भास्कर न्यूज | जालंधर थाना-7 के अधीन आते मिट्ठापुर में शुक्रवार रात दर्जन से ज्यादा युवकों ने इलाके के ही एक युवक घर से उठाया और खांबरा जाकर बुरी तरह से पीटा और फिर घर छोड़ दिया। हमले में युवक की बाजू फ्रेक्चर हो गई। पीड़ित युवक की पहचान सलमान के रूप में हुई है। इसकी शिकायत थाना-7 की पुलिस को दे दी गई है। घायल सलमान ने बताया कि इलाके के करीब 20 के करीब युवकों ने उसे जबरदस्ती घर से उठा लिया और फिर खांबरा के पास सुनसान जगह पर जाकर मारपीट करने लगे। आरोप है कि सलमान को जिन युवकों ने उठाया। वह चोरी की वारदात को कबूल करने पर जोर दे रहे थे। सलमान ने कहा कि जब उसने चोरी की वारदात नहीं कबूली, जो उसने की नही है तो युवकों ने और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। उसे लोहे की तारों, बेल्ट व लकड़ी से मारा। सिविल अस्पताल में एमएलआर कटवाकर थाना-7 में दी गई है। वहीं, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को जल्द पकड़कर उन पर बनती कार्रवाई की जाएगी। भास्कर न्यूज | जालंधर थाना-7 के अधीन आते मिट्ठापुर में शुक्रवार रात दर्जन से ज्यादा युवकों ने इलाके के ही एक युवक घर से उठाया और खांबरा जाकर बुरी तरह से पीटा और फिर घर छोड़ दिया। हमले में युवक की बाजू फ्रेक्चर हो गई। पीड़ित युवक की पहचान सलमान के रूप में हुई है। इसकी शिकायत थाना-7 की पुलिस को दे दी गई है। घायल सलमान ने बताया कि इलाके के करीब 20 के करीब युवकों ने उसे जबरदस्ती घर से उठा लिया और फिर खांबरा के पास सुनसान जगह पर जाकर मारपीट करने लगे। आरोप है कि सलमान को जिन युवकों ने उठाया। वह चोरी की वारदात को कबूल करने पर जोर दे रहे थे। सलमान ने कहा कि जब उसने चोरी की वारदात नहीं कबूली, जो उसने की नही है तो युवकों ने और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। उसे लोहे की तारों, बेल्ट व लकड़ी से मारा। सिविल अस्पताल में एमएलआर कटवाकर थाना-7 में दी गई है। वहीं, पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को जल्द पकड़कर उन पर बनती कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में AAP-कांग्रेस गठबंधन से पंजाब प्रधान नाराज:बोले-हाईकमान से बात करेंगे, रिश्ते की जरूरत नहीं; अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर गवर्नर से मिले
चंडीगढ़ में AAP-कांग्रेस गठबंधन से पंजाब प्रधान नाराज:बोले-हाईकमान से बात करेंगे, रिश्ते की जरूरत नहीं; अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर गवर्नर से मिले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस भले ही 30 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं, लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेताओं को इस पर ऐतराज है। पंजाब के नेता इस मामले में पार्टी हाईकमान से मिलने जा रहे हैं। उनका कहना है कि हमें यह बात मंजूर नहीं है। हम हाईकमान को पहले ही बता चुके हैं। हमारा AAP से कोई समझौता नहीं है। न ही होगा, न ही कोई चर्चा है। चंडीगढ़ के मामले पर हम हाईकमान से ऐतराज जताएंगे। बाजवा बोले- इस मुद्दे पर हाईकमान से मिलेंगे दरअसल, अमृतसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के अपमान से जुड़े विवाद में प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलने गया था। जब मीडिया ने उनसे पूछा कि अमृतसर में हुए मेयर चुनाव में आप के खिलाफ वह राज्यपाल से मिले थे। वह हाईकोर्ट में केस लड़ने जा रहे हैं। लेकिन चंडीगढ़ में वह साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारा आप से कोई समझौता नहीं है। चंडीगढ़ में कोई रिश्ता रखने की जरूरत नहीं आप के खिलाफ हम पार्टी हाईकमान को पहले ही बता चुके हैं। और भी कई बातें हैं जो इस मंच से नहीं बताई जा सकतीं। हमने हाईकमान से कहा है कि चंडीगढ़ में भी उनसे कोई रिश्ता रखने की जरूरत नहीं है। उनसे आमना-सामना होना चाहिए। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह बुधवार को पार्टी हाईकमान से मिलेंगे और चंडीगढ़ गठबंधन पर अपनी आपत्ति जताएंगे। हार्स हार्स ट्रेडिंग की बात करने वाले खुद क्या कर रहे हैं वड़िंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी वाले पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की बात करते थे। यह पहले ऑपरेशन लोटस की बात करते थे। जीरो एफआईआर दर्ज हुई। एमएलए तक पार्टी छोड़ गया। वहीं, उन्होंने कहा कि पंजाब में मेयर चुनाव आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल व सीएम भगवंत मान के आदेश पर हो रहा है। वहीं, बाजवा ने कहा कि AAP और बीजेपी एक सिक्के के दो पहलू है। जो मोदी पूरे देश कर रहे हैं। वह केजरीवाल छोटे रूप में पंजाब में कर रहा है। विपक्ष को परेशान करना है। चंडीगढ़ से INDIA ब्लॉक शुरू हुई थी जीत कांग्रेस ने BJP विरोधी दलों के साथ मिलकर INDIA ब्लॉक बनाया था। यहां जब मेयर चुनाव की बारी आई तो 14 पार्षद वाली AAP और 7 पार्षद वाली कांग्रेस साथ आ गए। इसमें तय हुआ कि मेयर आम आदमी पार्टी का बनेगा जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर कांग्रेस का बनेगा। भाजपा के पास 13 ही पार्षद थे, उनके पास सांसद का भी एक वोट था लेकिन आप कांग्रेस के 20 के मुकाबले 14 वोट होने से वह मेयर चुनाव से बाहर हो गए।
शहीद के पेरेंट्स-पत्नी को इंश्योरेंस फंड के 50-50 लाख मिले:आर्मी बोली- पेंशन पत्नी को मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था
शहीद के पेरेंट्स-पत्नी को इंश्योरेंस फंड के 50-50 लाख मिले:आर्मी बोली- पेंशन पत्नी को मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था सियाचिन में सेना के टेंट में आग लगने से 19 जुलाई 2023 को शहीद हुए देवरिया के कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपए दिए गए। यह रकम अंशुमान के पेरेंट्स और उनकी पत्नी में आधी-आधी बांटी गई। शहीद के माता-पिता ने कहा था- बेटे को मिले मरणोपरांत कीर्ति चक्र को बहू ने छूने भी नहीं दिया। बेटे के जाने के बाद बहू सम्मान लेकर चली गई। हमारे पास कुछ नहीं बचा। आर्मी को शहीद के परिवार को मिलने वाली वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव करना चाहिए। इसे लेकर आर्मी के सूत्रों ने कहा है कि आर्मी की ओर से पेरेंट्स को 50 लाख और पत्नी को 50 लाख दिए जा चुके हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक शहीद की पेंशन उनकी पत्नी स्मृति को ही मिलेगी, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें नॉमिनी बनाया था। इसके अलावा UP सरकार ने भी परिवार को 50 लाख रुपए दिए थे। इसमें से 15 लाख माता-पिता और 35 लाख रुपए पत्नी स्मृति को दिए गए थे। इसके बावजूद शहीद के पेरेंट्स ने कहा था कि वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव होना चाहिए। आर्मी ने कहा- शहीद के पिता रिटायर्ड JCO, उन्हें पेंशन मिलती है
आर्मी के एक अधिकारी ने कहा- कैप्टन अंशुमान मार्च 2020 में आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में शामिल हुए थे। पत्नी स्मृति को आर्मी के ज्यादा बेनिफिट इसलिए मिल रहे हैं, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें अपना नॉमिनी बनाया था। साथ ही बताया कि अंशुमान के पिता आर्मी में रिटायर्ड JCO हैं। उन्हें पेंशन और आर्मी की अन्य सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे मुद्दे आर्मी के सामने पहले भी आए हैं, खासकर तब जब शहीद के माता-पिता उन पर आश्रित होते हैं, लेकिन आर्मी यूनिट ऐसे मुद्दों को निपटा लेती है। अंशुमान का मामला अलग है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि उनके पिता भी सेना में रह चुके हैं। आर्मी में PF और पेंशन के नियम पत्नी ने कहा था- एक कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए
सम्मान समारोह के बाद स्मृति ने कहा- अंशुमान के शहीद होने का कॉल आया था। इस कॉल ने 50 साल के सपने तोड़ दिए थे। कैप्टन अंशुमान बहुत सक्षम थे। वे अक्सर कहा करते थे, मैं अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहता हूं। मैं आम आदमी की तरह नहीं मरना चाहता, जिसे कोई जान ही न पाए। इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन हमारी मुलाकात हुई थी। यह पहली नजर का प्यार था। एक महीना ही बीता था कि उनका चयन AFMC में हो गया। वे सुपर इंटेलिजेंट शख्स थे। हम सिर्फ एक महीना ही रूबरू मिले। फिर आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा। फरवरी, 2023 में हमने शादी कर ली। दुर्भाग्य से शादी के दो महीने बाद ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई। 18 जुलाई, 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी। अपना घर होगा। हमारे बच्चे होंगे …और भी बहुत कुछ। 19 जुलाई की सुबह मैं एक फोन कॉल से उठी। उधर से आवाज आई…कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। यह खबर भी पढ़ें… शादी के 5 महीने बाद कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद, ग्लेशियर में टेंट में आग लगने से गई थी जान सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई। हादसे में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। अंशुमान सिंह की 5 महीने पहले 10 फरवरी को शादी हुई थी। कैप्टन अंशुमान 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। अंशुमान मूल रूप से देवरिया के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़ें…
जिनके नाम में सिंह-कौर नहीं, वे भी वोटर:अकली दल प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा चुनाव आयोग से मुलाकात की, 4 मुद्दों पर जताई आपत्ति
जिनके नाम में सिंह-कौर नहीं, वे भी वोटर:अकली दल प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा चुनाव आयोग से मुलाकात की, 4 मुद्दों पर जताई आपत्ति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) चुनाव की वोटर लिस्ट में खामियों का मामला गुरुद्वारा चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। इस मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी के सदस्य आयोग से मिले हैं। उन्होंने आयोग को ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने लिस्ट में कई खामियां बताई हैं। एक तो वोटर लिस्ट में ऐसे लोग शामिल हैं जिनके नाम में सिंह या कौर नहीं है। उन्होंने मांग की है कि वोटर लिस्ट में आपत्ति देने का समय बढ़ाया जाए। प्रतिनिधिमंडल में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़, पूर्व अध्यक्ष सुखबीर बादल, एसजीपीसी अध्यक्ष धामी भी मौजूद थे। मुलाकात में उठाएं चार मुद्दें- 1. अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को बताया कि पंजाब में कोई ऐसा वोटर नहीं है, जिसका अपना घर न हो। लेकिन कई वोटों में घर के नंबर तक नहीं है। एक से लेकर सौ नंबर तक के नंबर गायब है, जो कि पूरी तरह से गलत है। जीरो पर नंबर पर ही वोट बन गए हैं। 2. रहत मर्यादा के मुताबिक सिख धर्म में जन्म लेने वाले बच्चे के नाम के पीछे सिंह और कौर लिखा जाता है। लेकिन वोटर सूचियों में शामिल नामों के पीछे सिंह और कौर नहीं है। जिससे साफ है वोटर सूचियों में धांधली हुई हैं। कई गांवों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने दलील दी है कि जिसे सिख धर्म का ज्ञान नहीं है। वह वोटर कैसे बन सकता है। उन्होंने ऐसा कर सिख धर्म धार्मिक स्थानों पर दखल की कोशिश की जा रही है। 3. कई जगह पर असल वोट ही काट दिए गए हैं। जिससे कई सिख धर्म को मानने वाले लोग वोटिंग नहीं कर पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सारी कार्रवाई सरकारी साजिश के तहत की गई है। जिसे की बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसके कुछ सबूत सौंपे है। 4. आयोग से अपील की है कि रिव्यू के लिए समय दिया जाए। ताकि सारी चीजों को उचित तरीके से पड़ताल हो सकें। 31 मार्च तक समय मांगा है। धामी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुए शामिल गुरुद्वारा इलेक्शन बोर्ड से मिलने गए डेलिगेशन में सुखबीर सिंह बादल और एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी भी मौजूद थे। लेकिन दोनों ही नेता पीसी में शामिल नहीं हुए । इस मौके डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि धामी को किसी काम से जाना था। ऐस में वह पीसी में शामिल नहीं हुए। दूसरी तरफ पंजाब के माझा एरिया में हो रहे धर्म परिवर्तन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इन्हीं चीजों को हम उठा रहे हैं।