पेरिस ओलंपिक में करनाल के धुरंधरों के मैच:शूटिंग स्कीट में रेजा ढिल्लों लगा रही निशाने, देर रात बॉक्सर निशांत देव का क्वार्टर फाइनल

पेरिस ओलंपिक में करनाल के धुरंधरों के मैच:शूटिंग स्कीट में रेजा ढिल्लों लगा रही निशाने, देर रात बॉक्सर निशांत देव का क्वार्टर फाइनल

पेरिस ओलंपिक में आज करनाल की बेटी रेजा ढिल्लों स्कीट इवेंट में हिस्सा लिया। पहले राउंड में रेजा ने 25वें रैंक हासिल किया है। क्वालिफाइड मैच के के अभी 4 राउंड बाकी है। वहीं देर रात साढ़े 12 बजे निशांत देव बॉक्सिंग क्वार्टर फाइनल में मेडल की जीत के लिए अपना दम खम दिखाएंगे। इसके अलावा अनिश भनवाला ओलंपिक में क्वालिफाइड करने के लिए कल अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। करनाल के इन तीनों खिलाड़ियों के मैच पर प्रदेश की ही देश की भी नजरे बनी हुई है। करनाल के छोटे से गांव श्यामगढ़ की रहने वाली 20 वर्षिय रेजा ढिल्लों को बचपन में ही उनके दादा ने लाइसेंसी बंदूक थमा दी थी। जिसके बाद वह हर बंदूक चलाने लगी और बाद में माता पिता ने साथ दिया तो आज देश की सबसे कम उम्र में ओलिंपिक में निशाना लगाने वाली निशानेबाज बन गई। ये है रेजा की उपलब्धिंया बता दें कि 2024-एशियन चैंपियनशिप शाटगन टीम इवेंट में स्वर्ण पदक। 2024 ISSF सीनियर वर्ल्ड कप के एकल मुकाबले में 11वां स्थान हासिल किया था। – 2023- 15वीं एशियन शूटिंग चैंपियनशिप के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-आइएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-नेशनल गेम्स के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-दिग्विजय मेमोरियल चैंपियनशिप के एकल मुकाबले में स्वर्ण पदक। -2022-नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक। -2023-आल इंडिया इंटर यूनिर्वसिटी शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक। -2024-नेशनल शाटगन रैंकिग। -2023-हरियाणा स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में प्रतिभाग। -2019-नार्थ जोन चैंपियनशिप में प्रतिभाग। पेरिस ओलंपिक में आज करनाल की बेटी रेजा ढिल्लों स्कीट इवेंट में हिस्सा लिया। पहले राउंड में रेजा ने 25वें रैंक हासिल किया है। क्वालिफाइड मैच के के अभी 4 राउंड बाकी है। वहीं देर रात साढ़े 12 बजे निशांत देव बॉक्सिंग क्वार्टर फाइनल में मेडल की जीत के लिए अपना दम खम दिखाएंगे। इसके अलावा अनिश भनवाला ओलंपिक में क्वालिफाइड करने के लिए कल अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। करनाल के इन तीनों खिलाड़ियों के मैच पर प्रदेश की ही देश की भी नजरे बनी हुई है। करनाल के छोटे से गांव श्यामगढ़ की रहने वाली 20 वर्षिय रेजा ढिल्लों को बचपन में ही उनके दादा ने लाइसेंसी बंदूक थमा दी थी। जिसके बाद वह हर बंदूक चलाने लगी और बाद में माता पिता ने साथ दिया तो आज देश की सबसे कम उम्र में ओलिंपिक में निशाना लगाने वाली निशानेबाज बन गई। ये है रेजा की उपलब्धिंया बता दें कि 2024-एशियन चैंपियनशिप शाटगन टीम इवेंट में स्वर्ण पदक। 2024 ISSF सीनियर वर्ल्ड कप के एकल मुकाबले में 11वां स्थान हासिल किया था। – 2023- 15वीं एशियन शूटिंग चैंपियनशिप के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-आइएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-नेशनल गेम्स के एकल मुकाबले में रजत पदक। -2023-दिग्विजय मेमोरियल चैंपियनशिप के एकल मुकाबले में स्वर्ण पदक। -2022-नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक। -2023-आल इंडिया इंटर यूनिर्वसिटी शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक। -2024-नेशनल शाटगन रैंकिग। -2023-हरियाणा स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में प्रतिभाग। -2019-नार्थ जोन चैंपियनशिप में प्रतिभाग।   हरियाणा | दैनिक भास्कर