पूर्व मंत्री आशु की अग्रिम जमानत याचिका खारिज:DSP ने कोर्ट में कहा-अभी तक भूमि घोटाले में नहीं किया नामजद

पूर्व मंत्री आशु की अग्रिम जमानत याचिका खारिज:DSP ने कोर्ट में कहा-अभी तक भूमि घोटाले में नहीं किया नामजद

पंजाब के लुधियाना में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को भूमि घोटाले में समन भेजने वाले डीएसपी विनोद कुमार ने अतिरिक्त सत्र न्यायधीश गुरप्रीत कौर की अदालत में बयान दिया है कि उन्होंने अभी केस में आशु को अब तक नामजद नहीं किया है। इस कारण आशु की अग्रिम जमानत कोर्ट ने रद्द कर दी है। इससे पहले 6 जून को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश जसपिंदर सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने आशु को 11 जून तक अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान की थी। अदालत में मांग-गिरफ्तारी से 3 दिन पहले विजिलेंस दे नोटिस सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री की ओर से पेश अधिवक्ताओं की एक टीम ने अदालत से जमानत प्रदान करने या ऑप्शनल रूप से विजिलेंस ब्यूरो को निर्देश देने की मांग की कि यदि गिरफ्तारी करनी हो तो कम से कम तीन दिन पहले का नोटिस दिया जाए। जिला अटार्नी पुनीत जग्गी सरकारी वकील रमणदीप तूर गिल, मोनिता गुप्ता, अजय सिंगला तथा विजिलेंस ब्यूरो में तैनात सरकारी वकील गुरप्रीत ग्रेवाल ने दलील देते हुए याचिका का विरोध किया। 2400 करोड़ के घोटाले में भेजा था समन इससे पहले सराभा नगर में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में आशु को तलब किया गया था। आज इस मामले में कांग्रेस चुनाव कार्यालय में लीडरशिप ने प्रेस कान्फ्रेंस भी रखी थी। 4 जून को DSP विनोद कुमार द्वारा जारी समन में आशु को आज शुक्रवार (6 जून) को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया था। 8 जनवरी 2025 का है मामला यह मामला 8 जनवरी, 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 5 में FIR दर्ज की गई थी। यह मामला लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) द्वारा दशकों पहले सराभा नगर में नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल को चलाने के लिए आवंटित 4.7 एकड़ जमीन के इर्द-गिर्द घूमता है। यह भूमि केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर दी गई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि इस भूमि के कुछ हिस्सों का अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस परिसर में कई निजी प्लेवे स्कूल और व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, स्कूल प्रबंधन कथित तौर पर भारी किराया वसूल रहा है, जो एक गंभीर उल्लंघन है जिसमें वित्तीय अनियमितताओं में 2,400 करोड़ का अनुमान है। लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के अध्यक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस साल 8 जनवरी को स्कूल के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। उनकी शिकायत के बाद, जांच के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद मामला सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था। पंजाब के लुधियाना में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को भूमि घोटाले में समन भेजने वाले डीएसपी विनोद कुमार ने अतिरिक्त सत्र न्यायधीश गुरप्रीत कौर की अदालत में बयान दिया है कि उन्होंने अभी केस में आशु को अब तक नामजद नहीं किया है। इस कारण आशु की अग्रिम जमानत कोर्ट ने रद्द कर दी है। इससे पहले 6 जून को अतिरिक्त सत्र न्यायधीश जसपिंदर सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने आशु को 11 जून तक अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान की थी। अदालत में मांग-गिरफ्तारी से 3 दिन पहले विजिलेंस दे नोटिस सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री की ओर से पेश अधिवक्ताओं की एक टीम ने अदालत से जमानत प्रदान करने या ऑप्शनल रूप से विजिलेंस ब्यूरो को निर्देश देने की मांग की कि यदि गिरफ्तारी करनी हो तो कम से कम तीन दिन पहले का नोटिस दिया जाए। जिला अटार्नी पुनीत जग्गी सरकारी वकील रमणदीप तूर गिल, मोनिता गुप्ता, अजय सिंगला तथा विजिलेंस ब्यूरो में तैनात सरकारी वकील गुरप्रीत ग्रेवाल ने दलील देते हुए याचिका का विरोध किया। 2400 करोड़ के घोटाले में भेजा था समन इससे पहले सराभा नगर में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में आशु को तलब किया गया था। आज इस मामले में कांग्रेस चुनाव कार्यालय में लीडरशिप ने प्रेस कान्फ्रेंस भी रखी थी। 4 जून को DSP विनोद कुमार द्वारा जारी समन में आशु को आज शुक्रवार (6 जून) को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया था। 8 जनवरी 2025 का है मामला यह मामला 8 जनवरी, 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 5 में FIR दर्ज की गई थी। यह मामला लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) द्वारा दशकों पहले सराभा नगर में नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल को चलाने के लिए आवंटित 4.7 एकड़ जमीन के इर्द-गिर्द घूमता है। यह भूमि केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर दी गई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि इस भूमि के कुछ हिस्सों का अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस परिसर में कई निजी प्लेवे स्कूल और व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, स्कूल प्रबंधन कथित तौर पर भारी किराया वसूल रहा है, जो एक गंभीर उल्लंघन है जिसमें वित्तीय अनियमितताओं में 2,400 करोड़ का अनुमान है। लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के अध्यक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस साल 8 जनवरी को स्कूल के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। उनकी शिकायत के बाद, जांच के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद मामला सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर