हरियाणा की असंध विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने खुद को 3 साल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 5 साल का समय है। हाईकमान चाहेगा तो सब कुछ हो सकता है। हाईकमान मुझे 3 साल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बना दे। बाद में इलेक्शन के लिए किसी और को चेहरा बनाना होगा तो हाईकमान बना सकता है। पार्टी को तैयार करना होगा। जो हमने ग्राउंड लेवल पर खोया है, पहले उसे हासिल करना होगा। बड़ी-बड़ी रैलियां करने की जरूरत नहीं है। अभी महाराष्ट्र में इलेक्शन होने हैं। इसलिए इस पर चर्चा एक महीने बाद ही चलेगी। हाईकमान जिसे ठीक समझे उसे प्रदेश अध्यक्ष बनाए। मेरे विचार में प्रदेश अध्यक्ष उसे ही बनाया जाना चाहिए, जो बिना विधायकों के मुख्यमंत्री न बनकर पार्टी को मजबूत करे। पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैंने सारी उम्र पार्टी के लिए काम किया है और मुझे सारी उम्र पार्टी में ही रहना है। जो राहुल गांधी की बात करे, उसे अध्यक्ष बनाना चाहिए। नेताओं के पार्टी छोड़ने से नुकसान हुआ पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने पर गोगी ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि अजय यादव साहब एक सीनियर लीडर हैं। उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी, इसका कारण मेरे पास नहीं है लेकिन बड़े लीडरों के पार्टी छोड़ने से बहुत नुकसान हुआ है। पहले किरण चौधरी ने पार्टी छोड़ी तो कितना बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी हाईकमान और हरियाणा लीडरशिप को भी अपने कार्यकलापों पर विचार करना चाहिए। अगर एक-एक करके सभी लीडर जाते रहे तो पार्टी में कौन बचेगा? कैप्टन साहब ने कहा है- हार और व्यवहार। यह क्या है, इसके बारे में तो मुझे भी नहीं पता, क्योंकि मेरी कैप्टन साहब से कोई बात नहीं हुई है। गोगी का चुनाव से पहले वीडियो हुआ था वायरल विधानसभा चुनाव से पहले शमशेर सिंह गोगी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। एक पब्लिक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार में सबका हिस्सा होगा, तो सरकार में अपने रिश्तेदारों को भी खुश करेंगे। जो बाहर से आ रहे हैं, भाईचारे में उन्हें भी सेट करेंगे। अपना घर भी भरेंगे। इसलिए, सरकार में बनने के लिए इलेक्शन जीतना जरूरी है। हालांकि इस बयान के बाद गोगी ने स्पष्टीकरण भी दिया। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी की तरह काम नहीं करता। मैने कहा था कि असंध जिला बनेगा और जिला बनने के बाद यहां का जब विकास होगा, तो हम अपने साथियों का भी विकास करेंगे। उसके बाद अपना घर भी भरेंगे। अपने घर का मतलब है कि असंध हलका, और वह मैने कोई झूठ नहीं बोला। असंध भी मेरा घर है। मैं विकास की बात कर रहा था। औद्योगिक क्षेत्र बनाएंगे और उससे रोजगार मिलेंगे। हरियाणा की असंध विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने खुद को 3 साल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 5 साल का समय है। हाईकमान चाहेगा तो सब कुछ हो सकता है। हाईकमान मुझे 3 साल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बना दे। बाद में इलेक्शन के लिए किसी और को चेहरा बनाना होगा तो हाईकमान बना सकता है। पार्टी को तैयार करना होगा। जो हमने ग्राउंड लेवल पर खोया है, पहले उसे हासिल करना होगा। बड़ी-बड़ी रैलियां करने की जरूरत नहीं है। अभी महाराष्ट्र में इलेक्शन होने हैं। इसलिए इस पर चर्चा एक महीने बाद ही चलेगी। हाईकमान जिसे ठीक समझे उसे प्रदेश अध्यक्ष बनाए। मेरे विचार में प्रदेश अध्यक्ष उसे ही बनाया जाना चाहिए, जो बिना विधायकों के मुख्यमंत्री न बनकर पार्टी को मजबूत करे। पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैंने सारी उम्र पार्टी के लिए काम किया है और मुझे सारी उम्र पार्टी में ही रहना है। जो राहुल गांधी की बात करे, उसे अध्यक्ष बनाना चाहिए। नेताओं के पार्टी छोड़ने से नुकसान हुआ पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने पर गोगी ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि अजय यादव साहब एक सीनियर लीडर हैं। उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी, इसका कारण मेरे पास नहीं है लेकिन बड़े लीडरों के पार्टी छोड़ने से बहुत नुकसान हुआ है। पहले किरण चौधरी ने पार्टी छोड़ी तो कितना बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी हाईकमान और हरियाणा लीडरशिप को भी अपने कार्यकलापों पर विचार करना चाहिए। अगर एक-एक करके सभी लीडर जाते रहे तो पार्टी में कौन बचेगा? कैप्टन साहब ने कहा है- हार और व्यवहार। यह क्या है, इसके बारे में तो मुझे भी नहीं पता, क्योंकि मेरी कैप्टन साहब से कोई बात नहीं हुई है। गोगी का चुनाव से पहले वीडियो हुआ था वायरल विधानसभा चुनाव से पहले शमशेर सिंह गोगी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। एक पब्लिक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार में सबका हिस्सा होगा, तो सरकार में अपने रिश्तेदारों को भी खुश करेंगे। जो बाहर से आ रहे हैं, भाईचारे में उन्हें भी सेट करेंगे। अपना घर भी भरेंगे। इसलिए, सरकार में बनने के लिए इलेक्शन जीतना जरूरी है। हालांकि इस बयान के बाद गोगी ने स्पष्टीकरण भी दिया। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी की तरह काम नहीं करता। मैने कहा था कि असंध जिला बनेगा और जिला बनने के बाद यहां का जब विकास होगा, तो हम अपने साथियों का भी विकास करेंगे। उसके बाद अपना घर भी भरेंगे। अपने घर का मतलब है कि असंध हलका, और वह मैने कोई झूठ नहीं बोला। असंध भी मेरा घर है। मैं विकास की बात कर रहा था। औद्योगिक क्षेत्र बनाएंगे और उससे रोजगार मिलेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुमारी सैलजा ने टिकट वितरण पर उठाए सवाल:कहा- कांग्रेस हाईकमान-इंचार्ज को ग्राउंड रियलिटी की समझ नहीं; कमजोर कैंडिडेट उतारे
कुमारी सैलजा ने टिकट वितरण पर उठाए सवाल:कहा- कांग्रेस हाईकमान-इंचार्ज को ग्राउंड रियलिटी की समझ नहीं; कमजोर कैंडिडेट उतारे हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में टिकट वितरण पर सवाल उठाए हैं। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में टिकटों का वितरण सही नहीं हुआ। अगर सही तरीके से टिकट दी जातीं तो कांग्रेस 10 में से 8 सीट जीत सकती थी। कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाते हुए सैलजा ने कहा कि उन्हें नीचे (ग्राउंड रियलिटी) की समझ नहीं है। हरियाणा के इंचार्ज को भी समझ नहीं है। अगर समझ होती तो वे सबसे बातचीत करके या फीडबैक लेकर ढंग से टिकट का वितरण करते। कुमारी सैलजा शनिवार को हिसार के उकलाना में कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेने के लिए पहुंची थीं। किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में बैलेंस करके चलना बहुत जरूरी होता है। पार्टी में सबको साथ लेकर चलना होता है, लेकिन एक वर्ग को पीछे छोड़ना सही नहीं है। आप दूसरी पार्टियों से नेता लाकर जॉइन करवाते हो। फिर गिनती करते हैं कि हमने इतनों को जॉइन करवा लिया, लेकिन दूसरी तरफ आप अपना घर नहीं संभाल रहे। उनके साथ इंसाफ तो करो। इन बातों को विधानसभा के लिए देखना होगा, वर्ना पार्टी को नुकसान होगा। गुरुग्राम, सोनीपत और करनाल में टिकट सही नहीं बटे
सैलजा ने कहा कि हरियाणा की 10 सीटों में सही ढंग से टिकट वितरण कर देते तो हम ज्यादा टिकट जीतते। राज बब्बर को कौन लाया, ब्रह्मचारी को कौन लाया यह सब जानते हैं। क्या हमारे पास हरियाणा में कैंडिडेट नहीं थे। कहीं न कहीं हमने कमजोरी दिखाई है। पूर्व CM के सामने और मौजूदा CM के सामने हमने किस तरह के कैंडिडेट उतारे। जब बैलेंस एक तरफ इतना ज्यादा था तो उन्हीं की चली होगी हम तो चुनाव में व्यस्त हो गए। किरण को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया
कुमारी सैलजा ने किरण चौधरी के पक्ष में इशारों-इशारों में कहा कि कहीं ना कहीं उनको पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया। पहले टिकट काटना इसके बाद स्टार प्रचारकों की सूची से नाम हटाना, यह सब दिख रहा था। किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर जाने से पार्टी को नुकसान हुआ है। जो यह बात कह रहे हैं कि किरण के जाने से कोई नुकसान नहीं हुआ, यह सब कहने की बात है। वह तब भी हमारे साथ थीं, जब बंसीलाल का परिवार हमारे साथ नहीं था। प्रदेश में एक परिवार की लीगेसी रही है दशकों से। किरण का जाना नुकसानदायक है। उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ। जेपी को दिया इंदिरा और सोनिया का उदाहरण
