पूर्व सैनिक की मौत के बाद दोस्तों ने किया कन्यादान:सेना के जवानों ने निभाई शादी की रस्में, मथुरा में नम आंखों के बीच हुई बेटी की विदाई

पूर्व सैनिक की मौत के बाद दोस्तों ने किया कन्यादान:सेना के जवानों ने निभाई शादी की रस्में, मथुरा में नम आंखों के बीच हुई बेटी की विदाई

पिता की मौत ने बेटी को इस तरह झकझोरा कि वह शादी के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन पिता के सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे दोस्तों ने अपना फर्ज निभाया और न केवल बेटी की शादी की बल्कि उसका कन्यादान भी किया। मामला मथुरा के मांट कस्बे का है। जहां बेटी की शादी से दो दिन पहले 5 दिसंबर को सैन्य कर्मी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। खुशियों से पहले ग़म ने दी दस्तक
जिस घर में खुशियां छाई हुई थीं, पिता बेटी के हाथ पीले करने की तैयारी कर रहा था। उस घर में अचानक दुख पसर गया। यहां जो पिता बेटी की शादी करने के लिए दिन रात भागदौड़ कर रहा था उसकी शादी से दो दिन पहले हादसे में मौत हो गई। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। यहां खुशियों से पहले ग़म ने दस्तक दे दी थी। पिता बनकर किया कन्यादान
बेटी की शादी से दो दिन पहले हुई सड़क हादसे में सैनिक की मौत के बाद अब बेटी की शादी में कन्यादान करने के लिए सेना की बटालियन से जवान पहुंचे और पिता बनकर दोस्त की बेटी का कन्यादान किया और आशीर्वाद दिया। जिसे देखकर सभी की आँख नम हो गई और सेना के इस कार्य को देखकर प्रशंसा की। 5 दिसंबर को हुई पिता की मौत
थाना मांट क्षेत्र के वकला के रहने वाले देवेंद्र सिंह की बेटी की शादी 7 दिसंबर को थी। परिवार शादी की तैयारी में जोर शोरों से लगे हुए थे। शादी से दो दिन पहले 5 दिसंबर को मांट राया मार्ग पर कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़ी हुई इटों से भरी ट्रॉली में घुस गई। जिसमे देवेंद्र सिंह सहित दो की मौत हो गई। जिसके बाद घर में हाहाकार मच गया और मैरिज होम में चल रही तैयारी धरी-धरी की रह गई। बटालियन से आए 5 दोस्त
पिता की मौत से गम में डूबी बेटी शादी को तैयार नहीं थी। पिता की याद में रो-रो कर बुरा हाल हो गया और शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। इस घटना के बारे में जब जानकारी पिता की रेजिमेंट को हुई तो 20 जाट रेजिमेंट फ़ाज़लक़ा पंजाब से सीओ ने पांच सेना के जवानों को बेटी की कन्यादान करने के लिए गांव में भेजा। बेटी को समझाया और फिर किया कन्यादान
फाजिल्का पंजाब से आए सेना के जवानों ने देवेंद्र सिंह की बेटी को समझाया,हौसला दिया और पिता के सपने को पूरा करने की बात कही। पिता के दोस्तों द्वारा समझाने पर बेटी मान गई और उसने शादी के लिए हां कर दिया। पिता की हैसियत से बेटी का कन्यादान सेना के जवानों ने किया। इसके बाद साधारण तरीके से बेटी को विदा कर वह वापस अपनी बटालियन लौट गए। हाथरस से आई थी बारात
बरात हाथरस जिले के धानौटी बुर्ज, जुगसना से आई थी। दूल्हा सौरभ भी सेना में है। वर्तमान में तैनाती मणिपुर में है। सौरभ के पिता हवलदार सत्यवीर भी ज्योति के पिता के साथ सेना में थे। वर्तमान में सत्यवीर का परिवार मथुरा में रह रहा है। एक माह पूर्व ही देवेंद्र सिंह ने ली थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
देवेंद्र सिंह ने करीब एक माह पूर्व सेना सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद से ही वे शादी की तैयारी व अन्य कार्यों में जुटे हुए थे। शादी की सभी रस्में चचेरे भाई आकाश के घर में पूरी की गई। जवानों को ग्रामीणों ने किया सलाम
देवेंद्र सिंह के रिश्तेदार नरेंद्र सिंह ने बताया की सेना से सूबेदार सोनवीर सिंह, सूबेदार मुकेश कुमार, हवलदार प्रेमवीर, विनोद और बेताल सिंह के साथ नसीटी के रहने वाले जितेंद्र कुमार ने कन्यादान किया। जिसे देखकर सभी के आंखे नम हो गईं। सेना के जवानों ने जिस तरह अपने दोस्त की बेटी का कन्यादान किया उसे देख हर कोई उनको सैल्यूट करने लगा। ये खबर भी पढ़िए… हाशिमपुरा नरसंहार- 31 साल में सजा, 6 साल में छूटे:पीड़ित बोले- इस सरकार में इंसाफ नहीं; PAC जवानों ने मार डाले थे 38 लोग मेरठ के हाशिमपुरा नरसंहार में दोषी 10 PAC जवानों को सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर, 2024 को जमानत दे दी। इन्हें नरसंहार के 31 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन, सिर्फ 6 साल में जेल से बाहर आ गए। पढ़िए पूरी खबर पिता की मौत ने बेटी को इस तरह झकझोरा कि वह शादी के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन पिता के सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे दोस्तों ने अपना फर्ज निभाया और न केवल बेटी की शादी की बल्कि उसका कन्यादान भी किया। मामला मथुरा के मांट कस्बे का है। जहां बेटी की शादी से दो दिन पहले 5 दिसंबर को सैन्य कर्मी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। खुशियों से पहले ग़म ने दी दस्तक
जिस घर में खुशियां छाई हुई थीं, पिता बेटी के हाथ पीले करने की तैयारी कर रहा था। उस घर में अचानक दुख पसर गया। यहां जो पिता बेटी की शादी करने के लिए दिन रात भागदौड़ कर रहा था उसकी शादी से दो दिन पहले हादसे में मौत हो गई। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। यहां खुशियों से पहले ग़म ने दस्तक दे दी थी। पिता बनकर किया कन्यादान
बेटी की शादी से दो दिन पहले हुई सड़क हादसे में सैनिक की मौत के बाद अब बेटी की शादी में कन्यादान करने के लिए सेना की बटालियन से जवान पहुंचे और पिता बनकर दोस्त की बेटी का कन्यादान किया और आशीर्वाद दिया। जिसे देखकर सभी की आँख नम हो गई और सेना के इस कार्य को देखकर प्रशंसा की। 5 दिसंबर को हुई पिता की मौत
थाना मांट क्षेत्र के वकला के रहने वाले देवेंद्र सिंह की बेटी की शादी 7 दिसंबर को थी। परिवार शादी की तैयारी में जोर शोरों से लगे हुए थे। शादी से दो दिन पहले 5 दिसंबर को मांट राया मार्ग पर कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़ी हुई इटों से भरी ट्रॉली में घुस गई। जिसमे देवेंद्र सिंह सहित दो की मौत हो गई। जिसके बाद घर में हाहाकार मच गया और मैरिज होम में चल रही तैयारी धरी-धरी की रह गई। बटालियन से आए 5 दोस्त
पिता की मौत से गम में डूबी बेटी शादी को तैयार नहीं थी। पिता की याद में रो-रो कर बुरा हाल हो गया और शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। इस घटना के बारे में जब जानकारी पिता की रेजिमेंट को हुई तो 20 जाट रेजिमेंट फ़ाज़लक़ा पंजाब से सीओ ने पांच सेना के जवानों को बेटी की कन्यादान करने के लिए गांव में भेजा। बेटी को समझाया और फिर किया कन्यादान
फाजिल्का पंजाब से आए सेना के जवानों ने देवेंद्र सिंह की बेटी को समझाया,हौसला दिया और पिता के सपने को पूरा करने की बात कही। पिता के दोस्तों द्वारा समझाने पर बेटी मान गई और उसने शादी के लिए हां कर दिया। पिता की हैसियत से बेटी का कन्यादान सेना के जवानों ने किया। इसके बाद साधारण तरीके से बेटी को विदा कर वह वापस अपनी बटालियन लौट गए। हाथरस से आई थी बारात
बरात हाथरस जिले के धानौटी बुर्ज, जुगसना से आई थी। दूल्हा सौरभ भी सेना में है। वर्तमान में तैनाती मणिपुर में है। सौरभ के पिता हवलदार सत्यवीर भी ज्योति के पिता के साथ सेना में थे। वर्तमान में सत्यवीर का परिवार मथुरा में रह रहा है। एक माह पूर्व ही देवेंद्र सिंह ने ली थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
देवेंद्र सिंह ने करीब एक माह पूर्व सेना सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद से ही वे शादी की तैयारी व अन्य कार्यों में जुटे हुए थे। शादी की सभी रस्में चचेरे भाई आकाश के घर में पूरी की गई। जवानों को ग्रामीणों ने किया सलाम
देवेंद्र सिंह के रिश्तेदार नरेंद्र सिंह ने बताया की सेना से सूबेदार सोनवीर सिंह, सूबेदार मुकेश कुमार, हवलदार प्रेमवीर, विनोद और बेताल सिंह के साथ नसीटी के रहने वाले जितेंद्र कुमार ने कन्यादान किया। जिसे देखकर सभी के आंखे नम हो गईं। सेना के जवानों ने जिस तरह अपने दोस्त की बेटी का कन्यादान किया उसे देख हर कोई उनको सैल्यूट करने लगा। ये खबर भी पढ़िए… हाशिमपुरा नरसंहार- 31 साल में सजा, 6 साल में छूटे:पीड़ित बोले- इस सरकार में इंसाफ नहीं; PAC जवानों ने मार डाले थे 38 लोग मेरठ के हाशिमपुरा नरसंहार में दोषी 10 PAC जवानों को सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर, 2024 को जमानत दे दी। इन्हें नरसंहार के 31 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा मिली थी। लेकिन, सिर्फ 6 साल में जेल से बाहर आ गए। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर