मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार दोपहर बाद हेलीकॉप्टर के जरिए कुरूक्षेत्र के पेहोवा पहुंचे। एसआईएस हेलीपैड से जब मुख्यमंत्री गाड़ी से कृषि मंत्री के आवास की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में तलहेड़ी गांव में लोगों को खड़ा देखकर अपना काफिला रोक लिया और उनकी समस्याएं सनी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के निवास पर गांव चनालहेड़ी पहुंचने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पेहोवा के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र लाडवा जाएंगे। वे हेलीकॉप्टर के जरिए ही लाडवा पहुंचेगे और आईजीएन कॉलेज में हेलीपैड से गाड़ी से हलके के लोगों से मिलने जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार दोपहर बाद हेलीकॉप्टर के जरिए कुरूक्षेत्र के पेहोवा पहुंचे। एसआईएस हेलीपैड से जब मुख्यमंत्री गाड़ी से कृषि मंत्री के आवास की ओर जा रहे थे, तो रास्ते में तलहेड़ी गांव में लोगों को खड़ा देखकर अपना काफिला रोक लिया और उनकी समस्याएं सनी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के निवास पर गांव चनालहेड़ी पहुंचने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पेहोवा के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र लाडवा जाएंगे। वे हेलीकॉप्टर के जरिए ही लाडवा पहुंचेगे और आईजीएन कॉलेज में हेलीपैड से गाड़ी से हलके के लोगों से मिलने जाएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अब हुड्डा गुट भी ढूंढेगा हार के कारण:कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 मेंबरी कमेटी; हुड्डा के समधी चेयरमैन, सैलजा कैंप को जगह नहीं
अब हुड्डा गुट भी ढूंढेगा हार के कारण:कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 मेंबरी कमेटी; हुड्डा के समधी चेयरमैन, सैलजा कैंप को जगह नहीं हरियाणा में कांग्रेस हार के कारण तलाश रही है, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी उसे कारण नहीं मिल पाए हैं। हाईकमान के बाद अब प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान भी कारण जानने में जुट गए हैं। इसके लिए उन्होंने 8 सदस्यों की कमेटी बनाई है। यह कमेटी हार के कारणों की रिपोर्ट एक सप्ताह में बनाएगी। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया, आफताब अहमद, वीरेंद्र राठौड़, विजय प्रताप सिंह, वीरेंद्र बुल्ले शाह, मनीषा सांगवान और जयवीर वाल्मीकि इस कमेटी में शामिल हैं। खास बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस की बनाई इस कमेटी में भी गुटबाजी देखने को मिली। कुमारी सैलजा के मौजूदा संसदीय क्षेत्र और पुराने क्षेत्र से किसी को भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है। सिरसा और अंबाला से कमेटी में कोई सदस्य शामिल नहीं किया गया है। इस कमेटी में हुड्डा गुट के सदस्यों को ही जगह दी है। कांग्रेस हाईकमान ने बनाई थी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद कांग्रेस की हार हुई है। इसकी जांच के लिए हाईकमान ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसने हरियाणा के सभी नेताओं से वन टू वन बात की थी। इस कमेटी में छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल थे। कमेटी ने हरियाणा में चुनाव हारे 53 नेताओं से बातचीत की थी। हर नेता से 4 तरह के सवाल पूछे थे, जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की। उसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई थी। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को हिसार के 3 उम्मीदवारों ने क्या कहा… 1. रामनिवास घोड़ेला- भीतरघात से चुनाव हारे
बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि गुटबाजी के कारण कांग्रेस चुनाव हार गई। मेरी विधानसभा में राहुल गांधी का दौरा रहा, मगर कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने रैली के तुरंत बाद बयान दिया कि होर्डिंग्स पर मेरी फोटो नहीं लगाई, जनता इसका बदला लेगी। उस बयान का भी असर रहा। कांग्रेस नेताओं ने खुलकर बगावत की। इनेलो नेता संजना सातरोड़ को वोट डलवाए। कार्यकर्ताओं को फोन कर कहा गया कि रामनिवास को वोट नहीं देना। भीतरघात के कारण चुनाव हारे। 2. रामनिवास राड़ा- कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने का काम किया। हिसार के 7-8 नेताओं ने भीतरघात किया। यह नेता हरियाणा के एक गुट से जुड़े नेता हैं। मेरी मदद सिर्फ कुमारी सैलजा ने की। मैं उन नेताओं के घर 2 से 3 बार मदद मांगने गया, मगर मेरा टाइम खराब किया। 3, 4 और 5 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खूब टेलिफोन घुमाए। उनका एक ही इशारा था कि रामनिवास राड़ा को हराओ, सावित्री जिंदल को जिताओ। मैंने प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के दौरे के लिए अप्लाई किया था, मगर यहां के सीनियर नेताओं ने किसी स्टार प्रचारक का दौरा नहीं होने दिया। 6 EVM ऐसी मिलीं जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी। 3. अनिल मान : भीतरघात से चुनाव हारे
नलवा विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल मान ने बताया कि भीतरघात के कारण चुनाव हारे। संपत सिंह जैसे सीनियर नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण भीतरघात किया। संपत सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रणधीर पनिहार को वोट डलवाए। EVM का भी बड़ा रोल रहा। कई EVM ऐसी थीं, जिनकी बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी। अगर यह सब चीजें न रही होतीं तो चुनाव जीत सकते थे। जाट विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ
एक उम्मीदवार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हरियाणा चुनाव में जाटों के विरोध में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा ने जाटों को लेकर ऐसा माहौल बना दिया, जो दूसरी जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ होता है। दूसरी जातियों को कहा गया कि अगर कांग्रेस जीती तो सब कुछ जाटों के हाथ में चला जाएगा। मैं इससे प्रभावित हुआ। ज्यादा नुकसान तब और हुआ, जब राहुल गांधी के मंच पर रहते हुए भी भूपेंद्र हुड्डा ने मेरे लिए वोट नहीं मांगे। इससे जाटों में यह मैसेज गया कि हुड्डा मेरे समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने मुझे वोट नहीं दिए। दूसरे समुदाय ने ध्रुवीकरण की वजह से मुझे वोट नहीं दिए और मैं हार गया। बड़े नेताओं के दौरे का पता नहीं होता था
एक उम्मीदवार ने कमेटी को बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे के बारे में हमें पता ही नहीं होता था। हम समय पर उनके दौरे के बारे में लोगों तक बात ही नहीं पहुंचा पाते थे। इस वजह से कांग्रेस के हक में जो माहौल बनना चाहिए था, वह नहीं बन पाता था। इस बारे में लालू प्रसाद यादव के समधी पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी कह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता संपर्क से बाहर थे
एक उम्मीदवार ने बताया कि चुनाव के बीच हरियाणा की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संपर्क ही नहीं हो पा रहा था। वह न तो आम वर्करों के लिए पहुंच में थे और न ही उनसे फोन पर बात हो पा रही थी। उम्मीदवार ने प्रदेश कांग्रेस को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी तुलना में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से बात करना आसान था। राहुल गांधी ने कहा था- नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए
हरियाणा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में समीक्षा मीटिंग बुलाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे। यहां राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव हारने की वजह यह है कि हरियाणा के नेताओं के इंटरेस्ट (हित) पार्टी इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। इसके बाद वह मीटिंग से चले गए। हुड्डा-उदयभान ने EVM को जिम्मेदार ठहराया
चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि EVM की वजह से कांग्रेस की हार हुई। 99% चार्ज EVM में भाजपा जीत रही थी। इसके उलट जो कम चार्ज EVM थीं, उनमें कांग्रेस को बढ़त मिली। ऐसी 26 सीटों की शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग को दी थी। हार के बाद बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की
हरियाणा में हार के बावजूद अभी तक किसी कांग्रेस नेता ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। होडल विधानसभा से चुनाव हारने वाले उदयभान भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। हालांकि, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी को फोन कर इस्तीफे की पेशकश की है। मगर, इसके पीछे उन्होंने खराब सेहत का हवाला दिया है। नेता विपक्ष पद के लिए दावेदारी चल रही
कांग्रेस 37 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बन चुकी है। ऐसे में अब नेता विपक्ष के पद के लिए दावेदारी चल रही है। हुड्डा गुट इस पर भूपेंद्र हुड्डा को ही चाहता है। उन्हें न बनाने पर झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा को दावेदार बनाया जा रहा है। उधर, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया गया है। 18 अक्टूबर को इसे लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई, जिसमें सारे अधिकार हाईकमान को दिए गए। इसके बाद 4 ऑब्जर्वरों ने विधायकों से वन टू वन मीटिंग की और वापस रवाना हो गए।
BJP नेता रणजीत चौटाला बोले- मुझे जयचंदों ने हराया:लोकसभा चुनाव जीत जाता तो ऊपर पोजिशन मिलती; अमित शाह ऐसे किसी के घर नहीं जाते