कुमारी सैलजा ने हिसार से सांसद कांग्रेस सांसद जयप्रकाश को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश कांग्रेस में हैं, लेकिन उनको पता नहीं है कि कांग्रेस में इंदिरा और सोनिया गांधी ने विरासत ही नहीं देश को आगे बढ़ाया है। प्रियंका गांधी भी यही कहती हैं लड़की हूं लड़ सकती हूं। लगता है जयप्रकाश समाज में विचारों से पीछे हैं। कहा- मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगी
कुमारी सैलजा ने कहा कि कुछ लोग मेरे कांग्रेस से जाने को लेकर अफवाह फैलाते हैं कि मेरी गृहमंत्री से बातचीत चल रही है। क्या गृहमंत्री के पास इतना समय है वह मेरे पास आधे घंटे के लिए सिरसा आकर हेलिकॉप्टर से मिलेंगे। यह सब फालतू बातें हैं। मैं कांग्रेस की हूं और पक्की हूं। हमने कभी अलग से प्लेटफार्म नहीं बनाया। सिर उठाकर हर बात का जवाब दे सकते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में फीडबैक और इनपुट देंगे। अपनी बात रखेंगे।
हरियाणा डेरे में गद्दी विवाद, श्रद्धालुओं को सत्संग से रोका:पुलिस बोली- लंगर खाओ और डेरा खाली करो; श्रद्धालु बोले- हमारे पास परमिशन थी
हरियाणा डेरे में गद्दी विवाद, श्रद्धालुओं को सत्संग से रोका:पुलिस बोली- लंगर खाओ और डेरा खाली करो; श्रद्धालु बोले- हमारे पास परमिशन थी हरियाणा में सिरसा के डेरा जगमाल वाली के गद्दीनशीन संत वकील साहब के निधन के बाद उठा विवाद थमा नहीं है। वकील साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए फतेहाबाद के डेरे में सत्संग का आयोजन किया गया था। मगर, ऐन मौके पर पुलिस ने सत्संग रोकने को कह दिया। इससे संगत भड़क गई। उन्होंने आरोप लगाया कि परमिशन के बावजूद उन्हें यहां सत्संग नहीं करने दिया जा रहा। उनका कहना था कि यह सब मौजूदा गद्दीनशीन वीरेंद्र सिंह के इशारों पर हो रहा है। मामला शनिवार शाम का है, जब डेरे के अंदर लंगर चल रहा था। उसके बाद श्रद्धांजलि सभा होने ही वाली थी। तब तक बाहर पुलिस की टीमें तैनात हो चुकी थी। प्रशासनिक टीमें कागजात की छानबीन में जुट गईं। हालांकि पुलिस के रोकने के बाद रात को संगत द्वारा डेरे से साइड में जाकर सत्संग का कार्यक्रम किया गया। श्रद्धालुओं ने बताया कि वे अपने दिवंगत संत को श्रद्धांजलि देने के लिए सत्संग कर रहे थे। इसके लिए 18 सितंबर को संगत द्वारा जिला प्रशासन से परमिशन ली गई थी। डबवाली, सिरसा, ऐलनाबाद सहित दूर-दराज से लोग सभा के लिए फतेहाबाद के डेरा में पहुंच गए थे और लंगर भी बना लिया गया था। इतने में पुलिस मौके पर पहुंची और बताया गया कि यहां अब सत्संग नहीं किया जा सकता। चूंकि लंगर बन गया है तो लंगर ग्रहण करके डेरा खाली कर दो। इस पर श्रद्धालुओं रोष पनप गया। उन्होंने कहा कि डेरे पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। श्रद्धालु बोले- प्रॉपर्टी संगत की है
चंडीगढ़ से आए गुरदास सिंह ने बताया कि जगमालवाली डेरा की नींव रखने वाले पहले गुरू मैनेजर साहिब उनके परनाना थे। देश में 10 से 12 डेरे संगत ने जमीन दान देकर बनवाए। यह ट्रस्ट 1980 में दिल्ली में रजिस्टर हुआ और उनके दादा ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे हैं, इसलिए यह प्रॉपर्टी साध संगत की है। अज्ञात शक्ति के कहने पर सत्संग रोका गया
दिल्ली से आए संजय गुर्जर व प्रीतम सिंह आदि ने कहा कि वीरेंद्र सिंह के कहने पर यह सब कुछ हो रहा है और प्रशासन व सरकार उनसे दब रहा है। वीरेंद्र बड़े हैं या लाखों संगत। उन्होंने कहा कि आज यहां संगत सिर्फ सत्संग कर रही थी और प्रशासन द्वारा अज्ञात शक्ति के कहने पर यह रोक दिया गया। हर महीने सत्संग होता था तो आज क्यों नहीं
उन्होंने कहा कि यह शक्ति वीरेंद्र सिंह है। उन्होंने कहा कि डेरे की गद्दी व डेरे पर वीरेंद्र सिंह कब्जा करना चाह रहे हैं। वे कहते हैं कि डेरे उनके हैं तो संगत कहां जाए। उन्होंने कहा कि हर माह पहले 21 तारीख को यहां सत्संग होता रहा है तो आज ही क्यों रोका जा रहा है। 5 राज्यों से लोग आए, सब परेशान हुए
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सिंह व उनके साथियों का संगत द्वारा बहिष्कार किया हुआ है और उसी कारण अब सत्संग करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब कोर्ट में भी अपील की गई है। आज की सत्संग में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली से लोग आए हैं, जो अब बुरी तरह परेशान हो चुके हैं। पुलिस बोली- ज्यादा कुछ नहीं बता सकते
उधर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी पर प्रह्लाद सिंह ने बताया कि अभी तक कागजों की छानबीन जारी है और मामले की पड़ताल की जा रही है इससे ज्यादा में कुछ नहीं बता सकते। डेरे से जुडे कागजातों की जांच हो रही है। दूसरी तरफ श्रद्धालुओं में पुलिस के हस्तक्षेप से रोष है। डेरा जगमाल वाली का विवाद क्या है… 1. 1 अगस्त को हुआ डेरा मुखी का निधन, 2 पक्षों में गोलियां चलीं
सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब की एक अगस्त को मौत हो गई थी। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। यहां गोलियां भी चलीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। परिवार के लोगों ने 2 अगस्त (शुक्रवार) को मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रमुख को समाधि दी गई। इस दौरान परिवार के लोग और डेरे से जुड़े लोग मौजूद रहे। 2. महात्मा ने खुद को डेरामुखी घोषित किया
समाधी वाले दिन ही सूफी गायक और महात्मा बीरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का नया प्रमुख घोषित किया। सूफी गायकी में बीरेंद्र सिंह के साथी और डेरे के अनुयायी शमशेर लहरी ने दावा किया कि महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले ही अपनी वसीयत महात्मा बीरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव में लिख दी थी। इसमें बीरेंद्र सिंह को संगत की सेवा करने का हुकुम दिया गया था। वसीयत लिखे जाने के बाद उसे महाराज जी की मौजूदगी में वकील की ओर से बाकायदा पढ़ा गया था और उसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई थी। 3. दूसरे पक्ष ने डेरामुखी मानने से इनकार किया
उधर महाराज बहादुर चंद वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और कुछ लोगों ने बीरेंद्र सिंह को नया डेरा प्रमुख मानने से इनकार कर दिया है। अमर सिंह ने कहा कि बीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर ही 1 अगस्त को डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज जी का जल्दबाजी में संस्कार करना चाहते थे। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। 4. साठ साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
सिरसा के जगमालवाली स्थित मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में देकर डेरा बनाने का अनुरोध किया। इसके बाद संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले यह छोटा सा आश्रम था लेकिन उसके बाद तकरीबन 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना हुआ।
रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग
रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में नए शैक्षणिक सत्र में 2024-25 की फीस वृद्धि का छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध किया। साथ ही समिति ने एमडीयू में हस्ताक्षर अभियान चलाया। वहीं प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द बढ़ाई गई फीस को वापस लिया जाए। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े। छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि नए सत्र के लिए एमडीयू द्वारा 5 गुना तक फीस वृद्धि की गई है। जिससे सीधा विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी पढ़ाई भी वंचित भी रह सकते हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए पढ़ना भी मुश्किल भरा हो जाएगा। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फसी वृद्धि के फैसले को वापस लिया जाए। एमडीयू में कोर्सों की ना बढ़ाई जाए फीस
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के एडमिशन शुरू होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत होने वाले एडमिशन विद्यार्थियों के लिए बहुत महंगे होने जा रहे हैं। जिसके अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 वर्षीय यूजी कोर्सेज को जोड़ा है। जिसकी फीस विश्वविद्यालय में होने वाले पहले से इंटीग्रेटेड कोर्सों से लगभग चार से पांच गुना है। विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए फीस नहीं बढ़ानी चाहिए। जिसका विद्यार्थी व संगठन विरोध कर रहे हैं।