पूर्वी राजस्थान में दबदबा! लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट की इस रणनीति ने कांग्रेस को दिलाई बड़ी जीत

पूर्वी राजस्थान में दबदबा! लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट की इस रणनीति ने कांग्रेस को दिलाई बड़ी जीत

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Lok Sabha Chunav Result 2024:</strong> राजस्थान के लोकसभा चुनाव परिणाम ने बीजेपी को चौंका दिया है. कांग्रेस गठबंधन के खाते में 11 सीट गयी है. बीजेपी को 14 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया. कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के पीछे सचिन पायलट ‘खिलाड़ी’ बनकर उभरे हैं. विधायक होते हुए सचिन पायलट का पूर्वी राजस्थान में दबदबा है. उन्होंने राजस्थान में हमेशा नए चेहरों को मौका देने की वकालत की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बार भी सचिन पायलट दौसा, भरतपुर, धौलपुर-करौली, टोंक-सवाईमाधोपुर, अलवर, जयपुर-ग्रामीण और श्रीगंगानगर लोकसभा सीट पर नए चेहरों को टिकट दिलाने में सफल रहे. टिकट बंटवारे के समय पूर्वी राजस्थान की सभी सीटों पर सचिन पायलट के समर्थक सामने आ जाते थे. सचिन की भी सहमति हुआ करती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत ने बेटे को जिताने में लगायी ऊर्जा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिर्फ जालोर में सिमटे रहे. जबकि सचिन पायलट और उनके समर्थक प्रदेश के कई अन्य सीटों पर काम करते दिखे. जानकारी के अनुसार राजस्थान में अशोक गहलोत ने टिकट बंटवारे में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसलिए, मनपसंद सीटों पर टिकट बंटवारे में सचिन पायलट की चली. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले कांग्रेस ने सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया था. राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलने से सचिन पायलट के समर्थक उत्साहित हो गये. अशोक गहलोत ने अपने बेटे को जिताने में पूरी ताकत लगा दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस की सफलता के ‘हीरो’ बने सचिन पायलट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट दौसा, अजमेर से सांसद रहे हैं. इसके बाद टोंक से लगातार दो बार के विधायक हैं. पूर्वी राजस्थान में उनका पूरा प्रभाव है. मीणा और गुर्जर वोटर्स पर सचिन पायलट की पकड़ मजबूत है. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने पूर्वी राजस्थान में किसी गुर्जर और मीणा नेता को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी. इसका असर गुर्जर और मीणा वोटर्स पर पड़ा. ऐसे समय में सचिन पायलट ने धुंआधार प्रचार करके मीणा-गुर्जर की नाराजगी का पूरा लाभ उठा लिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”मई में इस वजह से उदयपुर में कम आए पर्यटक, क्या मानसून के साथ लौटेगी सिटी ऑफ लेक की रौनक?” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/udaipur-tourists-numbers-dropped-because-heat-and-elections-27-thousand-less-in-rajasthan-ann-2709684″ target=”_self”>मई में इस वजह से उदयपुर में कम आए पर्यटक, क्या मानसून के साथ लौटेगी सिटी ऑफ लेक की रौनक?</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Lok Sabha Chunav Result 2024:</strong> राजस्थान के लोकसभा चुनाव परिणाम ने बीजेपी को चौंका दिया है. कांग्रेस गठबंधन के खाते में 11 सीट गयी है. बीजेपी को 14 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया. कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता के पीछे सचिन पायलट ‘खिलाड़ी’ बनकर उभरे हैं. विधायक होते हुए सचिन पायलट का पूर्वी राजस्थान में दबदबा है. उन्होंने राजस्थान में हमेशा नए चेहरों को मौका देने की वकालत की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बार भी सचिन पायलट दौसा, भरतपुर, धौलपुर-करौली, टोंक-सवाईमाधोपुर, अलवर, जयपुर-ग्रामीण और श्रीगंगानगर लोकसभा सीट पर नए चेहरों को टिकट दिलाने में सफल रहे. टिकट बंटवारे के समय पूर्वी राजस्थान की सभी सीटों पर सचिन पायलट के समर्थक सामने आ जाते थे. सचिन की भी सहमति हुआ करती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत ने बेटे को जिताने में लगायी ऊर्जा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिर्फ जालोर में सिमटे रहे. जबकि सचिन पायलट और उनके समर्थक प्रदेश के कई अन्य सीटों पर काम करते दिखे. जानकारी के अनुसार राजस्थान में अशोक गहलोत ने टिकट बंटवारे में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसलिए, मनपसंद सीटों पर टिकट बंटवारे में सचिन पायलट की चली. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले कांग्रेस ने सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया था. राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलने से सचिन पायलट के समर्थक उत्साहित हो गये. अशोक गहलोत ने अपने बेटे को जिताने में पूरी ताकत लगा दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस की सफलता के ‘हीरो’ बने सचिन पायलट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट दौसा, अजमेर से सांसद रहे हैं. इसके बाद टोंक से लगातार दो बार के विधायक हैं. पूर्वी राजस्थान में उनका पूरा प्रभाव है. मीणा और गुर्जर वोटर्स पर सचिन पायलट की पकड़ मजबूत है. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने पूर्वी राजस्थान में किसी गुर्जर और मीणा नेता को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी. इसका असर गुर्जर और मीणा वोटर्स पर पड़ा. ऐसे समय में सचिन पायलट ने धुंआधार प्रचार करके मीणा-गुर्जर की नाराजगी का पूरा लाभ उठा लिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”मई में इस वजह से उदयपुर में कम आए पर्यटक, क्या मानसून के साथ लौटेगी सिटी ऑफ लेक की रौनक?” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/udaipur-tourists-numbers-dropped-because-heat-and-elections-27-thousand-less-in-rajasthan-ann-2709684″ target=”_self”>मई में इस वजह से उदयपुर में कम आए पर्यटक, क्या मानसून के साथ लौटेगी सिटी ऑफ लेक की रौनक?</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>  राजस्थान AAP के अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर कांग्रेस बोली, ‘हमने पहले ही…’