BJP नेता रणजीत चौटाला बोले- मुझे जयचंदों ने हराया:लोकसभा चुनाव जीत जाता तो ऊपर पोजिशन मिलती; अमित शाह ऐसे किसी के घर नहीं जाते हिसार लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे रणजीत चौटाला का एक बार फिर दर्द छलका है। सिरसा जिले की रानियां विधानसभा में कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए रणजीत चौटाला ने कहा कि अगर हिसार चुनाव में जयचंदों ने गंदे काम नहीं किए होते तो उनको केंद्र में ऊंची पोजिशन मिलती। रणजीत सिंह ने कहा कि अमित शाह जब सिरसा आए तो वह मेरे घर 40 मिनट रूके। अमित शाह ने एक मैसेज देने का काम किया। अमित शाह किसी के घर नहीं जाते, मगर मेरे घर आए। इससे कई लोगों को तकलीफ हुई। रणजीत चौटाला ने कहा कि मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी मगर इस बात से तकलीफ थी कहीं रणजीत सिंह आगे ना बढ़ जाए इसलिए लोकसभा चुनाव में मुझे जयचंदों ने कमजोर करने का काम किया। सिरसा से पांच विधायक बने तो रणजीत की पावर होगी
रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि अगर सिरसा से 5 एमएलए जीतकर आएंगे तो रणजीत सिंह की पावर होगी। जो इस समय पावर है उससे भी ज्यादा पावर होगी। रणजीत ने कहा कि मैं हाईकमान से बात करूंगा कि सिरसा के पांचों हलके सिरसा, कालांवाली, रानियां, ऐलनाबाद और डबवाली में बढ़िया कैंडिडेट देना। अच्छे कैंडिडेट के लिए मैं आपको कहूंगा कि आप उसकी मदद करना। जिस दिन मैं मदद करूंगा, उस दिन जितवा कर छोडू़ंगा। कैंडिडेट वो आएंगे जो लोगों को पसंद हो। मैं इसके लिए हाई कमान को कहूंगा कि अच्छे कैंडिडेट दो फिर जितवाने का काम मेरा। रणजीत बोले-रानियां में मेहनत करें कार्यकर्ता
रणजीत चौटाला ने कहा कि रानियां में कार्यकर्ता मेहनत करें। हमारे जितने भी वर्कर हैं उनसे बात करो। कोई नाराज है तो उसको मनाओ। हमारा किसी से कोई झगड़ा नहीं है। हमें नए सिरे से बनाना है सब कुछ। मैं पहले लोकदल में था, फिर कांग्रेस में आया और अब भाजपा में हूं। कई बार एमएलए रहा और मंत्री भी रहा। यहां तक पहुंचने में बहुत समय लगा। कोई दूसरा आदमी जल्दी पैदा नहीं हो सकता। अगर सिरसा में कोई बात होगी तो वो रणजीत सिंह ही कर सकेगा, भूल जाओ कोई दूसरा आकर तुम्हारा काम करेगा। रणजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश
हरियाणा के कच्चे कर्मचारी होंगे पक्के:CM कैबिनेट मीटिंग में लेंगे फैसला; कमेटी बन चुकी, कांन्ट्रेक्चुअल सर्विस दे चुके कर्मचारियों की ड्रॉफ्ट पॉलिसी बनेगी
हरियाणा के कच्चे कर्मचारी होंगे पक्के:CM कैबिनेट मीटिंग में लेंगे फैसला; कमेटी बन चुकी, कांन्ट्रेक्चुअल सर्विस दे चुके कर्मचारियों की ड्रॉफ्ट पॉलिसी बनेगी हरियाणा के कच्चे कर्मचारी पक्के होंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। इस मीटिंग में यह भी फैसला होना है कि रेगुलराइजेशन में 5 साल, 7 साल, 10 साल यानी कितने साल तक की सेवा वाले कर्मचारियों को शामिल करना है। यह भी फैसला करना है कि किन कर्मचारियों को रेगुलर किया जाना है। अभी तक की चर्चा के मुताबिक जो कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट हुए हैं, उन्हें रेगुलर करने पर विचार किया जा रहा है। अभी बहुत कर्मचारी ऐसे हैं जो विभागों में कार्यरत हैं मगर हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं हुए हैं उन पर अगली बैठक में चर्चा होगी। कमेटी का सरकार कर चुकी गठन हरियाणा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर करने की पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है। वरिष्ठ अधिकारियों की इस कमेटी की 26 जुलाई को पहली बैठक हो चुकी है। इसमें पंजाब की पॉलिसी के बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। हालांकि पहली बैठक में पॉलिसी के मसौदे पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी मगर इसकी बैक ग्राउंड पर चर्चा हुई। अभी कमेटी की दूसरी या तीसरी बैठक में पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो सकता है। कमेटी में ये IAS अधिकारी कमेटी में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, प्रधान सचिव डॉ. डी सुरेश, आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के विशेष सचिव पंकज, मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव डॉ. आदित्य दहिया, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डीए राजेंद्र वर्मा शामिल हैं। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने यह कमेटी गठित की है। सरकार ने कहा है कि यह कमेटी उन कर्मचारियों के लिए चर्चा कर एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार करेगी , जिन्होंने कांट्रेक्चुअल सर्विस दी है। पंजाब पॉलिसी पर भी चर्चा एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने पंजाब की पॉलिसी का जिक्र किया है, इसलिए इस पॉलिसी के अच्छे बिंदुओं को भी शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर पूरा प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को इस पॉलिसी का लाभ मिल सके। मगर अफसरों की कमेटी के मसौदे पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा।