्यूटर अध्यापकों को शिक्षा विभाग में स्थानांतरित करने, छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने और अन्य वित्तीय लाभ देने की मांग कर रहे थे। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों में रोष है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया और विरोध को और तेज करने की चेतावनी दी है। सरकार पर बातचीत ना करने का आरोप लगा रहे अध्यापक कंप्यूटर अध्यापकों ने आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनकी सुध नहीं ले रहा है। लेकिन जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती, ये हड़ताल ऐसे ही जारी रहेगी। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों की मांग छठे वेतन आयोग के तहत पूर्ण लाभ के साथ उनकी सेवाओं को तत्काल नियमित करने और शिक्षा विभाग में उनका विलय करना है। सरकार पर विश्वासघात का आरोप प्रदर्शन कर रहे एक शिक्षक ने बताया कि पिछले 19 सालों से शिक्षक अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। पंजाब चुनाव से पहले सभी नेताओं ने उन्हें छठे वेतन आयोग के लाभ समेत टीचर्स के सभी अधिकार बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन कोई भी वादे पूरे नहीं हुए। उन्होने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाया और मांग नहीं मानने पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।