नसों में कमजोर हुई इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी के कारण ‘फुट ड्रॉप सिंड्रोम’ की समस्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके चलते मरीज को चलने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर मरीजों को जमीन पर पैर घिसकर चलना पड़ता है। बड़ी बात ये है कि सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं हर उम्र के लोगों में ये गंभीर समस्या तेजी से फैल रही है। इसके इलाज में बेहद कारगर डिवाइस का KGMU के SIB शाइन सेंटर के रिसर्चर बनाने में कामयाब हुए हैं। ये कहना है KGMU कैंपस में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी के पहल से IIT कानपुर के जॉइंट कॉलेब्रेशन से संचालित SIB शाइन की वरिष्ठ प्रोग्राम प्रबंधक हिमानी त्रिपाठी का। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के लिए टांग पर इस डिवाइस को लगाकर इलेक्ट्रिकली नर्व को स्टिमुलेट किया जाता है। जिसके जरिए वापस से नसों में सर्कुलेशन शुरू हो जाता है। प्रोडक्ट तैयार होने के बाद ट्रायल के लिए हैदराबाद के अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल भेजा जा चुका है। शुरुआती रिजल्ट में ज्यादातर मरीजों को 3 महीने में बेहद सकारात्मक परिणाम मिले है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 96वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के SIB शाइन सेंटर की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर हिमानी त्रिपाठी से खास बातचीत… हिमानी कहती हैं कि इसमें काम करने वाले फेलो कुशाग्र अस्थाना और प्रितु प्रसाद हैं। इसे क्लीनिकल गाइडेंस के लिए KGMU के फिजिकल मेडिसिन और फिजिकल रिहैबिलिटेशन विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार गुप्ता हैं। इस प्रोटोटाइप को बनाने में करीब डेढ़ से पौने दो साल लगे हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द इसकी लॉन्चिंग होगी। नसों में कमजोर हुई इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी के कारण ‘फुट ड्रॉप सिंड्रोम’ की समस्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके चलते मरीज को चलने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर मरीजों को जमीन पर पैर घिसकर चलना पड़ता है। बड़ी बात ये है कि सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं हर उम्र के लोगों में ये गंभीर समस्या तेजी से फैल रही है। इसके इलाज में बेहद कारगर डिवाइस का KGMU के SIB शाइन सेंटर के रिसर्चर बनाने में कामयाब हुए हैं। ये कहना है KGMU कैंपस में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी के पहल से IIT कानपुर के जॉइंट कॉलेब्रेशन से संचालित SIB शाइन की वरिष्ठ प्रोग्राम प्रबंधक हिमानी त्रिपाठी का। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के लिए टांग पर इस डिवाइस को लगाकर इलेक्ट्रिकली नर्व को स्टिमुलेट किया जाता है। जिसके जरिए वापस से नसों में सर्कुलेशन शुरू हो जाता है। प्रोडक्ट तैयार होने के बाद ट्रायल के लिए हैदराबाद के अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल भेजा जा चुका है। शुरुआती रिजल्ट में ज्यादातर मरीजों को 3 महीने में बेहद सकारात्मक परिणाम मिले है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 96वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के SIB शाइन सेंटर की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर हिमानी त्रिपाठी से खास बातचीत… हिमानी कहती हैं कि इसमें काम करने वाले फेलो कुशाग्र अस्थाना और प्रितु प्रसाद हैं। इसे क्लीनिकल गाइडेंस के लिए KGMU के फिजिकल मेडिसिन और फिजिकल रिहैबिलिटेशन विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार गुप्ता हैं। इस प्रोटोटाइप को बनाने में करीब डेढ़ से पौने दो साल लगे हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द इसकी लॉन्चिंग होगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/16/db4ed470c3df206d2416d324418c1bb11737021383495129_original.jpg” /></p>
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Report: दिल्ली-एनसीआर एशिया प्रशांत में छठा सबसे महंगा प्राइम ऑफिस स्पेस, जानें कैसे? <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली-एनसीआर सहित मुंबई और बेंगलुरु में प्राइम ऑफिस का किराया जुलाई-सितंबर की अवधि में स्थिर रहा, जबकि मजबूत मांग और सीमित नई आपूर्ति की वजह से मुंबई और बेंगलुरु में सालाना आधार पर क्रमशः पांच प्रतिशत और तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. इंटरनेशनल एजेंसी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में प्राइम ऑफिस का किराया सालाना आधार पर मजबूत रहा. इसी के साथ अगले 12 महीने में किराये की दरें स्थिर रहने की उम्मीद है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में किराया सबसे ज्यादा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में प्राइम ऑफिस 340 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह था. जबकि मुंबई में प्राइम ऑफिस का किराया 317 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह दर्ज किया गया. बेंगलुरु में यह 138 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह रहा. मुंबई और एनसीआर के अधिकांश कारोबार भारत के साथ काम करने वाली कंपनियों के कारण यह स्थिति बनी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अर्थव्यवस्था में मजबूती का असर </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर वर्तमान में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में छठा सबसे महंगा ऑफिस स्पेस रेंटल मार्केट है. साल 2024 की दूसरी और तीसरी तिमाही में इन तीनों बाजारों में संयुक्त लेनदेन की मात्रा लगातार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. इस वृद्धि का श्रेय काफी हद तक वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और भारत-केंद्रित व्यवसायों को जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उछाल भारत के आर्थिक भविष्य, इसकी समृद्ध प्रतिभा, व्यापार-अनुकूल विनियमों और इसके विशाल उपभोक्ता बाजारों की निरंतर वृद्धि को लेकर आशावाद को दर्शाता है. नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती वैश्विक कॉर्पोरेट को आकर्षित कर रही है. देश के प्रमुख कार्यालय बाजारों में निरंतर मांग से यह जाहिर है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “यह सकारात्मक दृष्टिकोण, 2022 से स्थिर किराया स्तर और 2024 में बढ़ती मांग के कारण है, जो निकट से मध्यम अवधि में भारतीय कार्यालय बाजार की निरंतर मजबूती में हमारे विश्वास को रेखांकित करता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2024 की तीसरी तिमाही में, बेंगलुरु में सबसे बड़ी मात्रा में वृद्धि देखी गई, जो साल-दर-साल 158 प्रतिशत थी. जीसीसी हब के रूप में बेंगलुरु की स्थिति को इस तथ्य से और बल मिला कि शहर में कारोबार किए गए 62 प्रतिशत स्थान जीसीसी से थे.</p>
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देवेंद्र बुढ़िया-कुलदीप बिश्नोई के विवाद में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री, किसका किया समर्थन?
देवेंद्र बुढ़िया-कुलदीप बिश्नोई के विवाद में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री, किसका किया समर्थन? <p style=”text-align: justify;”><strong>Gangster Lawrence Bishnoi Supports Devendra Budiya:</strong> अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया और कुलदीप बिश्नोई में चल रही कलह के बीच गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री हुई है. लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया का समर्थन किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा, ”पिछले कुछ दिनों से देश-विदेश की सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है. बिश्नोई समाज में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा जो की समाज हित में काम करती है. उसका जो चुनाव सर्व समाज के हिसाब से होना चाहिए, उस चुनाव को एक व्यक्ति ने अपने चंगुल में इस तरीके से फंसा रखा था कि जो वह बोलता था वही होता था और वह एक तानाशाह के रूप में महासभा को चलाता था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने क्या लिखा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें आगे लिखा, ”इस तानाशाह की तानाशाही के खिलाफ हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया की ओर से निर्णय लिया गया कि जो समाज का चुनाव है वह समाज के मौलिक अधिकारों में ही होना चाहिए और सर्व समाज जिसे मिलकर अध्यक्ष पद के रूप में चाहेगा वह ही अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का अध्यक्ष चुना जाएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया के निर्णय का समर्थन- लॉरेंस बिश्नोई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लॉरेंस बिश्नोई ने ये भी लिखा, ”मैं लॉरेस बिश्नोई समाज का एक अंग होने के नाते हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्णय का समर्थन करता हूं क्योंकि इस तानाशाह ने हमारे अध्यक्ष देवेंद्र बुढ़िया को अपने घर पर बुलाकर उनके साथ बदतमीजी की थी और उनपर दबाव बनाया था कि जो मैं कहूं वैसा करो लेकिन जो सर्व समाज देश हित के लिए अपने प्राण न्योछावर करता आया है, उस समाज के असली देशभक्त जिन्होंने उसके खिलाफ आवाज उठाई, उनका हम तहेदिल से सम्मान करते है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तानाशाही करने वाला अंजाम भुगतने को तैयार रहे- लॉरेंस बिश्नोई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उसने आगे लिखा, ”हम समाज हित के लिए कभी भी ऐसे तानाशाह को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाना पड़ा तो मैं और मेरे से जुड़ सभी भाई ऐसी घटना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए खड़े रहेंगे. समाज में रहकर समाज हित में कार्य को न करके समाज के साथ जो तानाशाही करेगा, वह चाहे कोई भी हो अंजाम भुगतने को तैयार रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”राजस्थान में पानी के लिए नहीं तरसेंगे लोग! उद्योगपतियों ने उठाया ये कदम” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/jaipur-news-migrant-rajasthani-industrialists-to-build-1189-water-recharge-systems-in-the-state-ann-2864060″ target=”_self”>राजस्थान में पानी के लिए नहीं तरसेंगे लोग! उद्योगपतियों ने उठाया ये कदम</a></strong></p>